मुझे लगता है कि किसी मुस्लिम की रुचि किसी कुंभ में जाने की नहीं होगी, जैसे किसी हिन्दू की रुचि हज में जाने की नहीं होती है। मुस्लिम कम्युनिटी को यह बात खुली मानसिकता के साथ खुद ही स्वीकार करनी चाहिए कि ये हिंदुओं का पर्व है जिसमें वे अपनी मर्जी से मना सकते है कोई बुराई नहीं है इसमें यदि वे चाहते है कि कोई मुस्लिम वहां दुकान न लगाए या प्रवेश न करे। यह सनातन की महानता है कि सभी अन्य धर्मों के लोग भी इस पवित्र भूमि पर, इसकी शरण में रह रहे है। पर किसी धर्म की निजता में प्रवेश के लिए मांग उठाना गलत है, एक मुस्लिम से पूछा जाना चाहिए कि आपकी कितनी रुचि कुंभ में है और कितनी रुचि वहां आने वाले लोगों से होने वाले व्यापार में है पहले इसका निर्धारण स्वयं करे, फिर निर्णय ले।
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जय हो मेरे पूजनीय गुरुदेव की जय
ऊँ नमो नारायण गुरुदेव
जय हो गुरुदेव जय हो सत्य सनातन धर्म की नमो नारायण
मुझे लगता है कि किसी मुस्लिम की रुचि किसी कुंभ में जाने की नहीं होगी, जैसे किसी हिन्दू की रुचि हज में जाने की नहीं होती है। मुस्लिम कम्युनिटी को यह बात खुली मानसिकता के साथ खुद ही स्वीकार करनी चाहिए कि ये हिंदुओं का पर्व है जिसमें वे अपनी मर्जी से मना सकते है कोई बुराई नहीं है इसमें यदि वे चाहते है कि कोई मुस्लिम वहां दुकान न लगाए या प्रवेश न करे।
यह सनातन की महानता है कि सभी अन्य धर्मों के लोग भी इस पवित्र भूमि पर, इसकी शरण में रह रहे है। पर किसी धर्म की निजता में प्रवेश के लिए मांग उठाना गलत है,
एक मुस्लिम से पूछा जाना चाहिए कि आपकी कितनी रुचि कुंभ में है और कितनी रुचि वहां आने वाले लोगों से होने वाले व्यापार में है पहले इसका निर्धारण स्वयं करे, फिर निर्णय ले।