राज राजेश्वरी मां चंडिका 12 साल के बाद बाहर आई ।। लोगों कि भीड़ देखने मां चंडिका देवी को ।।

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  • Опубликовано: 10 янв 2025
  • राज राजेश्वरी मां चंडिका 12 साल के बाद बाहर आई ।। लोगों कि भीड़ देखने मां चंडिका देवी को ।।
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    चमोली.उत्तराखंड में वैसे तो कई मंदिर हैं, जिनसे अलग-अलग मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. उन्हीं में से एक मंदिर है सिमली की चंडिका माता मंदिर, जिसका बेहद खास महत्व है. उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग से 5 किलोमीटर की दूरी पर चंडिका माता मंदिर स्थित है. वैसे तो मंदिर को मूलतः गोविंद मंदिर समूह के नाम से जाना जाता है, लेकिन जब से माता चंडिका की मूर्ति बहकर इस क्षेत्र में आई हैं, तब से इस पूरे मंदिर परिसर को मां चंडिका परिसर और मंदिर के नाम से जाना जाता है.
    मंदिर के पुजारी प्रदीप गैरोला बताते हैं कि यह मंदिर मूल रूप से गोविंद मठ है और यहां भगवान विष्णु से संबंधित प्रतिमाएं हैं. भगवान विष्णु यहां चतुर्भुज रूप में शंख चक्र धारण किए हुए हैं. साथ ही मंदिर में भगवान विष्णु गरुण पर पूरब की ओर विराजमान हैं. मंदिर में बैकुंठ विष्णु मंदिर भी स्थित है, जिसमें की भगवान विष्णु के तीन अवतार- वाराह अवतार, नृसिंह अवतार और बैकुंठ स्वरूप स्थित है. साथ ही मंदिर प्रांगण में स्थित मां चंडिका की प्रतिमा भी बेहद अनूठी है. उन्होंने बताया कि देवी की यह मूर्ति 18 वीं सदी में पिंडर नदी में बहकर यहां आई थी और तब से यह स्थान मां चंडिका को दिया गया है, लेकिन मूल रूप से यह गोविंद मठ है और यहां भगवान विष्णु से संबंधित प्रतिमाएं स्थित हैं

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