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लोकपाल और लोकायुक्त # नियुक्ति, योग्यता, शक्तियां, कार्य, वेतन, क्षेत्राधिकार

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  • Опубликовано: 7 мар 2019
  • केंद्र सरकार के लिए लोकपाल और राज्य सरकार के लिए लोकायुक्त संस्था का निर्माण किया गया है |
    सरकारी कर्मचारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं पद के दुरूपयोग सम्बन्धी शिकायतों पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से जाँच एवं अन्वेषण करने का कार्य लोकपाल और लोकायुक्त का है,
    यह संस्थाए स्वतंत्र है, लोकपाल का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण भारत और लोकायुक्त का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण राज्य होता है |
    1 जनवरी 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नें लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक-2013 पर हस्ताक्षर किया, इसी के साथ ही यह विधेयक अधिनियम बन गया,
    लोकपाल और लोकायुक्त के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है |
    लोकपाल का कार्य
    1.सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध पद का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना |
    2.नागरिकों की शिकायतों पर जांच करना |
    3.सरकारी संस्थाओं में पाए जाने वाले किसी भी प्रकार की रिश्वत लेने अथवा नियम के विरुद्ध कार्य करने पर जाँच की जा सकती है |
    लोकपाल चयन समिति
    1.प्रधानमंत्री- अध्यक्ष |
    2.लोकसभा के अध्यक्ष- सदस्य |
    3.लोकसभा में विपक्ष के नेता- सदस्य |
    4.मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुशंसा पर नामित सर्वोच्च न्यायलय के एक जज- सदस्य |
    5.राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति- सदस्य |
    NOTE - लोकपाल की नियुक्ति करते समय यदि कोई पद रिक्त रहता है, तो लोकपाल की नियुक्ति अवैध नहीं मानी जाएगी |
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