देखा जब अपने अंतर को कुछ और नहीं भगवान हूँ मैं पर्याय भले ही पामर हो अंदर से वैभववान हूँ मैं ॥ चैतन्य प्राणों से जीवित नित, इंद्रिय बल श्वासोच्छवास नहीं, हूं आयु रहित नित अजर अमर, सच्चिदानंद गुणखान हूँ मैं ॥(1) आधीन नहीं संयोगों के, पर्यायों से अप्रभावी हूं, स्वाधीन अखंड प्रतापी हूं, निज से ही प्रभुतावान हूँ मैं ||(2) सामान्य विशेषों सहित विशुद्ध, प्रत्यक्ष झलक जावे क्षण में, सर्वज्ञ सर्वोदय श्री आदिक, सम्यक निधियों की खान हूं मैं ॥(3) सौ धर्मों में व्याप्ति विभु हूं, अरु धर्म अनंतामयी धर्मी, नित निज स्वरूप की रचना से, अंतर में धीरजवान हूँ मैं ॥(4) मेरा वैभव शाश्वत अक्षुण्ण, पर से आदान प्रदान नहीं, त्यागोपादान शून्य निष्क्रिय, अरु अगुरुलघु से उधाम हूँ मैं ॥(5) तृप्ति आनंदमयी प्रगटी, जब देखा अंतर नाथ को मैं, नहीं रही कामना अब कोई, बस निर्विकार निष्काम हूँ मैं ॥(6)
अगर आप लोगो को ये भजन अच्छा लगे तो अपने दोस्तों और परिवार वालो को जरूर भेजे ।।
Very good
Bindu Jain
bahut Accha bhajan hai
Sundar
Jjkuhghjih a
Bahot bahot aabhar....bhajan bnane aur gane wale ko
🙏🙏🙏👌👌👌
Jai Ho 🙏🙏🙏
ज़यजिनेद
ATI Sundar hai
Bahoot sunder Bhajan Tejal turakhia
Gwalior 🙏 jai jinendra
🙏🙏👌👌
🙏🙏🙏🙏🙏
देखा जब अपने अंतर को कुछ और नहीं भगवान हूँ मैं
पर्याय भले ही पामर हो अंदर से वैभववान हूँ मैं ॥
चैतन्य प्राणों से जीवित नित, इंद्रिय बल श्वासोच्छवास नहीं,
हूं आयु रहित नित अजर अमर, सच्चिदानंद गुणखान हूँ मैं ॥(1)
आधीन नहीं संयोगों के, पर्यायों से अप्रभावी हूं,
स्वाधीन अखंड प्रतापी हूं, निज से ही प्रभुतावान हूँ मैं ||(2)
सामान्य विशेषों सहित विशुद्ध, प्रत्यक्ष झलक जावे क्षण में,
सर्वज्ञ सर्वोदय श्री आदिक, सम्यक निधियों की खान हूं मैं ॥(3)
सौ धर्मों में व्याप्ति विभु हूं, अरु धर्म अनंतामयी धर्मी,
नित निज स्वरूप की रचना से, अंतर में धीरजवान हूँ मैं ॥(4)
मेरा वैभव शाश्वत अक्षुण्ण, पर से आदान प्रदान नहीं,
त्यागोपादान शून्य निष्क्रिय, अरु अगुरुलघु से उधाम हूँ मैं ॥(5)
तृप्ति आनंदमयी प्रगटी, जब देखा अंतर नाथ को मैं,
नहीं रही कामना अब कोई, बस निर्विकार निष्काम हूँ मैं ॥(6)
आत्म दर्शन कराता सुंदर भाव पूर्ण अध्यात्मिक भजन है लखनऊ
यह भजन तोह मुझे मेरे आत्मदर्शन मे निमित्त बना है, बहुत उत्तम। 👌👍
Very nice bhajan
Thank u sooooooooo much itne durlabh Bhajan dene ke liye...jai jinendra🙏
मार्मिक भाव 👌👌
सुंदर भक्ती 👌👌📗🙏🙏
अप्रतिम।
superb aadhyatmic bhajan
Very nice 🙏🙏
Thanks a lot
Good
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है 🙏 🙏🙏
Om Arham om shanti
Very nice
बहुत सुंदर
wah,,,,,,,bhut hi shandar
ज़यजिनेद समयसार समाया
Anmol
Original song written and song by pandit Rajendraji jabalpur
Jsca
Aha.....Ati utttam
nice
AJ GAMER k vikash jika parlvchn
Need lyrics🙏
🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
भजन वाह सम्यक की खान है वन्दन222
this is very good song but can you sang by some professionals
Is there any way I can get lyrics.?
🙏🙏🙏
nice