परमात्मा हमारे अंदर है या हम परमात्मा के अंदर हैं | Vani Charcha - Shri Rajan Swami Ji | Jagni Yatra
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- Опубликовано: 31 дек 2024
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श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के मुख्य उद्देश्य -
ज्ञान, शिक्षा, उच्च आदर्श, पावन चरित्र व भारतीय संस्कृति का समाज में प्रचार करना तथा वैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित आध्यात्मिक मूल्य द्वारा मानव को महामानव बनाना और श्री प्राणनाथ जी की ब्रम्हवाणी के द्वारा समाज में फ़ैल रही अंध-परम्पराओं को समाप्त करके सबको एक अक्षरातीत की पहचान कराना।
अति महत्वपूर्ण नोट :-
यह पंचभौतिक शरीर हमेशा रहने वाला नहीं है।
प्रियतम परब्रह्म को पाने के लिये यह सुनहरा अवसर है।
अतः बिना समय गवाएं उस अक्षरातीत पाने के लिये प्रयास करना चाहिये।
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1. परिकरमा + सागर + सिनगार + खिलवत टीका
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2. NIJANAND YOG (निजानन्द योग) - Collection of 60 Invaluable FAQs
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3. CHITWANI MARGDARSHAN (चितवनि मार्गदर्शन) - Smallest and Best ever Pocket Guide to Meditation
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4. DHYAN KI PUSHPANJALI (ध्यान की पुष्पाञ्जलि) - Detailed Question-Answer Sessions transcribed in this unique pearl of spiritual wisdom
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आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरुप तथा अपनी परआत्म को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। चितवनि के बिना आत्म जागृति संभव नहीं है। संसार की अब तक की प्रचलित सभी ध्यान पद्धतियाँ निराकार-बेहद से आगे नहीं जाती हैं। तारतम ज्ञान के प्रकाश में मात्र निजानन्द योग ही परमधाम ले जा सकता है।
प्रियतम अक्षरातीत की चितवनि में इतना आनन्द है कि उसके सामने संसार के सभी सुख मिलकर भी कहीं नहीं ठहरते। यही कारण है कि ध्यान का आनन्द पाने के लिये ही राजकुमार सिद्धार्थ, महावीर, भर्तृहरि आदि ने अपने राज-पाट को छोड़ दिया और वनों में ध्यानमग्न रहे।
बेहद मण्डल - इस प्राकृतिक जगत् से परे वह बेहद मण्डल है, जिसे योगमाया का ब्रह्माण्ड कहते हैं। चारों वेदों में इसे चतुष्पाद विभूति के रूप में वर्णित किया गया है। इस मण्डल में अक्षर ब्रह्म के चारों अन्तःकरण (मन, चित, बुद्धि तथा अहंकार) की लीला होती है, जिन्हें क्रमशः अव्याकृत, सबलिक, केवल और सत्स्वरूप कहते हैं।
परमधाम - बेहद मण्डल से परे वह स्वलीला अद्वैत परमधाम है, जिसके कण-कण में सच्चिदानन्द परब्रह्म की लीला होती है। यह अनादि है, अनन्त है और सच्चिदानन्दमय है। जिस प्रकार सागर अपनी लहरों से तथा चन्द्रमा अपनी किरणों लीला करता है, उसी प्रकार अक्षरातीत भी अपनी अभिन्न स्वरूपा अंगरूपा आत्माओं के साथ अद्वैत लीला करते हैं, जो अनादि है और इसमें कभी अलगाव नहीं होता है।
वेदों ने इसी परमधाम के सम्बन्ध में “त्रिपादुर्ध्व उदैत्पुरुष” अर्थात् परब्रह्म योगमाया से परे है, कहकर मौन धारण कर लिया। मुण्डकोपनिषद् ने भी 'दिव्य ब्रह्मपुर' शब्द का प्रयोग तो किया, किन्तु उसे बेहद मण्डल (केवल ब्रह्म) में मान लिया। कुरआन में मेयराज के वर्णन के द्वारा संकेत किये जाने पर भी मुस्लिम जगत अभी इसकी वास्तविकता से बहुत दूर है।
श्री प्राणनाथजी की अलौकिक तारतम वाणी में इस परमधाम की शोभा, लीला एवं आनन्द का विशद रूप में वर्णन किया गया है, जिसका सुख किसी सौभाग्यशाली को ही प्राप्त होता है।
Pranav jo
Jai rajshyama❤❤
Pernam ji sunder sath ji ki charnao me koti koti pranam ji Swami ❤❤❤
Babbli sharma koti koti prem pranam ji 🙇🏿♀️🙇🏿♀️🙏🏻🙏🏻
सादर प्रणाम, त्याग और चित्तबनी से सम्भव है।
Prem parnam ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️ Sawemy ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️
Prem pranam ji Swami ji 🙏🌹🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🌹🙏🙏❤❤❤❤❤❤
प्रेम प्रणामजी स्वामीजी ❤
प्रेम प्रणाम स्वामीजी🙏🙏🌷🙏🙏🌹🙏🙏🌺🙏🌷🥀🥀🇳🇵🇳🇵
जय श्री कृष्णा जी
Aapke chhraenome prem🙏 ji
પ્રેમ પ્રણામ જી ❤❤
Ham log aapke aasram aaye the.. pranamji
પ્રેમ પ્રણામ જી કોટી કોટી પ્રણામ જી🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹
प्रणाम जी संत शिरोमणि हमारी रक्षा करें जी
Pranamji.
Parnam ji 🌹 🙏 ❤️ sawamy ji 🌹 🙏 ❤️
Shri Raj syama ji
PremPranamji
પૂજ્ય સ્વામિ જી કે ચરણોમાં કોટી કોટી પ્રેમ પ્રણામ જી 🙏🙏🙏🌷
Pranamji guruji.. ek sabd sabd me ghahrai me le jate ho.. advet vani aarth.. pranamji guruji 🌹🎉
प्रणाम जी ✨️🌷👏
✨️🌷अपनी आत्मा के दिल मे बसती हैं श्री राजश्यामा जु की युगल छवि 🌷✨️
chada surjako gama nahi waha sataguruko desha jaya shree krishna
Parnam ji
Koti Koti parnam swami Ji🌺🌺🌺🌺🌻🌻🌻🌻🌻💐💐💐💐💐
प्रणाम सदगुरू जि ।
PRANAMJI....
जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण
जै श्री कृष्ण जी।
Koti koti dandvat pranam ji 🙏🏻👣🌺🌷🌹❤️🙏
Pranamji. swamiji
પ્રણામજી
Prem pranam ji
❤❤❤
❤
Parampujya shri swami ji ko humara koti sperm pranam ji🙏🙏, ❤🙏🙏🌹🌹🙏
Sperm.???
🌹🌹pranamji🙏🌹🌹
Bahut sunder wani prabhachan prem pranamji swamiji thanku.
🙏🏽🙌🙏
प्रेम प्रणाम जी अति सुन्दर वर्णन आनन्ददायक
कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏
Pranamji swamiji
🙏
Koti koti pranam aacharyaji...
अद्भुत 🎈🎈🙏🙏💗
Bahut.hi sundr tarike se apne samjhaya swami ji pranam ji
Swami ji ke charno me koti koti 🙏💐🌹🙏 Prem pranam ji
Prem pranamji bahut sunder bani prabhachan thanks for sharing this information
🙏🙏🌷🌷
❤️🙏👣🙏❤️
❤❤❤🎉🎉
Prnm ji
Swami ji sprem pranam
प्रणाम जी
परम पूज्य स्वामी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी 🙏🌹🙏🌹🙏
प्रणामजी
praanam maharaj ji ma chai nepal bata hai jaya shree krishna raj shyamaji
🙏🙏🙏🙏🙏
Pujay satguru maharaj ji ke charno me mera koti koti prem pranam 🙏🌹
Pranam ji 🙏🙏
Hm jante h hamare dil me pradnath ji h
Pranam ji
Prem pranam Ji pyari
प्रेमा प्रणाम जी💗🙏💗🙏🌹🙏🌹
Pranamji swamiji ❤❤❤
प्रणाम जी प्राणनाथ प्यारे की जय
प्रेम प्रणाम जी 🙏🙏
Prem pranam ji ❤❤❤❤❤ shree Swami ji ke charnkamalo me koti koti Prem pranam ji ❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
પૂજ્ય સ્વામિ જી કે ચરણોમાં કોટી કોટી પ્રેમ પ્રણામ જી 🙏🙏🙏🌷
Prnam awami ji 🙏🙏
स्वामी जी के चरणों मे कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी 💐🌹
Koti koti prem pranam ji 🙏🌹🙏💐🙏❤️🙏🙏🙏
Koti koti prem pranam ji Shree Raj Shayama ji Shree Rajan Swami ji & sundarsath ji
Parnam maharaj ji
Prem pranamji 🙏🌹🙏
प्रेम प्रणाम जी 🌹🌹🙏❤️🙏🌹🌹
🙏🙏🙏🙏
Pranam guru ji🙏🙏
PRANAM
Koti Koti Prem Pranam ji
Swamiji ke charno me koti koti pranamji 🙏❤️🙏 ❤️🙏❤️🙏❤️🙏
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pranamji🙏🙏🙏
Prem pranamji
Pranamji swamiji
Swami ji ke charno mein Kotan kot pranam
Parnmji
Parnam ji
Pranam ji
Pranamji swamiji ❤❤❤
Pranamji swamiji
Prem Pranam swamiji
Koti koti pranam ji 🙏🌹🙏
प्रणाम
Pranam ji
कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी।
Pranamji swamiji
Parnam ji
Koti koti Prem pranam ji
कोटि कोटि प्रणाम ❤🎉जी 🙏🙏🌹🌹
Prem pranam ji 🙏🏼❤️🙏🌹
Pranamji
Prem pranam ji 🙏🙏🙏👌👌
Pranam ji sundersath ji