एक ही जाति या एक ही परिवार मे कुछ लोग अमीर हो जाते हैं तो उसी जाति , धर्म और परिवार के गरीब लोगों के साथ व्यवहार बुरा हो जाता है। यदुवंशी समाज के लोग भी दुध पहुंचाने वाले अपने ही समाज के लोगों को कभी अपने सोफे पर बिठा कर दुध नही लेते
जय श्री राम मेरे मन में यें पृशन बहूत दिनों शे था कि आपने मुझे समझ में आ गई है जो आपने कहां सही है में उजेन जीला तेशील माकडोन से नाम ईशवरसिह हारोड़ पंवार
इन सब बातो का तो सिर्फ भगवान ही साक्षी है हम तो केवल अनुमान ही लगा सकते है। परन्तु एक बात इन्द्र ने कितनी ही गलतियां की हैं फिर भी वो देवताओ के राजा हैं और उन्हें हर बार माफी भी मिल जाती है। कृपया इस पर एक वीडियो जरूर बनाए । जय श्री राम......................
वाल्मीकि रामायण में स्पष्ट लिखा है कि वे इंद्र को पहचान गयी थीं । ऋषि गौतम ने इंद्र को देख लिया था । उन्होंने अहल्या को त्याग दिया और अपने आश्रम को छोड़ दिया। अहल्या वहीं पर तपस्या करने लगीं। राम ने उनको माफ कर दिया । उन दिनों राजा को ही क्षमा करने का अधिकार था । क्षमा के बाद उनका पुत्र बहुत खुश हुआ और मां को पिता से मेल करना दिया। यह घटना इस तथ्य को उजागर करती है कि महिलाओं को पति की दासी नहीं थी। वाल्मीकि के समय नारी का स्थान दासी का नहीं था। परंतु वैदिक काल के बराबर नहीं। तुलसीदास ने तो नारी को दासी बना दिया था। माफ कीजिए, आपकी पूरी कहानी कल्पित है।
😂😂व्यर्थ प्रलाप। मनगढ़ंत झूठी कहानी 😢😢जब अहिल्या की सहमति थी तो इंद्र को वेष बदलने की जरूरत क्या पड़ी।जिस समय ब्रह्मा अहिल्या को गौतम के पास छोड़ा तो हजारों साल तक अहिल्या के तरफ देखा भी नहीं जबकि सेवा वहीं करती थी।एक दिन बुजुर्ग होने पर उनकी नजर अहिल्या पर पड़ी तब उनको दया आ गयी कि इतने युगों तक हमारी सेवा की पर इसे कुछ नहीं मिला फिर तपोबल से अपने आप को युवा बना लिया फिर विवाह किया और पति-पत्नी जैसे रहने लगे फिर इंद्र आया 😅😅😅
जब महर्षि गौतम ऋषि त्रिकालदर्शी और सर्वज्ञ थे और अपने योगबल, तपोबल से इन्द्र और अहिल्या के बारे में सब कुछ जान गये थे तो फिर वो गाय असली है या नहीं, यह सच्चाई क्यों नहीं जान पाये |
wo sab jante the, fir bhi unhone ye paap swikar kiya kyuki jo bhi unke haath se hua wo Gau mata ke roop mai hi tha. isliye unhone ye prayschit karna swekar kiya.
मैं तो सबसे पहले माता अहिल्या से क्षमा क्षमा मांगता हूं भिक्षा के रूप में 🙏 और दूसरा क्षमा में मांगना चाहूंगा गौतम ऋषि से वह इसलिए कि समाज में मैं भी रहता हूं तो उस समाज में रहने के चलते कुछ दोषी मैं भी हूं 🙏 और एक केवल विनम्र निवेदन करूंगा कि यदि माता अहिल्या और ऋषि गौतम मुझे से प्रसन्न है तो मुझे आशीर्वाद के रूप में श्री राम प्रभु की भक्ति करने का आशीर्वाद प्रदान करें जय श्री राम 🚩 सीताराम सीताराम ❤ जय हो जगत पालम ❤ जय भोले बाबा 🪷 सृष्टि का पालन पोषण करने वाली माता पार्वती की जय हो🪷🪷 जय बजरंग बली 🚩🚩🔔🙏🏃💨
I am highly perplexed and pained to listen your Katha please purify the matter otherwise all involved in this Katha shall be punished stringently this is my prayer to lord krishana.
Indra ke bahkave mein a gai thi ahilya aur Indra aur ahilya ne sambhog ka pura Anand liya Rishi buddhe the unke Bus ka kuchh nahin tha Valmiki Ramayan ke anusar Indra ne ahilya ko tript kiya tha ek angreji indologist ne kahan hai ki Bina juti Bhumi ahilya thi Jaise Indra ne upjau banaa Diya😂😂😂😂😂😂😂
Sambhog se koi nahin Bach Paya vishvamitra ne menka ko daba Diya Indra ne ahilya ko daba Diya ahilya ko bhi Anand a gaya tha Indra ke sath mein Valmiki Ramayan dekhe aap usmein likha hai ki yah Indra main tumse santusht hun tumne mujhko taraf se kar diya ab aap aashram se bahar Chali jaaiye kyunki mere Pati Gautam aane Wale hi hain aur Gautam ne inki chori pakad Li aur donon Ko Saja di
Vishvamitra ne menka se sambhog Kiya ahilya se international sambhog Kiya Bhagwan Narayan Vishnu ne b b Bindra se sambhog Kiya sab log apni apni jagah vyast rahi hai
@ Sanyogita Kumari- अहिल्या ने गौतम ऋषि समझ कर ही इंद्र से संबंध बनाये थे तो भी कई बातें हैं जो उनको निरपराध सिद्ध नहीं करती हैं। एक तो पहली बार गौतम इस तरह लौट कर आये थे। ये बात शक पैदा करती है। दूसरी बात गौतम ने हमेशा नियमों का पालन किया था अत: सुबह का समय अनुचित था। तीसरी बात सती स्त्री को अपने पति और अन्य पुरुष के स्पर्श में अंतर पता होना चाहिए। ये अंतर पता न लगे तब भी दोष है। ये उस युग की बातें हैं जब अधिकांश लोग सत्य और धर्म का पालन करते थे। ये बातें आज हमको सही मार्ग पर चलने को प्रेरित करने के लिए गढ़ी हुई कहानियाँ भी हो सकती हैं। इसलिए आज के परिप्रेक्ष्य में इनकी तुलना करना सटीक नहीं हो सकता। ये तो निश्चित है कि पुराने समय में विचारकों ने स्त्रियों पर अधिक और मुश्किल प्रतिबंध लगाये थे। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि स्त्री का इस तरह का संबंध पता चल जाता है। पुरुष क्योंकि गर्भ धारण नहीं करता इसलिए उसका पाप छुप जाता है। इसलिए अहिल्या को निष्पाप नहीं माना जा सकता। उनको श्राप दिया जाना अनुचित नहीं था। ये हो सकता है कि शुरू में अहिल्या को पता न चला हो पर अंत तक पता नहीं चलना तो बनता है।
जब महर्षि गौतम ऋषि त्रिकालदर्शी और सर्वज्ञ थे और योगबल से इन्द्र और अहिल्या के बारे में सब कुछ जान गये थे तो फिर गाय असली है या नहीं यह सच्चाई क्यों नहीं जान पाये |
@@AnilKumar-bv8uv, इन सबके समुचित प्रमाण हैं किन्तु इतने कठोर प्रायश्चित के पश्चात सभी पाप क्षम्य हो जाते थे। इसी कारण गौतम ऋषि ने भी अहिल्या को पुनः स्वीकार किया और उनके पुत्र शतानन्द ने भी। मेरा एक और उत्तर भी पढ़ें।
यह कथा बेहद गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।यह वेद मंत्र में दिया है यह आलंकारिक भाषा है अहिल्या रात्री का नाम है इंद्र दिन का नाम है तथा गौतम नाम चंद्रमा को कहते हैं। अलंकार में गौतम चंद्रमा रात्री अहिल्या का पति बताया है इंद्र दिवस ने रात्रि से जार कर्म का अर्थ स्वरूप बिगाड़ना होता है।।गपोडेवाजी धर्म-विरुद्ध है और ये गपोडे असत्य होने से धर्म वैदिक धर्म की मजाक बनाते है
चन्द्र देव बहोत ही खास है उन्हे चन्द्र गायत्री मंत्र में महाकाल कहा गया है और श्रीमद् भागवत पुराण में विराट पुरुष (परमेश्वर परमात्मा) का मन कहा गया है। हमारे चन्द्र देव को मुसलमान अल्लाह और खुदा कहते है इस लिए हमारे पक्ष में ना तो समय होगा और ना ही मन होगा और यही उन की सब से बड़ी ताकत है (इतिहास देखे ) क्योंकि हम खुद महाकाल और मन स्वरूप चन्द्र देव के लिए श्रद्धा - भक्ति नही रखते और उन का पूजन भी नही करते और दूसरी तरफ दूसरे धर्म वाले (इसलाम वाले) हमारे चन्द्र देव को निर्गुण बता के दूसरे नाम ( अल्लाह और खुदा नाम ) से अपने रीति रिवाजों से श्रद्धा - भक्ति और आस्था के साथ पूजते और मानते है । 🌙🎑🌝 ।। जय प्रभु चन्द्र देव ।। 🌙🎑🌝
@@kahaniyonkichaupal चन्द्र देव बहोत ही खास है उन्हे चन्द्र गायत्री मंत्र में महाकाल कहा गया है और श्रीमद् भागवत पुराण में विराट पुरुष (परमेश्वर परमात्मा) का मन कहा गया है। हमारे चन्द्र देव को मुसलमान अल्लाह और खुदा कहते है इस लिए हमारे पक्ष में ना तो समय होगा और ना ही मन होगा और यही उन की सब से बड़ी ताकत है (इतिहास देखे ) क्योंकि हम खुद महाकाल और मन स्वरूप चन्द्र देव के लिए श्रद्धा - भक्ति नही रखते और उन का पूजन भी नही करते और दूसरी तरफ दूसरे धर्म वाले (इसलाम वाले) हमारे चन्द्र देव को निर्गुण बता के दूसरे नाम ( अल्लाह और खुदा नाम ) से अपने रीति रिवाजों से श्रद्धा - भक्ति और आस्था के साथ पूजते और मानते है । 🌙🎑🌝 ।। जय प्रभु चन्द्र देव ।। 🌙🎑🌝
हर व्यक्ति की अपनी समझ अलग होती है!साहि्त्यिक दृष्टि के अनुसार--कहानीक्या है? कहानी मे-कथानक का विशेष महत्व होता है इसमे एक उद्देश्य छिपा होता है उसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु कल्पना के सहारे कालपनिक घटनाओ का संकलन किया जाता है जो तत्कालीन मनुष्यो की सोच मे संभव लगती हो,अन्यथा समाज उसे झूंठ मानकर महत्व ही नही देगा-----इस प्रकार यह प्रसंग बडा कठिन बन जाता है जो साहित्यिक व्यक्ति का विषय है,यह इतना सरल नही है जो सबकी समझ मे आ जाए,ये, शोधप्रबंध के विषय भी बन जाते हैं----------
Katha ye h ki jo maine apne purbajon se suni h ki,devraj indra rishi gautam ka roop dhar aaye the jisse mata unhe pahchan na ssaki aur sambhog hua aur jb rishi aaye to unhone mata ko shila ki tarah hone ka shaap isliye diya, unhone kha jis tarah aaj tum ek rishi aur ek raja ke sparsh ko pahchanne me shila ki bhaati thi usi tarah tum shila ki vlbhaati rahogi
कहानी दमदार है । पर वही बताई जाए जिससे हिन्दू आस्था कमजोर नही हो । दूसरे धरमावलमबियों की हम मजाक नही बने । और बालकों कौ पवित्र 5 कन्या में एक अहलया का आचरण तुछ न लगे 🙏🏽
नहीं, प्रस्तुतकर्ता ने कोई कुत्सित प्रयास नहीं किया है। ये सारी कथायें वाल्मीकि रामायण में तथा पुराणों में उल्लिखित हैं। पौराणिक कथायें नहीं बल्कि कहानियां हैं। कथा सत्य घटनाओं पर आधारित होती हैं किन्तु कहानियां काल्पनिक घटनाओं के माध्यम से कोई सन्देश प्रचारित करती हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार अहिल्या ने स्वेच्छा से इन्द्र के साथ समागम किया था। किन्तु वाल्मीकि रामायण में अपने अपराध का दण्ड भोगने एवं प्रायश्चित करने के उपरान्त अपराध क्षम्य हो जाता है (बालि वध राम द्वारा बालि को मृत्यु दण्ड था और इसी कारण उसके समस्त पाप क्षम्य हो गये थे जिसमें अनुज वधू के साथ बलात्कार भी क्षम्य हो गया था)। एक और बात पर ध्यान दें - सीता की समकालीन दो महिलाओं (मंदोदरी और अहिल्या) को पंच कन्याओं (महान महिलाओं) की श्रेणी में रखा गया है किन्तु सीता को नहीं। ऋषि गौतम ने भी अहिल्या को क्षमा कर के उन्हें स्वीकार कर लिया था और उनके पुत्र शतानन्द ने भी। यह थी कठोर प्रायश्चित की महिमा। ध्यान रहे कि अहिल्या का प्रायश्चित लगभग 30-35 वर्ष का रहा होगा क्योंकि पुत्र शतानन्द तब तक मिथिला नरेश और सीता के पिता सीरध्वज जनक के राजपुरोहित बन चुके थे।
वैज्ञानिकता की नजर से देखें तो क्या वास्तव मे इस तरह मानव उत्पत्ति हो सकती है l जबकि विज्ञान कहता है कि नये जीवन की उत्पत्ति के लिए माता और पिता का समागम आवश्यक है लिए और सन्तान भी माता पिता की योनि की ही बनेगी ये प्राकृतिक सत्य है l
दूसरी बात ये है कि भगवान सिर्फ भारत मे ही अवतार लेते थे l इसके अलावा भारत मे मुगलों ने असंख्य जुल्म किये, एक महारानी के साथ सोलह हजार महिलाओं ने आग मे जिन्दा जलकर आत्महत्या की थी लेक़िन मुगलों को रोकने के लिए भगवान प्रकट नहीं हुए l कितना विचित्र लगता है l एक और सच्चाई है कि भारत मे लोहे का प्रयोग ईशा से तेरहसौ वर्ष पहले के आस पास हुआ था, फिर लाखों हजारों वर्ष पहले तीर कौन सी धातु के बनते थे l
प्रिय रामकृष्ण श्रीवास्तव जी, आपके द्वारा पौराणिक कथाओं को धूमिल करने का किया गया अक्षम्य अपराध आपकी अज्ञानता और नीचता को प्रदर्शित करता है ।माता अहल्या को वास्तव में कुछ नहीं पता था कि पति के वेश में चरित्रहीन इंद्र है । इस यूट्यूबर ने निस्संदेह पौराणिक कथाओं को कुत्सित किया है और आप जैसे नास्तिक लोग भी इन पौराणिक कथाओं में इस तरह से रुचि लेने की इच्छा रखते हैं जिससे अधिक से अधिक पौराणिक कथाओं में वर्णित चरित्रों का गंदे तरीके से प्रस्तुत किया जा सके जिससे अधिक से अधिक लोग वैदिक रीतियों से दूर हो जाएं और आप जैसे लोगों की गंदी मानसिकता को सर्वमान्यता मिलने का मौका मिले । करेक्ट योरसेल्फ --- माता सीता की समकालीन स्त्रियां ( तारा, मंदोदरी और स्वयं सीता ), अहल्या और द्रौपदी, ये पंचकन्याएं मनी जाती हैं। निष्कर्ष यह है कि तुम जैसे किंवदंती लोग कुछ पढ़ते लिखते हैं नहीं और चले आते हैं वैदिक रीतियों को कलंकित करने । अपने ज्ञान के कोष को बढ़ाओ और नास्तिकता के कोढ़ से निकलो । तुम लोगों की बुद्धि भी कुत्सित होती जा रही है। @@rajkrishnasrivastava8651
Hindu mythology says that whole earth is balanced on two horns of a cow. So circling is a cow is equal to circling whole earth. same competition was between Ganesha and Kartikeya also. Ganesha circled his mother and father and for him they were equal to mother earth because one who gives birth is like mother earth. Ganesha”s argument was accepted. Simpler explanation for two circling events.
Ye racha rachaya baate hai.. Jiska jo mann hua wo ulte sulte, ghuma fira kar baate likh diya hai.. til ko taal baana diya hai.. Kuch Loge paap karne me soubhagya, punya maante hai.. Jai Shree Ram
श्रीमान जी इस कहानी में कहीं भी कोई भी सच्चाई नहीं है यह कहानी झूठ है भगवान श्री राम गुरुकुल में पढ़ते थे विश्वामित्र जी के ओर गुरुकुल की कुछ मर्यादा होती है गुरुकुल में 25 वर्ष से पहले किसी भी अश्लील कथाओं की जानकारी विद्यार्थियों को नहीं दी जाती आज भी गुरुकुल में यह परंपरा चलती है 25 साल तक विद्यार्थी ब्रह्मचर्य का पालन करता है दूसरा जब आप रामायण के बाल कांड मे इस किस को पढेगे तो जब भगवान श्री राम प्रश्न करते हैं तो उसे प्रश्न से ही विदित होता है कि यह मिलावट है क्योंकि भगवान श्री राम अपने गुरु से प्रश्न करते हैं कि हे गुरुदेव इतना सुंदर इतना व्यवस्थित इतना रमणीक आश्रम किसका था जब वह सुंदर है रमणीक है व्यवस्थित है तो वह था नहीं हो सकता वह है इस गलत परसों के ऊपर ऋषि वाल्मीकि जी भगवान श्री राम को इस अश्लील कहानी को बताते हैं जो की पूर्णता महर्षि गौतम का अपमान है ऐसा क्यों किया उसके पीछे कारण है विदेशी आक्रांत को हमारे देश से हमारे शास्त्रों को गलत साबित करना था उन्हें गलत साबित करने के लिए उनको लिखने वाले ऋषियों को ही गलत साबित कर दीजिए तो उनके लिखी हुई ग्रंथ अपने आप गलत ठहराये जाएंगे यही ऋषि गौतम के साथ भी हुआ महर्षि गौतम ने न्याय शास्त्र के रचना की उसे न्याय शास्त्र को गलत साबित करने के लिए महर्षि गौतम से ही अन्यय करा दिया आज हम लिखने के लिए जी लिपि का प्रयोग करते हैं वह महात्मा इंद्र की ही देन है शल्य चिकित्सा महर्षि धन्वंतरि जी को महात्मा इंद्र ने ही सिखाई थी इतने विद्वान इतने पराक्रमी तेजस्वी व्यक्ति कभी भी वासना के अभिभूत नहीं हो सकता यह हमारे महापुरुषों का अपमान है किसी की सुनी हुई बातों पर विश्वास ना करें रामायण में खुद पढ़ें देखें कि कितना सच और कितनी मिलावट है कीमती समय निकाल कर पढ़ने के लिए धन्यवाद
Veer g ye jo jo aap dhanva try rishi ke sath lipi sikhane wali baat kar rahe hai pls batayenge ki vo lipi or bhasha kon si thi or kon se time period ki hai dhanyavad sahit.
Agar tume eh lagta hai sambhog ashlil hai toh yad rahe tum khud ashlilta ki paidaish ho. Isme indr ne aur ahilya ne galti ki unko saja mili matter khatm eh ehi sikhata hai jo karoge vo bhogoge. Bkl tume pata bhi hai milavati shlokonko kaise pehechana jata hai Akshar+matra+vritth+chandas in sab me vh khada na utare toh vo milavati hoti hai oreonamazi 😂😂😂😂
Courts take years to trace the truth for incidents happening before us,for happenings that underwent thousands of years back,whom to trust, enlightened people say, public is talking. Secondly who was Indra and how to locate him now, enlightened people argue with curiosity,public is asking in support.
JAI guru dev Naam Prabhu ka sangat guru ki kirpa hamesha bani rahe........ Guru Paras saman hai anthah aise samjho ki Paras ko Sona arthat kanak karta hai laikin guru Paras sebhi bada gun hai jo apne jesa ban jata hai.....yahi guru lakshana hoti hai. 🎉
ऐसी कपोल कल्पित धार्मिक कहानियों को परोस कर सनातन धर्म को कलंकित नहीं करना चाहिए।धर्म में नए लोगों में आस्था पहले ही कम हो रही है इसे और नहीं बढ़ाना चाहिए।
Jhuti khani batane ki jrurat nhi h shrm aani chiye ....jo ek bhramn ko shi batane ke liye usi ki patni ko sbdo ke throw bezzati ki ja rhi h ........mata ahliya ......vo khud bhi ek orat h uski izzat rkhna ......itni purani stree pr bhi kiched uchal rhe h aaj ke log story ke throw......aapke jese log chhiiiiii
In Greek Mythology Indra was Zeus and when they invaded India 5,000 years ago, Indra and his troops stole the Ladies of fallen Ancestors and ran 🏃♂️ away to Kashmir Tibet region, when they conceived Kali ,Durga, Chandi and with Honeytrap Ladies and Vissh Kannya Girls defeated our Ancestors of Indus Valley Civilization, Jambudweep Bharat India. Deva-Asur Sangram is the proof of Aryan Invasion 4,524 years ago. Jay Bheem Namo Buddhaye, Jay SAMVIDHAN, Bandagi Saheb.
ye story jo he wo Trayambakeshwar Jotirling ( Maharashtra Nasik) ki katha he , jaha iss kahani me kaha ki maharshi Gautam ko nikal ne ke liye ye sab hua tha lekin Jotirling ki katha me kaha gaya he ki Mata Ganga ko shiv je se dur karne keliye Ganesh ji ne cow ka roop liya jo Gautam rishi ke haath lagate hi mar gai jisse unhe gau hatya ka paap laga use dhone ke liye gautam rishi ne nashik Trayambakeshwar me tapasya ki aur Shiv ji ne apni jata se ganga ko mukt kiya jaha Ganga dakshin ki Ganga ke room me Godavari roop me bahati he aur brahmagiri parvat par Godavari ugam sthan he .
Bahut sundar ; ye lampat devtaon aur tathakthith lanth avam trikaldarshi rishiyo ki gardhabh buddhikatha matra hai aur kuchh nahi ?? En gautam ko nyay ka kinchitmatra bhi gyan na tha vo nyaayshastra kyaa rachenge ??? Jia ho sanatan gyan ki aaj es gyan ki sakht zarurat hai !! Esi gyan se bharat fir vishvguru ho jayega 2029 tak !!!
अनुसूया पंच कन्याओं में नहीं हैं। अनुसूया सती हैं। उन्होंने अपने पति के अतिरिक्त कभी किसी के वारे में स्वप्न में भी नहीं सोचा। उन्होंने तो ब्रह्मा विष्णु महेश को भी बच्चा बना दिया था। पाँचवीं कन्या तारा थी। पंच कन्या वो हैं जो एक से अधिक लोगों से संबंध बनाने के बाद भी पवित्र मानी गई हैं। या तो उन्होंने एक से अधिक विवाह किए थे या विवाहेतर संबंध बनाये थे। द्रौपदी के पाँच पति थे। तारा ने बालि की मृत्यु के बाद सुग्रीव से शादी कर ली थी। मंदोदरी के विवाह पूर्व बालि से अंगद का जन्म हुआ था और बाद में विभीषण से विवाह किया था। अहिल्या का तो इंद्र से संबंध बताया ही गया है। कुंती के पांडु से कोई पुत्र नहीं था। चार पुत्र सूर्य, धर्म, पवन और इंद्र से उत्पन्न थे। लेकिन इन पाँचों को इस सबके बाद भी पवित्र निष्पाप और कन्या माना गया है। अनुसूया तो परम सती थीं जिनसे सीता ने भी पतिव्रत की शिक्षा प्राप्त की थी।
जब अहल्या पत्थर बन जाती है तो इन्द्र का पुत्र बाली अहल्या के गर्भ से कब पैदा हुऐ थे।और शुग्रीव शुर्य का पुत्र अहल्या के गर्भ से कब पैदा हुऐ थे।। और राजा राम के आशीर्वाद से पुन इस्त्री बनी तो राम का शाथ कैसे शूग्रीव ने दिया था।।
This is distorted story.. truth has been revealed by kriyayogini Dena Merriam...indra just tested spiritual level of ahilya..ahilya recognised the imposter..indra saluted her and went away..nothing happened between ahilya and indra. Sage gautam misunderstood Indra and cursed him but great ahilya took upon herself the curse to save indra who regulated sense organs of humanity..
Stri ki har galti paap ho jati hai, purush ko har paap ke liye asani se mafi mil jati hai. Vrinda ka balatkar karke bhi vishnu shaligram ke rup me puje jate hain. Sita nirdosh hoke bhi dukh bhogti hai, ram rajya bhogte hain. Ye har yug me raha. Aaj bhi hai. Pati ka vyabhichar mafi yogya hota hai, patni charitraheen kehlati hai.
जय श्रीराम!!!
Very good story
सदियों से इस देश को सच्ची और झूठी कहानियों के आधार पर चलाया जा रहा है, जिनके आधार पर बहुत दमन किया गया है। हर असमानता के लिए सुंदर तर्क .
. Right
एक ही जाति या एक ही परिवार मे कुछ लोग अमीर हो जाते हैं तो उसी जाति , धर्म और परिवार के गरीब लोगों के साथ व्यवहार बुरा हो जाता है। यदुवंशी समाज के लोग भी दुध पहुंचाने वाले अपने ही समाज के लोगों को कभी अपने सोफे पर बिठा कर दुध नही लेते
@@rkp4823
🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴
G
Very nice and told in excellent way. Thank you very much.🙏
Excellent very excellent
बहुत ही सुन्दर व मार्मिक वर्णन जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो
यह एक बहुत ही रोचक कहानी है।
राम जी नारायण रूप चतुर्भुज में उस समय हो कर चरण स्पर्श किए थे.. स्पर्श के बाद फिर राम मनुष्य रूप में पुनः आए थे.
Bahut bahut sunder ❤❤❤❤❤❤
जय श्री राम मेरे मन में यें पृशन बहूत दिनों शे था कि आपने मुझे समझ में आ गई है जो आपने कहां सही है में उजेन जीला तेशील माकडोन से नाम ईशवरसिह हारोड़ पंवार
यह सारी बातें वेद विरुद्ध है क्योंकि आदि स्रष्टि में पाप नहीं था। पुराणों के गपोड़ों ने वैदिक धर्म को बदनाम किया है।
पाप नहीं था to trishul Sudarshan chakra air tir dhanush gaad marine के liye the
तुम जैसे दूष्टो का सर्वनाश करने के लिए था। @@SonuSaini-kx5ej
Bohot sundar❤
Aapne bahut sundar varnan kiya hai.... Thanks aapko
वेरी गुड
इन सब बातो का तो सिर्फ भगवान ही साक्षी है हम तो केवल अनुमान ही लगा सकते है। परन्तु एक बात इन्द्र ने कितनी ही गलतियां की हैं फिर भी वो देवताओ के राजा हैं और उन्हें हर बार माफी भी मिल जाती है। कृपया इस पर एक वीडियो जरूर बनाए ।
जय श्री राम......................
Isme kuchh bate sahi h aur kuchh galat ye puri katha upnishad me diya gya h yha jo Ahilya ji ko gautam ji ka bahan kaha gya h ye galat h
This is kal chakr yes khi se bhee seeda nahi ho skta
Phse raho is चक्र मे
Indra kisi ka naam nahi vah ek pad hai
"समरथ को नहीं दोष गुसाईं" तुलसी दास ने खुद कहा है कि सामर्थ्यवान का कोई दोष नहीं होता है, दोष हमेशा गरीब निर्बल कमजोर दबे कुचले का होता है |
Kyu ki amrut piya hai isliye 😂👑
Good video took much risk to discuss various Granths.
वाल्मीकि रामायण में स्पष्ट लिखा है कि वे इंद्र को पहचान गयी थीं । ऋषि गौतम ने इंद्र को देख लिया था । उन्होंने अहल्या को त्याग दिया और अपने आश्रम को छोड़ दिया। अहल्या वहीं पर तपस्या करने लगीं। राम ने उनको माफ कर दिया । उन दिनों राजा को ही क्षमा करने का अधिकार था । क्षमा के बाद उनका पुत्र बहुत खुश हुआ और मां को पिता से मेल करना दिया। यह घटना इस तथ्य को उजागर करती है कि महिलाओं को पति की दासी नहीं थी। वाल्मीकि के समय नारी का स्थान दासी का नहीं था। परंतु वैदिक काल के बराबर नहीं। तुलसीदास ने तो नारी को दासी बना दिया था।
माफ कीजिए, आपकी पूरी कहानी कल्पित है।
ruclips.net/video/iywH0N8Y95s/видео.htmlsi=Oxl-0grx_XjtMgEw
This story is real seems...not imagination
Since Woman's are Worshipped as Devi
Ma ...Ahalya Mata....is DEVI...as per Ram
बहुत बढ़िया गपौड़
Thank you very much.
बेहरीन प्रस्तूती 🙏
हिन्दू धर्म की पुस्तकों में ,,,,,स्त्री के कारण ही सभी घटनाएं हुई हैं,,,,मारकाट और वासना भरी कहानियां खूब मिलती हैं
Kalpanik....hai.....Hisa.....hi...
Failti...hai
Jhoothi kahani
Veri good
Nice information for this innocence generation❤
❤ଅତ୍ୟନ୍ତ ରୋଚକ ଅହଲ୍ୟା ଜୀବନ କଥା ଜୟ ମହର୍ଷି ଗୌତମ ଜୟ ମହିୟସୀ ଅହଲ୍ୟା ଜୟ ସୀତାରାମ ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ
❤❤sahi hai
😂😂व्यर्थ प्रलाप। मनगढ़ंत झूठी कहानी 😢😢जब अहिल्या की सहमति थी तो इंद्र को वेष बदलने की जरूरत क्या पड़ी।जिस समय ब्रह्मा अहिल्या को गौतम के पास छोड़ा तो हजारों साल तक अहिल्या के तरफ देखा भी नहीं जबकि सेवा वहीं करती थी।एक दिन बुजुर्ग होने पर उनकी नजर अहिल्या पर पड़ी तब उनको दया आ गयी कि इतने युगों तक हमारी सेवा की पर इसे कुछ नहीं मिला फिर तपोबल से अपने आप को युवा बना लिया फिर विवाह किया और पति-पत्नी जैसे रहने लगे फिर इंद्र आया 😅😅😅
SAMAJ.....KO....BHATKA....DIYA....HAI...NAMO...... BUDHAYE
बहुत उत्तम ज्ञानवर्धक जानकारी।देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
जब महर्षि गौतम ऋषि त्रिकालदर्शी और सर्वज्ञ थे और अपने योगबल, तपोबल से इन्द्र और अहिल्या के बारे में सब कुछ जान गये थे तो फिर वो गाय असली है या नहीं, यह सच्चाई क्यों नहीं जान पाये |
wo sab jante the, fir bhi unhone ye paap swikar kiya kyuki jo bhi unke haath se hua wo Gau mata ke roop mai hi tha. isliye unhone ye prayschit karna swekar kiya.
Satya Vachan
Trikal darshi kewal shiv hi hai
Unke alawa koi nahi
मैं तो सबसे पहले माता अहिल्या से क्षमा
क्षमा मांगता हूं भिक्षा के रूप में 🙏
और दूसरा क्षमा में मांगना चाहूंगा गौतम ऋषि से वह इसलिए कि समाज में मैं भी रहता हूं तो उस समाज में रहने के चलते कुछ दोषी मैं भी हूं 🙏
और एक केवल विनम्र निवेदन करूंगा कि
यदि माता अहिल्या और ऋषि गौतम मुझे से प्रसन्न है तो मुझे आशीर्वाद के रूप में श्री राम प्रभु की भक्ति करने का आशीर्वाद प्रदान करें
जय श्री राम 🚩
सीताराम सीताराम ❤
जय हो जगत पालम ❤
जय भोले बाबा 🪷
सृष्टि का पालन पोषण करने वाली माता पार्वती की जय हो🪷🪷
जय बजरंग बली 🚩🚩🔔🙏🏃💨
अन्धभक्ति जिंदाबाद।ऐसा कुछ नहीं हुआ।सब गपौड़ हैं।
I am highly perplexed and pained to listen your Katha please purify the matter otherwise all involved in this Katha shall be punished stringently this is my prayer to lord krishana.
Indra ke bahkave mein a gai thi ahilya aur Indra aur ahilya ne sambhog ka pura Anand liya Rishi buddhe the unke Bus ka kuchh nahin tha Valmiki Ramayan ke anusar Indra ne ahilya ko tript kiya tha ek angreji indologist ne kahan hai ki Bina juti Bhumi ahilya thi Jaise Indra ne upjau banaa Diya😂😂😂😂😂😂😂
Sambhog se koi nahin Bach Paya vishvamitra ne menka ko daba Diya Indra ne ahilya ko daba Diya ahilya ko bhi Anand a gaya tha Indra ke sath mein Valmiki Ramayan dekhe aap usmein likha hai ki yah Indra main tumse santusht hun tumne mujhko taraf se kar diya ab aap aashram se bahar Chali jaaiye kyunki mere Pati Gautam aane Wale hi hain aur Gautam ne inki chori pakad Li aur donon Ko Saja di
Vishvamitra ne menka se sambhog Kiya ahilya se international sambhog Kiya Bhagwan Narayan Vishnu ne b b Bindra se sambhog Kiya sab log apni apni jagah vyast rahi hai
Adbhut
बहुत अद्भुत प्रस्तुत किया
@ Sanyogita Kumari- अहिल्या ने गौतम ऋषि समझ कर ही इंद्र से संबंध बनाये थे तो भी कई बातें हैं जो उनको निरपराध सिद्ध नहीं करती हैं। एक तो पहली बार गौतम इस तरह लौट कर आये थे। ये बात शक पैदा करती है। दूसरी बात गौतम ने हमेशा नियमों का पालन किया था अत: सुबह का समय अनुचित था। तीसरी बात सती स्त्री को अपने पति और अन्य पुरुष के स्पर्श में अंतर पता होना चाहिए। ये अंतर पता न लगे तब भी दोष है। ये उस युग की बातें हैं जब अधिकांश लोग सत्य और धर्म का पालन करते थे। ये बातें आज हमको सही मार्ग पर चलने को प्रेरित करने के लिए गढ़ी हुई कहानियाँ भी हो सकती हैं। इसलिए आज के परिप्रेक्ष्य में इनकी तुलना करना सटीक नहीं हो सकता। ये तो निश्चित है कि पुराने समय में विचारकों ने स्त्रियों पर अधिक और मुश्किल प्रतिबंध लगाये थे। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि स्त्री का इस तरह का संबंध पता चल जाता है। पुरुष क्योंकि गर्भ धारण नहीं करता इसलिए उसका पाप छुप जाता है। इसलिए अहिल्या को निष्पाप नहीं माना जा सकता। उनको श्राप दिया जाना अनुचित नहीं था। ये हो सकता है कि शुरू में अहिल्या को पता न चला हो पर अंत तक पता नहीं चलना तो बनता है।
😊
ये फर्जी कहानियां मुगलों एवं अंग्रेजों के समय लिखा गया है जिसका कोई प्रमाण नहीं है।
जब महर्षि गौतम ऋषि त्रिकालदर्शी और सर्वज्ञ थे और योगबल से इन्द्र और अहिल्या के बारे में सब कुछ जान गये थे तो फिर गाय असली है या नहीं यह सच्चाई क्यों नहीं जान पाये |
😊😊😊😊
@@AnilKumar-bv8uv, इन सबके समुचित प्रमाण हैं किन्तु इतने कठोर प्रायश्चित के पश्चात सभी पाप क्षम्य हो जाते थे। इसी कारण गौतम ऋषि ने भी अहिल्या को पुनः स्वीकार किया और उनके पुत्र शतानन्द ने भी। मेरा एक और उत्तर भी पढ़ें।
Bahut sunder Jai shree ram
Atayant alokik adghyatmik prastuti
Very good
यह कथा बेहद गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।यह वेद मंत्र में दिया है यह आलंकारिक भाषा है अहिल्या रात्री का नाम है इंद्र दिन का नाम है तथा गौतम नाम चंद्रमा को कहते हैं। अलंकार में गौतम चंद्रमा रात्री अहिल्या का पति बताया है इंद्र दिवस ने रात्रि से जार कर्म का अर्थ स्वरूप बिगाड़ना होता है।।गपोडेवाजी धर्म-विरुद्ध है और ये गपोडे असत्य होने से धर्म वैदिक धर्म की मजाक बनाते है
अदभुद, सुंदर वर्णन प्रेरणादायक, भ्रम दूर करने वाली जय सीताराम धन्यवाद
ruclips.net/video/iywH0N8Y95s/видео.htmlsi=Oxl-0grx_XjtMgEw
Nice
Bahut hi sunder, saargarbhit kahani.
आभार 💝
चन्द्र देव बहोत ही खास है उन्हे चन्द्र गायत्री मंत्र में महाकाल कहा गया है और श्रीमद् भागवत पुराण में विराट पुरुष (परमेश्वर परमात्मा) का मन कहा गया है। हमारे चन्द्र देव को मुसलमान अल्लाह और खुदा कहते है इस लिए हमारे पक्ष में ना तो समय होगा और ना ही मन होगा और यही उन की सब से बड़ी ताकत है (इतिहास देखे ) क्योंकि हम खुद महाकाल और मन स्वरूप चन्द्र देव के लिए श्रद्धा - भक्ति नही रखते और उन का पूजन भी नही करते और दूसरी तरफ दूसरे धर्म वाले (इसलाम वाले) हमारे चन्द्र देव को निर्गुण बता के दूसरे नाम ( अल्लाह और खुदा नाम ) से अपने रीति रिवाजों से श्रद्धा - भक्ति और आस्था के साथ पूजते और मानते है । 🌙🎑🌝 ।। जय प्रभु चन्द्र देव ।। 🌙🎑🌝
@@kahaniyonkichaupal चन्द्र देव बहोत ही खास है उन्हे चन्द्र गायत्री मंत्र में महाकाल कहा गया है और श्रीमद् भागवत पुराण में विराट पुरुष (परमेश्वर परमात्मा) का मन कहा गया है। हमारे चन्द्र देव को मुसलमान अल्लाह और खुदा कहते है इस लिए हमारे पक्ष में ना तो समय होगा और ना ही मन होगा और यही उन की सब से बड़ी ताकत है (इतिहास देखे ) क्योंकि हम खुद महाकाल और मन स्वरूप चन्द्र देव के लिए श्रद्धा - भक्ति नही रखते और उन का पूजन भी नही करते और दूसरी तरफ दूसरे धर्म वाले (इसलाम वाले) हमारे चन्द्र देव को निर्गुण बता के दूसरे नाम ( अल्लाह और खुदा नाम ) से अपने रीति रिवाजों से श्रद्धा - भक्ति और आस्था के साथ पूजते और मानते है । 🌙🎑🌝 ।। जय प्रभु चन्द्र देव ।। 🌙🎑🌝
हर व्यक्ति की अपनी समझ अलग होती है!साहि्त्यिक दृष्टि के अनुसार--कहानीक्या है? कहानी मे-कथानक का विशेष महत्व होता है इसमे एक उद्देश्य छिपा होता है उसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु कल्पना के सहारे कालपनिक घटनाओ का संकलन किया जाता है जो तत्कालीन मनुष्यो की सोच मे संभव लगती हो,अन्यथा समाज उसे झूंठ मानकर महत्व ही नही देगा-----इस प्रकार यह प्रसंग बडा कठिन बन जाता है जो साहित्यिक व्यक्ति का विषय है,यह इतना सरल नही है जो सबकी समझ मे आ जाए,ये, शोधप्रबंध के विषय भी बन जाते हैं----------
Very good 👍
Very good
Added 27:38
इसी कहानीहमारी समाजको गलत साबिस करीने कोसिस हैं 🙏🙏❤️🌷💐
Good
Katha ye h ki jo maine apne purbajon se suni h ki,devraj indra rishi gautam ka roop dhar aaye the jisse mata unhe pahchan na ssaki aur sambhog hua aur jb rishi aaye to unhone mata ko shila ki tarah hone ka shaap isliye diya, unhone kha jis tarah aaj tum ek rishi aur ek raja ke sparsh ko pahchanne me shila ki bhaati thi usi tarah tum shila ki vlbhaati rahogi
कहानी दमदार है । पर वही बताई जाए जिससे हिन्दू आस्था कमजोर नही हो ।
दूसरे धरमावलमबियों की हम मजाक नही बने ।
और बालकों कौ पवित्र 5 कन्या में एक अहलया का आचरण तुछ न लगे 🙏🏽
Jay ho rusi gautam Or mata ahalya ki....
Jai shri krishna
जय श्री राम 🚩🚩🚩🚩
प्रस्तुत कर्ता ने नमक-मिर्च लगातार अहिल्या के चरित्र को प्रस्तुत करने का कुत्सित प्रयास किया है।
नहीं, प्रस्तुतकर्ता ने कोई कुत्सित प्रयास नहीं किया है। ये सारी कथायें वाल्मीकि रामायण में तथा पुराणों में उल्लिखित हैं।
पौराणिक कथायें नहीं बल्कि कहानियां हैं। कथा सत्य घटनाओं पर आधारित होती हैं किन्तु कहानियां काल्पनिक घटनाओं के माध्यम से कोई सन्देश प्रचारित करती हैं।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार अहिल्या ने स्वेच्छा से इन्द्र के साथ समागम किया था। किन्तु वाल्मीकि रामायण में अपने अपराध का दण्ड भोगने एवं प्रायश्चित करने के उपरान्त अपराध क्षम्य हो जाता है (बालि वध राम द्वारा बालि को मृत्यु दण्ड था और इसी कारण उसके समस्त पाप क्षम्य हो गये थे जिसमें अनुज वधू के साथ बलात्कार भी क्षम्य हो गया था)।
एक और बात पर ध्यान दें - सीता की समकालीन दो महिलाओं (मंदोदरी और अहिल्या) को पंच कन्याओं (महान महिलाओं) की श्रेणी में रखा गया है किन्तु सीता को नहीं। ऋषि गौतम ने भी अहिल्या को क्षमा कर के उन्हें स्वीकार कर लिया था और उनके पुत्र शतानन्द ने भी। यह थी कठोर प्रायश्चित की महिमा। ध्यान रहे कि अहिल्या का प्रायश्चित लगभग 30-35 वर्ष का रहा होगा क्योंकि पुत्र शतानन्द तब तक मिथिला नरेश और सीता के पिता सीरध्वज जनक के राजपुरोहित बन चुके थे।
वैज्ञानिकता की नजर से देखें तो क्या वास्तव मे इस तरह मानव उत्पत्ति हो सकती है l जबकि विज्ञान कहता है कि नये जीवन की उत्पत्ति के लिए माता और पिता का समागम आवश्यक है लिए और सन्तान भी माता पिता की योनि की ही बनेगी ये प्राकृतिक सत्य है l
दूसरी बात ये है कि भगवान सिर्फ भारत मे ही अवतार लेते थे l इसके अलावा भारत मे मुगलों ने असंख्य जुल्म किये, एक महारानी के साथ सोलह हजार महिलाओं ने आग मे जिन्दा जलकर आत्महत्या की थी लेक़िन मुगलों को रोकने के लिए भगवान प्रकट नहीं हुए l कितना विचित्र लगता है l एक और सच्चाई है कि भारत मे लोहे का प्रयोग ईशा से तेरहसौ वर्ष पहले के आस पास हुआ था, फिर लाखों हजारों वर्ष पहले तीर कौन सी धातु के बनते थे l
प्रिय रामकृष्ण श्रीवास्तव जी,
आपके द्वारा पौराणिक कथाओं को धूमिल करने का किया गया अक्षम्य अपराध आपकी अज्ञानता और नीचता को प्रदर्शित करता है ।माता अहल्या को वास्तव में कुछ नहीं पता था कि पति के वेश में चरित्रहीन इंद्र है । इस यूट्यूबर ने निस्संदेह पौराणिक कथाओं को कुत्सित किया है और आप जैसे नास्तिक लोग भी इन पौराणिक कथाओं में इस तरह से रुचि लेने की इच्छा रखते हैं जिससे अधिक से अधिक पौराणिक कथाओं में वर्णित चरित्रों का गंदे तरीके से प्रस्तुत किया जा सके जिससे अधिक से अधिक लोग वैदिक रीतियों से दूर हो जाएं और आप जैसे लोगों की गंदी मानसिकता को सर्वमान्यता मिलने का मौका मिले ।
करेक्ट योरसेल्फ --- माता सीता की समकालीन स्त्रियां ( तारा, मंदोदरी और स्वयं सीता ), अहल्या और द्रौपदी, ये पंचकन्याएं मनी जाती हैं।
निष्कर्ष यह है कि तुम जैसे किंवदंती लोग कुछ पढ़ते लिखते हैं नहीं और चले आते हैं वैदिक रीतियों को कलंकित करने । अपने ज्ञान के कोष को बढ़ाओ और नास्तिकता के कोढ़ से निकलो । तुम लोगों की बुद्धि भी कुत्सित होती जा रही है।
@@rajkrishnasrivastava8651
Owl
रामायण ऐसेहि रंगिलाअों कि बयान है ।
Jai Shri Krishna.Jai Shri Radhe.🥀🌹💐🙏🙏
Hindu mythology says that whole earth is balanced on two horns of a cow. So circling is a cow is equal to circling whole earth. same competition was between Ganesha and Kartikeya also. Ganesha circled his mother and father and for him they were equal to mother earth because one who gives birth is like mother earth. Ganesha”s argument was accepted. Simpler explanation for two circling events.
Ye racha rachaya baate hai.. Jiska jo mann hua wo ulte sulte, ghuma fira kar baate likh diya hai.. til ko taal baana diya hai.. Kuch Loge paap karne me soubhagya, punya maante hai.. Jai Shree Ram
परिक्रमा के आलावा और कोई मुर्खतापूर्ण कार्य नही था उस समय
👍🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
श्रीमान जी इस कहानी में कहीं भी कोई भी सच्चाई नहीं है यह कहानी झूठ है भगवान श्री राम गुरुकुल में पढ़ते थे विश्वामित्र जी के ओर गुरुकुल की कुछ मर्यादा होती है गुरुकुल में 25 वर्ष से पहले किसी भी अश्लील कथाओं की जानकारी विद्यार्थियों को नहीं दी जाती आज भी गुरुकुल में यह परंपरा चलती है 25 साल तक विद्यार्थी ब्रह्मचर्य का पालन करता है दूसरा जब आप रामायण के बाल कांड मे इस किस को पढेगे तो जब भगवान श्री राम प्रश्न करते हैं तो उसे प्रश्न से ही विदित होता है कि यह मिलावट है क्योंकि भगवान श्री राम अपने गुरु से प्रश्न करते हैं कि हे गुरुदेव इतना सुंदर इतना व्यवस्थित इतना रमणीक आश्रम किसका था जब वह सुंदर है रमणीक है व्यवस्थित है तो वह था नहीं हो सकता वह है इस गलत परसों के ऊपर ऋषि वाल्मीकि जी भगवान श्री राम को इस अश्लील कहानी को बताते हैं जो की पूर्णता महर्षि गौतम का अपमान है ऐसा क्यों किया उसके पीछे कारण है विदेशी आक्रांत को हमारे देश से हमारे शास्त्रों को गलत साबित करना था उन्हें गलत साबित करने के लिए उनको लिखने वाले ऋषियों को ही गलत साबित कर दीजिए तो उनके लिखी हुई ग्रंथ अपने आप गलत ठहराये जाएंगे यही ऋषि गौतम के साथ भी हुआ महर्षि गौतम ने न्याय शास्त्र के रचना की उसे न्याय शास्त्र को गलत साबित करने के लिए महर्षि गौतम से ही अन्यय करा दिया आज हम लिखने के लिए जी लिपि का प्रयोग करते हैं वह महात्मा इंद्र की ही देन है शल्य चिकित्सा महर्षि धन्वंतरि जी को महात्मा इंद्र ने ही सिखाई थी इतने विद्वान इतने पराक्रमी तेजस्वी व्यक्ति कभी भी वासना के अभिभूत नहीं हो सकता यह हमारे महापुरुषों का अपमान है किसी की सुनी हुई बातों पर विश्वास ना करें रामायण में खुद पढ़ें देखें कि कितना सच और कितनी मिलावट है कीमती समय निकाल कर पढ़ने के लिए धन्यवाद
Shrimaan, valmiki Ramayan ke anusaar 25 saal ki aayu mei Shri raam ko vanwaas mil gaya tha.
Veer g ye jo jo aap dhanva try rishi ke sath lipi sikhane wali baat kar rahe hai pls batayenge ki vo lipi or bhasha kon si thi or kon se time period ki hai dhanyavad sahit.
5freeTV inNo I cup bioE @@mohitmittal6474
😊
Agar tume eh lagta hai sambhog ashlil hai toh yad rahe tum khud ashlilta ki paidaish ho. Isme indr ne aur ahilya ne galti ki unko saja mili matter khatm eh ehi sikhata hai jo karoge vo bhogoge. Bkl tume pata bhi hai milavati shlokonko kaise pehechana jata hai Akshar+matra+vritth+chandas in sab me vh khada na utare toh vo milavati hoti hai oreonamazi 😂😂😂😂
Jai Shri Ram
Om nmo shivaay pranaam 🙏🏽 😊
Utam very well explaination ❤❤
Shhamakijiye aapki kahani se bahut confusing ho Raha hai.
कहानी को गलत प्रस्तुत किया गया। पैसों और फेम के लिए आप कुछ भी कर सकते है। शर्मनाक प्रस्तुति
🙏
DANT KATHAA H...LOG ISILIYE DHAR KA MAZAAK
UDATEN H..
JAY SHREERAM
गंदे लोग दूसरों के बारे में बुरी खबरें फैलाते हैं वो साधु संतों को भी नहीं छोड़ते उन्हीं में से एक एंकर है,जय श्री राम
💕🙏💕
वैसे ये कहानी कहाँ से निकाले हो?? किताब का नाम बताइए??
पुराणो मे इतनी बेव्कूफ़ी भरी है की हसी आती है. जिसमे एक पुराण की बातें अन्य पुराण मे अलग आती है..
Ye mngadhant hai satya kuchh aur hai
Sundar prastuti.❤
Courts take years to trace the truth for incidents happening before us,for happenings that underwent thousands of years back,whom to trust, enlightened people say, public is talking.
Secondly who was Indra and how to locate him now, enlightened people argue with curiosity,public is asking in support.
अद्भुत
भाई आप टाइटल सही दीजिए,अपने वीडियो का।
JAI guru dev Naam Prabhu ka sangat guru ki kirpa hamesha bani rahe........ Guru Paras saman hai anthah aise samjho ki Paras ko Sona arthat kanak karta hai laikin guru Paras sebhi bada gun hai jo apne jesa ban jata hai.....yahi guru lakshana hoti hai. 🎉
ऐसी कपोल कल्पित धार्मिक कहानियों को परोस कर सनातन धर्म को कलंकित नहीं करना चाहिए।धर्म में नए लोगों में आस्था पहले ही कम हो रही है इसे और नहीं बढ़ाना चाहिए।
Valmiki ramayan padho tum bhi jan jaoge
❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉😅 7:23
❤ aur kahani batao sir
इंदौर कि म हा रानी महा दानी अहिल्लिया बाई होल्कर पर भी विडियो बनाईए।।
Namo..... Budhaye
Jhuti khani batane ki jrurat nhi h shrm aani chiye ....jo ek bhramn ko shi batane ke liye usi ki patni ko sbdo ke throw bezzati ki ja rhi h ........mata ahliya ......vo khud bhi ek orat h uski izzat rkhna ......itni purani stree pr bhi kiched uchal rhe h aaj ke log story ke throw......aapke jese log chhiiiiii
In Greek Mythology Indra was Zeus and when they invaded India 5,000 years ago, Indra and his troops stole the Ladies of fallen Ancestors and ran 🏃♂️ away to Kashmir Tibet region, when they conceived Kali ,Durga, Chandi and with Honeytrap Ladies and Vissh Kannya Girls defeated our Ancestors of Indus Valley Civilization, Jambudweep Bharat India.
Deva-Asur Sangram is the proof of Aryan Invasion 4,524 years ago.
Jay Bheem Namo Buddhaye, Jay SAMVIDHAN, Bandagi Saheb.
माननीय,न कोई देवी-देवता नहीं है बल्कि यह बहुत पूर्व समय पृथ्वी की..
ये कहानी ब्रम्हवैवर्त पुराण पद्म पुराण से बातए...
यह कहानी किस पुराण से लिख लिया गया है
Es ka heading hi galat hai
Gyan bardhak kahaniya dets rahiye
ye story jo he wo Trayambakeshwar Jotirling ( Maharashtra Nasik) ki katha he , jaha iss kahani me kaha ki maharshi Gautam ko nikal ne ke liye ye sab hua tha lekin Jotirling ki katha me kaha gaya he ki Mata Ganga ko shiv je se dur karne keliye Ganesh ji ne cow ka roop liya jo Gautam rishi ke haath lagate hi mar gai jisse unhe gau hatya ka paap laga use dhone ke liye gautam rishi ne nashik Trayambakeshwar me tapasya ki aur Shiv ji ne apni jata se ganga ko mukt kiya jaha Ganga dakshin ki Ganga ke room me Godavari roop me bahati he aur brahmagiri parvat par Godavari ugam sthan he .
Bahut sundar ; ye lampat devtaon aur tathakthith lanth avam trikaldarshi rishiyo ki gardhabh buddhikatha matra hai aur kuchh nahi ?? En gautam ko nyay ka kinchitmatra bhi gyan na tha vo nyaayshastra kyaa rachenge ??? Jia ho sanatan gyan ki aaj es gyan ki sakht zarurat hai !! Esi gyan se bharat fir vishvguru ho jayega 2029 tak !!!
Ye vidio kon sa garanth se lekar banaye hai aap
कहानी सुनाने का क्या उद्देश्य यह भी स्पष्टा कीजिये
Jay shree. Ram
पंचकन्या में द्रौपदी, अहिल्या, कुन्ती, मंदोदरी, अनुशूया पे भी कृपा करके video बनाए
अनुसूया पंच कन्याओं में नहीं हैं। अनुसूया सती हैं। उन्होंने अपने पति के अतिरिक्त कभी किसी के वारे में स्वप्न में भी नहीं सोचा। उन्होंने तो ब्रह्मा विष्णु महेश को भी बच्चा बना दिया था। पाँचवीं कन्या तारा थी। पंच कन्या वो हैं जो एक से अधिक लोगों से संबंध बनाने के बाद भी पवित्र मानी गई हैं। या तो उन्होंने एक से अधिक विवाह किए थे या विवाहेतर संबंध बनाये थे। द्रौपदी के पाँच पति थे। तारा ने बालि की मृत्यु के बाद सुग्रीव से शादी कर ली थी। मंदोदरी के विवाह पूर्व बालि से अंगद का जन्म हुआ था और बाद में विभीषण से विवाह किया था। अहिल्या का तो इंद्र से संबंध बताया ही गया है। कुंती के पांडु से कोई पुत्र नहीं था। चार पुत्र सूर्य, धर्म, पवन और इंद्र से उत्पन्न थे। लेकिन इन पाँचों को इस सबके बाद भी पवित्र निष्पाप और कन्या माना गया है। अनुसूया तो परम सती थीं जिनसे सीता ने भी पतिव्रत की शिक्षा प्राप्त की थी।
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जब अहल्या पत्थर बन जाती है तो इन्द्र का पुत्र बाली अहल्या के गर्भ से कब पैदा हुऐ थे।और शुग्रीव शुर्य का पुत्र अहल्या के गर्भ से कब पैदा हुऐ थे।।
और राजा राम के आशीर्वाद से पुन इस्त्री बनी तो राम का शाथ कैसे शूग्रीव ने दिया था।।
Ye dono waha sikha lane aye the unki maa Surya Dev ki dasi thi
असत्य कहानी मनगढंत है। अहल्या तो।पतिपरायणा थी।
Sabse Sundar to Mata hoti hai.....Devi Ahilya kaise ho gayi?
Which app u used for images?
This is distorted story.. truth has been revealed by kriyayogini Dena Merriam...indra just tested spiritual level of ahilya..ahilya recognised the imposter..indra saluted her and went away..nothing happened between ahilya and indra. Sage gautam misunderstood Indra and cursed him but great ahilya took upon herself the curse to save indra who regulated sense organs of humanity..
Stri ki har galti paap ho jati hai, purush ko har paap ke liye asani se mafi mil jati hai. Vrinda ka balatkar karke bhi vishnu shaligram ke rup me puje jate hain. Sita nirdosh hoke bhi dukh bhogti hai, ram rajya bhogte hain. Ye har yug me raha. Aaj bhi hai. Pati ka vyabhichar mafi yogya hota hai, patni charitraheen kehlati hai.
Ramji ke charan aurat nahi shila par padhe.
अपना थोडासा ज्ञान अंग्रेजोको क्यों नही देते??भारतीय को ही उल्लू बनाओगे क्या मनगढंत कहानींया सुनाकर..??
ये छ्द्म लोगों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है ऐसी कहानियां आकर्षक आवाज़ में भ्रम फैला रही हैं