मौत के राज़ || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2020)
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- Опубликовано: 12 сен 2024
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वीडियो जानकारी: बातचीत, 10.08.2020, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत
प्रसंग:
मौत का अर्थ क्या है?
मृत्यु कब और किसे आती है?
प्रकृति, मन आत्मा, अहंकार का क्या अर्थ है?
मृत्यु के पार क्या है?
मौत से जुड़े राज़ कैसे समझें?
संगीत: मिलिंद दाते
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जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु: solutions.acharyaprashant.org
Ninda mat kijiye Plz
Pranam
Acharya ji Geeta m sookshm shareer aur aatma ka vivran hai... ye ki aatma ko accha bura ni sehna padta lekin sookshm shareer sthool shareer ki mrityu k baad accha bura sehta h swarg narak m ... kya ye sahi h ?
सिर्फ 2 प्रश्न है आचार्य जि
मर्नेके वाद तो मै खतम हि हो जाउङ्गा तो मुझे क्या पढी है प्रकृतिको मुक्ती दिलानेकी आचार्य जि?
मर्ने से मै और मेरि अहन्कार खत्म होते है , यैसे मे मै जैसे भि जिउ खुस हु तो प्रकृति/ अहमवृत्ती जो भि है
उसे मुक्त कर्नेका माध्यम मै क्यु बनु??
मै मुक्त होउङ्गा तो मर्नेके बादका अनुभव क्या होगा ? अगर मुक्त नहि हुवा तो क्या अनुभव होगा? अगर मर्नेके वाद सबकुछ खत्म होजाता है तो मै क्यु ध्यान दु उस प्रकृतिको मुक्ती दिलानेमे? क्यु?
और , प्रकृति हमारे माध्यम से मुक्त होना चाहती है तो कित्निबार? कित्निबार मुक्त होगि? बुद्ध के माध्यम से भि मुक्त हुयि । कृष्ण , शिव , ओशो के माध्यम से भि मुक्त हुयि । अब हमे जन्म देरही है । सायद आपकी माध्यम से भि मुक्त होगि । य कैसि बला है प्रकृति जिसका मन कभी भरता हि नहि? कित्नी बार मुक्त होगि? य फिर सबकी प्रकृति अलग अलग है? सबकी common प्रकृति है तो एक बार मुक्त होगैना बुद्ध के माध्यम से ? फिर क्यु?
जब अह्म वृत्ति एक ही है और वो एक बार शांत होना चाहती है तो क्या वो महावीर बुद्ध जैसे लोगो के शरीर का प्रयोग करके शांत हो नहीं पाई।अब वो बार बार नए शरीर बनाकर फिर से उनसे शांत होने की उम्मीद क्यों लगती है।
और प्रकृति खुद ही आह्म वृत्ति उत्पन्न करती है खुद ही अशांत होती है खुद ही शांत होने के लिए शरीर बनती है और जब शरीर उसको शांत करने में helpful नही होता तो उसको blame karti hai khatm kr deti hai
क्या खेल है ये सब??
ये बाते अगर आचार्य जी ना होते तो जीवन भर पता नहीं लगती।।
100%
Acharya ji Aisa aur vi hain ...par Acharya ji ke phle Mila..Acharya ji ko naman
bhai meko toh nahi samaj raha
Sacche guru hai
I am a Sikh, what Acharya is saying is the True message of Gurbaani as well. Most sikhs don’t understand it as well. We are still obsessed with the cycle of birth and rebirth. According to Gurbaani and Saints like Bhagat Kabir, Naamdev, this different life forms are a mental state or states of mind. My Pranaam to Acharya for bringing out true spiritual philosophy 🙏🙏🙏
0:55 - 8:48 जीवन क्या है और क्यों है?
8:49 -10:38 मृत्यु क्या है और क्यों है?
10:41 -15:00 इवोल्यूशनरी (क्रम-विकास-संबंधी) तल पर जीवन और मृत्यु।
17:17 - 20:25 क्या पुनर्जन्म होता है?
21:37 - 21:58 ये पूरा खेल इंपर्सनल (निर्वैयक्तिक) है?
22:00 - 25:30 फिर तो मैं आज ही सुसाइड (आत्महत्या) कर लेता हूँ?
25:41 - 26:37 अध्यात्म और विज्ञान।
26:54 - 29:06 अहं वृत्ति कहाँ से आई? अहं वृत्ति क्यों प्यासी है?
29:29 - 32:48 जीवन, मृत्यु और अहं वृत्ति।
32:49 - 36:24 इन दो मौतों में फ़र्क क्या? मुक्ति क्या है?
36:25 - 37:49 रोज़मर्रा जीवन। जीवन का उद्देश्य?
37:49 - 40:08 बाकी योनियाँ हैं ही क्यों?
40:18 - 41:49 छोटी योनि में ऊँचा काम?
43:55 - 46:22 आफ्टर लाइफ (मरणोपरांत जीवन)?
46:24 - 49:28 लोग गलत लोगों को गुरु क्यों बना लेते हैं?
49:32 - 52:41 अहंकार के कारण गलती न स्वीकारना।
53:01 - 54:13 क्या आचार्य जी अब भी हमसे कुछ छुपा रहे हैं?
54:44 - 1:00:59 क्यों विवेकानंद जैसे सच्चे, ईमानदार, धार्मिक व्यक्ति इतनी कम आयु में मौत को उपलब्ध हो जाते हैं?
1:01:00 - 1:06:39 कोई अमीर, कोई गरीब, कोई विकलांग, कोई काला, कोई गोरा क्यों-सब अलग परिस्थिति में क्यों हैं?
1:06:40 - 1:07:41 कर्मफल कैसे प्राप्त होता है?
1:07:41- 1:08:46 प्रेम क्या है?
1:08:52 - 1:10:00 अब भी कुतर्क हों तो?
जिस मरने से जग डरे,मेरे मन आनंद।
मरने से ही पाइए, पूर्ण परमानंद।
कबीर दास
बहुत सही बात बोले आप , परमानंद सब्द का सही अर्थ अपने बताया, धन्यवाद।
मौत आवती देख के दिया कबीर रोए
जो सुख साध संगत में वो बैकुण्ठ ना होए
कहो कबीर एह पंच को झगरा झगरत जनम गवाययो
Saashtaang Namaskar to the greatest Guru of current times and among the greatest in all time! He’s surpassed all other fancy gurus that I hv followed till now but never been satisfied or convinced by. N my Aham isn’t hurt at all in denouncing or unfollowing them as this is what I was feeling inside me all along but AP has given the best reason fr that!🙌🙌🙌
पेशे से डॉक्टर होने के बाद भी, दो दशकों से शरीर विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन-अध्यापन करने के बाद भी, आज जो स्पष्टता आपके इस वीडियो ने दी है- शरीर,जीवन, मृत्यु के सम्बंध में, वो कभी नहीं थी मुझमें।
अनुग्रहित हूँ।
चरणस्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏
Right
मेरे जन्म का उद्धार हो गया आचार्य प्रशांत जी की वजह से, आचार्य प्रशांत एक सच्चे गुरु है सिर्फ सत्य के शांति के मार्ग पर चलने वाले और अनेकों को सत्य के मार्ग पर साथ लेके चलने वाले 🙏
आज खलील जिब्रान की कहीं बात बेहतर समझ आ गयी वे कहते हैं कि- आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं है वे जीवन की खुद के प्रति लालसा के पुत्र पुत्रियां हैं वे आपके द्वारा आये हैं पर आपसे नहीं आये, सहृदय धन्यवाद आचार्य जी🙏 आप लगातार अति जटिल और महत्वपूर्ण विषयों पर इतनी गहन और सटीक व्याख्या दे रहे हैं, बहुत विरल बातचीत है ये , आभारी हैं हम कि हमें सुनने का अवसर मिल रहा है।
Tomarji ekdum sahi kaha aapne chunki aapne b wahu baat kahi jo mei kahna chahta tha isiliye comment na karke aapki baat ka samarthan kar raha hun.
@@shivanshshashi google kar lo bhai
आपने कहा कि जब प्रकृति को यह निश्चय हो जाता है कि इस शरीर के माध्यम से मुक्ति सम्भव नहीं है तो वह उस शरीर को त्याग देती है /अर्थात उस शरीर की म्रत्यु हो जाती है .....पर बाद के सवाल में पूछा गया कि बहुत पापी/खराब लोग 90 -100साल तक जीते हैं , तो ऐसे पापी लोगों से प्रकृति को मुक्ति की आशा तो नहीं होती होगी तो फिर वह उस शरीर को त्याग क्यों नहीं देती ??.....आपके शब्दों में प्रकृति उस शरीर को मार को नहीं देती ...????
शरीर तो मोक्ष प्राप्ति का साधन मात्र है : आचार्य प्रशांत 🙏
*RUclips should recommend this to every Indian 🇮🇳.*
*Acharya Prashant has the power to guide the entire Human race. 🙏🙏🏿🙏🏾🙏🏽🙏🏼🙏🏻*
आधुनिक अर्जुन( हम सब के प्रतिनिधि के रूप में अंशु) और सनातनी कृष्ण का ये संवाद जीवन और मृत्यु के अनगिनत रहस्य खोल रहा है उम्मीद है आचार्य जी की करुणा और प्रेम से हम लोग जल्दी ही आत्मसात् कर मुक्ति की और शिघ्रता से अग्रसर हो जाएँगे .🙏
What a Great Knowledgeable person he is ! His explanation is clear like Science and deep like Sipritualism as both are the sides of the same coin of Wisdom . Pronam 🙏
अत्यंत बोधपूर्ण व्याख्यान
एहसास होता है हम बाबा कबीर को ,बुद्ध को नानक को जीसस को ही सुन रहे है
जीवन का उद्देश्य इस चर्चा में समाया हुआ है नमन आचार्य जी🙏
Jesa aapko laga vesa hi hum sab b mehsus kar rahe hei.
Yes
"प्रकृति का प्रत्येक दीपक सूरज नहीं हो जाता लेकिन प्रत्येक दीपक में सूरज बन जाने के क्षमता होती है"
- 🌄💐आचार्य प्रशांत ❤️🌷🌹🥀
वो शरीर स्वस्थ है जिससे मुक्ति का
परिमाण मिल रहा हो।
भले हीं मेडिकल साइंस कहती रहे
ये शरीर बीमार है।
-आचार्य प्रशांत
Ji👍 ryt👌
एक चिकित्सक होते हुए आपके मुख से ये बात सुनकर मेरा उत्साह बढ गया
Ji gupta ji
@@sauravsharma7873 doctors BHI hamare jese hi to h , wohi body , wohi mind , wohi thought ... Sirf itna SA fark h wo wo human body k mechanism ko deeply jante h buss , or isi information se bhare mind ko hum doctor Bolte h..
Sir mujhe ek baat samajh nahin aati ke Agar punarjanm Nahin hota hai Sharir Ka, To Ham Jab Kisi dusre bekti ko loot ke Uske paisoSe Aaram Se Jindagi batate Hain aur chain Se Mar Jaate Hain To Koi Kahta Hai bo bahut bura aadami tha, dusre ke sath Hamesha galat kiya . to uska Paap jo hai bo kaise bhogega . Agar dusra Janm Nahin Hua to
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्यजी।मेरी माता का 3 महीने पहले ही 78 वर्ष की आयु में निधन हुआ है जो बरसो विकलांग होने से एक ही बेड पर जीती रही। व मेरे साथ ही बरसो रही।उसके जाने से में आज तक नही समझ पाई की क्या हुआ,अब कैसे क्या करूंगी, चूंकि मेरा समग्र जीवन उसी के आसपास गुजरा।व अचानक में खाली सी हो गयी। रोज ही भगवान के सामने रौतीं ।की क्यों मेरे साथ ये किया।पर आज ये वीडियो सुनी व मन शांत हुआ ।समझी की उसका शरीर का काम खत्म हुआ था।सो उसको जाना हुआ।आपका बहुत बहुत धन्यवाद।,व नमन।
These types of teachings should be applied in schools .
ये वीडियो आध्यात्मिक मार्ग पर मील का पत्थर है। वीडियो के अंत भाग से आज यह स्पष्ट हो गया कि आचार्य जी आप हम सभी से बेहद प्रेम करते हैं।😭🙏
🌼यह वीडियो गागर में सागर समान है।🌼
आपके ज्ञान और तर्क के आगे नतमस्तक हूं।🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏
हम आजीवन ऋणी रहेंगे आपके आचार्य जी...
कोटि कोटि नमन
अंशु जी कों समझ आया या नहीं पता नहीं, पर हमें अच्छे से समझ आ गया, इतनी अच्छी तरह से समझाने के लिए सुक्रिया सार 🙏
धन्यवाद आचार्य जी। आप की आवश्यकता आज पूरे विश्व को हैं।।❣️❣️❣️❣️❣️🙏🙏🙏
सरल तरीके से ज्ञान की बाते बताने के लिए आपको शत शत नमन
प्रणाम आचार्य जी,
इस वीडियो पर मेरा एक प्रश्न है| अपने कहा है कि अहम् वृत्ति हमारे माध्यम से मुक्ति चाहती है. पर जब कृष्ण या बुद्ध मुक्त हुए तो अहम् वृत्ति मुक्त क्यों नहीं हुई? और फिर प्रकृति ने उनके मुक्त होने से क्या सीखा? क्या प्रकृति ने बेहतर मनुष्य बनाने शुरू कर दिए? ऐसा तो बिलकुल नहीं लगता. जबकि उल्टा हुआ है. मनुष्य और ज्यादा भोगी हो गया है. अगर कृष्ण या बुद्ध के मुक्त होने के बाद भी प्रकृति की यह हालत है, तो मैं अपने आपसे क्या उम्मीद रखूं? मैं मुक्त हो भी गया तो क्या?
कृपया स्पष्ट करें.
व्यक्ति ने बहुत अच्छे प्रश्न पूछे हैं।
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁अध्यात्म की आत्यंतिक गहराइयों को छूता आचार्य जी का उद्बोधन, इस चैनल के सर्वश्रेष्ठ विडियोज में से एक।।🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
I had been studying Vedanta for the past so many years. Never got it in such a beautiful way. Really a prasadam
Ultimate clearity(परम स्पष्टता) 🙏💚🐚🌺🌸🌻Hare krishna
वर्तमान काल में आप मसीहा बनकर आए है आचार्य जी आप से प्रेरणा पा कर मैं अपने आप को और उत्कृष्ट और दूसरो को भी कुछ तर्कपूर्ण बता पाने के काबिल बन पा रहा हु
शत शत नमन आपको🙏💐
अज्ञान का मतलब यही है
कि तुम *जीव* बनकर बैठे हो
लेकिन तुमको पता हीं नहीं
ये *जीवन* क्यों मिला है?
तुम्हें ये जीवन इसलिए मिला है
क्योंकि तुम सब बन्धनों,
सब कष्टों से मुक्त हो सको।
सारे अज्ञान को पीछे छोड़ सको
-आचार्य प्रशांत
अंशु भाई अत्यंत प्रशंसा के पात्र है, बहुत ही अच्छे प्रश्न पूछते है त्वरित विश्लेषण के आधार पर।
इस प्रश्न का उत्तर लेकिन मुझे स्पष्ट नही हुआ कि जब अहम वृत्ति को हमसे पहले हुए महापुरुष जनों के शरीर से मुक्ति मिल गयी तो यह प्रकृति का खेल अभी तक क्यों चल रहा, अगर हम सिर्फ प्रकृति के उपकरण मात्र है जिनके माध्यम से अहम वृत्ति मुक्ति तलाश रही है तो मुक्ति तो उसे कई बार मिल गयी राम, कृष्ण , कबीर आदि के माध्यम से फिर मेरा निर्माण क्यों किया प्रकृति ने??
Bahut kuch hai shayad es duniya me jo abhi bhi baki hai
भारतीय जीवन दर्शन के आधार स्तंभ के सभी टॉपिक को समझना होगा.भारतीय जीवन दर्शन के विकास की जड़ों तक पहुँचने में आपकी बातचित काफी हेल्पफुल है आचार्य.थैंक्यू आचार्य
आचार्य जी और अंशु जी चरणस्पर्श🙌
आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है मेरे पास।
भारत देश का परम भाग्य है और भविष्य उज्ज्वल है।🙏
ओम् आचार्य श्री आप को मृत्यु का दिव्य ज्ञान देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद,
नमन, वंदन, प्रणाम।
Acharya ko wahi samj sakta hai jo 24 hour khudko or veda,upnisaad,upveda,or sàath hi dusre sant mahatma,fakir ko day night study karte rahte hai kyonki sab ek dusre se interlink hai.Thankyou Acharya
इवोल्यूशनरी (क्रम-विकास-संबंधी) तल पर जीवन और मृत्यु।
10:41 लाइसोसोम
12:52 एपोप्टोसिस
13:31 नेक्रोसिस
15:59 मिटोसिस (समसूत्री विभाजन)
हर स्थिति में तुम्हें वो करना होता है
जो तुम्हें ऊँचाई की ओर ले जाए
और जब तुम ऊँचाई की ओर जाते हो
तो वहाँ से संभावना बनती है
और ऊँचा जाने की।
तो इसी शरीर के भीतर पल-पल
तुम्हारे पुनर्जन्म होते रहते हैं
और कर्मफल प्राप्त होते रहते हैं।
*आचार्य प्रशांत*
Perfect
आज फिर सुना और ऐसा लगा की आधुनिक गीता से अर्जुन के अतिरिक्त कौरव और पाण्डव भी एक साथ लाभान्वित हो रहे है .
आचार्य जी आपको देख कर, सून कर हृदय द्रवित हो जाता है
चेतना का सर्वोच्च शिखर हमारे सामने है
देरी हमसे ही हो रही है 🙏
यहां मुक्ति का अर्थ परम शांति,आंनद,सत्य,प्रेम, निडरता और संतुष्टि की अवस्था है कोई सच में सूरज नहीं बन जाएगा।
This is a masterpiece.i have never seen this type of conversation.very clear thought's.gratitude Acharya ji 🙏🙏🙏😇🍁🍃❣️
आचार्य जी🙏
1. कृपया प्रकृति को विस्तार से स्पष्ट करने की कृपा करें और प्रकृति मुक्ति की कामना क्यों करती है, और प्रकृति बंधन में क्यों/कैसे आई ?
2. क्या परमात्मा ने प्रकृति को बनाया है,यदि नहीं तो प्रकृति को किसने बनाया और उसे बंधन कैसे हुआ? यदि हाँ तो "परमात्मा" को स्पष्ट करने की कृपा करें।
also ki jo AUM shabd h, uski kya importance h, jo hamare mantra, wagerah h, unpe itna zor kyu deti h
Thanks Sparsh
Yahi Jigyasa meri bhi hai.
Itna sunne ke baad bhi kahi na kahi kuchh samajh ke pare hai.
Acharya Ji, I have got the highest level of clarity today. Watching you since 5 months and I have never doubted your intentions because I see my reflection in you. I too had the same thought process and intentions when I was 14 years old but got misled with time and conditioning. You did the job of restoring my consciousness back again. This was the best explanation of yours regarding human existence.
When I become a financial independent I donate a huge amount of money to help in Mukiti to all ❤️
🙏🏻
Start from wherever and whichever situation in you are. Don't wait for a specific day. I also used to think like that but not anymore. Your smallest contribution means a lot. Give whatever is possible now. 👍
बहुत ही सुंदर तरीके से स्पष्ट किया आचार्य जी ने, इस भ्रम को दूर करने के लिए बहुत ही सरल (जटिल) वीडियो है।
बहुत बढ़िया series चल रहा हैं ।।।
कृपया इसे continue रखें 🙏🙏🙏
बहुत -बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
आचार्य जी प्रणाम। शरीर यदि खुद ही मरना चाहता है तो ऋषियों ने आयुर्वेद क्यों बनाया? उसके पीछे क्या खास वजह रही होगी? मुझे इस बात चीत से ऐसा लगता है के ताकि हम अपना असली काम और थोड़े समय कर सके इसी कारण से आयुर्वेद बना होगा और फिर हमने उसे भी अपने भोगों को और थोड़ा समय भोगने के लिए इस्तेमाल कर लिया। क्या यह सही दिशा है सोचने की आचार्य जी।
आचार्य श्री मैंने बहुत लोगो को सुनी हूँ, पर मैं ख़ुद ही उनमें खोट निकाल लेती थी, तो प्रभावित कभी हो नहीं पाई, अभी के जितने भी प्रचलित बाबा लोग हैं , मुझे आपके इतना ज्ञान तो था नहीं, पर जितना था उतने में ही दिख जाता था कि कम पता है इसको, और मैं आगे बढ़ जाती थी, मैंने कभी नहीं सोचा की ये लोग अपने फायदे के लिए लोगों को बेवकुफ़ बनाते हैं, मुझे लगता था इनको कम पता है, खैर ये मेरी मासूमियत ही थी , आप मेरे गुरु समान है, आपको प्रणाम ❤
This is Gold, this knowledge is the ultimate truth, Acharya ji summed up entire truth of life and death, there's nothing more, nothing less... Pranam Acharyaji🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Itni clarity 🙏🙏🙏🙏. Watching this video again after one year .. total 180 degrees transformation of my life since one year . Greatest teachers of my life Oshoji and Acharyaji! I request all of you to please start listening to acharyajis videos . Slowly slowly you will yourself start questioning everything around you . You will get the clarity to distinguish between right and wrong .
I'm here just because of questioning and I'm getting all answers here.
This channel deserves 1 billion subscribers and 100+ billion views.
बातचीत sessions going krishnamurtiji's conversations way.
Extremely beautiful for the ones who want to understand and feel the real ✨
When there are 'dhongi babas' complicating and mystifying spiritual concepts, only you can explain a vague topic like 'death' in a scientific outlook! Please continue to do so 🙏
Sadhguru??
@@samreplete1842 yes
धन्यवाद आचार्य जी आपने जो यह मौत की परिभाषा को समझाया है? वह अपने आप में एक सत्य का एक प्रतीक लग रहा है। प्रकृति को भी गर्व होगा कि उसका एक प्रयोग मुक्ति के शीर्ष पर पहुंचने के लिए आपको उपयोग किया। और आपकी बड़ी कृपा है, कि आपकी चेतना के माध्यम से हम जैसे कितने शरीर को मुक्ति की यात्रा करने में सहूलियत मिलेगी।
आचार्य जी ये आपकी करुणा हे कि आप लौगों को ईतना समझा रहे हो लेकिन कबीर साहेब कि वाणी मुझे याद आरही हे । मूरख को समझावते, ज्ञान गांठ का जाय । कोयला होय ना ऊजरो , नव मन साबुन लाय ।। तुलसीदासजी ने भी कहा । मूरख हृदय न चेत, जो गुरु मिलहिं बिरचिं सम। फूलइ फरइ न बेत जदपि सुधा बरषहिं जलद ।।
21 की आयु में ज्ञानेश्वर ने अपना कार्य पूर्ण होने पर देह छोड़ दिया था I
Please bhai kya kiya tha aisha batlaiye 😢😢
आचार्य जी आप तो biology मे master हो 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
शत् शत् नमन्. आपके वृहद ज्ञान को जीवन के गूढ़ रहस्य को दंडवत प्रणाम.🙏🙏🙏✌✌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
50:04 Eye opening 👍👍
बात यह नहीं गुरु जी गलत हो सकते हैं कि नहीं हो सकते हैं; बात यह है कि मैंने उन्हें गुरु जी माना था। अरे! मैंने उन्हें गुरु जी माना था। तो अगर वो गलत हुए, तो कौन गलत हुआ, मैं गलत हुआ। तो मैं मानूँगा ही नहीं कि मेरे गुरु जी गलत है। मैं कुछ भी करके अपने गुरु जी को सही साबित करते की कोशिश करता रहूँगा क्योंकि वो मेरे गुरु जी हैं। यह अहंकार, व्यक्तिगत अहंकार की बात है।
मान लो ना सीधे-सीधे तुमसे गलती हो गई। तुम पर्फेक्ट (पूर्णतः अच्छा, दोषरहित) हो क्या? तुम हर निर्णय में गलती करते हो। यह मानने में तुम्हें क्या दुविधा है? कि गुरु जिसको तुमने मान लिया, वहाँ भी तुमने गलती करी थी।
Your explanation is so bang on. This is the proper way to explain to our younger generations to understand why nature and nurture has to be balanced. You are the best to clear concepts. 😌
सच पर बहस नहीं की जाती सच को स्वीकार किया जा सकता है और सच ये है कि इंसान कभी भी ये नहीं जान पायेगा कि जन्म और मृत्यु क्या है। जितने शब्द लिखे या बोले जाएंगे उतना सत्य छुपता जाएगा । ब्रह्म ही ब्रह्म को पैदा करता है, ब्रह्म ही ब्रह्म को पालता है और ब्रह्म ही ब्रह्म का विनाश करता है । आप एक महान आचार्य बनेंगे।
🙏
अतुलनीय वर्णन आचार्य जी आपको कोटि-कोटि नमन धन्यवाद
🌸🌸🌸🌸🌸
बुढ़ापा अवस्था की मृत्यु समझ में आती है लेकिन छोटे छोटे बच्चों की मृत्यु हो जाती है प्रकृति उसे जीवन जीने का अवसर क्यों नहीं देती. मृत्यु की कोई समय सीमा निश्चित नहीं है
आचार्य जी एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल 🙏🏻
जो आदमी अपनी ज़िंदगी खुशी खुशी एकदम मस्त होके, आनंद के साथ जिदंगी जी रहा है, जिसको कोई stress या tension नहीं है। क्या ऐसे व्यक्ति को भी मुक्ति की जरूरत है? 🙏🏻
आचार्य जी कई बार अपने वीडियोस में बोले है ऐसे लोगो के लिए अध्यात्म बिलकुल भी नहीं है,
मौज करो अभि,
जो लोग बीमार नही है उन्हें अगर आस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा तो ओ हॉस्पिटल में ही दंगे सुरु कर देंगे, जो बीमार नही है उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नही,
Bhai mukti kya hoti hay ??
Mukti milne ke kya fayde?
Plzz answer me..
आचार्य जी के शब्दों में ऐसी जिंदगी सस्ती जिंदगी कहलाएगी। ऐसी जिंदगी जो जीना चाहता है जी सकता है पर जो ऊंचाई वो पा सकता था उसे वो नहीं मिल पाएगी। और उसकी यह जिंदगी अधूरी जिंदगी कहलाएगी।
Believe me Acharya ji is giving greatest ever explanation on quantum physics,duality of matter ,schrodinger's cat experiment if one can observe deep enough .
मेरी बहुत दिनों की खोज पूरी हुई गुरुजी सहृदय आपको धन्यवाद 🙏🙏🙏❤️❤️❤️
प्रणाम आचार्य जी बहुत अच्छे से समझ आ गया धन्यवाद आचार्य जी
I am not a new creature in this nature. I am only a repetition of nature and death is not a completion, something is more superior. It's emancipation.
Thank you Acharya ji.
This video can give the entire human race a new direction.
Thank you for the clarification, Acharya Ji. 🪔
Gratitude 🙏🙏
आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि नमन🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤ इतने गूढ रहस्य आज तक किसी धर्मगुरु ने नहीं बताएं और लोगों को अज्ञान में रखा
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सटीक विश्लेषण!! 🙏👍🏻
I came here after reading the book 'The Prophet' by Kahlil Gibran. I was stuck with the line "You would know the secret of death. But how shall you find it unless you seek it in the heart of life? " in the book. But Acharya ji have made me understand these lines through this video. He made me understand what life and death is all about. Thank you so much Acharya ji. 🙏
गुरु जी!प्रणाम
पूर्ण सहमति
पूर्ण संतुष्टि।
आचार्य जी प्रणाम, ऐसा क्या हुआ होगा कि विवेकानंद को इतनी कम उम्र और जे. कृष्णमूर्ति को इतनी लंबी उम्र प्रकृति ने दिया, जब चेतना के अस्तर पे तो दोनो काफी ऊँचे रहे होंगे तो ये अलग अलग आयु क्यों?
आपको इतनी गहराई कहाँ से मिली ,हम तो चाह कर भी इस और बढ़ नहीं पाते 🙏🌷
वेद, पुराण, उपनिषद्, गीता आदि पढ़कर। यही तो हमारी धरोहर हैं। संसार की सर्वश्रेष्ठ कृति हैं। जीवन की बुनियाद हैं।
ये बातचीत की पूरी सीरीज मेरे लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है
धन्यवाद आचार्य जी
,🙏🙏🙏🙏🙏
Very lucky to listen to such words of wisdom...
Here at this platform(online video which is free of cost).. We all are so lucky that we've got such an imp & most valuable piece of information.
Simply outstanding 🙏
Absolute Truth is beyond our discussion, intellect and cognition !
Another great session on the subject of death and the purpose of the body. Anshu has played the role of an average person with mastery asking relevant and irrelevant questions so that Acharya Ji could point out what is important and what is not. The new eye-opening perspective about the continuation of Prakriti for unattained subjects while at the same time the end of Prakriti for those subjects who have attained liberation is a powerful insight into how the Leela is being played out. A typical subject is exposed to various types of Guru (or as Acharya Ji rightly called them more of Ghantals than Gurus) ranging from samosa chutney color based problem solutions to demonstrating how to consume cobra poison mixed with mercury potion to impress upon and claiming the power of knowing how they carry the knowledge of all the 83 Bigbangs (calling it roars than Bigbang) inside. It is not easy to find the right teacher in a world crowded with such Guru Ghantals.
देहै का मृत्यु के संग अहंकार मिट जाता है ,तो हर व्यक्ति मृत्यु के बाद मुक्त हो जाता हैं। तो मुक्ति का प्रयास क्यों? ( क्योंकि आप बोला अहंकार का पुनर्जन्म नहीं होता ।)
Me bar bar is video ko sunungi taaki jaldi se jaldi mukt ho jaun.
Pranam achary shri 👏💐
Excellent Session!
It should be in the list of your flagship videos..
Powerful aadmi to aacharya jee v bn skte the bhut bhut bhut jyada ....lekin unhon ne alg faisla kiya alg rah pkdi ................or ksam se esh bdi powerful raah aur koi nhi ...........jitni jldi jisko smjh aa jaye utna achha ................ye bhut jatil kaam h jo aacharya jee smjhane ki koshish kr rhe h ............bhut jatil ......aur smjhne waalon ke liye bhut aasaan v h
आचार्य जी हमारे जीवन में आये हमारा जन्म सफल हो गया । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤
Aisa lgta hai khud aatma guru bnkr hme saccha marg dikha rhi hai..taki hme mukti mile...❤
Mere acharya ji mere pyare baba🙏🙏🙏❤️❤️
आचार्य जी, एक प्रश्न यह भी है कि यदि प्रकृति ने हमे जीवन दिया है पुर्णता को प्राप्त करने के लिए और जब कोई मनुष्य उसमें सफल नही होता है तो प्रकृति कहती है " चल मर जा " और वह मर भी जाता होगा यदि ऐसा घटित होता होगा तो भी प्रकृति अन्यायी होगी क्योंकि पुर्णता को प्राप्त करने में विफल हुए 80 साल वाले कि भी अचानक मृत्यु हुई तथा 55 साल वाले कि भी तो 55 साल वाले से 25 वर्ष क्यों छीन लिए प्रकृति ने?
इसका अर्थ प्रकृति भी पुर्णता को प्राप्त करने की जिज्ञासा के प्रति समर्पित नही।
These useful videos should be trending.... Pranam acharya ji 🙏
What about enlightened people who also got infected with cancer and their bodies died? If they lived, they were only useful to others, unlike regular people... But why did prakriti decide to kill their infected cells?
For example, Bhagawan Ramana Maharishi lived many years even after his enlightenment and through his life, he gave the teaching of silence/enquiry to lead people to Mukti. Why then did he leave due to cancer? If he lived more, maybe more people would have been benefitted. Another example is swami Vivekananda also died at a young age...Please clarify. 🌼
This is such a profound session. The whole spirituality made into a gist of this session. Thankyou Acharya ji and Anshu ji 🙏🌼
54:44 - 1:00:59 क्यों विवेकानंद जैसे सच्चे, ईमानदार, धार्मिक व्यक्ति इतनी कम आयु में मौत को उपलब्ध हो जाते हैं?
सच मे आचार्य जी ने सही कहा मौत के बारे व जीवन के बारे में बस एक सवाल रह गया कि माया हमारी मुक्ति में बाधा क्यो बनती है जबकि प्रकृति को मुक्ति चाहिए व माया भी प्रकृति का ही हिस्सा तो माया यानी कि लोभ लालच काम वासना आदि क्यो रुकावट बनते है हमारी मुक्ति में
जी मेरा भी यही प्रश्न है।
जब प्रकृति को मुक्ति चाहिए तो उसने हमारे अंदर षडरिपु क्यू डाल दिये।
और ये प्रकृति ने नही डाले तो किसने डाल दिये।
हमको यही दुश्मन मुक्त नही होने देते , जीवन भर सताते है
Monu kumar Vaishnav मुक्ति किसे चाहिए? उस आत्मा को जो तुम्हारा मूल स्वरूप है? नेती नेती के प्रयोग से और उपनिषादिक ज्ञान से जब आप जानोगे की जिन चीजों को आप मैं समझते हो वो मैं है ही नहीं तो संसार माया लगेगी। माया के दो शक्तियाँ है , प्रक्षेपण (projection) और आवरण (covering). माया का यह मतलब नहीं की सब झूठे हैं, पदार्थों के संदर्भ में। जब टेबल पर पैर लगेगा तो चोट आएगी ही। माया का अर्थ है अनित्य को नित्या समझना। नित्य वह है तो अजर अमर है। आपका मूल स्वरूप! काम क्रोध वासनाए माया है संदर्भ में झूठी है की यह नित्या है क्या? क्या हर समय हर घड़ी आपको वासनाए आती है? हर second ? नहीं ना। नित्य वह है तो हर छण आप हो. आत्मा का प्रूफ़ क्या है? आपका होने। आपके अनुभव होने। यही तो proof है उसके होने का। वो भौतिक चीज़ तो है नहीं की प्रकट होगी जिसे senses से जान सकें। यही तो सूक्ष्म ज्ञान है ।
Bhai tum Gita padho yaa firr Ramanand sagar ki shri Krishna ki Geeta suno Jo RUclips parr bhi available hay. Yahi sawal arjun ne Shri Krishna se pucha thaa..
@@ankurmishra7773 धन्यवाद
Hello Sir, I am a Doctor and I never heard such meaningful definition of Health. Thank you
सत सत प्रणाम आचार्य जी किया सारे भरम सब दूर🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹
बहुत से मिथक तोड़ने के लिए धन्यवाद आचार्यजी नमन 🙏🙏🙏🙏
Kya mithak tod diya bhai, ab ahamwriti ko aaj tak kisi ne mukti nahi dila payi, ya wo baar- baar mukt hona chahti hai. Jab se duniya hai jab itne logo me se kisi ne dila payi to tum kyon tension lete ho lete raho maje jindgi ke mukti mile na mile ahwriti ki tension. Jab ek baar switch off ho hogaye aur uske baad kuchh nahi hona to karo daba ke crime aur crime karne wale v to satak lagate hai aur naujaat v mar jate hai
Revolutionary thoughts...
..... I'm in ..no matter who else with us...jai hind jai Bharat..🙏
आचार्य जी को नमन....
अंशु भईया को राम राम...
🙏
40:03 Ansul आप तो सीक्रेट निकलवाना चाह रहे थे , "आपको कैसे पता"but accharya hi did like 🤫🤫🤫
I was looking very closely on Acharya ji face after that question. ❤️
I feel blessed to hear this conversation. Thank you so much 🌸🙌
This interview format of videos is so profound as queries of foundation volunteers are so deep. 🙏
Exactly.
वाह 1
बेहतरीन से बेहतरीन
सवाल अच्छे हो तो हल मिल जाते हैं।
धन्यवाद । धन्यवाद । धन्यवाद ।🙏