Sangat Ep.39 | Hrishikesh Sulabh on Stories, Agnileek, Daata Peer, Patna & Rangmanch | Anjum Sharma

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  • Опубликовано: 16 сен 2024
  • हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 39वें एपिसोड में मिलिए सुपरिचित कथाकार, नाटककार और रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ से। बिहार के छपरा (अब सीवान) के लहेजी गाँव में 15 फरवरी, 1955 में जन्मे हृषीकेश सुलभ की शुरूआती पढ़ाई-लिखाई गाँव में हुई। गाँव के ही उन्हें रंगमंच के संस्कार मिले। कथा-लेखन, नाट्य-लेखन, रंगकर्म के साथ-साथ हृषीकेश सुलभ की सांस्कृतिक आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी रही है। इसके साथ-साथ वह तमाम पत्र-पत्रिकाओं में रंगमंच पर नियमित लेखन करते रहते हैं।
    'अग्निलिक' उनका प्रथम उपन्यास है और 'दाता पीर' नवीनतम। 2019 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें लघु कथाएँ लिखने और बिदेशिया शैली में नाटक लिखने के लिए भी जाना जाता है। हृषीकेश सुलभ जीवन से लेकर उनके रचना-संसार को जानने-समझने के लिए देखिए अंजुम शर्मा के साथ संगत का यह एपिसोड।
    संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
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Комментарии • 43

  • @drirchouhanhindisahitya3560
    @drirchouhanhindisahitya3560 8 месяцев назад

    अंजुम आपको अभिनंदन, बहुत ही सहज और स्वाभाविक परिवेश में महत्वपूर्ण बातें सुनने को मिल रही है।जो न्ए लेखकों के लिए और पाठकों के लिए लेखन और समझ को विकसित करेंगी।

  • @rahulkumarsingh4217
    @rahulkumarsingh4217 3 месяца назад

    पिता के चांटा का प्रसंग रोमांचक।

  • @geetashree3076
    @geetashree3076 11 месяцев назад +2

    मेरे प्रिय कथाकार ! जिन्हें पढ़ते हुए लिखना सीखा. जिनकी कहानियों ने दीवाना बनाए रखा. जिन्हें सुनते हुए बोलना सीखा.
    सुंदर बातचीत !

  • @zakia8623
    @zakia8623 6 месяцев назад

    Rishi Kesh sulabh se bahut pahle ek baar mili hoon. Daata peer albatta meri book shelf men maujood hai. Isliye uske baare men guftugu bahut achhi lagi.
    Maang men jo bhara jaata hai woh sandal paste hota hai aur doosri cheez hai glitter woh afshan kahlati hai. Both these things are substitute of sindoor and a result of cultural amalgamation
    You are superb as usual

  • @sonuyashraj9263
    @sonuyashraj9263 Год назад +3

    खरी बात कहने वाले लेखक जिनके पास जीवन की समग्र दृष्टि है ,नाटकों में जिया जीवन है।हमेशा की तरह अंजुम शर्मा के लेखक के अंतर्मन को खोदते सवाल ।हिंदवी और पूरी टीम की हर संगत का इंतजार।।

  • @vandanabajpai
    @vandanabajpai 11 месяцев назад +1

    सुलभ जी को सुनना, जीवन को सुनना है l बहुत शानदार इंटरव्यू, बधाई 🌺🌺

  • @jahangirKhan-zh2ox
    @jahangirKhan-zh2ox Год назад +6

    सुलभ सर को पढ़ते हुऐ अपने अंदर के अभिनेता को गढ़ता रहा हूं.! सर आप मेरे सबसे प्रिय कहानीकार और नाटककार हैं, आपको सुनना हमेशा अच्छा लगता है सर 🙏🥰

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l Месяц назад

    This talk was a great help in getting to understand some intricacies of drama.

  • @surajnarayanpandey6724
    @surajnarayanpandey6724 Год назад +2

    बहुत सुन्दर कथाकार है ऋषिकेश सुलभ जी

  • @geetashree3076
    @geetashree3076 11 месяцев назад +1

    सुलभ जी को सुनना , गुरुकुल में पाठ सीखने जैसा है. मैं एक -एक शब्द पर ठिठकती हूँ… सीखती जाती हूँ. 🙏

  • @geetashree3076
    @geetashree3076 11 месяцев назад +1

    कितनी सुंदर और मानीखेज बात - एक लेखक को अपने समाज के प्रति जितना सजग, संवेदनशील होना जरुरी है, उतना ही जरुरी है उसका फ़रेबी और झूठा होना.

  • @ashapandey9233
    @ashapandey9233 5 месяцев назад

    बहुत अच्छी बात कही सुलभ सर ने कि शोध रचना में दिखना नहीं चाहिए।

  • @manishakulshreshtha1991
    @manishakulshreshtha1991 11 месяцев назад

    अंजुम लेखकों के अंतस की गांठों को खुलवाने में कामयाब रहे हैं। सुलभ जी को सुनना सुखद रहा

  • @bandanajee6083
    @bandanajee6083 Год назад

    अंजुम जी के सवाल तो अपने ही सवाल लगते हैं, और सुलभ जी के सहज जबाव अद्भुत रहे।कथा में झूठ रचते हों किन्तु साक्षात्कार में बिल्कुल सत्य दिखे।संगत को बधाई।

  • @abhisengar6046
    @abhisengar6046 9 месяцев назад

    Mati gadi natak ka mai bhi part rhi hu, apka ka lekan lajabab hai sulabh sahab

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l Месяц назад

    Noted this phrase.

  • @PSCAudioclasses
    @PSCAudioclasses 2 месяца назад

    ❤️❤️❤️

  • @pandepragya30
    @pandepragya30 11 месяцев назад

    सुलभ जी का लेखन मुझे facinate करता है।

  • @rishisingh-pc8in
    @rishisingh-pc8in Год назад +1

    बहुत ही सुन्दर

  • @sudhanshushekhartrivedi7347
    @sudhanshushekhartrivedi7347 Год назад +1

    सुलभ जी को सुनना उन्हें पढ़ने से कम रुचिकर नहीं ।

  • @SumitKumar-xb4hs
    @SumitKumar-xb4hs Год назад +1

    अदभुत

  • @rahulkumarsingh4217
    @rahulkumarsingh4217 3 месяца назад

    शमशेर के बहुचर्चित सूर्योदय के साथ एक कम चर्चित कुबेर नाथ राय के 'दिवस का महाकाव्य' भी जरूर देखना चाहिए। ऐसा ललित गद्य, शायद ही कभी कविता में संभव हुआ हो।

  • @pandepragya30
    @pandepragya30 11 месяцев назад

    सुलभ जी की ईमानदारी उनके व्यवहार में तो है ही उनके साक्षात्कार में अंकित एक एक शब्द बहुत ईमानदारी से कहे जा रहे हैं। पिता को फॉर्म देने के बाद जो दंड मिला वह ही तो संस्कार था जो दीक्षा की तरह मिला।

  • @ketanyadav7887
    @ketanyadav7887 Год назад

    ❤ प्रिय कथाकार

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 Год назад +2

    काशीनाथ सिंह को भी लाओ भाई

  • @ujjwaljha6702
    @ujjwaljha6702 Год назад +4

    सुलभ जी को ये भी बताना चाहिए था की मुस्लिम बहुल इलाक़े में हिंदू भी आज घर छोड़ कर जा रहें है। वैमनस्य दोनों तरफ़ से है एक तरफ़ से नहीं हमें पक्षपात नहीं करना चाहिए अगर समाज में समरूपता लानी है।

  • @jawedjahadpoetry1267
    @jawedjahadpoetry1267 Год назад

    बहुत शानदार 💐

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l Месяц назад

    Vachaal Samaya.

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l Месяц назад

    Tamasha Batitate Hain.
    Noted thus phrase.

  • @radheshyamsharma2026
    @radheshyamsharma2026 Год назад

    वाह।

  • @ashishshah_4964
    @ashishshah_4964 11 месяцев назад

    सुझाव है की वीडियो बहुत लम्बा हो जा रहा है 1 घंटा के आस पास रहे है तो देखने में ज्यादा मजा आता है बोर होने लगते हैं कई लोग तो इतना लम्बा विडियो देख लोग देखना ही सुरु नही करते होंगे

  • @pranavmishra8578
    @pranavmishra8578 11 месяцев назад +1

    Uday Prakash kab ayenege?

    • @Hindwi
      @Hindwi  11 месяцев назад

      बहुत जल्द

  • @chandrabhanyadav8647
    @chandrabhanyadav8647 11 месяцев назад +1

    Anjum sir kashinath singh ko bhi laya jay, meharbani hogi

    • @Hindwi
      @Hindwi  11 месяцев назад

      जी

  • @ajeyklg
    @ajeyklg Год назад

    काफी अरसे बाद फिर, जेनुईन, गंभीर और ईमानदार बातें सुनने को मिलीं। हालांकि लेखक का नाम ही सुना है मैंने , पढ़ा कुछ नहीं है इन का। अब पढूंगा। ❤

  • @chandrabhanyadav8647
    @chandrabhanyadav8647 11 месяцев назад

    अनधिकृत चेष्टा करते हुए मै आपसे शिवमूर्ति जी को बुलाने कानिवेदन करताहू

    • @Hindwi
      @Hindwi  11 месяцев назад

      जल्द आएँगे

    • @kamalprakash549
      @kamalprakash549 11 месяцев назад

      @@Hindwi शिवमूर्ति जी की कहानियों के स्त्री पात्रों की ओर से आने वाले स्त्री विमर्श की ही भारतीय समाज को सर्वाधिक आवश्यकता है। शिवमूर्ति जी की संगत की मुझे भी प्रतीक्षा है।

    • @kamalprakash549
      @kamalprakash549 11 месяцев назад

      @@Hindwi इसी क्रम में मेरा निवेदन है कि संगत के किसी एपिसोड में नीलाक्षी सिंह से भी मुलाकात करवाएं।

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 Год назад

    पटना स्कूल से भी इंटरव्यू हो

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l Месяц назад

    Poorvaagrah. It is hard for a professional critic to free herself from it.