साधना जैन,,, गुरुजी ने क्या गजब गजब की बात बताई,,,, ♥️♥️ लौकिक जीवन में सभी कार्यों में प्रवृत्ति करते हुए भी,,,, यह कार्य मेरा नहीं है,,,, मेरा कार्य तो जानना देखनाहै,,,, यह Shraddhan हमारा पक्का है ,,,, तो हम सम्यक दृष्टि हैं,,,,❤ यदि हम किसी काम को करते समय,,, उसका करता अपने को मानते हैं,,, उसमें ekatthav करते हैं,,,, इसका नाम मिथ्यत्व है,,,, गुरुजी ने गजब कीबात बताई,,,,❤❤ हमें तत्वज्ञान का विचार बार बार इसलिए करना पड़ता है,,, अनादि काल से आत्मा देखा नहीं,,, कभी आत्मा से परिचय किया नहीं,,, आत्मा अनुभव में आया नहीं,,,,, संसार का ज्ञान हमें जन्म जन्म से है,,,, अथवा संसार का ज्ञान इंद्रियों से होता हैं,,,, आत्मा का ज्ञान इंद्रियों के द्वारा बंद करने से होता है,,,😊❤😊❤,,, गुरुजी ने यह बहुत महत्वपूर्ण बात कही 🙏🙏
Aap apne Pravchan mey hamesha Mumukshu logo ki Criticise kyon karte hey or Aap kahte hey ki Mumukshu logo k Panchkalyanak Gana bajana he hota hey Shaayad aapne koi kalyanak attend nahi kiya ek baar Attend karo tou samaj aayega ki Adhik sey Adhik samay Vidhwan logo k Pravchan or Sangoshti mey he jaata hey Aap Pravchan nahi bhashan karte hey Shastra k aadhar sey Pravchan hona chahiye ek baar Sh Abhay ji Shastri Devlali kaa Pravchan suno tou samaj aayega Pravchan kya hota hey aapka Mobile no Share karo mey aap sey baat karna chahta hu Jai Jinendra
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 .
जय जिनेन्द्र पंडित जी,बहुत बहुत आभार जगाने के लिए
Jai jinendra Aadarniye Pandit Ji 🙏🙏🙏🙏🙏
आदरणीय पण्डित जी साहब सादर जय जिनैंद्र 🙏🙏🙏
Sardar Baljit Singh Punjab JAI JINENDER ALLOF YOU
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Saadar Jai Jinendra. Aabhar.
Jai Jinendra
Jay jinendra
जय जिनेंद्र
👌🙏🙏🙏
आत्मा की आत्मा से लड़ाई है विभाव और स्वभाव दोनो आत्मा से ही है।🙏
साधना जैन,,, गुरुजी ने क्या गजब गजब की बात बताई,,,, ♥️♥️ लौकिक जीवन में सभी कार्यों में प्रवृत्ति करते हुए भी,,,, यह कार्य मेरा नहीं है,,,, मेरा कार्य तो जानना देखनाहै,,,, यह Shraddhan हमारा पक्का है ,,,, तो हम सम्यक दृष्टि हैं,,,,❤ यदि हम किसी काम को करते समय,,, उसका करता अपने को मानते हैं,,, उसमें ekatthav करते हैं,,,, इसका नाम मिथ्यत्व है,,,, गुरुजी ने गजब कीबात बताई,,,,❤❤ हमें तत्वज्ञान का विचार बार बार इसलिए करना पड़ता है,,, अनादि काल से आत्मा देखा नहीं,,, कभी आत्मा से परिचय किया नहीं,,, आत्मा अनुभव में आया नहीं,,,,, संसार का ज्ञान हमें जन्म जन्म से है,,,, अथवा संसार का ज्ञान इंद्रियों से होता हैं,,,, आत्मा का ज्ञान इंद्रियों के द्वारा बंद करने से होता है,,,😊❤😊❤,,, गुरुजी ने यह बहुत महत्वपूर्ण बात कही 🙏🙏
जय जिनेंद्र पुणे
🙏🙏🙏
Jai jinendra dahod
👌👌
झकझोरने वाले ही गुरू चाहिए आपका तो बहुत बहुत आभार
Aap apne Pravchan mey hamesha Mumukshu logo ki Criticise kyon karte hey or Aap kahte hey ki Mumukshu logo k Panchkalyanak Gana bajana he hota hey Shaayad aapne koi kalyanak attend nahi kiya ek baar Attend karo tou samaj aayega ki Adhik sey Adhik samay Vidhwan logo k Pravchan or Sangoshti mey he jaata hey Aap Pravchan nahi bhashan karte hey Shastra k aadhar sey Pravchan hona chahiye ek baar Sh Abhay ji Shastri Devlali kaa Pravchan suno tou samaj aayega Pravchan kya hota hey aapka Mobile no Share karo mey aap sey baat karna chahta hu Jai Jinendra