तांत्रिक नगरी में माँ कपाल भैरवी के दर्शन और सत्संग का सौभाग्य प्राप्त हुआ था वायु तत्व की सिद्धि थीं उनके पास कई बार ध्यान के दौरान वे जमीन कई फिट ऊपर हवा में उठ जाती थी,, ऐसे सिद्ध योगियों को कोटि कोटि प्रणाम,, जय तांत्रिक नगरी,, जय माँ कामाख्या,,, 🌺🌺🌺🌺🌺🌻🌻
*सदगुरु बता रहे है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है, वहीं चेतना हमारे शरीर में जन्मत: मौजूद है और जब बाहर जाती है तो उसे हम भौतिक जगत में मृत्यु कहते है, चेतना का जाना और आना यह भवचक्र में हम सारे मानव प्राणी हमारे कर्म सिद्धांत से आटके हुए है, जो इस श्रृंखला को तोड़ता है वह भाव चक्र से मुक्त होता है..! यह भगवान बुद्ध का कर्म सिद्धांत है,.! Cause and effect है, जो भगवान बुद्ध ने भारतीय समाज को एक मार्ग दिखाया था २५०० साल पहले जिसे इस बुद्ध की धरती से नतदृष्ट लोगों ने नष्ट करवाया है..! इतिहास साजध है। वासुदेव जी ने जो यह पूरी बात बताई वह भगवान बुद्ध के प्रज्ञा पारमिता सूत्र में बताई गई है.. जो हर इंसान को बुद्धत्व की ओर ले जाने में सक्षम है..!* *सब का मंगल हो..!* *नमो बुद्धाय..!!*
पाँच तत्वों को पंचमहाभूत कहते हैं । भुतो को भगवान समझना महामुर्खता कीं निशानी हैं । तत्वों को शुद्ध बनाने के पहले स्वयं के अंदर के गंदे विचारों को शुद्ध करने की जरूरत हैं । माँस ,मदीरा और काम वासना पर विजय प्राप्त करना हीं श्रेष्ठ पुरूषार्थ हैं ।
सनातन धर्म का सनातन ज्ञान संसार को बताने के लिए तांत्रिक नगरी कामरूप देश की ओर से आपको हार्दिक धन्यवाद,, प्रणाम,, 🌺🌺🌻🌺🙏जय तांत्रिक नगरी,, 🌺🌺🙏जय माँ कामाख्या,,
*भगवान का अर्थ : मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थों* *(भ = भूमि , ग = गर्मी , व = वायु , न = नीर) से निर्मित हैं।* (नास्तिक दर्शन में, आकाश को तत्व नहीं माना जाता है।) परिकल्पना के अनुसार, भगवान शब्द का स्त्रीलिंग भगवती है। भगवान को ईश्वरतुल्य माना गया है इसीलिए इस शब्द को ईश्वर, परमात्मा या परमेश्वर के रूप में भी उपयोग किया जाता है। लेकिन, यह उचित नहीं है। आपने भगत या भक्त शब्द भी सुना होगा। भगवान, *सगुण* और *साकार* (Made of Matter) होता है और ईश्वर, *निर्गुण* और *निराकार* (Made of Energy/Knowledge) होता है। *भगवान (संस्कृत : भगवत्) सन्धि विच्छेद :* भ्+अ+ग्+अ+व्+आ+न्+अ *भ* = भूमि *अ* = अग्नि/आग *ग* = गगन *वा* = वायु *न* = नीर (आस्तिक दर्शन में, आकाश को भी तत्व माना जाता है।) लेकिन... वास्तविक दर्शन में, वैज्ञानिकों के अनुसार, 118 तत्व हैं और मानव शरीर 26 तत्वों से मिलकर बना है। जिसमें से केवल 11 तत्व ही प्रमुखता में हैं। लेकिन, 4 तत्व ही अधिकता (96%) में हैं। जैसे : ऑक्सीजन (65%), कार्बन (18%), हाइड्रोजन (10%), नाइट्रोजन (3%) कैल्शियम (1.5%) और फास्फोरस (1%) को छोड़कर। वर्ना, ऐसे कुल 6 ही तत्व हैं जो मानव शरीर में 1% से ज्यादा हैं। विज्ञान के नियमों के अनुसार, पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि... तत्व नहीं यौगिक (Compound) हैं, प्रक्रिया (Reaction) हैं। 📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎 *भगवान* गुणवाचक (Qualitative) शब्द है। जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह *संस्कृत* भाषा के "भग" धातु से बना है, भग का अर्थ है : आयु, बल, बुद्धि, विद्या, ऐश्वर्य और शांति का सम्मिलित स्वरूप। जिसके पास ये 6 गुण हैं, वह भगवान (God) है। (वान = धारणकर्त्ता।) *पाली* भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं : तोड़ना; और वान का अर्थ है : तृष्णा। अर्थात, जो तृष्णाओं (राग, द्वेष और मोह) के धारणाओं को तोड़ चुका हो या भाव में पुनः आने की आशा को भंग कर चुका हो या भावनाओं से परे होकर जिसकी यात्रा शुरु हो, उसे ही भगवान कहा जाता है। *नोट :* उपरोक्त भगवान का शाब्दिक अर्थ संस्कृत भाषा के व्याकरण (संधि विच्छेद) के आधार पर शुद्ध नहीं है। लेकिन, तर्क और तथ्य पर आधारित है।
Bhai bodh tak pahuchna hota hai vo bhi guru ke sanidhya me (saccha guru) sab baaten aapke bhitar hai ... Bas use janana hota hai lekin itna asan nahi hai ... Sadguru ek Aatmgyani manav hai... Vo manviy prakriti ke pare hai (bhautik sharir chhodke) Muze bhi ye khojne ki lalsa hai aur me use karunga lekin sahi samay ka intjar hai...Sadguru gyan ke bhandar hai aur sacche guru bhi..🙏🙏🙏
💐सद्गुरु आपके चरण वन्दन है, क्या आपने मुझे पहचाना ... बताइयेगा । मेरा एक प्रश्न है क्या जल के बल पल जीवन बिताया जा सकता है ....? मैं ईश्वर और गुरु दोनो की कृपा का अनुभव करता हूं ... आज 7 दिन बीत गया भोजन किये हुए, किन्तु जल का सेवन कर रहा हूं ....💐
कुछ लोग कहते है, " भग्वान देख रहा है, हम तो सनातन है भाई, हम तो कभी मिट नही सकते हैं!! " ! मै भगवान के वचनो को बुरा नहीं बोल रहा हूँ किन्तु 5000 साल पुराने आदर्शो को लेकर आप आजके जेहादियो से नही लढ सक्ते!! तब वो आदर्श इसलिए बनाये गये थे क्योंकि तब समाज भी आदर्श था.. लेकिन जब समाज भीड तंत्र मै रूपान्तरित हो गया हो तब इन् आदर्शो को किनारे रख्ना होगा... आजके अफ़्घानिस्तान से लेकर Malaysia, Combdia तक फ़ैले थे.. 1000 साल मै अपना घर भी बचा नहीं पा रहे और कह्ते है कि "पूरा विश्व हमारा घर है " एसे मूर्खो पर तो हमे गुस्सा आता है... "शस्त्रेण रक्षिते राष्टरे, शास्त्र चर्चा प्रवर्तते " शस्त्र और शास्त्र दोनो चलेन्गे 🚩 फिर से तुम 1000 साल बाद आत्मरक्षा छोड़ भजन करने में लग गये , तो अब येह अवसर पुनः आपको नहीं मिलेगा!!! अपितु हिंदू जागो!! भगवान भी अर्जुन के साथ इसि कारण खडे हुए थे क्योंकि उसके भी मन मै यही प्रश्न थे की शस्त्र उठाउ या भगवान भरोसे छोड़ दु.. लेकिन इश्वर को पूरी गीता का ग्यान देना पडा उसे सम्झाने हेतु .आप कब समझोगे???🚩🚩🙏🙏🌺
Agastya 777 5000 saal pehle ke aadarsh se ham har shatru ko hara sakte hain lekin samasya ye hai ki hum un aadarshon ko ya to bhool chuke hain aur ya fir sirf unki baat karte hain jeevan mein nahin apnaate.
आपने कुरुक्षेत्र रामधारीसिंह दिनकर रास्ट्रकवि का लिखा पढ़ा है ।क्षमा,दया,तप त्याग,मनोबल योगियों के धर्म है । गीता में कृष्ण कहते हैं सभी ज्ञानी सन्यासी हो जांय तो समाज क्या होगा । और एक बात भाई । हमारे कोई भी देवता देवी अस्त्र शस्त्र के बिना नहीं है ।हमारे आदर्श राम सदा ही तीर धनुष के साथ दिखे ।हिन्दू ने धर्म follow करना छोड़ दिया वही हिन्दू कायर हो गया ।
तांत्रिक नगरी में माँ कपाल भैरवी के दर्शन और सत्संग का सौभाग्य प्राप्त हुआ था वायु तत्व की सिद्धि थीं उनके पास कई बार ध्यान के दौरान वे जमीन कई फिट ऊपर हवा में उठ जाती थी,, ऐसे सिद्ध योगियों को कोटि कोटि प्रणाम,, जय तांत्रिक नगरी,, जय माँ कामाख्या,,, 🌺🌺🌺🌺🌺🌻🌻
😳
सद्गुर आप से बहोत कुछ सिक रहा हू कुछ आत्मसात भी करणे की कोशीष कर राहा हू
जय गुरुदेव जी आपका मार्गदर्शन आज के युग मे हर व्यक्ति विशेष के लिए हर मायने में महत्वपूर्ण है। 👏👏👏👏👏🌺🌺🌺🌺🌺
Sadguru Ji aap every question ka reply day deta ha. No matter question kis field ka ho. You are intelligent like God Ganesha. Jai Bharat
वैज्ञानिक सभ्यता की ओर जाता विश्व समाज 👌👍
हर हर महादेव 🚩🚩🚩
🙏 प्रणाम सद्गुरू जी 🙏
*सदगुरु बता रहे है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है, वहीं चेतना हमारे शरीर में जन्मत: मौजूद है और जब बाहर जाती है तो उसे हम भौतिक जगत में मृत्यु कहते है, चेतना का जाना और आना यह भवचक्र में हम सारे मानव प्राणी हमारे कर्म सिद्धांत से आटके हुए है, जो इस श्रृंखला को तोड़ता है वह भाव चक्र से मुक्त होता है..! यह भगवान बुद्ध का कर्म सिद्धांत है,.! Cause and effect है, जो भगवान बुद्ध ने भारतीय समाज को एक मार्ग दिखाया था २५०० साल पहले जिसे इस बुद्ध की धरती से नतदृष्ट लोगों ने नष्ट करवाया है..! इतिहास साजध है। वासुदेव जी ने जो यह पूरी बात बताई वह भगवान बुद्ध के प्रज्ञा पारमिता सूत्र में बताई गई है.. जो हर इंसान को बुद्धत्व की ओर ले जाने में सक्षम है..!*
*सब का मंगल हो..!*
*नमो बुद्धाय..!!*
Par Buddha n toh sirf 4 elements k astitva ko hi apnaya h n?
पाँच तत्वों को पंचमहाभूत कहते हैं । भुतो को भगवान समझना महामुर्खता कीं निशानी हैं । तत्वों को शुद्ध बनाने के पहले स्वयं के अंदर के गंदे विचारों को शुद्ध करने की जरूरत हैं ।
माँस ,मदीरा और काम वासना पर विजय प्राप्त करना हीं श्रेष्ठ पुरूषार्थ हैं ।
Kalyug mein aap jaise mahan yogi aaj ki peedhi ko prerit karti hai🙏🕉️
सच्चाई का सागर हे सद्गुरु
Satguru ji parnam🙏 mera ap k charno me sat sat naman hai🙏🙏.. thank you mujhe acchha margdarshan karne k liye ..u are my inspiration🙏🙏🙏
Aapke jaisa koi or nahi Sadguru, aap mahan hai....
सनातन धर्म का सनातन ज्ञान संसार को बताने के लिए तांत्रिक नगरी कामरूप देश की ओर से आपको हार्दिक धन्यवाद,, प्रणाम,, 🌺🌺🌻🌺🙏जय तांत्रिक नगरी,, 🌺🌺🙏जय माँ कामाख्या,,
jai bhawani 🙏🙏
A TRUE YOGI SINCE I FOLLWING YOU!!!!!!!
Recently learn and Practicing for last three days 🙏🏻💐
We are blessed Sadhguru.
Har har Mahadev🙏
Right India me app Jese guru o khuda hamesha app Ko Ashe rakhe...
*भगवान का अर्थ : मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थों*
*(भ = भूमि , ग = गर्मी , व = वायु , न = नीर) से निर्मित हैं।*
(नास्तिक दर्शन में, आकाश को तत्व नहीं माना जाता है।)
परिकल्पना के अनुसार,
भगवान शब्द का स्त्रीलिंग भगवती है। भगवान को ईश्वरतुल्य माना गया है इसीलिए इस शब्द को ईश्वर, परमात्मा या परमेश्वर के रूप में भी उपयोग किया जाता है। लेकिन, यह उचित नहीं है। आपने भगत या भक्त शब्द भी सुना होगा।
भगवान, *सगुण* और *साकार* (Made of Matter) होता है और ईश्वर, *निर्गुण* और *निराकार* (Made of Energy/Knowledge) होता है।
*भगवान (संस्कृत : भगवत्) सन्धि विच्छेद :* भ्+अ+ग्+अ+व्+आ+न्+अ
*भ* = भूमि
*अ* = अग्नि/आग
*ग* = गगन
*वा* = वायु
*न* = नीर
(आस्तिक दर्शन में, आकाश को भी तत्व माना जाता है।)
लेकिन...
वास्तविक दर्शन में,
वैज्ञानिकों के अनुसार, 118 तत्व हैं और मानव शरीर 26 तत्वों से मिलकर बना है। जिसमें से केवल 11 तत्व ही प्रमुखता में हैं। लेकिन, 4 तत्व ही अधिकता (96%) में हैं।
जैसे : ऑक्सीजन (65%), कार्बन (18%), हाइड्रोजन (10%), नाइट्रोजन (3%)
कैल्शियम (1.5%) और फास्फोरस (1%) को छोड़कर।
वर्ना, ऐसे कुल 6 ही तत्व हैं जो मानव शरीर में 1% से ज्यादा हैं।
विज्ञान के नियमों के अनुसार, पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि... तत्व नहीं यौगिक (Compound) हैं, प्रक्रिया (Reaction) हैं।
📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎📎
*भगवान* गुणवाचक (Qualitative) शब्द है। जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह *संस्कृत* भाषा के "भग" धातु से बना है, भग का अर्थ है : आयु, बल, बुद्धि, विद्या, ऐश्वर्य और शांति का सम्मिलित स्वरूप। जिसके पास ये 6 गुण हैं, वह भगवान (God) है। (वान = धारणकर्त्ता।)
*पाली* भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं : तोड़ना; और वान का अर्थ है : तृष्णा। अर्थात, जो तृष्णाओं (राग, द्वेष और मोह) के धारणाओं को तोड़ चुका हो या भाव में पुनः आने की आशा को भंग कर चुका हो या भावनाओं से परे होकर जिसकी यात्रा शुरु हो, उसे ही भगवान कहा जाता है।
*नोट :* उपरोक्त भगवान का शाब्दिक अर्थ संस्कृत भाषा के व्याकरण (संधि विच्छेद) के आधार पर शुद्ध नहीं है। लेकिन, तर्क और तथ्य पर आधारित है।
गर्म और गर्मी शब्द उर्दू है मूर्ख
@@chanchaln10 chutiye pura pd
🙏🙏🙏🙏🙏
Sivohamm🥰🥰🥰
Bhagwan~ bh-agni
Ag-agn
W- wayu
A-akash
N- neer
Sadhguru❤
Sadguru aapko sastang pranam
A merical true and perfect words thanks
Yes i am ca 65 yrs and feel any physical things but hungry of god realisation by 18 yrs
नमन सदगुरु देव जी।
Namaskaram sadguru you are great
सद्गुरु काे काेटी काेटी प्रणाम 🙏🙏
Namaskaram Sadhguru ji 🙏🙏
koti koti parnam sadhguru🙇🙇🌷🌷🌻🌻🌹🌹
Guru dav ko Mara kote kote pranam
Please put videos on how to activate all chakras step by step. I am eagerly waiting!!!
Guruji aap sabhi topic ke baare itna detail se bta paate h...wo kese possible h ek normal person ke liye...kripya iske baare me bhi btaye
It is because he is an enlightened being .
Bhai bodh tak pahuchna hota hai vo bhi guru ke sanidhya me (saccha guru) sab baaten aapke bhitar hai ... Bas use janana hota hai lekin itna asan nahi hai ... Sadguru ek Aatmgyani manav hai... Vo manviy prakriti ke pare hai (bhautik sharir chhodke)
Muze bhi ye khojne ki lalsa hai aur me use karunga lekin sahi samay ka intjar hai...Sadguru gyan ke bhandar hai aur sacche guru bhi..🙏🙏🙏
Sahi hai .
Please bataye guruji
Yeh sab atmgyan ke karan hai
Reading 11Thousands Books
♥️ sadguruji hmari pidhi bhot kismat wali hai Jo ap hmare samay me ho apko koti koti Naman hai 🙏
Sadguru aapke pravachan lagatar sunte hi jaye bas aisa man karta ha....🙏
Pranaam sadguru
Congratulations for 3M
सदगुरु जी महाराज पृणाम
💐सद्गुरु आपके चरण वन्दन है, क्या आपने मुझे पहचाना ... बताइयेगा । मेरा एक प्रश्न है क्या जल के बल पल जीवन बिताया जा सकता है ....? मैं ईश्वर और गुरु दोनो की कृपा का अनुभव करता हूं ... आज 7 दिन बीत गया भोजन किये हुए, किन्तु जल का सेवन कर रहा हूं ....💐
Bhai Kaise kar rhe ho ap
Abhinay Seth May God give you more strength 🙏🙏
Kesa Anubahav ho raha hai ??
Aap q kst kr rhe antrik khushhali pe kam kre sarir ko kst ja de bhai
U r Great Guru
Great! Typical concepts are made so clear ..
what a great translator 👌
Your knowledge is amazing guruji
You are truly sadhguru
Always Great!!! Kya jabardast clarity hai...
Jai shri mahakal
HarHarMahadev...
Parnam pujay sadguru g
Nice video sadhguruji
Namaste satguru
Sadhguru 🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿
Satguru ji Pranam aapne Jo teen Shabd vala Jab bataya tha Mann se dar Naam ki chij khatm Ho Jaati Hai
Bahut sundar
Jai ho Mahakal Ujjain G ke
Five elements 💪🏿
Thank you so much for this video ❤
Great logic, pronam shadhguruji 🙏❤
Naskarm sadguru ham aapse bhut pyar karte hai
Bahat bahat dhanyabad guruji
Shubhratri
Namaskar Sadguru
Sadhguruve namo Namah
Gurudev aap bhart ke mhan sant h
Shat shat naman guru ji 😊😊🙏🙏⛳⛳
Guru ji pranam
Love you Guru Dev
Aap kaha se ho
Thanks sadguru ji apne mere abhyas mein ek Disha dilane hetu.
It's always pleasure to listen guru ji
Jai guru dev ji
अति सुन्दर रहे 🌹🌹🙏
🙏🙏🙏🌹🌹🌹......Pranam.......🌹🌹🌹🙏🙏🙏
नमः शिवाय
सद्गुरु 🥀🙏🥀
Pranam
🔘 *Simple & beautiful things* 💞🤗
🕉️ *Thank you sadhguru* 🙏
Sadhguru ,we are in my sons Dr.Ajay k.pokale Mbbs,annual function ,give blessings
A nice and true jai gurudev
Namskarm sadguruu jiiiiiiii
🙏🏾🙏🏾🙏🏾Sadhguru 🙏🏾🙏🏾
This is the best
Har ek shabd gyaan kitna nichod nichod kr bhara hai...Dhanya he maharpurush...
Sundar
Hari OM Swami
प्रणाम सद्गुरु 🙏🙏🙏
Wow its very nice
So nice
Om namah shivaye
Om Namah Shivay
Help us to reach the state to adapt good sleep 😴
Sadhguru shiv
I love guru ji
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💚धन्यवाद बाबा
Thanks 🙏 ghruvar
सद्गुरु मतलब शिव
U r ŁEGËND 🔥
Thank you..
Most welcome 😊
Pername guru ji
ॐॐॐ
Very nice. Sir
Jai bhole
Wow awesome
Bahut accha video..... Nice one
Lop u sadguru..
M kaddu se pare chale ja
कुछ लोग कहते है, " भग्वान देख रहा है, हम तो सनातन है भाई, हम तो कभी मिट नही सकते हैं!! " ! मै भगवान के वचनो को बुरा नहीं बोल रहा हूँ किन्तु 5000 साल पुराने आदर्शो को लेकर आप आजके जेहादियो से नही लढ सक्ते!!
तब वो आदर्श इसलिए बनाये गये थे क्योंकि तब समाज भी आदर्श था.. लेकिन जब समाज भीड तंत्र मै रूपान्तरित हो गया हो तब इन् आदर्शो को किनारे रख्ना होगा...
आजके अफ़्घानिस्तान से लेकर Malaysia, Combdia तक फ़ैले थे.. 1000 साल मै अपना घर भी बचा नहीं पा रहे और कह्ते है कि "पूरा विश्व हमारा घर है " एसे मूर्खो पर तो हमे गुस्सा आता है...
"शस्त्रेण रक्षिते राष्टरे, शास्त्र चर्चा प्रवर्तते "
शस्त्र और शास्त्र दोनो चलेन्गे 🚩
फिर से तुम 1000 साल बाद आत्मरक्षा छोड़ भजन करने में लग गये , तो अब येह अवसर पुनः आपको नहीं मिलेगा!!! अपितु हिंदू जागो!! भगवान भी अर्जुन के साथ इसि कारण खडे हुए थे क्योंकि उसके भी मन मै यही प्रश्न थे की शस्त्र उठाउ या भगवान भरोसे छोड़ दु.. लेकिन इश्वर को पूरी गीता का ग्यान देना पडा उसे सम्झाने हेतु
.आप कब समझोगे???🚩🚩🙏🙏🌺
नमन है आपके विचारों को
प्रणाम।
Jai vedic sanatan hindu dharam ki
Agastya 777 5000 saal pehle ke aadarsh se ham har shatru ko hara sakte hain lekin samasya ye hai ki hum un aadarshon ko ya to bhool chuke hain aur ya fir sirf unki baat karte hain jeevan mein nahin apnaate.
Roook ja n yr......kuchhh nhi rakha is jehad m....Bhajan kr ...or yad kr uppr wale n
आपने कुरुक्षेत्र रामधारीसिंह दिनकर रास्ट्रकवि का लिखा पढ़ा है ।क्षमा,दया,तप त्याग,मनोबल योगियों के धर्म है ।
गीता में कृष्ण कहते हैं सभी ज्ञानी सन्यासी हो जांय तो समाज क्या होगा ।
और एक बात भाई ।
हमारे कोई भी देवता देवी अस्त्र शस्त्र के बिना नहीं है ।हमारे आदर्श राम सदा ही तीर धनुष के साथ दिखे ।हिन्दू ने धर्म follow करना छोड़ दिया वही हिन्दू कायर हो गया ।
Bhut suddhi kese kare or jankari chahiye..saral tarike jo gharpe kar sake
Power chea.gruji