आदिवासियों को पूरे सम्मान के साथ उनकी पारंपरिक तरीके, रीति रिवाज़ को कायम रखते हुए, उन्हें जंगल, पहाड़ और नदियों को सौंप कर उनको खुश रखिए, जबरदस्ती उनपर कोई आधुनिक सभ्यता मत थोपिए। ये हमारे आदिवासी भाई ही भारत के असली निवासी है। मैं अब सत्य जान गया हूं इसलिए मैं अपने आदिवासी भाई बहनों की दिल से इज्ज़त करने लगा हूं।
मैं बस्तर के सभी पत्रकारों को धन्यवाद देता हूं कि आप लोग पत्रकार केवल नहीं है साथ में समाज सेवा भी करते हैं और नक्सली ग़लत नहीं होते हैं जो छोटे छोटे पद में है उन लोग सच्चाई के लिए लड़ते हैं लेकिन जो बड़े बड़े नक्सली नेता हैं उन लोग हमारे देश के गदर नेता के साथ मिले हुए हैं मैं सब जनता हूं 🇮🇳❤️🙏
@@teerathsahu520 : kyon bhole banne ki koshish kar rahe ho? Kiska vikas karna chahte? Kyon nahi unhe apne viswas me lete ho? Bus aapke ander doglapan n ho. Apni jubaan ke saath vafadaar hon!
बस्तर में पला बढ़ा हूं बस्तर की बेहतर समझ विकसित नागरिको के समकक्ष खड़ा करती है।सामुदायिक विकास एवम श्रेष्ठ उत्तरदायित्व पूर्ण पत्रकारिता को प्रणाम,, बस्तर में विकास का दौर चल रहा है। लेकिन जंगल जमीन और जड़ के साथ होगी तभी स्थानीयता विकसित होगी।
सभी आदिवासी समाज को हार्दिक अभिनंदन आप भारत के भाग्य विधाता है आपका जंगल आपका ही रहेगा आप तब तक शिक्षा से वंचित है विकास नही होगा आप तक हर सुविधा उपलब्ध नही होगी आपको राशन पानी के लिए 40 किलोमीटर दूर पैदल चलकर कोई बिमार हो जाए तो समय पर इलाज नही मिलने दम तोड देते आपके हक पैसा नेता लोग खा जाते आपका हल आपके पास हे हम भी सरकार भी कुछ नही कर सकती जनता की अदालत मै आपकी मागे हमे सड़क नही चाहिए पुल नही चाहिए पत्रकार टीम को धन्यवाद आपने साहस किया उनको छुड़ाया छोडने वालो को भी नये भारत के निर्माण मे आप सहभागी बने ये सब आपका ही तो हे
use pakruti se lagav nahi ke badi badi imarato se our sarkar kabhi inko jungle nikal sakti h kyuki vaha bahut matra me khanij he. vikas ke naam gujarat me statue of unity bana diya our sub adivasi ko begar kar diya he. is liye inko pata hamra sathe gov vikas ke naam sub kuch chin sakti he is liye ye log vikas nahi chahte
Toh phir unhe na hi Mobile internet road train electricity aur jo kuch bhi adhunik hai unka labh nhi lena chhaiyeh Par yeh nhi samjhege ki waqt ke sath badlna hi parta hai
यही सच्ची पत्रकारिता है क्योंकि ऐ पत्रकार भाई जमिन पर है यानी कि जंगल में होकर साक्षात मृत्यु से सामणा करणा पड़ेगा इस हालात से यही पत्रकार भाई खबर निकालतें है इसके लिए ईन सबका आभार व्यक्त करते हैं धन्यवाद 🙏
Sir बहुत बहुत धन्यवाद जो आप आदिवासियों की सच्ची घटनाओं को बताते है India में आयशा कोई मीडिया चैनल नही जो आदिवासी की बात करता हो आपकी मीडिया जैसा कोई मीडिया नही और जो आपकी बोलने की जो कला है सयाद किसी किसी में होती है।
इंसानियत ही धर्म है इंसान का,धन्यवाद इंजीनियर साहब को छोड़ने के लिए ,और सभी का धन्यवाद जिन्होंने इस rahat कार्य में सहयोग दिया,शांत सुखी बस्तर की प्रार्थना करता हूं,किसी को भी नुकसान हो,नुकसान तो अपने ही देश का है,किसी को भी चोट लगे,लगती तो अपनी ही भाई को है,वनांचल वाले भी अपने ही भाई हैं
Vo log alg hi hai kinke sath ladi ladni ho unke sath lde hamre papa ne kya kiya tha un loge ne mar diya ashe bekshur logo ko mara hai in lago ne Gadchiroli me aao tb pata chle ga
बहुत अच्छी खबर और पत्रकार साथियों का कम दिल से धन्यवाद बेगुनाह की रिहाई के लिए। आप लोगों के वजह से एक निर्दोष भाई इन ठेकेदारों और नापाक इरादे वाले बस्तर के विकास के नाम पे जो मलाई खा रहे हैं के हाथो बली नहीं दी गई, आदिवासियों के नाम का पैसा खा कर कुछ लोग उन्हें ही गुमराह करने में लगे हैं एक अपील है ऐसे लोगों को बेनकाब जरूर करें।
नक्सली पुलिस वालो की तरह हर किसी को प्रताड़ित नही करता है। दरिंदे पुलिस वालों को नक्सली से सीखना चाहिए कितने सम्मान जनक रखते हैं। नक्सली हमारे भाई बहन है वे मजबूरन हथियार उठाया है । लाल सलाम 💪💪💪
Are bhai tu bhi jis pet ko pall rai ho usiko laat marraiho jis thali pe sarkari roj rooti kharahai usi talli pe thuk marraiho Kiss baap se paidha hua re tu
@@Sharma.2022 मुस्लिम को सलाम अलिकुम, हिन्दुओं को जय श्री राम बंगाली को नोमस्कार कहना गलत नही है तो नक्सली को लाल सलाम कहना गलत कहां है? दो दिन पहले का ही बात है मेरे यहां से लगभग 11km दूर एक गांव मे धान काट रहे पिता को खाना पहुंचाने जा रहे किशोरी को crpf के तीन जवानों ने बुरी तरह प्राईवेट पार्ट पर हाथ लगाकर दुर्व्यवहार किया बीच बचाओ करने आयी मां को मार पीट किया। गांव मे पूरा ग्रामीण महिलाओ मे डर सहम है। जब crpf कोई देखकर जब भगते है तो उन्हे नक्सली बता कर और मारपीट कर जेल भेजा जा रहा है। क्या यह सही है यदि गलत है क्यों उसके ऊपर कारवाई नही हो रही है। जब हमलोग ऐसे सच्चाई को प्रकट करते हैं तो आप जैसे चमचागिरी लोगो को मिर्ची लगती है। जब आपके बहन बेटी के साथ ऐसा करेगा तभी ऐहसास होगा। एक महिने के लिए आपके परिवार वाले इधर लाइए खाना-पीना सब हमलोग देंगे देखिए क्या होता है। क्या आप भी शोषक है?
पुलिस किसी को परेशान नही करती नक्सली विकास में बाधा पहुचा रहे है सुदूर अंचल में निवास करने वाले आदिवासी हो या किसी सामान्य वर्ग का सरकार भलाई चाहती है हर सुविधा मिले यह सरकार की सोच और मंशा है
जंगल पर आदिवासियों का साडा हक है।लेकिन विकाश उनलोग तक भी पहुंचना चाहिए।इनको भी शिक्षित होना चाहिए।हत्या जैसी बाते बंद होनी चाहिए।आदिवासी बहुत ईमानदार और भोले होते हैं,लेकिन नक्सली लोग है उन्हे भी अपना रास्ता बदलना चाहिए।
किसी का भी माँग हो.... हसदेव का जंगल सुना हैं क्या हश्र हुआ हैं...... शहर मे मे बैठ के चिमटी ना काँटों.... खनिज सिर्फ नेताओं और बड़े बड़े उद्योग पतियों को लाभार्थी हैं जनता आज भी वहीं पड़ा हैं जाकर देख ले हसदेव 😥😥
आदिवासी समाज की परम्परा और उनके निवास स्थान पहाड़ और जंगल में आने जाने के अधिकार और जंगल के उत्पाद को इस्तेमाल करने के अधिकार को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। ।
Main bhi adiwasi hoon par meri vichardhara aisa nahi hai darasal ye log bharat ko andar se kamzor karna chahte hain adivasi bas mohra hai iske piche chin ka hath hai wo inhe fund karta hai ye baat naxal khud bole hain wo chahta nahi ki india me development ho lekin directlt involved na hokar yahan ke kuch corrupt logon ka sath le rahe hain jharkhand me bhi ek leader tha party ka dinesh gope wo adivasi to tha nahi phir use kya dikkat thi
इसकी जगह अगर हम होते तो बोलते कि भैया हमको हमेशा 🌳🌺हर हर महादेव☘️के🌴 लिए यही रहने दो, 🌳कितना सुंदर स्थान🙏 है, हम हमेशा ऐसे ही जगह पर रहना चाहते हैं, जंगलों का संरक्षण बहुत जरूरी है इसके लिए जिस हद तक जाना पड़ेगा जाओ आज से हम भी सपोर्ट करेंगे🙏
सरकार का काम है हर एक गाव मे नागरिक को सुविधा देना ,रास्ते निर्माण करना, पाणी का सुविधा उपलब्ध करना , आरोग्यसुविधा देना , और ये लोग इस विकास सुविधा को ही विरोध कर रहे है अजीब और चिंताजनक बात है
दरअसल सड़क बनेगी तो पुलिस का आना जाना रहेगा जिससे माओवादीयों को नुकसान है, जँगल बचेगा तो माओवादीयों को छुपने की जगह के लिए फायदेमंद रहेगा। ग्रामीणों को लगता भी है कि सड़क बनना चाहिये तो भी बोल नही सकते, देश कहां पहुंच गया और यहां विकास नही चाहिए ऐसा नही होता, यदि ये लोग लिख पढ़ लिये तो सही और गलत की पहचान करेंगे और यही चीज माओवादी नही चाहते। चलो मान भी लिया कि लोग सड़क, स्कूल, दवाखाना, नही चाहते लेकिन ये लोग क्या माओवादियों के साथ दिलसे रहना चाहते हैं ? ये सब माओवादियों के डर के आगे कुछ नही बोल पाते, सच्चाई ये भी है कि सरकार और सरकार के मुलाज़िमों ने चाहे वो पुलिस हो, वन विभाग हो या अन्य सरकारी विभाग हो, ग्रामीणों के दिल में वो जगह ही नही बना पाये, जिससे ये लगे कि सरकार जनता की हितैषी है। जनता दोनों तरफ से पिसी जा रही है।
@@maheshdhurve9190🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻,एक दिन आदिवासी समाज का खुद का सुरज निकलेगा,जंगल का देवता सिंघबोगा फिर दहाड़ेगा, बिरसा मुंडा जी का पुनर्जन्म होगा,लाल सलाम जिन्दाबाद जिन्दाबाद जिंदाबाद
सर जी आप की रिपोर्टिंग तो बहुत अच्छी है लेकिन बिना रोड और बिना पुलिया का विकास कैसे हो सकता है हमारे आदिवासी भाइयों को जागरूक होना होगा शिक्षा पर ध्यान देना होगा सरकार और माओवादी इस चीज का फायदा उठा रहे हैं 🙏
Kalpana shakti ka boht abhav hai iss desh mei; road banake tere sheher mei kya unnati aayi hai re? Basti vasi, ashrayhin log, jaha dekho. Har koi paycheck to paycheck jeeta rehta, dhue aur gandegi mei
Mujhe lgta h bhai ye log isi halat me rahena chahte h .aur jungle ko barbad nhi karna chahte .agar aisa h to sarkar ko inhe aise hi jeene Dena chahiye .pareshan. na kre
भारत के सभी वर्ग यहा के नागरिक हैं सबका अधिकार है थोड़ी दिनो की जिंदगी है हम सब इंसानो की पर बड़ा दुख होता है ये देख सुन कर कुछ गलतफहमी से हमारे भाइयों ने शस्त्र उठा लिया है और इतना संघर्ष भरा जीवन जी रहे हैं। सरकार को समाजसेवी संस्थाओ को कुछ ऐसा रास्ता निकाले की यह सब संघर्ष समाप्त हो , सब लोग शांति और प्रेम से जीवन जिये । 🙏
Aap ko patrakar hone ke Nate bahut bahut badhai aap new new nesw late rahiye bastard ka or bastard ke Sadi washiyon ko aap samjhaiye ga Kya sahi h Kya Galt h oh log padhe like nhi h isliye vikash ke bare me nhi jante Kya sahi ho Raha h Kya Galt usko aap log samjhaiye or aaj ki duniya kitna aage h badh gya usje bare me bastard ke Sadi washiyon ko pata nhi h
सीधा साधा होना आदिवासियों का अच्छा गुण हैं मगर बिना शिक्षा के बिना स्कूल के बिना स्वास्थ्य के यह आदिवासी कहां तक आगे बढ़ पाएंगे । लेकिन बदलाव सुरू हो गया है भारत देश के प्रथम नागरिक आदिवासी राष्ट्रपिता महिला, आदिवासी मुख्यमंत्री l और यह सिर्फ शिक्षा से संभव हो सकता है।
Sabhi news channel valo ko dil se dhanyawad, jinhone manawata k rishto ko nibhaya h, ummid h age bhi aise hi kary karte rahe, thanks All of your News channel
वहा के नोजवानों को जंगल से निकाल कर बाहर काम करने के लिए भेज दिया जाए । जब तक बाहर का दुनिया से रुबरु नहीं होंगे कुछ नहीं समझेंगे । गांव में रहकर नहीं होगा । कुछ कुछ नौजवानों को निकाल ना ही पड़ेगा । तभी सुधरेगा
अपना kutta वाला दिमाग अपने पास रखो Sarkar तो यही चाहती है कि आदिवासी जंगल छोड़ शहर चले जाय 5000 से 8000 हजार जॉब करने और फिर पूंजीपति को पूरा जंगल दे दिया जाय फिर होगा जंगल का katayi, खनन का काम और करोड़ो का कमायी कर सके पूंजीपति. और इसीलिए आदिवासी रोड नहीं चाहते क्योंकि रोड विकास नहीं आदिवासियों का विनाश लाता है
RODE नहीं होगा तो लोग कैसे ठीक तरह जातायत करेंगे । रास्ता से जुड़ना जरूरी है । ❤❤❤ । बस्तर के लोगों को सभी सुबिधा उपलब्ध करने के लिए ROAD की जरूरत है ।❤❤❤❤ बस्तर के लोग जागो ।
@@GONDILANGUAGEहमारे यहाँ भी कई आदिवासी लोग काम करते हैं। आपके अनुसार उन्हें निकाल देना चाहिए?क्या हम आपके यहां जाकर काम कर सकते हैं?सरकारी नौकरी में हमे छुट नहीं मिलती पर आदिवासी लोगों को मिलती है।हम तो आदिवासी को आपना भाइ मानते हैं। फिर आप लोग इतने मानसिकता इतना घटिया कैसे हुई? आगर लिखने में कोई गलती हुई है तो माफ़ कर देना, मुझे हिन्दि ठीक से आती नही।
Bastar Junction the tyrant government doesn't build road for development of Adivasis but for looting their land for ambani Adani and this is not only in Bastar but also all over India. It's in West Bengal also. The government isn't for Adivasis and please don't take the adibasi people and their demand as taken for granted. They are the real protector of Jal Jangal Jamin. Support their struggle.
Are bhai Indian constitution padho isme se ek bhi adikhar inlogo ko diya ho to bolna ....!!!!ek bhi nahi. Diya gov ne....lagu nahi kiya isliye ye sab ho raha hai
Ye reporting dekh ke dil khush hogaya, ye hai wo reporting jiske karan media ko loktantra ka 4th piller kahte hai. Halaki media democracy hi nahi balki samaj ke liye bhi ek piller hai.
नक्सलियों के डर के कारण सुविधा नही चाहिये सड़क नही चाहिये पुलिया नही चाहिये लेकिन डॉक्टर हॉस्पिटल के लिये तकलीफ उठाना पड़ता है बच्चो को बाहर पढ़ने जाना पड़ता है
मैं छत्तीसगढ़ उत्तरपूर्व से हूँ । हमारे तरफ दो घटना हुआ जहाँ तक याद है नक्सलियों से संबंधित । १ - एक राजपरिवार कई गाँववालों को अपने यहाँ बेरोजगारी काम करवाता था कहते हैं आराम करने का मौका तक नहीं देता था ।आश्चर्य की बात ये है कि आजादी मिलने के बाद भी ये होता था २०-३० साल पहले की बात है । तो नक्सलियों ने रात को उनके घर आकर उसके राजपुतघराने के मुखिया को चीर डाला और हिदायत दे दी कि गाँववालों से ऐसा न करे । पहले तो ये आदमी भाग जाता था पर इस बार पकड़ा गया । २ ये मेरे गाँव में हुआ है । मेरे ही पंचायत वाले जो आदिवासी नहीं हैं हमारे गाँव के बगल के जंगल में आते थे काटने रहने जमीन हड़पने ।हर साल आते थे पर भगा देते थे ।कई सालों तक ये लड़ाई चली ,अबकी बार वे आके घर बनाने लगे । हमारे गाँव के बुजुर्गों ने कई बार जंगल विभाग वालों से फैसला करवाया पर भी नहीं मानें । तब जंगल विभाग वालों ने बुजुर्गों को कहा कि ये हम नहीं कर पायेंगे नक्सलियों को बुलाओ । तब उन्होंने साथ मिलके नक्सलियों को बुलाया और ऐसे ही पंचायती हुई । हड़पने वालों में से कुछ लोगों ने पुलिस को बता दिया कि नक्सलियों का आना हो रहा है । हड़पने वाले,मेरे गाँववाले,जंगल विभाग वाले ,नक्सली सब ईकट्ठे हुए । उनका कमांडर खड़ा हुआ और हड़पने वालों को डांटने लगा तब उसने पुलिस को सूचना देनेवालों को पीटना शुरू किया इतना पीटा कि क्या कहें । सब को समझा के चले गये ।तब से नहीं आयें हैं । नक्सली भले ही बुरे हैं कानूनी तौर पे पर कई बार ऐसे काम करके अच्छा काम भी किया है । खैर हड़पने वाले तब से नहीं आये न ही नक्सली ।
भाई, कुछ भी हो, इंजीनियर भी एकदम शांत और मासूम जैसा है, जो एक ग्रामीण आदिवासी समाज से है। परिवार भी कितना सभ्य लग रहा है, ऐसे को अग़वा न करो, बड़े लोगो को नेता मंत्री को अग़वा करो।
Aapko mai asli baat batata Hoon ye kidnapping kisi politician ke kahane per hui thi Kynoki engineer sahab road ko approval nahin de rahe the kynoki road bahut kharab bani thi ya galat tarike se ban rahi thi aur Sara paisa politician or thekedar kha rahe the isiliye engineer saahab par pressure banane ke liye usko kidnap karaya gaya tha
@@VinayYadav-kw3pl are bhai villagers ki maang pe bhi nazar dalo contractor ko direct hit list me rakha hai to kya khak road banega naxals koi bhi development nahi chahte vaha unki apni sarkar chalti hai most of the villagers also support them
नक्सली बनते कैसे है , ये कभी नहीं सोचा सरकार ने, कही न कही वे सिस्टम और कानून से सताए होते है, तभी लोग ज्वाइन करते है, कही न कही उन लोगो के हक और अधिकार का हनन होता है,तभी इस तरह कठोर कदम उठाते है
रोड नही बनेगा तो कभी कोई बीमारी से खत्म हो जाते है तो यह किसकी जिम्मेदारी रहेगी छोटे छोटे बच्चे खत्म हो जाते है समय पर उनको टिका नही लग पाता है न ही ईलाज मिल पाता है रोड नही होने के कारण कोई जा नही पाते हैं कुछ होता है तो कोन जिम्मेदार रहेगा
Patkar sir ji m apki hr news dekhta hu aap dil se hr trp ki sachaai logo tk late h ❤salut sir apko m apne trp se khaunga ki govt ko education ki niti basatsr ki androni gaon tk phucha h ki nhi dhyn dena chahiye....
आपकी पत्रकारिता उत्कृष्ट है no doubt but bastar में नक्सली खून और पिछड़ापन और मुदभेड़ के अलावा बहुत कुछ है जिसे आप बहुत अच्छे से हाई लाइट कर सकते हो जिससे बस्तर छवि विश्व पटल पर बदल सके।
आदिवासी कल्चर अगर अछूता रहना चाहता है तो उनकी बात मान लेना चाहिये पर वह ऐसी मांगे क्यों कर रहे हैं आधुनिकता से उनको किस बात का डर है इस पर भी बिचार करना चाहिये उनका डर दूर करना चाहिये इनको संरक्षित ट्राइब का दर्जा देकर इनकी मूलभूत पारम्परिक जरुरतो मान्यताओ के साथ जीने का अधिकार सरकार को देना चाहिये
हमारे छग के आदिवासी लोग बहुत ही सरल और सीधे होते हैं उनको बस अपनी जिंदगी,परिवार और जंगल से मतलब है बस्तर के लोग भी आराम की जिंदगी चाहते हैं पर उन्हें डर है प्रशासन और माओवादियों का हमारे आदिवासी प्रशासन से इसलिए डरते हैं क्योंकि अगर गांव मे सड़क, बिजली,पानी आ जायेगा तो हमारी अधिकार खत्म हो जाएगा जंगल और जितने भी जीवन निर्वाह प्राकृतिक संसाधन हैं सब हड़प लेंगे मेरा मानना है ये बात काफी हद तक सही भी है दुसरा डर कभी.2 हमारे जवान राजनैतिक प्रेसर में फर्जी एनकाउंटर भी करते हैं जिससे बहुत से आदिवासी भाई फालतू में मारे जाते है और माओवादियों से इसलिए डरते हैं कहीं हम लोगों को भी अपने साथ न ले जाए करके रही बात आदिवासियों की सरकार कहती हैं आदिवासियों को आगे लायेंगे, शिक्षा देंगे ये बात सही है पर साहब जब जंगल ही नहीं रहेंगे,पेड़ नहीं रहेगा, प्रकृतिक संसाधन खत्म हो जाएगा तो कैसे चलेगा जिंदगी सब संसाधन पर सरकार काबजा कर लेंगे फिर उसका प्राइवेटाइजेशन कर देंगे फिर वहां कोई आदिवासियों को नौकरी नहीं मिलेगा सब काम विदेशी मशीन से होगा पुरा चुस लेंगे फिर अमीर ब्राह्मण और बनीया देश का पैसा लेके विदेश भाग जायेंगे गरीब और गरीब हो जाएगा और अमीर और अमीर जैसे आजादी से पहले अंग्रेजों ने जो किया अब यही काम हमारे देश के सरकार और नेता लोग कर रहे है देश में आदिवासीयों का कोई सुनने वाला नहीं है इसलिए माओवादियों का सहयोग करते हैं और कोई चारा भी नहीं है जागो भारत जागो छत्तीसगढ़ जागो आदिवासी और नवजवान अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखो नहीं तो हो जाओगे बर्बाद.... जय भारत जय छत्तीसगढ़ जय जवान जय किसान जय संविधान जय आदिवासी सेवा जोहर 🙏
हमें तो 30 साल बाद आदिवासियों का अस्तित्व मिटता हुआ। नजर आ रहा है । 30 साल के बाद जो भी आदिवासी परिवार बचेंगे उनमें से अधिकांश परिवारों में आदिवासियों का गुण ( जैसे- रीति - रिवाज , बोली , परंपरा, संस्कृति आदि ) देखने को नहीं मिलेगी और वे सिर्फ कागज में ही आदिवासी होने के प्रमाण देंगे ।
एक देश एक कानून ही लागू होना चाहिये वन वासियों को शिक्षा दें उनको मुख्य धारा में जोड़ें वनवासियों को उद्धोगपतियों का गुलाम बनाने बाली गतिविधियों पर रोक लगायें
ठेकेदार के माध्यम से कार्य होने से लोगो को रोजगार नहीं मिल पाता है और पूरा पैसे ठेकेदार के jeb में चला जाता है, शायद ये कहना चाह रहे h, वैसे भी इनकम के बहुत कम संसाधन होते हैं ग्रामीण अंचल में। लेकिन विकास जरूरी है,शिक्षा जरूरी है, स्वास्थ्य संसाधन जरूरी है,तभी तरक्की संभव है।
आदिवासियों को पूरे सम्मान के साथ उनकी पारंपरिक तरीके, रीति रिवाज़ को कायम रखते हुए, उन्हें जंगल, पहाड़ और नदियों को सौंप कर उनको खुश रखिए, जबरदस्ती उनपर कोई आधुनिक सभ्यता मत थोपिए। ये हमारे आदिवासी भाई ही भारत के असली निवासी है। मैं अब सत्य जान गया हूं इसलिए मैं अपने आदिवासी भाई बहनों की दिल से इज्ज़त करने लगा हूं।
तो भैया जी आप भी विदेशी हैं।
@@mandasmanikpuri1318 ....saab thoda iske baare me khulke janna chahta hu... please 🙏💐
भूमाफिया, पूंजीपतियों,पुलिस,नेताओं के गठजोड़ से लड़ने वाले आदिवासी ही नक्सली है,ये कोई चोर,डाकू जेबकतरे नही है
@@mandasmanikpuri1318 me
matlab trum apne bap ki najayaz aulad ho in naksaliyo ki tarah
मैं बस्तर के सभी पत्रकारों को धन्यवाद देता हूं कि आप लोग पत्रकार केवल नहीं है साथ में समाज सेवा भी करते हैं और नक्सली ग़लत नहीं होते हैं जो छोटे छोटे पद में है उन लोग सच्चाई के लिए लड़ते हैं लेकिन जो बड़े बड़े नक्सली नेता हैं उन लोग हमारे देश के गदर नेता के साथ मिले हुए हैं मैं सब जनता हूं 🇮🇳❤️🙏
विकास के नाम पर आदिवासियों के जल जंगल और ज़मीन से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए 🙏♥️
जैसे???
@@teerathsahu520 : kyon bhole banne ki koshish kar rahe ho? Kiska vikas karna chahte? Kyon nahi unhe apne viswas me lete ho? Bus aapke ander doglapan n ho. Apni jubaan ke saath vafadaar hon!
Mobile use mat karo jungle me raho
बस्तर में पला बढ़ा हूं बस्तर की बेहतर समझ विकसित नागरिको के समकक्ष खड़ा करती है।सामुदायिक विकास एवम श्रेष्ठ उत्तरदायित्व पूर्ण पत्रकारिता को प्रणाम,, बस्तर में विकास का दौर चल रहा है। लेकिन जंगल जमीन और जड़ के साथ होगी तभी स्थानीयता विकसित होगी।
मांगे ग्रामीणों की नहीं, नक्सलियों की है।
सभी आदिवासी समाज को हार्दिक अभिनंदन आप भारत के भाग्य विधाता है आपका जंगल आपका ही रहेगा आप तब तक शिक्षा से वंचित है विकास नही होगा आप तक हर सुविधा उपलब्ध नही होगी आपको राशन पानी के लिए 40 किलोमीटर दूर पैदल चलकर कोई बिमार हो जाए तो समय पर इलाज नही मिलने दम तोड देते आपके हक पैसा नेता लोग खा जाते आपका हल आपके पास हे हम भी सरकार भी कुछ नही कर सकती जनता की अदालत मै आपकी मागे हमे सड़क नही चाहिए पुल नही चाहिए पत्रकार टीम को धन्यवाद आपने साहस किया उनको छुड़ाया छोडने वालो को भी नये भारत के निर्माण मे आप सहभागी बने ये सब आपका ही तो हे
सिर्फ आदिवासियों को लूटने के लिए विकास की आड़ लेते हो।
ग्रामीण सबसे अच्छे लोग होते हैं। उन्हे वैसा ही विकास की जरूरत नहीं है जिससे जंगली और गांव का विनाश हो।
use pakruti se lagav nahi ke badi badi imarato se our sarkar kabhi inko jungle nikal sakti h kyuki vaha bahut matra me khanij he. vikas ke naam gujarat me statue of unity bana diya our sub adivasi ko begar kar diya he. is liye inko pata hamra sathe gov vikas ke naam sub kuch chin sakti he is liye ye log vikas nahi chahte
Toh phir unhe na hi
Mobile internet road train electricity aur jo kuch bhi adhunik hai unka labh nhi lena chhaiyeh
Par yeh nhi samjhege ki waqt ke sath badlna hi parta hai
आपको आईफोन एंड्रायड स्मार्टफोन मोबाइल चाहिए और उन्हें खाने रहने पहनने के लिए तरसते हैं। विदेशियों की नापाक मंसूबे को समझो
@@NITINKUMAR-wb5ux Prashn ganatantra ka hai, pragati har koi chaahta hai
Because they know that by this tactic they can rule so they don't want road hospital bridge
इंसानियत सिर्फ आदिवासी भाईयो के पास है आज वर्ना पूरी दुनिया कपट में है
100% sahi baat bole aapne
Ekdum sahi baat bole hain
Abe chutya....agar tere ko itna hi Gyan aaraha hai to tu hi jaake naxal ban ja
आदिवासी को जंगल मैं रहना पसंद है उने कुछ नही चाइये। हो अपने जीवन मैं ख़ुश है है सायद।
यही सच्ची पत्रकारिता है क्योंकि ऐ पत्रकार भाई जमिन पर है यानी कि जंगल में होकर साक्षात मृत्यु से सामणा करणा पड़ेगा इस हालात से यही पत्रकार भाई खबर निकालतें है इसके लिए ईन सबका आभार व्यक्त करते हैं धन्यवाद 🙏
आपका भी आभार🙏🏻
Sir
बहुत बहुत धन्यवाद जो आप आदिवासियों की सच्ची घटनाओं को बताते है
India में आयशा कोई मीडिया चैनल नही जो आदिवासी की बात करता हो
आपकी मीडिया जैसा कोई मीडिया नही और जो आपकी बोलने की जो कला है सयाद किसी किसी में होती है।
इंसानियत ही धर्म है इंसान का,धन्यवाद इंजीनियर साहब को छोड़ने के लिए ,और सभी का धन्यवाद जिन्होंने इस rahat कार्य में सहयोग दिया,शांत सुखी बस्तर की प्रार्थना करता हूं,किसी को भी नुकसान हो,नुकसान तो अपने ही देश का है,किसी को भी चोट लगे,लगती तो अपनी ही भाई को है,वनांचल वाले भी अपने ही भाई हैं
Vo log alg hi hai kinke sath ladi ladni ho unke sath lde hamre papa ne kya kiya tha un loge ne mar diya ashe bekshur logo ko mara hai in lago ne Gadchiroli me aao tb pata chle ga
बोहोत बोहोत साधुवाद आप सभी पत्रकार भाइयों का, माओवादी भाई भी समाज के ही लोग है, उनको भी समाज के मुख्य धारा में आकर देश का विकास में सहायक बने।
आदिवासी समाज बहुत इंसानियत पूर्ण समाज हैं
सरकार को चाहिए कि उन्हे शांति से रहने दें...
आदिवासी समाज को समाज के मुख्य धारा से जुड़ना पड़ेगा,, स्कूल शिक्षा कॉलेज यूनिवर्सिटी और विदेश भ्रमण..???
आलतू फालतू चीजों से दूर रहना होगा
Sahi kha aapne ye bhee nikaalo se peedit hai
100 %right
Sahi baat hai bro
शायद उनका कहना हैं जंगल प्रकृतिक पर्यावरण से छेंड़छाड़ ना करें,क्यूकि सड़क बनेगी तो उधोग लगेगा और जंगल कटेगी
बहुत अच्छी खबर और पत्रकार साथियों का कम दिल से धन्यवाद बेगुनाह की रिहाई के लिए। आप लोगों के वजह से एक निर्दोष भाई इन ठेकेदारों और नापाक इरादे वाले बस्तर के विकास के नाम पे जो मलाई खा रहे हैं के हाथो बली नहीं दी गई, आदिवासियों के नाम का पैसा खा कर कुछ लोग उन्हें ही गुमराह करने में लगे हैं एक अपील है ऐसे लोगों को बेनकाब जरूर करें।
बेहतरीन रिपोर्टिंग 👌👌, sir जी, दिल से धन्यवाद❤🙏🙏🙏
इंजीनियर को। छुड़ाने में आप सभी प्रत्रकारों बहुत अहम योगदान रहा
नक्सली पुलिस वालो की तरह हर किसी को प्रताड़ित नही करता है। दरिंदे पुलिस वालों को नक्सली से सीखना चाहिए कितने सम्मान जनक रखते हैं। नक्सली हमारे भाई बहन है वे मजबूरन हथियार उठाया है । लाल सलाम 💪💪💪
Are bhai tu bhi jis pet ko pall rai ho usiko laat marraiho
jis thali pe sarkari roj rooti kharahai usi talli pe thuk marraiho
Kiss baap se paidha hua re tu
क्या मजबूरी है ये सब भोले भाले आदिवासी जनता सब राजनीति का शिकार होते हैं,,
Apne lal salam kaha aap v naxali hai kiya waise mai v police walo se nafrat karta hun
@@Sharma.2022 मुस्लिम को सलाम अलिकुम, हिन्दुओं को जय श्री राम बंगाली को नोमस्कार कहना गलत नही है तो नक्सली को लाल सलाम कहना गलत कहां है? दो दिन पहले का ही बात है मेरे यहां से लगभग 11km दूर एक गांव मे धान काट रहे पिता को खाना पहुंचाने जा रहे किशोरी को crpf के तीन जवानों ने बुरी तरह प्राईवेट पार्ट पर हाथ लगाकर दुर्व्यवहार किया बीच बचाओ करने आयी मां को मार पीट किया। गांव मे पूरा ग्रामीण महिलाओ मे डर सहम है। जब crpf कोई देखकर जब भगते है तो उन्हे नक्सली बता कर और मारपीट कर जेल भेजा जा रहा है। क्या यह सही है यदि गलत है क्यों उसके ऊपर कारवाई नही हो रही है। जब हमलोग ऐसे सच्चाई को प्रकट करते हैं तो आप जैसे चमचागिरी लोगो को मिर्ची लगती है। जब आपके बहन बेटी के साथ ऐसा करेगा तभी ऐहसास होगा। एक महिने के लिए आपके परिवार वाले इधर लाइए खाना-पीना सब हमलोग देंगे देखिए क्या होता है। क्या आप भी शोषक है?
पुलिस किसी को परेशान नही करती नक्सली विकास में बाधा पहुचा रहे है सुदूर अंचल में निवास करने वाले आदिवासी हो या किसी सामान्य वर्ग का सरकार भलाई चाहती है हर सुविधा मिले यह सरकार की सोच और मंशा है
जंगल पर आदिवासियों का साडा हक है।लेकिन विकाश उनलोग तक भी पहुंचना चाहिए।इनको भी शिक्षित होना चाहिए।हत्या जैसी बाते बंद होनी चाहिए।आदिवासी बहुत ईमानदार और भोले होते हैं,लेकिन नक्सली लोग है उन्हे भी अपना रास्ता बदलना चाहिए।
बहुत सुंदर लिखे आपने धन्यवाद
ये नक्सलियों की मांग है गांव वालो की नही
किसी का भी माँग हो.... हसदेव का जंगल सुना हैं क्या हश्र हुआ हैं...... शहर मे मे बैठ के चिमटी ना काँटों.... खनिज सिर्फ नेताओं और बड़े बड़े उद्योग पतियों को लाभार्थी हैं जनता आज भी वहीं पड़ा हैं जाकर देख ले हसदेव 😥😥
सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी समाज को शिक्षा से जोड़ना होगा।
अशिक्षा के कारण ही लोग रास्ता भटक रहे हैं
100 present right sar
Jitna bada shikshit aadmi hai...wo utna Bada currupted v hai ..
IAS adhikari shiksha ka sarvochh level v isse achhuta NAHI hai
आदिवासी समाज की परम्परा और उनके निवास स्थान पहाड़ और जंगल में आने जाने के अधिकार और जंगल के उत्पाद को इस्तेमाल करने के अधिकार को सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
।
इनकी धर्मपत्नी बहुत बहादुर हैं।
Bilkul sahi kaha
Salute to engineer wife all journalist
सच्ची पत्रकारिता दिल से सलाम।
रोटी, कपडा, मकान, विकास और शिक्षा सभी को जरुरी हैं
नक्सली समस्या राजनीतिक हैं आदिवासी महान हैं हमारे पूर्वज आदिवासी थे भारत का मूलनिवासी आदिवासी हैं 🙂🙂🙂
You are right
Main bhi adiwasi hoon par meri vichardhara aisa nahi hai darasal ye log bharat ko andar se kamzor karna chahte hain adivasi bas mohra hai iske piche chin ka hath hai wo inhe fund karta hai ye baat naxal khud bole hain wo chahta nahi ki india me development ho lekin directlt involved na hokar yahan ke kuch corrupt logon ka sath le rahe hain jharkhand me bhi ek leader tha party ka dinesh gope wo adivasi to tha nahi phir use kya dikkat thi
इसकी जगह अगर हम होते तो बोलते कि भैया हमको हमेशा 🌳🌺हर हर महादेव☘️के🌴 लिए यही रहने दो, 🌳कितना सुंदर स्थान🙏 है, हम हमेशा ऐसे ही जगह पर रहना चाहते हैं, जंगलों का संरक्षण बहुत जरूरी है इसके लिए जिस हद तक जाना पड़ेगा जाओ आज से हम भी सपोर्ट करेंगे🙏
सरकार का काम है हर एक गाव मे नागरिक को सुविधा देना ,रास्ते निर्माण करना, पाणी का सुविधा उपलब्ध करना , आरोग्यसुविधा देना , और ये लोग इस विकास सुविधा को ही विरोध कर रहे है अजीब और चिंताजनक बात है
आप कहा से है महोदय
दरअसल सड़क बनेगी तो पुलिस का आना जाना रहेगा जिससे माओवादीयों को नुकसान है, जँगल बचेगा तो माओवादीयों को छुपने की जगह के लिए फायदेमंद रहेगा। ग्रामीणों को लगता भी है कि सड़क बनना चाहिये तो भी बोल नही सकते, देश कहां पहुंच गया और यहां विकास नही चाहिए ऐसा नही होता, यदि ये लोग लिख पढ़ लिये तो सही और गलत की पहचान करेंगे और यही चीज माओवादी नही चाहते। चलो मान भी लिया कि लोग सड़क, स्कूल, दवाखाना, नही चाहते लेकिन ये लोग क्या माओवादियों के साथ दिलसे रहना चाहते हैं ?
ये सब माओवादियों के डर के आगे कुछ नही बोल पाते, सच्चाई ये भी है कि सरकार और सरकार के मुलाज़िमों ने चाहे वो पुलिस हो, वन विभाग हो या अन्य सरकारी विभाग हो, ग्रामीणों के दिल में वो जगह ही नही बना पाये, जिससे ये लगे कि सरकार जनता की हितैषी है। जनता दोनों तरफ से पिसी जा रही है।
सरकार को चाहिए कि उनके विकास के लिए उन लोकल लोगों के द्वारा एवम् जो उन लोगों के बीच मान्य हों उनके जरिए कराए।
कहा से ही महोदय
@@sant_mandavi_750 apna shubhchintak samjho!
जोखिम भरी और चुनौतीपूर्ण पत्रकारिता को सलाम
भारत, पाकिस्तान बांग्लादेश के सभी जमीन, जंगल, नदी, पहाड़ पर सिर्फ आदिवासियों का ही हक है, लाल सलाम जिंदाबाद जिंदाबाद
Baaki sab ka koi adhikar nahi hai.
@@niranjansahu2816 मुसलमानों, ईसाई का तो कोई हक नही हैं
Gand me ghused rakha h sarkar ne lal salam 😅
लाल सलाम
@@maheshdhurve9190🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻,एक दिन आदिवासी समाज का खुद का सुरज निकलेगा,जंगल का देवता सिंघबोगा फिर दहाड़ेगा, बिरसा मुंडा जी का पुनर्जन्म होगा,लाल सलाम जिन्दाबाद जिन्दाबाद जिंदाबाद
आप तो पत्रकार नाही आप तो hiro....है.,असली....👌👌👌👍
सर जी आप की रिपोर्टिंग तो बहुत अच्छी है
लेकिन बिना रोड और बिना पुलिया का विकास कैसे हो सकता है
हमारे आदिवासी भाइयों को जागरूक होना होगा शिक्षा पर ध्यान देना होगा
सरकार और माओवादी इस चीज का फायदा उठा रहे हैं 🙏
ruclips.net/user/DsThakur9211 अति सुन्दर💯🇮🇳
Ekka ji aap sahi bola ... Aadivasi logo ko jagurug korena chahiye.
@@pranabjyotiboro thanks 🙏
@@DsThakur9211 thanks 🙏
@@muneswar72 you are right 👍🙏💐
शिक्षा हर क्षेत्र के लिए जरूरी है
पर यहा नही
शिक्षा वाहा पर पहले से मौजूद है जिसे गोटूल कहते है जहां गोंडी भाषा पड़ते हैं
Parivaar ke saath bane rahna or Umar bhar sabke saath khus rahna . Natural ko save rakhna sabko barabar samman Dene ke liye siksha jaruri nahi hai. 👏👏
@@tudu1225 har chiz k liye siksha jaruri hai bhai
@@vijaymandavi6364क्यो नही जरूरी है ।तुमको मिल गई है ना इसीलिए बोल रहे हो।
मैं जानता हूं की गरीबी में शिक्षा लेना कितना चुनौती पुर्ण होता। समझे मित्र
पत्रकार जी को दिल से जोहार
बस्तर के आदिवासियों को मेरा शत-शत नमन पत्रकार बंधुओ को मेरा सलाम कि आपने उनकी समस्याओं को सुना और दुनिया के सामने रखा यह रिपोर्टिंग काबिले तारीफ है🙏🙏
A तो naxli का नारा h,,,
वहा के लोगों की मजबूरी h डर का माहौल h
रोड बनेगा tabi तो सुविधा मिलेगा
Rod banega to jangal khatam
@@deerbalsahu3016 road aur school bnega to jungle nhi naxali khatm hoga
Aur sahar vale aake jameen
Kabja karenge bimari layenge
@@deerbalsahu3016 आप बस्तर निवासी हैं?
Kalpana shakti ka boht abhav hai iss desh mei; road banake tere sheher mei kya unnati aayi hai re? Basti vasi, ashrayhin log, jaha dekho. Har koi paycheck to paycheck jeeta rehta, dhue aur gandegi mei
सही बात है गांव में बाहरी लोगो का दखल बरदाश्त नही, विकास का तो पता नही जमीन जरूर नीलाम होगा।
😁😁 bhai thoda siksha ki jarurat hai. Tmhe
Mujhe lgta h bhai ye log isi halat me rahena chahte h .aur jungle ko barbad nhi karna chahte .agar aisa h to sarkar ko inhe aise hi jeene Dena chahiye .pareshan. na kre
भारत के सभी वर्ग यहा के नागरिक हैं सबका अधिकार है थोड़ी दिनो की जिंदगी है हम सब इंसानो की पर बड़ा दुख होता है ये देख सुन कर कुछ गलतफहमी से हमारे भाइयों ने शस्त्र उठा लिया है और इतना संघर्ष भरा जीवन जी रहे हैं। सरकार को समाजसेवी संस्थाओ को कुछ ऐसा रास्ता निकाले की यह सब संघर्ष समाप्त हो , सब लोग शांति और प्रेम से जीवन जिये । 🙏
Kya tumne afwah kha
इसे कहते हैं असली पत्रकारिता,
Aap ko patrakar hone ke Nate bahut bahut badhai aap new new nesw late rahiye bastard ka or bastard ke Sadi washiyon ko aap samjhaiye ga Kya sahi h Kya Galt h oh log padhe like nhi h isliye vikash ke bare me nhi jante Kya sahi ho Raha h Kya Galt usko aap log samjhaiye or aaj ki duniya kitna aage h badh gya usje bare me bastard ke Sadi washiyon ko pata nhi h
Aap bahut Katre Jagah bhi Jaate Ho Sir bahut Achcha reporting hai
पत्रकार साहब की बोलते हुए मुस्कुराने की कला अद्भुत है
Aap logo ki patrakarita ...Dil me chaap chod jaati h❤️
आप भाई इंडिया में रहते हैं यहां पर कोई किसी को भी कहीं भी कुछ भी बोल सकता है यहां कुछ भी बोलने की आजादी है
सीधा साधा होना आदिवासियों का अच्छा गुण हैं
मगर बिना शिक्षा के बिना स्कूल के बिना स्वास्थ्य के यह आदिवासी कहां तक आगे बढ़ पाएंगे । लेकिन बदलाव सुरू हो गया है
भारत देश के प्रथम नागरिक आदिवासी राष्ट्रपिता महिला, आदिवासी मुख्यमंत्री l
और यह सिर्फ शिक्षा से संभव हो सकता है।
Sabhi news channel valo ko dil se dhanyawad, jinhone manawata k rishto ko nibhaya h, ummid h age bhi aise hi kary karte rahe, thanks All of your News channel
वहा के नोजवानों को जंगल से निकाल कर बाहर काम करने के लिए भेज दिया जाए । जब तक बाहर का दुनिया से रुबरु नहीं होंगे कुछ नहीं समझेंगे । गांव में रहकर नहीं होगा । कुछ कुछ नौजवानों को निकाल ना ही पड़ेगा । तभी सुधरेगा
अपना kutta वाला दिमाग अपने पास रखो Sarkar तो यही चाहती है कि आदिवासी जंगल छोड़ शहर चले जाय 5000 से 8000 हजार जॉब करने और फिर पूंजीपति को पूरा जंगल दे दिया जाय फिर होगा जंगल का katayi, खनन का काम और करोड़ो का कमायी कर सके पूंजीपति.
और इसीलिए आदिवासी रोड नहीं चाहते क्योंकि रोड विकास नहीं आदिवासियों का विनाश लाता है
RODE नहीं होगा तो लोग कैसे ठीक तरह जातायत करेंगे । रास्ता से जुड़ना जरूरी है । ❤❤❤ । बस्तर के लोगों को सभी सुबिधा उपलब्ध करने के लिए ROAD की जरूरत है ।❤❤❤❤
बस्तर के लोग जागो ।
Bhai fir sarkar jungle katva kr ye sari jameen Neelam kr degi paise Wale logo ko ye bhi to h
इनके लिए भी सरकार को शिक्षा अस्पताल रोजगार घर की व्यवस्था करनी चाहिए।समाज की मुख्य धारा में इनको लाना चाहिए।
Good journalism.. keep on fighting for the betterment of the innocent people. Salute you 🙏
बकवास साले तुम लोग लेवि लेता है। महीना भत्ता साले लेकर ज्ञान बांट रहे हो।
ईमानदार पत्रकारिता💐💐💐
पत्रकार साथियों को हृदय तल से धन्यवाद❤❤❤
रोड से नक्सलवादियो की बहुत फटती है ,,,अनपढ़ जनता को बहकाना बंद करो,,,,, CRPF बहुत अच्छा काम कर रही है ,,,,जय हिंद 😊😊👍👌👌
भाई फिर काले विदेशी सरकार से कह दो की, जल, जंगल और जमीन से खिलवाड़ ना करे। यह हमारी पुरखाओं की धरती है।
@@GONDILANGUAGEहमारे यहाँ भी कई आदिवासी लोग काम करते हैं। आपके अनुसार उन्हें निकाल देना चाहिए?क्या हम आपके यहां जाकर काम कर सकते हैं?सरकारी नौकरी में हमे छुट नहीं मिलती पर आदिवासी लोगों को मिलती है।हम तो आदिवासी को आपना भाइ मानते हैं। फिर आप लोग इतने मानसिकता इतना घटिया कैसे हुई? आगर लिखने में कोई गलती हुई है तो माफ़ कर देना, मुझे हिन्दि ठीक से आती नही।
पत्रकार भाइयों को बहुत बहुत धन्यवाद
आप पत्रकार महोदय जी बहुत अच्छा कोशिश कर रहे हैं ।। लेकिन इन मूर्खो को कैसे समझ आएगा
रोड उद्योग विकास रोजगार हॉस्पिटल स्कूल आम आदमी के लिए सभी जरूरी को पूरा करना होगा, सरकार फुल फोर्स के साथ विकास की गंगा बहाएं
Good job. Real journalism is being done by these guys. Bringing real change in society. Saving lives. Hats off to your selfless service.
Super
ये तो जंगल की बात है भाईयौ ठेकेदार शहरमे सरकारी बजट खाजाते है।
जय जौहार जय आदिवासी जय प्रकृति🏹🏹🏹
पत्रकारो को साधुवाद
Bastar Junction the tyrant government doesn't build road for development of Adivasis but for looting their land for ambani Adani and this is not only in Bastar but also all over India. It's in West Bengal also. The government isn't for Adivasis and please don't take the adibasi people and their demand as taken for granted. They are the real protector of Jal Jangal Jamin. Support their struggle.
Based!
नक्सलियों के डर से ऐ साहब झूठ बोल रहा है नक्सलियों ने बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया होगा मैं इस भाई के दर्द को समझ रहा हूँ
china ne maa chod rakhi hai india ki army ki pehle 1962 me aur abb arunachal pardesh me
जब सच्चाई जानना हो तो एक बार बस्तर जाके कुछ महीने रह लो।
पता चल जायेगा
ये ग्रामीण नही नक्सली है।कोई साधारण ग्रामीण किसी की हत्या की मांग नही करता है नक्सली है।
Snhi bol rhe aap
Inki vyvsta jane Bina koi comment mat karo ...ye log aapne aadhikaro mang kar rahe hai
Are bhai Indian constitution padho isme se ek bhi adikhar inlogo ko diya ho to bolna ....!!!!ek bhi nahi. Diya gov ne....lagu nahi kiya isliye ye sab ho raha hai
Bhut hi bdiya karya .....jiseee adiwasi ...pichde logo ki jo jamini star pe samasya hii wo logo tak sarkar tak pguch payega👍👍👍greet work
Excellent journalism done by you Namobudhay Jaibhim 👍🙏
शिक्षा की बहुत जरूरी है उन लोगों को पत्रकार भाई और सरकार द्वारा संचालित हो बहुत ईमानदार लोग हैं
धन्यवाद इन भाई को छोडने के लिए , लाल सलाम
Ye reporting dekh ke dil khush hogaya, ye hai wo reporting jiske karan media ko loktantra ka 4th piller kahte hai.
Halaki media democracy hi nahi balki samaj ke liye bhi ek piller hai.
Bohot sadgi hai aapke Reporting me...Subscribed😊
बहुत सुंदर पत्रकारिता किए हो भाई
नक्सलियों के डर के कारण सुविधा नही चाहिये सड़क नही चाहिये पुलिया नही चाहिये लेकिन डॉक्टर हॉस्पिटल के लिये तकलीफ उठाना पड़ता है बच्चो को बाहर पढ़ने जाना पड़ता है
मैं छत्तीसगढ़ उत्तरपूर्व से हूँ ।
हमारे तरफ दो घटना हुआ जहाँ तक याद है नक्सलियों से संबंधित ।
१ - एक राजपरिवार कई गाँववालों को अपने यहाँ बेरोजगारी काम करवाता था कहते हैं आराम करने का मौका तक नहीं देता था ।आश्चर्य की बात ये है कि आजादी मिलने के बाद भी ये होता था २०-३० साल पहले की बात है ।
तो नक्सलियों ने रात को उनके घर आकर उसके राजपुतघराने के मुखिया को चीर डाला और हिदायत दे दी कि गाँववालों से ऐसा न करे ।
पहले तो ये आदमी भाग जाता था पर इस बार पकड़ा गया ।
२ ये मेरे गाँव में हुआ है ।
मेरे ही पंचायत वाले जो आदिवासी नहीं हैं हमारे गाँव के बगल के जंगल में आते थे काटने रहने जमीन हड़पने ।हर साल आते थे पर भगा देते थे ।कई सालों तक ये लड़ाई चली ,अबकी बार वे आके घर बनाने लगे ।
हमारे गाँव के बुजुर्गों ने कई बार जंगल विभाग वालों से फैसला करवाया पर भी नहीं मानें ।
तब जंगल विभाग वालों ने बुजुर्गों को कहा कि ये हम नहीं कर पायेंगे नक्सलियों को बुलाओ ।
तब उन्होंने साथ मिलके नक्सलियों को बुलाया और ऐसे ही पंचायती हुई ।
हड़पने वालों में से कुछ लोगों ने पुलिस को बता दिया कि नक्सलियों का आना हो रहा है ।
हड़पने वाले,मेरे गाँववाले,जंगल विभाग वाले ,नक्सली सब ईकट्ठे हुए ।
उनका कमांडर खड़ा हुआ और हड़पने वालों को डांटने लगा तब उसने पुलिस को सूचना देनेवालों को पीटना शुरू किया इतना पीटा कि क्या कहें ।
सब को समझा के चले गये ।तब से नहीं आयें हैं ।
नक्सली भले ही बुरे हैं कानूनी तौर पे पर कई बार ऐसे काम करके अच्छा काम भी किया है ।
खैर हड़पने वाले तब से नहीं आये न ही नक्सली ।
जबर्दस्त आप की पत्रकारिता है ऐसी पत्रकारिता होना चाहिए
जबर्दस्त आप की पत्रकारिता है ऐसी पत्रकारिता होना चाहिए
हमें भी कभी बस्तर क्षेत्र घुमा दीजिए ऐसी जगह हम भी घूमना चाहते हैं
भाई, कुछ भी हो, इंजीनियर भी एकदम शांत और मासूम जैसा है, जो एक ग्रामीण आदिवासी समाज से है। परिवार भी कितना सभ्य लग रहा है,
ऐसे को अग़वा न करो, बड़े लोगो को नेता मंत्री को अग़वा करो।
Sahi kah rahe ho bhai ....
Aapko mai asli baat batata Hoon ye kidnapping kisi politician ke kahane per hui thi Kynoki engineer sahab road ko approval nahin de rahe the kynoki road bahut kharab bani thi ya galat tarike se ban rahi thi aur Sara paisa politician or thekedar kha rahe the isiliye engineer saahab par pressure banane ke liye usko kidnap karaya gaya tha
@@VinayYadav-kw3pl are bhai villagers ki maang pe bhi nazar dalo contractor ko direct hit list me rakha hai to kya khak road banega naxals koi bhi development nahi chahte vaha unki apni sarkar chalti hai most of the villagers also support them
@@VinayYadav-kw3pl .... OMG 😳🤔....kya ho raha hai mere Hindustan me 🙏💐
पत्रकार यांचे अभिनंदन🎉🎊
Salute hai sir aap sabhi ko is kaam ke liye 🙏🙏🙏🙏
नक्सली बनते कैसे है , ये कभी नहीं सोचा सरकार ने, कही न कही वे सिस्टम और कानून से सताए होते है, तभी लोग ज्वाइन करते है, कही न कही उन लोगो के हक और अधिकार का हनन होता है,तभी इस तरह कठोर कदम उठाते है
जय सेवा। सेवा जोहार
शिक्षा से साधन साधन से शिक्षा जिसकी आज के ज़माने में इंसान का सुखद जीवन जीने का साधन बनता है जो हर इंसान का मुल अधिकार है
रोड नही बनेगा तो कभी कोई बीमारी से खत्म हो जाते है तो यह किसकी जिम्मेदारी रहेगी छोटे छोटे बच्चे खत्म हो जाते है समय पर उनको टिका नही लग पाता है न ही ईलाज मिल पाता है रोड नही होने के कारण कोई जा नही पाते हैं कुछ होता है तो कोन जिम्मेदार रहेगा
सरकार को चाहिए कि जनभावनाओं को भी महत्व दे उनकी समस्याएं सुने उनको लाभकारी योजनाओं से अवगत कराएं
Patkar sir ji m apki hr news dekhta hu aap dil se hr trp ki sachaai logo tk late h ❤salut sir apko m apne trp se khaunga ki govt ko education ki niti basatsr ki androni gaon tk phucha h ki nhi dhyn dena chahiye....
Bhai...great job...
Jitne mange h..sbhi mange gaon walo ki ni maovadiyo ki lgti...aur red shirt wale bhai ki activity khatarnak lg rhi h...
आपकी पत्रकारिता उत्कृष्ट है no doubt but bastar में नक्सली खून और पिछड़ापन और मुदभेड़ के अलावा बहुत कुछ है जिसे आप बहुत अच्छे से हाई लाइट कर सकते हो जिससे बस्तर छवि विश्व पटल पर बदल सके।
Aap jaise patrakaro ko dhanya baad bhai
Let them live the way they like. Don't interfere in their lieves :
इन लोगो को अपने हिसाब से जीवन जीने दिया जय
और सरकारी सुविधा दिया जय साथ में स्कूल पहले दिया जय धीरे धीरे मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जाय
She is a great woman😍
Bastar junction.....and all reporters.... Dhanyawad...👍🙏💐 Aap ko jo bhi bhala bura bolega wo thik nahi hai....🙏💐
आदिवासी कल्चर अगर अछूता रहना चाहता है
तो उनकी बात मान लेना चाहिये
पर वह ऐसी मांगे क्यों कर रहे हैं
आधुनिकता से उनको किस बात का डर है
इस पर भी बिचार करना चाहिये
उनका डर दूर करना चाहिये
इनको संरक्षित ट्राइब का दर्जा देकर इनकी मूलभूत पारम्परिक जरुरतो मान्यताओ के साथ जीने का अधिकार सरकार को देना चाहिये
Nahi degi sarkar, sarkar pujivaadio ki hai. Janata adhunikta chahti hai
Par pujivaadi vikas do dhaari talwaar hai
नमन आप सभी के जज्बे को।
जंगल को बर्बाद करना बंद करो यह धरोहर है हमारी यहां के लोग हमारे धरोहर हैं इनकी रक्षा करना इनको सम्मान से अपना जीवन जीने देने का पूरा अधिकार है
Aap jese patrkar ko dil se salam he
हमारे छग के आदिवासी लोग बहुत ही सरल और सीधे होते हैं उनको बस अपनी जिंदगी,परिवार और जंगल से मतलब है बस्तर के लोग भी आराम की जिंदगी चाहते हैं पर उन्हें डर है प्रशासन और माओवादियों का हमारे आदिवासी प्रशासन से इसलिए डरते हैं क्योंकि अगर गांव मे सड़क, बिजली,पानी आ जायेगा तो हमारी अधिकार खत्म हो जाएगा जंगल और जितने भी जीवन निर्वाह प्राकृतिक संसाधन हैं सब हड़प लेंगे मेरा मानना है ये बात काफी हद तक सही भी है दुसरा डर कभी.2 हमारे जवान राजनैतिक प्रेसर में फर्जी एनकाउंटर भी करते हैं जिससे बहुत से आदिवासी भाई फालतू में मारे जाते है और माओवादियों से इसलिए डरते हैं कहीं हम लोगों को भी अपने साथ न ले जाए करके रही बात आदिवासियों की सरकार कहती हैं आदिवासियों को आगे लायेंगे, शिक्षा देंगे ये बात सही है पर साहब जब जंगल ही नहीं रहेंगे,पेड़ नहीं रहेगा, प्रकृतिक संसाधन खत्म हो जाएगा तो कैसे चलेगा जिंदगी सब संसाधन पर सरकार काबजा कर लेंगे फिर उसका प्राइवेटाइजेशन कर देंगे फिर वहां कोई आदिवासियों को नौकरी नहीं मिलेगा सब काम विदेशी मशीन से होगा पुरा चुस लेंगे फिर अमीर ब्राह्मण और बनीया देश का पैसा लेके विदेश भाग जायेंगे गरीब और गरीब हो जाएगा और अमीर और अमीर जैसे आजादी से पहले अंग्रेजों ने जो किया अब यही काम हमारे देश के सरकार और नेता लोग कर रहे है
देश में आदिवासीयों का कोई सुनने वाला नहीं है इसलिए माओवादियों का सहयोग करते हैं और कोई चारा भी नहीं है
जागो भारत जागो छत्तीसगढ़ जागो आदिवासी और नवजवान अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखो नहीं तो हो जाओगे बर्बाद....
जय भारत जय छत्तीसगढ़
जय जवान जय किसान
जय संविधान
जय आदिवासी
सेवा जोहर 🙏
हमें तो 30 साल बाद आदिवासियों का अस्तित्व मिटता हुआ। नजर आ रहा है । 30 साल के बाद जो भी आदिवासी परिवार बचेंगे उनमें से अधिकांश परिवारों में आदिवासियों का गुण ( जैसे- रीति - रिवाज , बोली , परंपरा, संस्कृति आदि ) देखने को नहीं मिलेगी और वे सिर्फ कागज में ही आदिवासी होने के प्रमाण देंगे ।
एक देश एक कानून ही लागू होना चाहिये
वन वासियों को शिक्षा दें
उनको मुख्य धारा में जोड़ें
वनवासियों को उद्धोगपतियों का गुलाम बनाने बाली गतिविधियों पर रोक लगायें
ठेकेदार के माध्यम से कार्य होने से लोगो को रोजगार नहीं मिल पाता है और पूरा पैसे ठेकेदार के jeb में चला जाता है, शायद ये कहना चाह रहे h, वैसे भी इनकम के बहुत कम संसाधन होते हैं ग्रामीण अंचल में।
लेकिन विकास जरूरी है,शिक्षा जरूरी है, स्वास्थ्य संसाधन जरूरी है,तभी तरक्की संभव है।
Wakài bhaiya aap lo madatgar ho aur lakda bhai ki rihai k liye aap sabhi ka dhanyawad
हेलिकॉप्टर से सभी सामान पहुँचाने को बोलो सरकार को... सहज समाधान। ...! लेकिन नियत चाहिए होगी, और नेताओं के नियत के क्या कहने
बहुत बढ़िया पत्रकारिता
जब भी किसी के अधिकार और सम्मान को छीना जाता है तब क्रांति होती है।
Good reporting Chandrakar ji