उत्तराखंड के "भूतिया" गांवों का दर्द [Ghost villages of Uttarakhand: The specter of climate change]
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- Опубликовано: 20 ноя 2024
- #dwhindi #ecoindia #climatechange
उत्तराखंड में बीते कई साल से बड़े स्तर पर पलायन हो रहा है. एक हजार से ज्यादा "भूतिया" गांव इस पलायन की दर्दनाक तस्वीर दिखाते हैं. रोजगार और बेहतर जिंदगी की तलाश के अलावा मौसम का अप्रत्याशित मिजाज भी पलायन के बड़े कारणों में है. जलवायु परिवर्तन की वजह से हिमालय में बसे कई गांवों में अब जीवन लगभग नामुमकिन हो गया है. आने वाले दशकों में जलवायु प्रवासियों की तादाद में नाटकीय बढ़ोत्तरी होने की आशंका है.
Climate change is driving villagers in northern India to abandon their homes.
I am also from uttarakhand chamoli.
And I am happy ki aap logo ne migration ka mudda uthaya . thanks
Ye log migration ko jal wayu paribartan ka mudda bana rahay Hain...
DW is German national funded biased news maker to India for spreading negative and fake stories about India Internationally. Shame on German government for owning this DW news media. All Indians should boycott this channel and never give any comments for this channel.
जहाँ कोई नही पहुँचता वहाँ DW team पहुंचती है
Thanku so much Team DW
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद उत्तराखंड की समस्या को सामने लाने के लिए🙏
The problem is more economic than climate change for uttarakhand. Climate has always beeen harsh for Uttarakhand, people are used to it. The problems are lack of economic opportunities, lack of quality education and healthcare facilities that force us to migrate.
बिलकुल सही
DW cover a very serious issue.
These issues service lot of people how became uttrakhand.
The state of very beautiful place.
Thank you DW team
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@@cowubl This news are true because I am from uttrakhand and I know the problem .
Kitna dard bhara hota hai yar...
Jahan ham pale badhe hote hai...
Jahan khele hote hai...
Jahan hamara pura bachpan bita hua hota hai..
Apne mom dad ke sath..apne bhai bahenon ke sath..
Ussi jagah ko chhod kar dur chale jana...
Aur jab bhi ham return aate hai to bahut dukh hota hai..woh beete lamhe yad kar ke...
Kyunki ab woh din kabhi nahi aane ayenge...umar badhti jati hai...
Saal bitate jate hai...
Lekin ham situation ko change nahi kar pate..😥😥😥😭😭
बहुत सारे लोगों को लगता होगा कि उत्तराखंड के जो लोग हैं वह अपने पहाड़ को अपने समृद्ध भूमि को छोड़कर क्यों चले जातेदेखिए छोड़ना कोई नहीं चाहता है अपनी जन्मभूमि अपनी मातृभूमि को जहां हमने अपना बचपन जिया हो और जहां हमारे पूर्वजों ने अपना जीवन जिया हो छोड़ना मैं भी नहीं चाहता हूं अपने पहाड़ को लेकिन क्या कभी पहाड़ की एक समस्या का भी किसी ने हल किया हो तो मुझे बता सकते हो यहां कभी मौसम कभी जंगली जानवर और न जाने कितनी समस्याएं हैं जो हमें मजबूर कर देती है कि हम अपने इस स्वर्ग जैसी धरती को छोड़कर कहीं और घुट-घुट कर जिए। कई लोगों को यह साधारण लगता होगा लेकिन अपनी मातृभूमि से बिछड़ने का दुख केवल बिछड़ने वाला ही जानता है
Agar khud chor ker jaa rahe ho toh dusron ko wahan basne se kyun rokte ho, kyun mangte ho bhu qanoon
मैं भी एक उत्तराखण्डी हूं लेकिन मेरे अनुसार पलायन का रोना रोना एक अर्धसत्य हैं ।
उत्तराखंड का मानव संसाधन शहरों मैं जाकर खुद को 8-12 घंटे किसी और के सपने पूरा करने के लिए घिसता और रगड़ता हैं वह सिर्फ इसलिए क्योंकि वह नौकरी कर रहा है । और वही UP बिहार के लोगों ने उत्तराखंड अपनी जनसंख्या से भर दिया हैं खास कर एक विशेष समुदाय ने , वह सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें उत्तराखंड में नौकरी नहीं बिजनेस दिखता है और वह अपना मैदान छोड़कर पहाड़ों पर घुसे चले आ रहे हैं और यहां अपनी कोठी बंगले तैयार कर रहे हैं क्या उन्होंने भी बेरोजगारी के चलते अपने कोठी बंगले खड़े किए हैं ?
Phaadi bi Delhi NCR me aa rahe hai🔊
@@KSingh-b6t ha to tu kyu naraz ho ra hai .....!
Mere kehena ye hai ki Agar UK me berojgari hai to bihari or Katuwe idar itna jada pese kese bana rahe hai yaha to UK walo ke liye berojgari hai
सत्य है,, जिहादी एक दिन uk को भी दिल्ली का शाहीन बाग और सीलमपुर बना देंगे....
पहाड़ी कल भी कायर थे आगे भी कायर रहेंगे...
अपने निजी स्वार्थ के लिए सालो ने uk की पावन धरती को कंजरो और जिहादियों को बेक दी..अब वोही जिहादी इनका काल बन रहे है
पहले ही इन दलालों का मुर्दा मर जाता तो आज भी Uk नॉन क्राइम state के लिए दुनिया में जाना जाता...जैसे पहले जाना जाता था
Up bhihaar ke log appne yha rojgaar kre hmaare yha naa base
बिल्कुल सही । मैं युपी से हूं हमारे यहां से लोग काम कि तलाश में हरियाणा दिल्ली जा रहे हैं, और हरियाणा दिल्ली वाले हमारे यहां सरकारी दफ्तरों में भरे पङे हैं😂
मुझे भी कभी कभी गांव (उत्तराखंड)जाने मै भी रात को डर लगता है
आबादी यूं ही बढ़ती रही तो आने वाले समय में दुनिया का कोई भी कोना रहने लायक नहीं रह जायेगा। उसके बाद इंसान कहां जायेगा 😭😭😭😩
Insan ko nature khatm kr degi don't worry
बाद में इंसान नरक/दोजख ,स्वर्ग/जन्नत में जाएगा 🙏💐
Elon Musk ke naye grah pe ...
सिर्फ कुछ स्टेट की आबादी बढ़ रही है बाकी जनसंख्या वृद्धि दर 2.0 हे ये replacement से कम हे इसका मतलब आने वाले समय में आबादी अपने आप कम होती रहेगी
2050 तक दुनिया के अधिकतर देश घटती आबादी की समस्या से जूझ रहे होंगे जिनमे जापान कोरिया चाइना वियतनाम अमेरिका और यूरोप
Mars 🙂🙂😂
मैं उत्तराखंड से हूं और i love my uttarakhand
लेकिन govt इन गाँव पर कोई ध्यान ही नहीं देना चाहती अभी तक तो जो सिंचाई होती भी थी अब तो वो भी नहीं होगी सरकार सिंचाई विभाग के ही 35% इंजीनियर को कम कर रही है जबकि इसको large scale पर बढ़ाना चाहिए था govt के पास बहुमत है तो तानाशाही कर रही है तभी तो 22 साल के उत्तराखंड में 10 मुख्यमंत्री बन चुके हैं 🥺
Mene to asli bhut samj kar pura vedio dekh dala😂
😂😂😂
Mai bhi yar
Me 2🤣🤣🤣
😂😂😂
Mera bhi yhi hal hai
DW हिंदी 👍
Main to bhoot ki story sun ne aaya tha🙄🙄
Kya mast shedi lagaye DW channel 😂😂
I am also from Uttrakhand but we all have to think about seriously about the our climatic change
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plant peepal and bargad trees ......
Define - Spiritualism🙏🏻
Me - utrakhand😇
रोजगार मुख्य कारण है । जलवायु कारण नहीं है
बहुत दुःखद। 😢
कृपया भारतीय समाज और जलवायु परिवर्तन में और वीडियो बनाएं
I also Live in uttarakhand❤
अरे इसमें हैरानी की कोई बात नहीं एक जगह जिंदगी खत्म होती है तो दूसरी जगह बस जाएगी
Thodi research ki kmi reh gyi..but acha lga ki DW ne uttarakhand ke palayan k mudde ko uthaya..me bhi uttarakhand bse hun..
Aditi mam, aap ki har reporting bahot hi gyanbardhak hoti hai,
Thanks DW for highlighting the issue.
Me too, from uttrakhand❤️❤️
Appreciable efforts by DW...thank you
I m also from uttarakhand and in my childhood I live in village and nowadays I m in city for education but really I miss my village and there lifestyle but I don't know what can I do for that because all the facilities specially job aren't present there.
स्वाति दी आपकी आवाज़ सुन कर अच्छा हैं
Good information mam
भूत कुछ नहीं बस लोगों के भय को ही भूत बना दिया जाता है 😊😊
रोजगार और स्वास्थ्य प्रमुख कारण हैं पलायन के ।
Nature Hi Apna Ghar Hai 🙏
यहां के गाँवो के हाल..
ना स्कूल हैं..ना रोजगार..
अस्पताल सारे मैदानी क्षेत्रों में है..
ऊपर से आपदा का टेंशन है.. लोग पलायन क्यों ना करें..
जलवायु परिवर्तन ने सिर्फ गति को तेज किया है..
सच है जहां कोई नहीं रहता वहां भूत रहते हैं
हमारे घर के बगल में भी हॉन्टेड घर है 🤖🤖
Kaha
मैं आपकी सभी विडियो देखता हूँ। आपकी सभी विडीओ सबसे हटके होती है ओरज्ञानवर्धक होती है।
मेराआपसे एक निवेदन है कि आप दिल्ली ओर नोर्थ इंडिया में बढ़ते वायु प्रदूषण पर एक डिटेल विडीओ बनाये ओर आप उस विडीओ में इस बात का ध्यान ज़रूर रखे की दिल्ली में रोज़ लगभग 25 से 30 लाख यात्री आवागमन करते है ओर लाखों गाड़ियों को इस्तेमाल करते है अगर उनको अच्छी ट्रांसपोर्ट सूभिधा मिल जाये तो कितना प्रदूषण कम होगा।
उधारण - 30 से 100 km door se आने वाला यात्री मेट्रो यूज़ नही कर सकते मेट्रो का अभी इतना विस्तार नही हुआ है। 30km सफ़र को पूरा करने में 90 मिनट तक लगता ओर अभी मेरठ rrtc कोरिडोर बनने में टाइम लगेगा पर अभी एक उपाय है लोकल ट्रेन को अप्ग्रेड किया जाये सुभिधा दीं जाये हो सके तो यात्री किराया बढ़ाया जाये indan railway 60 km के लिये दैनिक यात्री से 1 महीने का सिर्फ़ 270rs leti है। रुपये कम तो सुभिधा भी कम 😢😢😢
Ham bhi uttarakhand se hi h palayan hamari majboori h 😞😞
हमें अक्षय ऊर्जा स्रोत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
Akshay kumar Kuch NAHI karega
भाई 😁 हमें बताएं कि यह अक्षय ऊर्जा स्रोत क्या है वरना हम अक्षय कुमार समझ रहे हैं 😁😁
Thnk uhh saint expedite for always helping me
Swati Ma'am we miss your ground reporting
Gjb 🙄
DW best news
sab delhi aa gaye !!
Han sab आ गए
DW 🙄
ऐसी लफ्फासी आप दिखाएंगे कभी सोचा नहीं था 😀
जहां कोई नहीं रहता वहा पर भूत रहते हैं
Jo aaj tak kisi ko nahi dikhe😂
Bhoot matlab bhootkaal means past jhaha koi nahi rahta waha logo ka past ki yade yani bhoot rahta hai
𝙔𝙚 𝙠𝙮𝙖 𝙗𝙖𝙠𝙖𝙞𝙩𝙞 𝙝𝙖𝙞 👀?
Matlb kuch bhiii🤣
Aaur drugs ka व्यापार करते hai
Unemployment is the major issue of India.
सच कहूँ हो marvel comics काल्पनिक ही सही पर Thanos सही था
काफी कुछ इस बारे में मनुष्य भी जिमेदार है, अन्यथा गावो की जिंदगी सबसे बढ़िया है...
repoter is so beautiful 😊😘😘😘
👍👍
Doing great work showing truth thanks
There is no channel like DW Hindi.
Very nice report 👍👍
Na jane kiski najar lag gayi hamre Uttarakhand Ko
Gaw sunshan ho Gaye hai...
Dil ander se dukhta hai
Koi toh youths ko pahado se bahar jane se rokne k bare me socho please......
❤️🙏
मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो देवो की भूमि उत्तराखंड से हु.....🙏
Thanks dw for covering this
Request u to also visit Pithoragarh, Dharchula for such village
To pevent climate change we need a mass movement.. yes ofcourse we can reverse it.. this is the reason for each country to get united and fight against this issue... we have great manpower we just have to concentrate it on this issue .. and work on different factors to reverse climate change.. we have our schools ,colleges , government servants, armies and most importantly this is the responsibility of each and every individual... governments should guide citizens to reverse climate change... 💯💯💯 💯💯💯💯
मुझे लग रहा है कि आने वाले दिनों में घरों में रहने वाले शायद न बचें.......
The Problem is More Economic in Uttarakhand!!
I'm also from UTTARAKHAND rudraprayag
Gawn. me sbse bdi problem Education Quality Or Rozgar. ki hai hmare Gawn me inter COLLEGE ke nam pr ak school h Vhan pr education ke itna bura hal h kiya bole 6th la teacher 12th walo ko economics pdata mtlb vhan pta hi ni chlta ho ky rha h teacher's or education ke nam. pr Mene bi vhi se passout kiya hai aaj bhar nikl kr pta chlta h education ke Mamle. kitna kuch khoo diya mene sirf. un krab teachers ki wahj. se or hmari Gov. ki wahj. ki khudko bhut pichda huaa mhesus. hota 😔😔😔
Ohhh... You are Right... UK se jyada log दिल्ली आ गए.....
Peace ✌
जंहा मनुष्य नही रहते🤷♂️ वंहा भूत अकेले क्या करेगा,, और किसे सताएगा 😃😃😃😃
I am also Uttrakhand 🥰🥰🥰
Just like that वह मुस्लिम जो भारतीय स्वतंत्रता के लिए लडे और स्वतंत्रता उपरांत पाकिस्तान ले लिया फिर भी भारतीय हैं ।
😀😀😀😀
Very sad reality
चलो आप यहां तक आए तो जल्द ही भूतों से भी मिलोगे। स्वागत है आपका भूतहा गांव में।
👍👍👍
वृक्षों कटाई कौन-कौन से देशों में हों रहें
इसकी रिपोर्टिंग में कमी है।
पूरे उत्तराखंड का यही हाल है ,अगर कोई बीमार हो गया तो 60.70 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है,सीरीयस बीमारी में मरीज रास्ते में ही मर जाता है,
main bundelakhnd se belong krta hu or yha k villages mein rehne wale ka badi cities mein last 10 salo m bht palayan hua hai main reason unemployment or bhaynkar sukha jis par na mp govt. or na up govt Bundelakhnd area m dhyan de rhi hai.
This brief documentry is raising the alarming concerns of rapid migration from villages which need to be stopped particularly in sate of uttarakhand. A decade before people used to live in villages only one person from there family used to go to cities for earning now situation is getting worst only elderly Can be seen living there life there with difficulty, we and state have to take some concrete steps to stop this.
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DW Give Me Millions
🥳🥳🥳🥳🥳🥳
ये जलवायु परिवर्तन की वजह से नहीं हुआ। उत्तराखंड में रोजगार की बहुत समस्या है। और जिनकी एक बार नोकरी लग जाती है।वो सब लोग पलायन कर लेते हैं।जमीन और खेती करने वाले लोगों के प्रति हीन भावना हो गयी है। बच्चों को शिक्षा के नाम पर सिर्फ अंग्रेजी भाषा सिखाना उत्तराखंडियों का लक्ष्य रह गया है।जिसे अंग्रेजी बोलना आ गया उस बच्चे को ही विद्वान माना जाता है। और बाकी उत्तराखंड सरकार के बारे में कुछ कहना भी अन्याय हो जाता है। पहले तो विज्ञप्ति 10 से 12 साल बाद निकलती है। उसके बाद 6 साल चयन प्रक्रिया पर लग जाते हैं। 10 साल जब नौकरी के पूरे होते हैं।तब पता लगता है। जो नोकरी पर लगे हैं। सब विधायक और सभी सत्ताधारियों के सगे संबंधी हैं। इधर साला सब कोचिंग संस्थान का topper गरीब का मेहनती बेटा बूढ़ा हो चला। काश उत्तराखंड नया राज्य ही नहीं बनता । उत्तर प्रदेश में नोकरी नहीं लगेगी पहाड़ियों की सोच कर पहले ही मुंबई बर्तन धोने चले जाते।कम से कम मुंबई रहता है लड़का बोलकर कोई लड़की शादी तो करती।
उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है। स्थायी राजधानी भी पहाड़ी क्षेत्र गैरसैंण में होनी चाहिए। देहरादून जैसे विकसित क्षेत्र में सत्ताधारी बैठे हैं। उन्हें क्या लेना देना पहाड़ी लोगों के कष्टशील जीवनशैली से। जब गैरसैंण जैसे पहाड़ी क्षेत्र में आना पड़ेगा, वहा की तमाम अव्यवस्थाओं में रहना पड़ेगा नेताओं को ,तब देखना साल दर साल अपने लिए सुविधाओं का विकास। गैरसैंण प्रस्तावित राजधानी है तो देहरादून में विधानसभा बनाकर क्यों बैठे हैं सत्ताधारी, कोई मीडिया इस विषय पर बोलते हुए नहीं देखे मैंने आज तक। यही वजह है उत्तराखंड के भूतिया गांवों की
Who is from uttarakhand like me here
#uttarakhandi
It's not the weather, it's unemployment that people are escaping
Hmare gawo m bhi yhi haal h chamoli m pr rojgaar or shiksha k ly bhar jana he pdta h
Rojgar na ho , aur ghotale ho toh yaha kaun rahega ...city se bandar pahado m chhod diye jate hai .. anaaj nahi hoga toh phir ek matr aajivka ka sadhan agriculture v khatam ho gaya ...
Impact of over population.
Uttarakhand ke seemant border area me palayan bahut teji se bada hai
How climate change is related to Ghost Village.
I request dw team please visit once in managher (nainital)
Claiment change ko rokna hoga
Food cloth housing whole life goes in earning 😢😢😢😢😢😢
Huge populations problem world
Uttrakhand jaise phadai ilako me bhi logo ko plains ki fasle ugani he. To kaise ugengi kharab hi hogi.
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Dwhindi wale uttrakhand m us villages m gye hi nhi jahan jinki problems kya h usne puche .....log scitifucalg dekhte h but asli mudda bhul jate h jo gov ne villages ko nhi diya
Yaa Allah Homko Yeh din Naa Dikhana
Everyone is aware about it but no one would do anything .. selfish world .
This happens when villages are not given importance and employment. People migrate to metros and other cities for work leaving such beautiful environment and live a pathetic miserable life in metros
Life is more horrible when your pockets are empty.
@@Viveksingh-dr7bq bhai big cities people live in more horr8ble conditions.
Sb kuchh government hi nahi kar sakti....hame khud me badlaw or jagrukata lane ki bahut jarurat h. Khas kar yuva pidhi ko
Garhwali politicians have sold Uttarakhand's to dirty men of Delhi Ncr UP and haryana
Garhwal me Pauri and kumaun me almora sabse devlop district h but yahi sabse migration hota h
Pauri was most developed during british era only.
Jab tak consumerism kam nahi hota , tab tak climate change ki samasyaa ka jad se solution hogaa. Aadmi ke andhadhun bhog ke kaarn ye samasyaa vyapak roop se khadi houee hai.
Uttarakhand mein sabi ko rozgaar chahiye
Par industry set up nhi krne denge.😁😁😁
Bade Ajeeb dhogle log hai😂😂
@Pradeep Rawat bahut se options hai industry set up krne k ..
Tum apni zameen kisi bahari ko dete nhi ho. Jo industry set up kr sake..
Or fir rona chalu karoge berojgari ka
@@mohammadshia7790 bhai yaha khet ki jameen banjar hona aur climate change ki baat ho rhi...factory lagane se ye problem solve ho skti hai kya??
@@arvindkumarpaswan5121 toh fir rozgaar rona kyu
@@mohammadshia7790 o chacha , Himalaya par industry lagaoge?
Are bhai abhi lagaoge agli barsat me bah jayegi.
@@mohammadshia7790 bro pehle banjar khet k uge anaaj se apna pet bhar paoge tab na factory me kaam karoge ?
sarkar ka nikmapan hai na ki jalvayu ka privartan
I'm 1st
Jada tar log rojgar, siksha or behtar medical suvidha ke liye palayan kar rahe hai...🥹said to see my hometown becoming ghost village
Mai khud uk se hun, palaayan ka reason jobs h
Yes... Delhi Mein Aa gye h sab
GLOBAL HUMAN POPULATION HAS GROWN BY 6 BILLION IN LAST 100 YEARS.