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  • Опубликовано: 15 окт 2024
  • मैं एक फौजी हु
    सरहद जमीन पर बैठकर
    मौत का मंजर देखता हु
    ...
    तुम देखते हो नदियां नाले को बहते हुए
    मैं रोज खून का दरिया बहता देखता हु
    सर जमीन के लिए अपने लोगों के सिर कट ते देखता हु
    तुम रहते हो
    अपने परिवार के साथ
    चैने सुकून से
    मैं हर रोज़ मौत के मुंह मैं रहता हु...
    ।।।
    तुम मोहब्बत मैं
    फूल गुलाब इश्क विश्क
    की बातें करते हो
    ....
    मैं इस बंदूक से मोहब्बत करता हूं....
    ये अपना जानती ना पराया जानती है ....
    ये मरना जानती या मारना जानती.....
    ना इसे धन चाहिए ना दौलत चाहिए ....
    ना यश चाहिए ना वैभव चाहिए
    ये हमेशा खून मांगती है
    .....
    ....
    एक पॉकेट मैं कुछ यादें रखता हु.....
    एक मैं महबूबा की चिट्ठी....
    दूसरे मैं जान से प्यारी मां....
    की तशवीर रखता हूं .....
    .....
    ....
    ....
    एक दिन मां के चरणों मैं...
    मैं खुद सो जाऊंगा.....
    ....
    घर पर मैं सबसे प्यारी चादर
    मैं लिपट कर आऊंगा
    .... उस दिन मैं शहिद कह
    लाऊंगा ...
    उस दिन मैं शहीद कह लाऊंगा....
    मैं की गोद मैं सदा के लिए....
    सो जाऊंगा....
    जय हिंद

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