2000 की मां नंदा देवी राजजात यात्रा में मुझे भी दस दिन की पूरी यात्रा पर जाने का आदेश मां नंदा ने दिया था। बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। पुरानी यादें ताजा हो गई हैं मन भावुक और आंखें नम होने लगी हैं। जय राजराजेश्वरी मां नंदा सुनंदा। जय कैलाशी भोले नाथ।
बेदनी से आगे पातर नचोणिया फिर कैलीया विनायक फिर भगूबासा फिर रुपकुंड , उसके ऊपर ज्यूरागलीधार उसके ठीक नीचे शिलासमुद्र उसके बाद top में होमकुंड जहां पर होम(यज्ञ) के बाद चौसिंगा खांडू पर सवार मां नंदा को कैलाश पर्वत के लिए अश्रुपूरित विदाई के बाद यात्री और देवता चंदनिया घाट ,लाटाखोपडी होते हुए सितेल पहुंचते हैं जो वाण की बाद पांच दिनों के बाद पहला गांव मिलता है। सितेल से सितोल होते हुए घाट और उसकी बाद नंदप्रयाग होते हुए कर्ण प्रयाग होते हुए नौटी में यात्रा सम्पन्न होती है।
बहुत अच्छा विडियो है अपका👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🙏🙏🙏
2000 की मां नंदा देवी राजजात यात्रा में मुझे भी दस दिन की पूरी यात्रा पर जाने का आदेश मां नंदा ने दिया था। बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। पुरानी यादें ताजा हो गई हैं मन भावुक और आंखें नम होने लगी हैं। जय राजराजेश्वरी मां नंदा सुनंदा। जय कैलाशी भोले नाथ।
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जय माता दी 🙏
जय माता दी👍👍👍
जय जय नन्दे जय जगदम्बे🙏❤
Bahut bdia bharat Bhai ❤
बेदनी से आगे पातर नचोणिया फिर कैलीया विनायक फिर भगूबासा फिर रुपकुंड , उसके ऊपर ज्यूरागलीधार उसके ठीक नीचे शिलासमुद्र उसके बाद top में होमकुंड जहां पर होम(यज्ञ) के बाद चौसिंगा खांडू पर सवार मां नंदा को कैलाश पर्वत के लिए अश्रुपूरित विदाई के बाद यात्री और देवता चंदनिया घाट ,लाटाखोपडी होते हुए सितेल पहुंचते हैं जो वाण की बाद पांच दिनों के बाद पहला गांव मिलता है। सितेल से सितोल होते हुए घाट और उसकी बाद नंदप्रयाग होते हुए कर्ण प्रयाग होते हुए नौटी में यात्रा सम्पन्न होती है।
जी जी मां नंदा की कृपा बनी रहे 🙏🙏 जय जय नंदे जय जगदम्बे 🙏
पानी तो था ठण्डा हाथ पैर सब सुन्न 🤣🤣🤣
वही तो गुरुदेव , आधा घंटा recovery में लगा 😂