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- Опубликовано: 7 окт 2024
- #politics of Haryana Part - 37 by Dr. Abhinav... ओ बी सी किधर? #politics #bjp #inld #haryana #bsp #congress #aap #jjp
हरियाणा में ओबीसी राजनीति में किधर है ?
प्रदेश में ओबीसी दो वर्गो में विभाजित है - ए वर्ग- 72 जातियां, बी- वर्ग- 6 जातियां।
जहां तक ओबीसी में राजनीति चेतना की बात है तो बी- वर्ग की जातियों में राजनीति चेतना अधिक है क्योंकि उसके पास ज्यादातर जमीनें है और अच्छी शिक्षा है इस कारण उन्होंने राजनीति में अपना मुकाम पाया है.... मुख्य रूप से सैनी समाज, गुज्जर समाज, यादव समाज दूसरी तरफ बी वर्ग में जागड़ा जाति राजनीति चेतना में है वही नाई जाति भी राजनीति चेतना के रूप में उभर रही है ।
इधर मुख्य मुद्दा है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में ओबीसी जाति किस राजनीति पार्टी को ज्यादा वोट देगी ? ओबीसी समाज की अगर जनसंख्या प्रतिशत की बात करे तो यह समाज 30 से 34 प्रतिशत में है। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने किसी ओबीसी समाज के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया है जबकि बेहद लंबे समय तक राज करने वाली पार्टी ने ऐसा नहीं किया है। 12 मार्च 2024 से वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी है जो ओबीसी समाज से आते है। इससे पहले 1967 में 8 महिने 14 दिन विशाल हरियाणा पार्टी की तरफ से श्री बीरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री बने थे। जो वर्तमान में गुरूगांव के सांसद राव इंद्रजीत के पिता थे।
हरियाणाओबीसी समाज में राजनीति चेतना पैदा करने में श्री बीरेंद्र सिंह, इंद्रजीत सिंह, कंवर पाल गुज्जर, कृष्ण पाल गुज्जर, नायब सिंह सैनी , औमप्रकाश जागड़ा जी मुख्य स्तंभ है।
इस कडी में राजनीति तौर पर आज ओबीसी किस राजनीति पार्टी की तरह जा रहा है ? ये अहम सवाल है
भारतीय जनता पाटी जहां चुनाव के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कर चुकी है वही कांग्रेस पार्टी ने ओबीसी समाज की जाति आधारित जनगणना की बात कही है । इन दोनों में सबसे फायदा किस बात से होगा ? जातिगत जनगणना से ही होगा या मुख्यमंत्री से ये बात ओबीसी समाज के लिए विचारणीय सवाल है ? एक तरफ समस्त समाज का विकास तो दूसरी तरफ एक चेहरा
वही बसपा और इंडियन नेशनल लोकदल ने सरकार आने पर एक उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कही है और साथ में जातिगत जनगणना की बात कही है और साथ में सर्व समाज का विकास की की बात कही है।
वही आम आदमी पाटी्र के पास क्या है ओबीसी के लिए यह क्या है ? क्या फ्री बिजली या पानी ? बाकि क्या
मैं समझता हूं कि ओबीसी समाज को जातिगत जनगणना और सरकारी नौकरियों में 15 प्रतिशत से 27 प्रतिशत आरक्षण की ओर ज्यादा सोचना चाहिए .... इस दोनों को कोन सी पार्टी पूर्ण करती है ये सवाल ओबीसी समाज स्वयं सोचे ? दूसरे ओबीसी के बड़े नेतागण सोचे ?