बद्रीनाथ मंदिर के 11 अनसुलझे रहस्य जो आप नही जानते।

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 9 сен 2024
  • क्या है बद्रीनाथ धाम के 6 महिनो तक बंद रहने का कारण? मंदिर बंद होने पर भी क्यों नही बुझती इस मंदिर की अखंड ज्योति? क्यों इस मंदिर में रावल बनने का अधिकार सिर्फ केरल के नंबोदरी ब्राह्मण को ही हैं? आखिर क्या है इस मंदिर की मूर्ति की रोचक कहानी? आखिर क्यों वसुधारा झरने का पानी पापायों पर नही गिरता हैं? बद्रीनाथ मे मौजूद भीम पुल का आखिर क्या है रहस्य? आखिर क्या है तप्त कुंड का रहस्य जिसके पानी का तापमान हमेशा 54 डीग्री रहता हैं? आखिर हो जायेगा बद्रीनाथ धाम जल्द ही विलुप्त? आखिर क्यों जोशीमठ मे मौजूद भगवान नरसिंह की मूर्ति का हाथ हर साल पतला होता जा रहा है, जो अब सिर्फ सुई के जितना ही बचा हैं। आखिर यह हाथ मूर्ति से अलग हो जाने पर क्या होगा? आखिर कलयुग के अंत का बद्रीनाथ धाम के साथ क्या कनेक्शन है?
    दोस्तों देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इस पूरे राज्य में कई हिंदू मंदिर और तीर्थ स्थल है। यहां सालों भर पर्यटक घूमने आते रहते हैं उत्तराखंड की हर दूसरी जगह देखने लायक है।अपनी संस्कृति सभ्यता और खूबसूरत पहाड़ो की वजह से यह पर्यटको के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी माना जाता है। कहते हैं कि क्षीर सागर में श्री हरि विष्णु माता लक्ष्मी के साथ शेषनाग पर रहते हैं, जिसे बैकुंठ धाम कहा जाता है। जहां वही पुण्य आत्मा जाती है, जिसने अपने जीवन से मोक्ष की प्राप्ति कर ली होती है। क्या आपको पता है कि इस धरती पर भी एक ऐसी जगह है, जिसे दूसरा बैकुंठ धाम कहा जाता है। इस धरती पर जिस धाम को दूसरे बैकुंठ धाम के रूप में जाना जाता है वो उत्तराखंड यानि देवभूमि में मौजूद है। जहां हर साल लाखों श्रद्धालु बड़ी आस्था और श्रद्धा से दर्शन करने आते हैं।
    उत्तराखंड के चमोली जनपद के अलकनंदा नदी पर स्थित है बद्रीनाथ धाम, हिंदुओं के चार प्रमुख धामों में से एक है। बद्रीनाथ धाम से जुड़ी यह मान्यता है कि, जो आए बद्री, वो न आए ओदरी। इसका मतलब है कि जो व्यक्ति जीवन में एक बार बद्रीनाथ के दर्शन कर ले उसे दोबारा माता के गर्भ में नहीं जाना पड़ता है। यहां पर दर्शन करने से प्राणी जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है। यानि की उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं।
    दोस्तों हम सभी जानते है की सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान शंख बजाने का विशेष महत्‍व है, यही नहीं, किसी भी शुभ काम को शुरू करने से हिंदू धर्म के अनुयायी शंख जरूर बजाते हैं। सनातन धर्म में शंख का इतना महत्‍व होने के बाद भी शंख और चक्रधारी भगवान विष्‍णु के मंदिर में ही शंख नहीं बजाया जाता है जी हाँ हम बात कर रहे है बद्रीनाथ धाम की दरअसल, बद्रीनाथ में पूजा अर्चना के समय कभी शंख नहीं बजाया जाता है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है की आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसके चलते बद्रीनाथ में शंख नहीं बजाया जाता है तो दोस्तों इसका जवाब आपको आज के इस वीडियो में मिलने वाला है साथ ही हम आपको बद्रीनाथ धाम के कुछ ऐसे रहस्यो से रूबारु करवाएंगे जिनके बारे में आपने आज से पहले कभी नहीं सुना है।
    तो चलिए करते है वीडियो की शुरुआत।
    हमारे चैनल कि किसी भी विडियो की स्क्रिप्ट को copy करने पर बिना किसी समझौते के Copyright ©️ strike दिया जायेगा और किसी भी तरह से वापस नही लिया जायेंगा। इसलिए भूल कर भी हमारी विडियो की स्क्रिप्ट को copy ना करें।
    #badrinath
    #Badrinathkarahasya
    #badrinathkaitihas
    #Rahasyamayimandir

Комментарии • 398