कहते हैं कि चूरु और उसके बेटे की जान बचने के बाद दोनों ही भगवान शिव के अनन्य भक्त हुए। इस घटना के बाद से मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ती गई। साथ ही उस जगह का नाम भी चूड़धार के नाम से प्रसिद्ध हो गया। इसके अलावा चट्टान का नाम चूरु रख दिया गया। कहा जाता है कि हिमाचल प्रवास के दौरान आदि शंकराचार्य ने इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी। इसी स्थान पर एक चट्टान भी मिलती है। जिसे लेकर मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव अपने परिवार के साथ रहते थे। मंदिर के पास ही दो बावड़ियां हैं। मंदिर जाने वाले सभी श्रद्धालु पहले बावड़ी में स्नान करते हैं। उसके बाद मंदिर में प्रवेश करते हैं।
Har Har Mahadev
Har har mahadev
Very Nice
Jai bhole nath😂🙏
👍👍
Tha x
nice
Bholenath se bda koi nhi🤣🙏
Jai bholenath ki
Bhai ji bahut mast video thank you purani yaad taaja kar di Mandir dikha kar
Thqnx guru ji
@@mpvlogs999 bhai ji Pradeep Name Hai aise Mat bolo Pradeep bolo lo ji
🤣🤣
@@mpvlogs999 🤪🤪🤪🤪🤪🤪🤪
@@MAGICIAN_PRADEEP_RAJPUT
Ya dekha tha phir vo churddhar chley gye phir ab vhi se dekhte hai sub kuch😂
कहते हैं कि चूरु और उसके बेटे की जान बचने के बाद दोनों ही भगवान शिव के अनन्य भक्त हुए। इस घटना के बाद से मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ती गई। साथ ही उस जगह का नाम भी चूड़धार के नाम से प्रसिद्ध हो गया। इसके अलावा चट्टान का नाम चूरु रख दिया गया। कहा जाता है कि हिमाचल प्रवास के दौरान आदि शंकराचार्य ने इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी। इसी स्थान पर एक चट्टान भी मिलती है। जिसे लेकर मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव अपने परिवार के साथ रहते थे। मंदिर के पास ही दो बावड़ियां हैं। मंदिर जाने वाले सभी श्रद्धालु पहले बावड़ी में स्नान करते हैं। उसके बाद मंदिर में प्रवेश करते हैं।