@@DrKomalSinghChauhan इसका मायने यहीं की हमारे गुरु सही कहा करते थें कि इन नेताओं के चक्कर में मत रहा करो, जो केवल व केवल हिन्दी भाषा और लोगों के जज़्बात के लिए राजनीति करते हैं। जो अंग्रेज़ी भाषा को उपनिवेशवाद की संज्ञा देते है लेकिन वहीं जब हिन्दी की मैटेरियल की बात आती है तो मात्र गिने चुने ही किताब उपलब्ध होते है, वो भी लिखारी खुद के बजट से करता है जोख़िम उठा कर, ऐसा नहीं की सरकारी फंड से ज़रूरी किताबे को अनुवाद करा दे। बहरहाल अब चाहे जो कुछ भी हो अब हम तय कर चुके हैं कि आज से केवल व केवल इंग्लिश में पर ग़ौरतलब रहेगा। बीते कुछ दिनों पहले जब मैं आपकी लेक्चर सीरीज से वाकिफ हुआ तो मुझे लगा ये तो अंग्रेज़ी में है परन्तु आपकी ये बायलिंगुअल स्टाइल में लेक्चर जो की हमारे लिए यानी एक हिन्दी माध्यम छात्र के लिए जो इंग्लिश से बिलकुल रूबरू नही है जिसेक लिए एक सबब बन सकता है। बस आपसे गुज़ारिश है कि आप इस शैली और इस तरह के कॉन्टेंट डिलीवरी में कोई भी किसी प्रकार का कोताही नहीं करेंगी। अब आप ही आखिरी उम्मीद हो। अगर आपको किसी भी प्रकार के सोर्सेज की ज़रूर है तो हम हाज़िर ओ नाजिर है। (ज़ाती इज़हार)धन्यवाद
Thank you ma’am…..I really appreciate your way of delivering concepts…..just like Story Telling 😊
mam is it available in hindi
Not sure about Mohit Bhattacharya, rest all are available
@@DrKomalSinghChauhan इसका मायने यहीं की हमारे गुरु सही कहा करते थें कि इन नेताओं के चक्कर में मत रहा करो, जो केवल व केवल हिन्दी भाषा और लोगों के जज़्बात के लिए राजनीति करते हैं।
जो अंग्रेज़ी भाषा को उपनिवेशवाद की संज्ञा देते है लेकिन वहीं जब हिन्दी की मैटेरियल की बात आती है तो मात्र गिने चुने ही किताब उपलब्ध होते है, वो भी लिखारी खुद के बजट से करता है जोख़िम उठा कर, ऐसा नहीं की सरकारी फंड से ज़रूरी किताबे को अनुवाद करा दे। बहरहाल अब चाहे जो कुछ भी हो अब हम तय कर चुके हैं कि आज से केवल व केवल इंग्लिश में पर ग़ौरतलब रहेगा।
बीते कुछ दिनों पहले जब मैं आपकी लेक्चर सीरीज से वाकिफ हुआ तो मुझे लगा ये तो अंग्रेज़ी में है परन्तु आपकी ये बायलिंगुअल स्टाइल में लेक्चर जो की हमारे लिए यानी एक हिन्दी माध्यम छात्र के लिए जो इंग्लिश से बिलकुल रूबरू नही है जिसेक लिए एक सबब बन सकता है। बस आपसे गुज़ारिश है कि आप इस शैली और इस तरह के कॉन्टेंट डिलीवरी में कोई भी किसी प्रकार का कोताही नहीं करेंगी। अब आप ही आखिरी उम्मीद हो। अगर आपको किसी भी प्रकार के सोर्सेज की ज़रूर है तो हम हाज़िर ओ नाजिर है। (ज़ाती इज़हार)धन्यवाद