@@सुभाषचौहानसुभाषचौहान-थ4ज ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ?? परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं। सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
उपलब्धता और प्राप्ती का अर्थ अलग-अलग है हवा सब जगह उपलब्ध है पर जिसके नाक का साधन है वही हवा को प्राप्त कर सकता है। शरीर की मेहनत से शरीर मजबूत होगा मन की मेहनत (तंत्र,मंत्र, सुमिरन, मानसिक साधना)से मन मजबूत होगा और आपको आवागमन में फंसाये रखेगा।मन से परे *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही है जो आपके साथ हमेशा से है उससे साधना करने पर आत्मनिर्भरता आयेगी अमरत्व प्राप्त होगा।
@@jagmalramprajapat8619 ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ?? परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं। सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
Nice ❤my favourite भजन ❤❤❤❤
वाह, सा, अमर,हो वजनी,बोत, अछा,,
बहुत ही सुंदर बाणी
बहुत सुंदर आवाज में
@@सुभाषचौहानसुभाषचौहान-थ4ज
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ??
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं।
सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
Hy😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂😂😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂❤❤❤❤❤❤❤❤😂😂😂😂❤😂❤❤❤❤❤ 5:27 5:28 5:29 5:29 @@ramsing8533
Khoob
St saheb dada ji🙏🙏
बहुत ही बढ़िया जी
Nice video
वाह जी वाह वाह संतो वाह
सत साहेब जी
Nice😊😊
मस्त है जी जय श्री गुरु महाराज को
बहुत बढ़िया जी. 🙏
सत साहेब जी. सुभाषचंद्र घोटड कागदाना सिरसा
Sahib bandgi
Very nice maharaj g........
Sat saheb 🙏
Sat Sahib ji
Sitlnath ke mahma sona jay jay nathji mehma
बहुत ही सुन्दर जी क्या बात है जय हो अपने कर्मों री पहचान जय श्री राम
Nice
Jay sukhnath ji
Sat saheb ji
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Ati sunder Vice
वाह जी
Nice one। सत साहिब जी।
मसती छा गई सत् साहेब जी कोटी कोटी नमन
...
राधास्वामी जी
बहुत ही सुन्दर वाणी
Bhut sundr bhajn
थर नाथ मिलया गुरू पुरा अविगत भेद दियो बता चेत नाथ वा ना
उपलब्धता और प्राप्ती का अर्थ अलग-अलग है
हवा सब जगह उपलब्ध है पर जिसके नाक का साधन है वही हवा को प्राप्त कर सकता है।
शरीर की मेहनत से शरीर मजबूत होगा
मन की मेहनत (तंत्र,मंत्र, सुमिरन, मानसिक साधना)से मन मजबूत होगा और आपको आवागमन में फंसाये रखेगा।मन से परे *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही है जो आपके साथ हमेशा से है उससे साधना करने पर आत्मनिर्भरता आयेगी अमरत्व प्राप्त होगा।
Aadesh guruji ko
रिकॉर्डिंग भजन से अच्छा है वह गाते हुए दिखाएं गाते हुए देखने का मजा ही और है
Very nice 👍👍
Nice voice🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
राजेन्द्र। जोगपाल।निराशा।टाणी
मुख बिना। जोगी बिच बजाय
चेत नाथ जी महराज शब्द मे कहा "वाचक ज्ञानी को गम नहीं ओ भेद अपार ध्यान धरत नर घणा गया ओ पंथ खांडे री धार
मंहीमा बङी गुरू देव री के जाणे संसार """"
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बापजी ये पुरा भजन लिखकर भेजो
@@jagmalramprajapat8619
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ??
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं।
सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
मन से परे *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही है जो आपके साथ हमेशा से है उससे सधना करने पर आत्मनिर्भरता आयेगी अमरत्व प्राप्त होगा।
Sat shib ji
ङङङङञङ
Sat sahab
👌👌🙏🙏
Sr
आत्माराम बाना
🙏🙏👏👏
बहुत अच्छा है हमारे चैनलमे सतसंग गुरूओं के भजन-कीर्तन हनुमानजी रामदेव जी जागरण झाँकियाँ कथा कहानी सब्सक्राईब करौं लाइक करौं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤❤😂❤❤
Najla alrgi ki garnted aayurvedic dawai Heena aayurvedic clinic lalana
🙏🙏🙏👍🙏🙏🙏
🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩
महाराज जी का डेरा कहा पर है पूरा एड्रेस देना इनके भजन मुझे बहुत अच्छे लगते हैं और आत्मा को छुने वाले हैं
Mehnakheda sirsa elnabad road
Chet nath ji ka dera to Chacka bhuna hariyana mein hai ji
लास्ट छाप गलत बोल दी महाराज ने सत थरनाथ मिल्या गुरु पुरा अवगत भेद दियो बता जति चेतनाथ सत वहा का बिछड़ा वाही घर गया समाय
Bhai ji inko arth ulta hota h
Ramchandar
Te tirth nath nhi thar nath ji h
इस भजन कि आखरी कड़ी सही नहीं है जो छाप छोड़ी वह नहीं है
Hip
Sat sat Saheb
तीरथनाथ नहीं है
थरनाथ है
आपके ईस भजन की छाप सही नही हैं कृपया इसे सही करे
या भजन को चैनल मिटाये
Nice
Nice