जवाबी कीर्तन//सैयां ले गई जिया तेरी पहली नजर//राजू रंगीला जी रायबरेली//दुर्गेश नंदिनी राठ हमीरपुर

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  • Опубликовано: 12 ноя 2024

Комментарии • 1

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 2 дня назад +1

    माया के वश होकर के प्राणी जग में फिरता है,
    निज स्वभाव निज गुण के कारण विविध कर्म करता है |
    कर्म के कारण चौरासी में पड़ता है बार-बार,
    सब तन मिलता है बार-बार मिलता नर तन एक बार ||