चुनाव के समय हर एक प्रत्येक गरीब घर तक चुनाव का पर्ची तो पहुंच जाता है लेकिन कभी उसी गरीब के घर शिक्षा और रोजगार नही पहुंच पाती क्यों 🤔और आज कल जितना private school's खुल रहे है अपने देश में और अपने देवभोग में भी देख के लगता है की कुछ सालो बाद गरीब के बच्चे फिर वही मजदूरी जिंदगी में ही आश्रित रहेंगे
41 कुंटल 200 ग्राम लेते है प्रत्येक मंडी मैं भैया
चुनाव के समय हर एक प्रत्येक गरीब घर तक चुनाव का पर्ची तो पहुंच जाता है लेकिन कभी उसी गरीब के घर शिक्षा और रोजगार नही पहुंच पाती क्यों 🤔और आज कल जितना private school's खुल रहे है अपने देश में और अपने देवभोग में भी देख के लगता है की कुछ सालो बाद गरीब के बच्चे फिर वही मजदूरी जिंदगी में ही आश्रित रहेंगे