प्रभु श्रीराम जी की स्तुति- जय जयसुरनायक, जन सुखदायक/Lord Rama's prayer- Jai Jai Surnayak

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  • Опубликовано: 9 фев 2025
  • प्रभु श्रीराम जी की स्तुति ब्रम्हादि देवताओं द्वारा/ Lord Rama's prayer by Brahma Ji and other Devas
    जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता,
    गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता ।
    पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोइ,
    जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोइ ।
    जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा,
    अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा ।
    जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा,
    निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा ।
    जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा,
    सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा ।
    जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा,
    मन बच क्रम बानी छाङि सयानी सरन सकल सूरजूथा ।
    सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहिं जाना,
    जेहिं दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवहु सो श्रीभगवउाना ।
    भव बारिधि मंदर सब बिधि सुंदर गुनमंदिर सुखपुंजा,
    मुनि सिध्द सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा ।
    जानि सभय सुरभूमि सुनि बचन समेत सनेह,
    गगनगिरा गंभीर भइ हरनि सोक संदेह ।

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