सोहम साधना की पूर्ण विधि। KEY 🗝️ TO UNLOCK SELF #

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  • Опубликовано: 8 сен 2024
  • सोऽहम् साधना' को 'अजपा जाप' अथवा प्राण गायत्री भी कहा गया है। मान्यता है कि श्वांस के शरीर में प्रवेश करते समय 'स' जैसी, सांस रुकने के तनिक से विराम समय में 'so'' जैसी-और बाहर निकलते समय ''हं'' जैसी अत्यन्त सूक्ष्म ध्वनि होती रहती है।
    सोहम साधना की पूर्ण विधि। KEY 🗝️ TO UNLOCK SELF #@Yogatantra2010 #whoami #मैंकौनहूं #soham #dhyan

Комментарии • 25

  • @dharmendrapol8450
    @dharmendrapol8450 20 дней назад +1

    बहोत खूब विश्लेषण

  • @vegadvaibhavmukeshbhai4229
    @vegadvaibhavmukeshbhai4229 12 дней назад +1

    Jay shree gurudev maharaj

  • @shamkashmire1225
    @shamkashmire1225 13 дней назад +1

    Pranam

  • @Hydra--sg
    @Hydra--sg Месяц назад +1

    Bahut acchi he.pranam 🎉🎉🎉🎉

  • @omtiwari7901
    @omtiwari7901 3 месяца назад +1

    🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹

  • @jaikishannarolia7406
    @jaikishannarolia7406 4 месяца назад +3

    सत्य गुरु जी जैसे राम राम 24 घंटे जपते हैं क्या उसी प्रकार सोंहम शब्द को भी रात दिन जपते रहना चाहिए अवगत करो

  • @user-pw8zz2rv6k
    @user-pw8zz2rv6k 3 месяца назад +1

    Jai gurudev pl first comment ka reaply dejiye

  • @dwarkagupta505
    @dwarkagupta505 4 месяца назад +1

    ॐ हरि तत् सत् शिवोहम सोहम कृपया कर इसका मतलब बतलाइए ।

    • @Yogatantra2010
      @Yogatantra2010  4 месяца назад

      मैं वही हुं ।

    • @PradeepKumar-jh1ir
      @PradeepKumar-jh1ir Месяц назад

      ॐ तत् सत् सांकेतिक मंत्र हैं, जिसका भेद कोई अधिकारी संत बता सकता है।
      ॐ तत् सत् मंत्र नही जपना है यह तो सांकेतिक मंत्र हैं, असली मंत्र संत रामपाल जी महाराज जी के पास है।
      उनके सत्संग सुन और समझकर, नाम दीक्षा लेने से लाभ होगा।

    • @PradeepKumar-jh1ir
      @PradeepKumar-jh1ir Месяц назад

      ​@@Yogatantra2010 ॐ तत् सत्, गीता में लिखा है की यह सांकेतिक मंत्र हैं जपना नहीं है इसे और ॐ ब्रह्म, तत्, परब्रह्म, और सत् परम अक्षर ब्रह्म का मंत्र हैं और यह तीन बार में दिया जाता है।
      और इस मंत्र को कोई अधिकारी संत ही दे सकता है तभी लाभ होगा वरना, बताने वाले और सुनने वालों नुकसान होगा लाभ नहीं, और पाप के भागी बनेंगे दोनो।
      वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी ही अधिकारी संत हैं, उनका सत्संग सुनो ज्ञान समझो और उसके बाद नाम उपदेश लेकर अपना और अपने पूरे परिवार का कल्याण करवाओ।
      किसी को अधूरा ज्ञान मत वरना पाप लगेगा और नरक मिलेगा

  • @bandananeupanae5518
    @bandananeupanae5518 2 месяца назад +1

    Jssnd

  • @user-ud2ec6tz8w
    @user-ud2ec6tz8w 3 месяца назад +1

    पुस्तक पढ़ के बता रहे हे

  • @PradeepKumar-jh1ir
    @PradeepKumar-jh1ir Месяц назад +1

    भाई यह अधूरा गया है, और इस मंत्र को कोई अधिकारी संत देगा तभी लाभ होगा।
    और यह तो एक मंत्र हैं सच्चे संत के पास इसका जोड़ा है यह मंत्र जोड़े के साथ जपना होता था।
    इस मंत्र का जोड़ा मंत्र सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी के ही पास ही ज्ञान समझकर नाम दीक्षा लेकर भक्ति करनी चाहिए उनसे, वरना यह तो अधूरा ज्ञान, जानलेवा है

  • @user-pw8zz2rv6k
    @user-pw8zz2rv6k 3 месяца назад +1

    Jai gurudev pl first comment ka reaply dejiye