Gopal Sutariya - गोचर देश की धरोहर - Bansi Gir Gaushala

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  • Опубликовано: 9 сен 2024
  • गोचर देश की धरोहर - बंसी गीर गोशाला
    * भारतवर्षमे आजादी के पहले विशाल गोचर में गोमाता चरा करती थी, हमें इस प्रणाली को जारी रखना चाहिए |
    * गोमाता को स्वयं अपना पसंदीदा घास व आहार चुनने की स्वतंत्रता थी जिससे गोमाता खुद ही अपनी समस्या अनुसार घास का चुनाव कर लिया करते थे |
    * विविध देसी घास के आहार के प्रयोग से गोमाताकी दुग्ध की गुणवत्ता बढ़ जाती है |
    * यह विविध प्रकार के देसी घासमे से "जिंजवा" सर्वश्रेठ साबित हुआ है |
    * जिंजवा घासकी खेती के लिए गोमूत्र व गोबर का ही इस्तेमाल करे कोई यूरिया का प्रयोग न करे |
    * गोमाता के आहार का चुनाव लेबोरेटरी में न करके खुद गोमाता को अपनी स्वतंत्रता से करने दे |
    * गोचर में कोई भी रासायनिक या तैयार उपज को नकार के देसी घास का प्रयोग करने से वापिस गोचर व् गोमाता दोनों को सुरक्षित किया जा सकता है |
    * आज गोमाता के लिए गोचर की जगह न्यूनतम मात्रा में देखी जाती है ऐसा न करके वही हमारे पुर्वजोने अपनायी श्रेठ गोचर की पद्धति को अपनाए |
    * गोमाता के गोचर वापिस तैयार किये जाये ताकि गोमाता को अच्छे से रखा जाये |
    वन्दे मातरम, जय गोमाता

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