सुख और दुख दो पहलु है, जरूरी नहीं हैप्पी एंडिंग हो, सती प्रथा, कम उम्र से ही विधवा भरा जीवन गुजारना, जाति भेदभाव ये कइयों के जीवन की वास्तविकता को दर्शाया गया है। बहुत सुन्दर प्रस्तुति, और मुंशी प्रेम चंद्र जी आज भी अपनी विचारधारा से लोगों के दिलो मे राज़ करते रहेंगे।
आपके स्वर की गंभीर्यता कहानी को सजीव बना देती है..वाचन शैली भी बहुत सरस और सुग्रह्य्य है..प्रेमचंद जी के अलावा अन्य प्रख्यात साहित्यकारों को भी अपनी श्रृंखला में सम्मिलित करें..हमे इंतज़ार रहेगा...😊❤❤❤❤
Happy ending only happen in fairy tales or ye fairy tales nhi ye real life ka mazara hai or yhi hamari society ki sachhai v Isliye to PC ko upnayso ka smarat kaha gya h ❤🎉
जुम्मन शेख और अलगू चौधरी का नाम सुना है कभी, ईदगाह का नाम सुना है, ये 90 के दशक की किताबों मे हमने तो पढ़ा है, मुंशी प्रेम चंद्र का तो जीवन परिचय होता था भाई। बहुत महान व्यक्ति थे। " सादर प्रणाम "
जरूरी नहीं कि हर बार हैप्पी एंडिंग हो, इसमें शब्दों से भावनाओं को व्यक्त किया गया है, ये पुराने समय और आज की भी हकीकत है, किसी नीची जाति + वैश्या की बेटी को उच्च समाज मे जगह मिल जाए।
लड़के को समाज मे +दोस्तों के बीच जीवन जीना था, और दुनिया उसे जीवन भर ठेस पहुँचाती कि वैश्या की बेटी है, लेकिन प्रेम के अटूट विश्वास के आगे उसने दम तोड़ दिया। प्यार अंधा होता है, माँ बाप भी बच्चो की जिद मान जाते है, लेकिन समाज उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।
कहानी की गुणवत्ता और वास्तविक रूपरेखा को बनाए रखने के लिए कथाकथ्य को छेड़ा नही जा सकता अत: ज्यों की त्यों प्रस्तुति ही न्यायसंगत है.सारांश में भाव विन्यास का विनाश हो जाता है।
सुख और दुख दो पहलु है, जरूरी नहीं हैप्पी एंडिंग हो, सती प्रथा, कम उम्र से ही विधवा भरा जीवन गुजारना, जाति भेदभाव ये कइयों के जीवन की वास्तविकता को दर्शाया गया है। बहुत सुन्दर प्रस्तुति, और मुंशी प्रेम चंद्र जी आज भी अपनी विचारधारा से लोगों के दिलो मे राज़ करते रहेंगे।
आपके स्वर की गंभीर्यता कहानी को सजीव बना देती है..वाचन शैली भी बहुत सरस और सुग्रह्य्य है..प्रेमचंद जी के अलावा अन्य प्रख्यात साहित्यकारों को भी अपनी श्रृंखला में सम्मिलित करें..हमे इंतज़ार रहेगा...😊❤❤❤❤
❤❤❤❤❤❤❤
aty sunder bhavana pradhan marmik kahani.
Sikh denewali story
Shraddha is a very mature girl.
आपके सजीव प्रस्तुतिकरण अति रमणीय है,
Thanks.
Thank u
Why Premchand ki kahaniya is so depressing 6 story sunn li maine ek bhi happy ending nhi hai
Try listening to त्रिया चरित्र
Happy ending only happen in fairy tales or ye fairy tales nhi ye real life ka mazara hai or yhi hamari society ki sachhai v Isliye to PC ko upnayso ka smarat kaha gya h ❤🎉
नमस्ते
Same to you.
Maine Hindi medium se 12th pass kar liya par aapka, Munshi Premchand ki ek bhi Aisi story book me nahi mili Jo tumhare video me hai??????????????????
जुम्मन शेख और अलगू चौधरी का नाम सुना है कभी, ईदगाह का नाम सुना है, ये 90 के दशक की किताबों मे हमने तो पढ़ा है, मुंशी प्रेम चंद्र का तो जीवन परिचय होता था भाई। बहुत महान व्यक्ति थे। " सादर प्रणाम "
@satishmeena6249 Bhai aap meri baat samajhe nahi
Uddeshyheen story yese ant ka koi karan samajh nhi aaya
जरूरी नहीं कि हर बार हैप्पी एंडिंग हो, इसमें शब्दों से भावनाओं को व्यक्त किया गया है, ये पुराने समय और आज की भी हकीकत है, किसी नीची जाति + वैश्या की बेटी को उच्च समाज मे जगह मिल जाए।
Aavaj kam hai
Ok
Wo mar kyu gya samajh ni aya???
Vhi to
लड़के को समाज मे +दोस्तों के बीच जीवन जीना था, और दुनिया उसे जीवन भर ठेस पहुँचाती कि वैश्या की बेटी है, लेकिन प्रेम के अटूट विश्वास के आगे उसने दम तोड़ दिया। प्यार अंधा होता है, माँ बाप भी बच्चो की जिद मान जाते है, लेकिन समाज उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।
बहुत लंबे, सारांश बात करनी चाहिए।
Ok
कहानी की गुणवत्ता और वास्तविक रूपरेखा को बनाए रखने के लिए कथाकथ्य को छेड़ा नही जा सकता अत: ज्यों की त्यों प्रस्तुति ही न्यायसंगत है.सारांश में भाव विन्यास का विनाश हो जाता है।
बिल्कुल सत्य कथन ❤@@pradeepparwana8556