माशाअल्लाह, बहुत अच्छी जानकारी दिये।ज़ज़कल्लाह खैर। जनाब, मैं तारीख़ 6/7/23 को हाज़िरी के लिए गया था, बिल्कुल सीढ़ियों के पास एक लड़का अपनी दुकान/तबरुकात लगाये थे, मैं वहाँ से पेड़ा+कुछ ग़ुलाब फूल+इत्र लिए।अन्दर हुज़ूर के बारगाह में सलाम अर्ज़ करते हुए ज़ियारत किया, दरूद व फातिहा पढ़ा, फिर इज़ाज़त माँगते हुये सलाम अर्ज़ करते बाहर आये। जैसे ही सीढ़ियों पर क़दम रखा, अन्दर से एक लड़के ने रोका और कहा कि "आप चादर चढ़ाए है और यहाँ पैसे नहीं दिये" मैंने कहा कि मैं चादर नहीं चढ़ाया हूँ, वे बोले फूल ही चादर है।मैंने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि पैसा दें, तो बिगड़ गये और इल्ज़ाम लगाने लगे कि आप ज़ोर से बोल रहे हैं, मैंनेकहा कि आपने पैसे के लिए टोका, अगर कोई नहीं देता और चला जा रहा है तो सीढ़ियों पर आ कर बोलने की क्या ज़रूरत है, एक और आदमी बाहर से सीढ़ियों पर आ गया और बोलने लगा, "क्या पैसा माँगना गुनाह है" मैंने कहा हां इस तरह माँगना गुनाह है, चलिये हज़रत के पास पुछवा देते हैं, चलिये।फिर सब बाहर से लोग बोलने लग गये, छोड़िये, फिर मैं चुप चाप वापस आ गया। ऐसे ही जब अज़मेर शरीफ़ के ख़ादिम करतें हैं तो लोग बुरा भला कहते हैं और ख़ारजी बताते हैं, क्या ये सुन्नी भी उसी रास्ते पर चल दिये।क्या फ़र्क रह गया उनमें और इनमें। क्या ये बात हुज़ूर शहर काज़िये लखनऊ को पता है।हम उनसे शिकायत नहीं करना चाहते, लेकिन ये ठिक नहीं है।
Mai apne bahan ko lekar aya tha jadu ke ilaaj keliye magar hujur gulzar millat ismaili itne masroof hote hai ke apni taqlif aur dardbhi baya na kar saka 2 baar gya sultanpur se magar faiz hasil na hua khadim ka akhlakh acha nhi hai byohar bura hai .bahot badi hasti hai aap magar fir mai ek speed post me ek.leeter likh kar bheja jiame apni ghar ki tamam taklif bayan kia magar koi fayda na hua .sarkar ko hum jaise garib ko jada dhyan denachahiye jiska ghar jadu ar jinnat se jalaa dia gya ho.kaise samnjhe aap bahot bade hai jab aapme ek nigaah tak uthakar nhi dekha meri bachi ko.😢😢
Subhanallah mashallah❤💐💚💚🌹
Subhanallah❤❤❤❤❤Sarkaar nazrekaram farmaye🤲🤲🤲🤲🤲
Mashallah Hazrat Aapne Reference bhi Pesh kiya Jis Se bohut Madad hogi
Jazakallahu khair
Masha allah ❤❤❤❤
Allah sarkar e masauli ke fejan se malamaal kare aamin
💓
माशाअल्लाह,
बहुत अच्छी जानकारी दिये।ज़ज़कल्लाह खैर।
जनाब, मैं तारीख़ 6/7/23 को हाज़िरी के लिए गया था, बिल्कुल सीढ़ियों के पास एक लड़का अपनी दुकान/तबरुकात लगाये थे, मैं वहाँ से पेड़ा+कुछ ग़ुलाब फूल+इत्र लिए।अन्दर हुज़ूर के बारगाह में सलाम अर्ज़ करते हुए ज़ियारत किया, दरूद व फातिहा पढ़ा, फिर इज़ाज़त माँगते हुये सलाम अर्ज़ करते बाहर आये।
जैसे ही सीढ़ियों पर क़दम रखा, अन्दर से एक लड़के ने रोका और कहा कि "आप चादर चढ़ाए है और यहाँ पैसे नहीं दिये" मैंने कहा कि मैं चादर नहीं चढ़ाया हूँ, वे बोले फूल ही चादर है।मैंने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि पैसा दें, तो बिगड़ गये और इल्ज़ाम लगाने लगे कि आप ज़ोर से बोल रहे हैं, मैंनेकहा कि आपने पैसे के लिए टोका, अगर कोई नहीं देता और चला जा रहा है तो सीढ़ियों पर आ कर बोलने की क्या ज़रूरत है, एक और आदमी बाहर से सीढ़ियों पर आ गया और बोलने लगा, "क्या पैसा माँगना गुनाह है" मैंने कहा हां इस तरह माँगना गुनाह है, चलिये हज़रत के पास पुछवा देते हैं, चलिये।फिर सब बाहर से लोग बोलने लग गये, छोड़िये, फिर मैं चुप चाप वापस आ गया।
ऐसे ही जब अज़मेर शरीफ़ के ख़ादिम करतें हैं तो लोग बुरा भला कहते हैं और ख़ारजी बताते हैं, क्या ये सुन्नी भी उसी रास्ते पर चल दिये।क्या फ़र्क रह गया उनमें और इनमें।
क्या ये बात हुज़ूर शहर काज़िये लखनऊ को पता है।हम उनसे शिकायत नहीं करना चाहते, लेकिन ये ठिक नहीं है।
Hazarth syed khaja minullah Hussaini dargah ki video
Kahan par hai???
🤦🤲😭🤲😭🤲😭🤲🕋😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲🫁🫀❤️❤️❤️❤️❤️😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲😭🤲🌹🌹🌹🌹🌹🇨🇨🇨🇨🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲
Is Baat ko huzoor Gulzaar e Millat Tak Pahuchao
Nhi sinege wo bhi
Isse kiya Hoga
Mai apne bahan ko lekar aya tha jadu ke ilaaj keliye magar hujur gulzar millat ismaili itne masroof hote hai ke apni taqlif aur dardbhi baya na kar saka 2 baar gya sultanpur se magar faiz hasil na hua khadim ka akhlakh acha nhi hai byohar bura hai .bahot badi hasti hai aap magar fir mai ek speed post me ek.leeter likh kar bheja jiame apni ghar ki tamam taklif bayan kia magar koi fayda na hua .sarkar ko hum jaise garib ko jada dhyan denachahiye jiska ghar jadu ar jinnat se jalaa dia gya ho.kaise samnjhe aap bahot bade hai jab aapme ek nigaah tak uthakar nhi dekha meri bachi ko.😢😢
Qawwali sunna is dor main sahi nahi hai.
Masha Allah ❤