एकाग्रता ध्यान का स्वाभाविक परिणाम है, जैसे एक पुष्प में उसकी की खुशबू समाहित है ध्यान का अर्थ करना नही उसमें जीना है जो सिर्फ साक्षी भाव से संभव है! साक्षी भाव अनंत आनंदित है इसके पश्चात कुछ और लालसा ही नहीं रहती
@@shivoham777आपने भी कभी सूई में धागा पिरोया है तब आपके सेंसर्स उसमे इंगेज्ड रहते नैनो सेकंड्स यही ध्यान है वह कार्य जिसमे हम मन, बुद्धि, चित्त तल्लीन हो वही ध्यान है!
Bhut hi sandar voice kay sath dhyan say samadhi tak pahcha diya thank you dear friend ❤🎉🎉🎉🎉🎉
Thank you so much universe🙏❤
Jai shree Ram very very important thing of once life It is every body s eccential for leading supreme life
👍👍👍
Dhanyvad universe dhanyvad
❤❤
Hor vidiyo
Good luck
Mujhe Atmgyan chahiye
एकाग्रता ध्यान का स्वाभाविक परिणाम है, जैसे एक पुष्प में उसकी की खुशबू समाहित है ध्यान का अर्थ करना नही उसमें जीना है जो सिर्फ साक्षी भाव से संभव है! साक्षी भाव अनंत आनंदित है इसके पश्चात कुछ और लालसा ही नहीं रहती
❤❤❤❤❤ Nice and clear explanation....but I am not able to do it....please help me, how can I attach to my inner self .
Unable se able ka safar sirf "CONSISTENCY" ki Bus se kiya ja sakta hai jisme satat rahe to able is possible only focus on consistency @@shivoham777
@@shivoham777आपने भी कभी सूई में धागा पिरोया है तब आपके सेंसर्स उसमे इंगेज्ड रहते नैनो सेकंड्स यही ध्यान है वह कार्य जिसमे हम मन, बुद्धि, चित्त तल्लीन हो वही ध्यान है!
ध्यान के लिए स्थिर मन, स्थिर मन के लिए विचार सुन्यता, विचार सुन्यता के लिए साक्षी भाव, साक्षी भाव के लिए स्वास ध्यान यही सिद्ध होने का उपाय है
App meri help karenge
Hello