सत्संग सुनिए जी अनमोल वचन है जी अपने ही पवित्र वेद गीता पुराण पवित्र बाइबल पवित्र कुरान शरीफ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब से जी वह जिन को भगवान आकर के मिले उनके सतग्रन्थो से जी
भारतवर्ष में एक ऐसा महान संत जो पूरी पृथ्वी पर मनुष्य जीवन का उद्धार करने वाला है वह संत रामपाल जी महाराज हरियाणा में जो सत भक्ति वेद शास्त्र गीता पुराण के अनुसार बता रहे हैं
वेदों में प्रमाण है पूर्ण परमात्मा अपना ज्ञान देने के लिए बालक रूप धारण करके पृथ्वी पर आता है तब उनकी परवरिश कुंवारी गाय के दूध से होती है प्रमाण सहित जानने के लिए देखें साधना टीवी चैनल 7:30 PM से 8:30 pm तक
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विषय त्याग बैराग है, समता कहिये ज्ञान ।
सुखदाई सब जीव सों, यही भक्ति परमान ॥
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण कबहु तोदीनदयाल की भनक पड़ेगी कान
राम नाम की लूट है लूटी जाय तो लूट वन्दे फिर पछतायेगा प्राण जायगे छूट ।।
Sat saheb ji
राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे धाम दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम
Jagatguru sant Rampal ji maharaj hi duniya mein ek satguru hai
कबीर, गुरु समान दाता नहीं याचक शिष्य समान तीन लोक की संपदा सो गुरु दीन्हि दान
समरथ का शरणा गहो रंग होरी हो, कदे ना हो अकाज राम रंग होरी हो।।287
अमर करू सत्लोक पठाऊ ताते बन्दी छोड़ कहाऊ ।
मात-पिता मिल जाएंगे लक चौरासी माही सतगुरु सेवा बंदगी फिर मिलन की नाही
सत साहेब जी
बन्दी छोड़ कबीर साहेब की जय हो
पर्वत पर्वत में फिरा कारण अपने राम राम जैसे संत मिले जिन्ह सारे सब काम
कबीर राम कृष्ण तो हुए बाद मै सतयुग जा लिया पेला शिवजी जिसका ध्यान लगावे तु भी उसको भजले गैला
गरीब, माया का रस पीय कर, फूट गये दो नैन। ऐसा सतगुरु हम मिल्या, बास दिया सुख चैन।
Sat saheb
महाभारत का सही ज्ञान संत रामपाल जी महाराज जी ने दिया
राम कृष्ण से कौन बडा उन्हें भी गुरू किन्हा तीन लोक के वे धनी गुरू आगे आधीन
तन की जाने मन की जाने, जाने चित की चोरी ।उस प्रभु से क्या छिपावे जिसके हाथ में है डोरी ।।
कबीर साहेब भगवान हे जय बनधिछोङ सतगूरू रामपाल जी माहाराज जी
dhanya hair satguru rampal g bagbaan
Sat sahib ji
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट अन्त समय में पछतावेगा जब प्राण जावेंगा छूट
पूर्ण परमात्मा ही बचा सकता सकता है भक्तो की लाज
केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही अपने भक्तों की रक्षा करने मे समर्थ है l
Sant Rampal ji Maharaj is giving complete authentic knowledge of our holy books
पूर्ण ब्रह्म कबीर जी ही विश्व के सभी दुखो को हरने वाले है , वही सबका धारण पोषण करते है ।
Sat saheb ji
सब सुख मेरै साईया सुनी सेज नही होय
बलीहारी उस घट की जा घट परगट होय
शास्त्रों के अनुसार भक्ति करने के लिए अवश्य देखिए साधना नेशनल 7:30 से 8:30 पीएम तक
Nice
Satguru Dev Ji ki jai
संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अद्वितीय विश्व में ऐसा सत्संग कहीं नहीं मिलेगा एक बार अवश्य देखिए और समझिए
और ज्ञान सब ज्ञानडी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, अब करता चले मैदान।।
मीठा सब से बोलिये, सुख फैले चहूं और ।
वशीकरण यह मंत्र है तजिए वचन कठोर ।।
सत्संग की आधी घड़ी तब के बरस हजार तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार
God is kabir
पूर्ण परमात्मा की शरण में आने के बाद हमारा ऐसा कोई कष्ट नहीं दूर नहीं हो गा
ऐसा रहस्य आजतक किसी को भनक भी नहीं पड़ी।
जय हो बंदी छोड़ की
पूर्ण परमात्मा कबीर जी सबके रक्षक है।
आजा बंदे शरण राम की फिर पिछे पछतायेगा काल बली तेरा लेखा लेगा वहा क्या बात बनायेगा
बन्दी छोड़ सत गुरू रामपाल जी महाराज के चरणौ मे कोटि कोटि दन्डवत प्रणाम
सौ छल छिद्र मैं करूं अपने जन कै काज़, गैल गैल लाग्या फिरूं जबतक धरती आकाश ||
निर्विकार और दयालु परमेश्वर केवल कबीर साहेब है,वह यह वैद और भागवत गीता में प्रमाण हैं।
वेदों में प्रमाण है कि कबीर साहेब भगवान है
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट।
अंतकाल पछताएगा जब प्राण जायेंगे छूट।।
सत्संग सुनिए जी अनमोल वचन है जी अपने ही पवित्र वेद गीता पुराण पवित्र बाइबल पवित्र कुरान शरीफ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब से जी वह जिन को भगवान आकर के मिले उनके सतग्रन्थो से जी
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरण कमलों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
सतगुरु पूर्ण ब्रह्म है सतगुरू आप अलेख।
सतगुरु रमता राम है याम मीन ना मेख ।।
सतगुरू मेरे शिर धणी मे धणी की देह ।
रोम रोम मे रम रह्या ज्यौ बादल मे मेह ।।
ओर ज्ञान सब ज्ञानडी कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का करता चले मैदान।।
कबीर दर्शन साधु का परमात्मा आवे याद लेके में वही घड़ी बाकी के दिन बर्बाद
कबीर,गुरु बडे गोविन्द से,मन मे देख विचार।
हरि सुमरे सो वारि है,गुरु सुमरे होय पार।।
केवल कबीर- परमात्मा ही हमारी सम्पूर्ण रक्षा करने में समर्थ है
Satsaheb
लख भर सुरा जुजही लख भर सांवत देह लख भर जति जिहांन में तब सतगुरु शरणा लेह
वेद मेरा भेद हैं, मैं ना वेदन के मांहि ।
जोन वेद से मैं मिलु ,वह वेद जानते नाही।।
चार मक्ति जहाँ चंम्पी करती, माया हो रही दासी। दास गरीब अभय पद परसे वो मिले राम अविनाशी।।
Jay ho bandi xod satguru rampalji maharaj sat saheb
रामपाल महाराज का ग्यान बहुत अनमोल है.
हमको सतगुरु ले गए अजब नगर कुं आन झिल्के बिम्ब अगाध गति सुते चादर तान
अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजनहार।।
धर्मदास यह जग बौराना, कोई न जाने पद निरवाना। यही कारण मै कथा पसारा, जग से कहिए एक राम ऩ्यारा।।288
सतगुरू देव जी की जय हो ।
जो मेरी भक्ति पिछोड़ी होई
हमारा नाम न लेवे कोई ।।
The true god of Satguru Rampalji Maharaj
कबीर, साच्चा शबद कबीर का सुनकर लागे आग ।
अज्ञानी हो जो जल मरे ज्ञानी जाय जाग।
कबीर राम कृष्ण अवतार है ईनका नही संसार जिन साहेब संसार किया सो किनहु ना जनम्या नार
वेदों मे प्रमाण है कि कबीर साहेब ही भगवान गै
सुरती समावे राम में,जग से रहे उदास ।
कहें कबीर गुरु चरण में,दृढ़ राखो विश्वास ।।
संत रामपाल जी महाराज जैसे ज्ञान इस पृथ्वी पर कहीं नहीं है
भारतवर्ष में एक ऐसा महान संत जो पूरी पृथ्वी पर मनुष्य जीवन का उद्धार करने वाला है वह संत रामपाल जी महाराज हरियाणा में जो सत भक्ति वेद शास्त्र गीता पुराण के अनुसार बता रहे हैं
Tuchiya kaat rahe hai 🤣🤣🤣🤣🤣
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरण कमलों में कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम
काल जो पिसे पीसना,ये जोरा है पनिहार।
ये दो असल मजदूर है मेरे सतगुरु के दरबार।।
जग में बेरी कोई नहीं जो मन शीतल होय या आप को डार दे दया करे सब होय
नो नाथ चोरासी सिद्धा, इनका अंधा ज्ञान।
अविचल ज्ञान कबीर का, यो गति विरला जान।।
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में करते याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
सात समंदर की मसि करूं लेखनी करू बनिराय धरती का कागज करूं गुरु गुण लिखा न जाए
वेदो में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है।
गुरु गोविंद दोनों खड़े काकः लागु पाव बलिहारी गुरु आपणा जिन गोविंद दियो मिलाए
जीन हरी जैसा सीमरीया ताको जैसा लाभ
ओसा प्यास नही भागही जब लख धसै नही आब
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं
हमे पता ही नही था कि द्रोपदी का चीर किसने बढ़ाया था l कृष्ण जी से भी ऊपर कोई पूर्ण परमात्मा है l
कृष्ण जी तो अवतार हैं,इनका ना ससार।जो साहेब संसार किया,वो कबहु ना जन्मा नार।।। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं,
Gyan Ganga pustak padega aap
सत्संग की आधी घड़ी, तप के बरस हजार।
तोभी बराबर है नहीं,कहे कबीर विचार।।
मात्र एक तत्त्वदर्शी संत रामपालजी माहाराज की सत्संग में है मोक्षदायिनी पुरी सत्ता ।
जब सत नाम हृदय धरयो भयो पाप| रो नाश जैसे चिन्गी आग की पडी़ पुरीनी घास
समर्थ परमेश्वर को मालुम होता है,किस पुण्य आत्मा को कब कैसा भयंकर कष्ट होगा,तो समर्थ ऐसा पुण्य करवाते हैं, फिर समय आने पर सहायता स्वयं करते हैं
Sat sahib
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी है ।
कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमात्मा है।
जीव हमारी जाति है , मानव धर्म हमारा ।
हिन्दू ,मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, धर्म नही कोई न्यारा ।।
पुरब पश्चिम उत्तर दक्षिण क्यों फिरता दाणे दाणे नू ।
सर्व कला साहेब सतगुरु की हरी आए हरियाणा नु ।।
बाइबिल में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है
कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान।
जम जब पकड़ ले जायेंगे, पड़ी रहेगी म्यान।।
संत रामपाल जी महाराज जी की बताई भक्ति के अनुसार हमारे सभी संकट दूर होंगे और हमें इस लोक के अलावा पर लोक में भी सुख होगा
🙏गंगा किनारे घर करें,पीवे निर्मल नीर।मुक्ति नहीं हरि नाम बिना, कह गए साहेब कबीर।🙏
वेदों में प्रमाण है पूर्ण परमात्मा अपना ज्ञान देने के लिए बालक रूप धारण करके पृथ्वी पर आता है तब उनकी परवरिश कुंवारी गाय के दूध से होती है प्रमाण सहित जानने के लिए देखें साधना टीवी चैनल 7:30 PM से 8:30 pm तक
कबीर सब जग निर्धनता, धनवंता ना कोय।
धनवंता सोई जानिये, जाके राम नाम धन होय।।
बाईबल मैं प्रमाण है कि कबीर साहेब भगवान है
बन्दी छोङ सद्गुरु संत रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटी कोटी दण्डवत् प्रणाम
संत रामपाल जी महाराज ने खुलासा किया तत्व ज्ञान का जो भारत के सभी नकली गुरु नहीं कर सके
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा
पुर्ण प्रमात्मा कबीर साहेब ने बचाई थी द्रोपती की लाज
कबीर,दुशासन कुं द्रोपदी पकरी,मेरी भक्ति सकल में सिखरी।
जो मेरी भक्ति पछौड़ी होई ,हमरा नाम न लेवै कोई।।
Bandi chhod rampal ji Maharaj ki charno me koti koti pranam
कबीर नो मन सूत उलजिया ऋषि रहे झक मार सतगुरु ऐसा सुलझा दे उलझे ना दूजी बार
साधु दर्शन राम का मुख बसे सुहाग
दरश उन्ही को होत है जिनके पूरन भाग
परमात्मा कबीर जी ने बचायी थी द्रोपदी की लाज कौरव सभा में
एकै साधे सब सधे सब साधे सब जाय। माली सीचे मूल को फूले फरै आगाह।।
पीछे लाग्या जाऊँ था, में लोकवेद के साथ।
रास्ते में सतगुरु मिल गए, दीपक दे दिया हाथ।।
संत मिलन को चालिये तज माया अभिमान।
जो जो पग आगे रखे ,कोटि यज्ञ समान।
काची काया मन अथिर, थिर थिर काम करत ।
ज्यों ज्यों नर निधड़क फिरे, त्यों त्यों काल हसत ॥
कबीर, सौ सौ छिद्र मै करू जन अपने के हेत।
हिरण्यकश्यपु उदर विदारिया, रावण मारिया खेत।।