सत्य तर्क जीव हितैषी विश्व के सभी मानव को संत सम्राट सद्गुरू कबीर साहेब जी की जयंती पर विश्व को हार्दिक शुभकामनाएँ सप्रेम त्रय बार साहेब बंदगी साहेब जी
सत्य बात कही आपने कबीर दास जी अगर आज होते तो उन पर कई मुकदमा चल रहा होता है क्योंकि जो सत्य बात है सच्चाई है उसको सहने की क्षमता है हर व्यक्ति हर मजहब हर धर्म हर पथमें है ही नहीं लेकिन वही धर्म की व्यक्ति कहीं ना कहीं किसी भी प्रकार से साहेब कबीर की वचन पर खड़े उतरने और दूसरों कोई भी चलने का राह दिखाते हैं अर्थात कबीर के वाणी महान है जो व्यक्ति जानेगा समझेगा वह अपने जीवन से कभी भटक नहीं सकता साहेब बंदगी साहेब
अति सुंदर... शानदार अनुभूति की सुंदर अभिव्यक्ति! इसे कहते हैं सही ढंग से सत्संग का श्रवण करना जो सही ढंग से सुनता है समझता है वही जीता है और उसी का मार्ग प्रशस्त होता है अपने कल्याण और मुक्ति के लिए... बंधन कहीं शरीर पर थोड़े है बंधन केवल मन की मान्यता मात्र है जिसको समझने मात्र से मुक्ति के दिशा में आपके कदम बढ़ जाते हैंः कबीर साहेब को समझने के लिए बहुत बड़ा कलेजा चाहिए,जिसका मतलब होता है अब तक जो भी आपने सुना है देखा है समझा है। उनको खोपड़ी से निकाल कर फेंक के दीजिए और पूरी तरीके से जब आपका ब्रेनवाश हो जाता है। सत्य को समझने के लिए सक्षम हो जाते हैं तो सत्य अपने आप प्रकट होता है। वह सत्य वहीं था ही सत्य कोई गुरु देता नहीं है। यही सद्गुरु कबीर साहेब अपने संपूर्ण जीवन दर्शन में बता रहे हैं। इसे समझने के लिए हर तरीके से मत, मजहब और परंपराओं की मान्यताओं को तिलांजलि देना होगा और यही लोगों को बहुत खलता है। इसीलिए वो लोग झूठ में जीते रहते हैं। धर्म के नाम पर दंगा फसाद करते रहते हैं।
तूही ब्रम्हा तूही अल्लाह तूही राम तूही नानक तूही भोला तूही बधाऐ सबकी धीर है मेरे भगवान कबीर
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सत्य तर्क जीव हितैषी विश्व के सभी मानव को संत सम्राट सद्गुरू कबीर साहेब जी की जयंती पर विश्व को हार्दिक शुभकामनाएँ सप्रेम त्रय बार साहेब बंदगी साहेब जी
Saheb bandagi saheb bandagi 🙏🙏
साहेब बंदगी साहेब जी
सत्य वचन साहेब ji
सत्य बात कही आपने कबीर दास जी अगर आज होते तो उन पर कई मुकदमा चल रहा होता है क्योंकि जो सत्य बात है सच्चाई है उसको सहने की क्षमता है हर व्यक्ति हर मजहब हर धर्म हर पथमें है ही नहीं लेकिन वही धर्म की व्यक्ति कहीं ना कहीं किसी भी प्रकार से साहेब कबीर की वचन पर खड़े उतरने और दूसरों कोई भी चलने का राह दिखाते हैं अर्थात कबीर के वाणी महान है जो व्यक्ति जानेगा समझेगा वह अपने जीवन से कभी भटक नहीं सकता साहेब बंदगी साहेब
अति सुंदर...
शानदार अनुभूति की सुंदर अभिव्यक्ति!
इसे कहते हैं सही ढंग से सत्संग का श्रवण करना जो सही ढंग से सुनता है समझता है वही जीता है और उसी का मार्ग प्रशस्त होता है अपने कल्याण और मुक्ति के लिए...
बंधन कहीं शरीर पर थोड़े है बंधन केवल मन की मान्यता मात्र है जिसको समझने मात्र से मुक्ति के दिशा में आपके कदम बढ़ जाते हैंः
कबीर साहेब को समझने के लिए बहुत बड़ा कलेजा चाहिए,जिसका मतलब होता है अब तक जो भी आपने सुना है देखा है समझा है। उनको खोपड़ी से निकाल कर फेंक के दीजिए और पूरी तरीके से जब आपका ब्रेनवाश हो जाता है। सत्य को समझने के लिए सक्षम हो जाते हैं तो सत्य अपने आप प्रकट होता है। वह सत्य वहीं था ही सत्य कोई गुरु देता नहीं है।
यही सद्गुरु कबीर साहेब अपने संपूर्ण जीवन दर्शन में बता रहे हैं। इसे समझने के लिए हर तरीके से मत, मजहब और परंपराओं की मान्यताओं को तिलांजलि देना होगा और यही लोगों को बहुत खलता है।
इसीलिए वो लोग झूठ में जीते रहते हैं। धर्म के नाम पर दंगा फसाद करते रहते हैं।
Ap sabhi dharm ki baat kahe
kabir hi ek satya parmatma hai.baki ek dusareka baat krte jo sab dhongi hai kuch kam nhi.
To, iska matlab karta pap, ha