सत्य को सत्य ही कहना चाहिए। आओ सत्यार्थ प्रकाश पढ़ें-५

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 16 окт 2024
  • महर्षि दयानन्द सरस्वती का अमर ग्रन्थ #satyarthprakash #prahari #prabhakar
    सत्यार्थ प्रकाश में 14 समुल्लास है। उनके विषय हैं-
    १. प्रथम समुल्लास में ईश्वर के ओङ्काराऽऽदि नामों की व्याख्या।
    २. द्वितीय समुल्लास में सन्तानों की शिक्षा।
    ३. तृतीय समुल्लास में ब्रह्मचर्य, पठन-पाठनव्यवस्था, सत्यासत्य ग्रन्थों के नाम और पढ़ने-पढ़ाने की रीति।
    ४. चतुर्थ समुल्लास में विवाह और गृहाश्रम का व्यवहार। की विधि।
    ५. पञ्चम समुल्लास में वानप्रस्थ और संन्यासाश्रम।
    ६. छठे समुल्लास में राजधर्म।
    ७. सप्तम समुल्लास में वेदेश्वर विषय।
    ८. अष्टम समुल्लास में जगत् की उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय।
    ९. नवम समुल्लास में विद्या, अविद्या, बन्ध और मोक्ष की व्याख्या।
    १०. दशवें समुल्लास में आचार, अनाचार, भक्ष्याभक्ष्य विषय | ११. एकादश समुल्लास में आर्य्यावर्तीय मतमतान्तर के खण्डन-मण्डन विषय।
    १२. द्वादश समुल्लास में चारवाक, बौद्ध और जैनमत का विषय।
    १३. त्रयोदश समुल्लास में ईसाई मत का विषय।
    १४. चौदहवें सुल्लास में मुसलमानों के मत का विषय।
    और चौदह समुल्लासों के अन्त में आर्यों के सनातन वेदविहित मत की विशेषतः व्याख्या लिखी है, जिसको मैं भी यथावत् मानता हूँ।

Комментарии • 17