Maharana vishvraj ka to pata nahi lekin Maharana Mahendra singh ji bahut dhir ,Maharana the .Sat sat naman , Paramatma hamesa unke dhirshilta ta par unke parivar par kripa rakhe,
2-3 mhine phle rashtrapati murmu ji aayi thi ,city palace gumaya lakshraj ne ,to case kar diya vishraj ne unpar vivadit property par kaise gumaya, koi acha nhi hai kalyug hai brahm me mat raho
अंतिम समय में जाते तो मान सम्मान और बढ़ जाता आपका ऐसे समय में तो दुश्मन भी चल जाता है लेकिन आपके पिताजी के संग जिनका बचपन बीता बडा भाई पिता के समान होता है आप नहीं आये आपकी मर्जी लेकिन आपने हद तब कर दी जब आप बाप बेटे ने एकलिंग जी के दर्शन नहीं करने दिया ये आपकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है
इस मामले मे लक्ष्यराज जी का बहुत नुकसान कर दिया सामाजिक स्तर पर । जब मंदिर मे विदेशी विधर्मी पर्यटक जा सकते है तो परिवार के सदस्य को रोक कर गलत किया । विश्वराज जी को मेवाड के बाहर बहुत कम लोग जानते थे अब उनको पुरे देश में एक्सपोजर मिल गया । साथ हीं उनके शालीन व्यवहार ने सामाजिक स्तर पर भी बहुत लाभ मिला ।
कारण कितना भी बड़ा हो खून के रिश्तों में एक भाई दूसरे भाई की मौत पर नहीं आए पहले कभी ऐसा मेवाड़ में नहीं हुआ मेवाड़ में तो दुश्मन के घर भी जाते हैं आखिरी समय में
महाराणा साहब महेंद्र सिंह जी के अंतिम संस्कार में नहीं गए चलो ठीक है लेकिन 12वे तक जो परंपरा है उसको तो पालन कर लेते, यह जगमाल रूपी लक्ष्यराज सादिया अटेंड कर रहा था इन 12 दिनों में हम ना ही कोई शुभ काम करते हैं और ना ही किसी शुभकाम में जाते हैं लेकिन इस जगमाल ने परंपरा तोड़ी है.
Nahi esa nahi hai ye bataya ja chuka tha ki agar aap antim yatra me aye to aap apni jimmedari khud le ye dhamki hi kahi jayegi vaha ka mahol kharab na ho is liye nahi gaye they
महाराणा महेन्द्र सिंह जी को ताउम्र आर्थिक कमजोर रखने का अक्षम्य अपराध अरविंद सिंह जी ने किया और ईश्वर इसकी सजा अवश्य देता है! मेवाड़ की जनता धर्म-कर्म का अनुसरण करेगी ! धन बल को स्वीकार नहीं करेगी !
कोई ना कोई डर भाव कारण वहाँ जीवन के अंतिम 16 वे संस्कार के लिए नहीं गये जबकि जाना तो श्री अरविंद सिंह मेवाड व लक्षराज जी को भी खाली हाथ ही हे ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें
@@AmaniWat सत युग,त्रेता, द्वापर या कल युग हो सनातन धर्म में नैतिक जीवन मूल्यों को हि श्रेष्ठ माना है! पर इस युग में कुछ लोग पैसों की खनक देख, कोठे पर मुजरा भी कर लेंगे और भी बहुत कुछ कर लेंगे!
आज संपूर्ण मेवाड़ का नाम खराब हो चुका है पूरे भारत में विश्व के अंदर मेवाड़ का नाम मिट्टी मेंमिला दिया, कितना ही दुश्मनी हो झगड़ा हो पारिवारिक झगड़ा हो सामाजिक झगड़ा हो कुछ भी हो लेकिन अंतिम अंत्येष्टि में जाना जरूरी था
कलयुग में भी सगे भाई की अंतिम यात्रा में सगे भाई जाते है यह अच्छा नहीं किया कितने भी मत भेद हों भाई भाई एक दूसरे का सहारा होता है चाहे दुख हों या सुख हों विश्व राज सिंह मेवाड के राज तिलक पर समस्त मेवाड राजपूत समाज ने एकता दिखा कर सत्य का साथ दीया वो वंदनीय है जय श्री राम 🙏
कितना ही बड़ा दुश्मन हो लेकिन अंतिम संस्कार के अंदर तो जाता ही जाता है सगे बड़े पापा के अंतिम संस्कार में न जाने पर आपने बहुत बड़ी गलती कर दी हैंश्रीमान, आपसी बटवारा झगड़ा दुनिया में सबके होता है कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसके नहीं होता है लेकिन अंतिम संस्कार में जाना आपका फर्ज दायित्व था, मेवाड़ के महाराणा ही अगर इस प्रकार कार्य करेंगे तो फिर देश और दुनिया के अंदर क्या मैसेज जाएगा,
यह जमीन यह प्रॉपर्टी यह गाड़ी घोड़े यह सानू शौकत यहीं पर रह जाएगी अभी आपको बहुतपछतावा होगा लेकिन क्याकरे अब पछताने के सिवाय और कुछ भी नहीं है यह प्रॉपर्टी और जमीन सभी है कि यही रह जाएगी
जो आपने अपनी समझदारी अपने बड़े पापा और सम्पूर्ण मेवाड़ नाथ महेन्द्र सिंह जी के अन्तिम संस्कार मे नही पहुंचने पर मेवाड़ की जनता आपको गाली गलोच नही देवे तो क्या आपकी तारीफ करे जय मेवाड़
मैं बिहार से हूं। लेकिन मेरा मानना है की सम्पूर्ण राजपूत समाज को अरविंद सिंह जी के पूरे परिवार का सामाजिक बहिस्कार करना चाहिए तब तक जब तक वो विश्वराज सिंह जी को बराबर का अधिकार नहीं दे देते हैं।
अरविंद सिंह जी की माँ थी और उसकी सूचना भाई ने भाई को दी.. जो देनी ही चाहिए थी..अभी इसमें सूचना कौन देता और क्यों ???? आप को पता चला तब आ जाते लेट आ जाते.. लक्ष्य राज कभी रोलमॉडल हुआ करते थे.. अब केवल एक मॉडल बन कर रह गये..
हिंदू संस्कृति में किसी व्यक्ति से बैर भाव है, तो भी उसके अंतिम संस्कार में जाया जाता है ,चाहे आपस में बोलचाल नहीं हो, आना जाना नहीं हो। अब यह नये महाराणाओं कि संस्कृति है। जनता इससे क्या सीख ले भगवान ही जानता है । बाकी नहीं जाना सर्वथा अनुचित है। हर स्थिति में अंतिम संस्कार में उपस्थित होना चाहिए था। नहीं आना शर्मकी बात है।
😢😮 बड़ा कष्ट होता है। ऐसी घटिया मानसिकता देखकर 🌺🌹🧖🙏🤲🚩।माफ करना मेवाड़ राजकुमार।। हमें पता नहीं है कि राजवंश में किस बात को लेकर मनमुटाव है? लेकिन आपको महाराणा महेंद्र सिंह जी के अंतिम संस्कार में अवश्य शामिल होना चाहिए था।।
राज घराने की महता को देखते हुए, अंतिम संस्कार में तो शामिल होना ही था l ये बात आपके पिता श्री को सोचनी चाहिए थी.!!! श्री मन्ना युवराजजी की स्थिति तो कुरु क्षेत्र में जो अर्जुन की थी, वैसे हों गईं थी l अर्थात " किं कर्तव्यम विमूढ़ " क्या करें, क्या न करें l
अंहकार का अंत निश्चित है लक्ष्यराज जी सत्य परेशान हो सकता है पर परास्त नहीं मेवाड़ की परम्परा को धूमिल कीया आपने हम सब विश्व राज जी के साथ है जय मेवाड़ जय राजपुताना
इनके पास कोई जवाब नहीं गोलमाल जवाब दे रहे है यहां तक कि दाह संस्कार में नहीं गए और दशकर्म में सेविंग घर पर भी बना सकते थे, और दर्शन करने जाने पर पत्थर फेंके देश दोहरे चरित्र को समझ गया है
मरया खप्या में ही नहीं जावे जना के आदर्श प्रस्तुत करो कायरो लक्ष्य ह रही बात सम्पत्ति की तो बा अठे री अठें ही रेनी ह कोई मरया जिका ही छाती पर लेर कोणी गया थे भगवान रामजी रा सूर्यवंशी कहिजो हो चुण्डावत जिस्यो त्याग कठे ह
आपकी माता बड़े पिता के साथ रही, स्पष्ट है आपने सेवा नहीं की, आपकी माता जी की मृत्यु की सूचना आपको देकर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, लोग और मेवाड़ विश्वराज सिंह के साथ खड़ा है, आपके साथ नहीं, क्यों
सुमति कुमति सबके उर रहहिं, नाथ पुराण निगम अस कहहिं। जहां सुमति तहां संपत्ति नाना, जहां कुमति तहां विपत्ति निदाना।। सुमति का वरण कर अंतिम संस्कार में जाना चाहिए था 🙏 और धूणी दर्शन के समय आपको व्यवस्था में खड़े होकर सम्मिलित होना चाहिए था क्योंकि कि परिसर पर आपका अधिकार बता रहे हैं तो यह जिम्मेदारी और अधिक हो जाती है आपके लिए 🙏
आपका मान सम्मान आपके हाथ मेंथा आपने जो भी किया वहसरासर गलत किया है मेवाड़ की आन बानशान को आप रोड पर लाकर रखदिया आपसे यह उम्मीद नहीं थी पूरे राजस्थान की जनता को
आपके अब कितने ही कारण रहे है लेकिन अन्तिम यात्रा मे आपके पिताजी व आप सम्मिलित नही हुए जिसके कारण जो कलंक लगा है वह मिट नही सकेगा । झगडा हर परिवार मे होता है वाद विवाद होते है परन्तु परिवार के दुखद समय मे जाकर खडे होते जो बडा सम्मान मिलता । फिर देव दर्शन पर इतना हो हल्ला जो हुआ है वह मेवाड का अपमान है आप लक्ष्यराज जी को हाथ पकड कर आगे होकर देव दर्शन कराते तो आपकी महानता और बढ जाती ।लेकिन ऐसा आपने नही किया प्रशासन को बीच मे आना पडा तब यह संभव हुआ । कानून अपना काम करेगा यह तो आप दोनो को देखना है लेकिन समाज वरिष्ठ नागरिक की भी आपने नही सुनी । जो आप अपने महल मै सब कैमरे से देख भी रहे होगें अगर देव दर्शन सोमवार को हो जाते तो आपका कुछ नही जाता न वो संपत्ति हथिया लेते न आपका महल । बहुत कुछ एक मेवाड का नागरिक होने के कारण जो कुछ हुआ है उसका मुझे ही नही सम्पूर्ण मेवाड समाज दुर दुर तक सभी को दुःख हुआ है । अब समाज ने मेवाड के महाराणा की गद्दी पर दिवान स्वरूप श्री मान लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड को बैठाया है वही असली सत्य है जिसे सभी ने स्वीकार किया है । आप से आग्रह है कि आप मन से चिन्तन करें सोचे क्या जो घटना हुई है वह समय रहते आप सभी परिवार के प्रमुख आपस मे बैठकर समझोता कर लेते तो शायद आपका सम्मान कद और बढ जाता था लेकिन अब ऐसा नही है समाज कहेगा जरूर इतिहास यह भूलेगा नही जय मेवाड जय एकलिंग नाथ जय महाराणा प्रताप (*आप इसे अन्यथा नही लेवे मन के दुख को प्रकट किया है*)
मैने गलती से लक्ष्यराज सिंह जी लिख दिया है आप इसे मेवाड के महाराणा श्री मान विश्वराज सिंह जी पढे यही सत्य है लक्ष्यराज सिंह जी को मैने अपना संदेश भेजा है
Manyawer Mewad ki Prabudh Janta or 36 komo ya Biradariyon ne Mewad ka Diwan Maharana Prithvi Singh Mewad KO banaya Hai Jo Purav Divangat Maharana Shri Mahinder Singh Ji Meavad ke Putra Hain....laksya Raj Mewad Kumvar Hain... Inhone Bahut ghatiya Mansikta ka Parichya Diya or Nate Maharana Prithvi Ji KO Duni Mata ke Darshan nahi karne diye....Mewad ki Akshun Sanskriti KO kalankit kiya....inko Ye Bhram Hai ki unke Pita Arvind Ji Maharana Hai per Ye satya nahi Hai, Ye kumbar hi Hain....kumvar bhi Bada Audha Hai.
में मांडल भीलवाड़ा से हु पर में भी लक्ष्य राज सिंह जी को बहुत मानता हु मैने सोचा कि ये जिनसे लोग सीखते हे हमारे मेरे आदर्श हे मुझे लगा कि वो तो जायेंगे ही वहां
मेवाड़ के इतने लोग शामिल हुवे किसी को इस का निमंत्रण नही होता सभी जाते है और बाकी घर वालो को तो थोड़ी कहते है 12 दिन का दुसरो को कहते है घर वालो को नही कहते
लक्ष्यराज सिंह जी और विश्वराज सिंह जी, आप दोनों ही भारतवर्ष के एक बहुत समृद्ध परिवार का वंश है और हमारे लिए पूजनीय हैं। आप दोनों के बीच ये सब देख कर बहुत दुःख होता है। आप केवल एक परिवार नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए उस विरासत को आगे ले जा रहे हैं जो इस राष्ट्र को प्रेरित करने के लिए बहुत आवश्यक है। आप दोनों के वंश में महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा हुए हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। क्या आप उनके बताए मार्ग से भटकना चाहते हैं? आप दोनों ही मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा के वाहक हैं। आप दोनों के मन में देशभक्ति और परिवार के प्रति समर्पण की भावना समान रूप से है। आप दोनों से समाज को बहुत उम्मीदें हैं। आप दोनों मिलकर देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। आप दोनों भाई हैं। भाईयों के बीच झगड़े तो होते रहते हैं, लेकिन परिवार का बंधन सबसे मजबूत होता है। कृपया आप दोनों भाई एक हो जाइए। जो पहले गलतियां हुईं उसे भुला दीजिए और ऐसा निर्णय लीजिए जिससे यह परिवार युगों युगों तक भारतवासियों के लिए प्रेरणा सूत्र बना रहे। बहुत सौभाग्य की बात है कि आपने ऐसे परिवार में जन्म लिया, पर कृपया आप दोनों भाई एक हो जाइए। हर किसी ने यह संसार छोड़ कर जाना है, कुछ साथ नहीं ले जाना, पर आप उस किरदार को और ज्यादा अच्छे से निभाइए ताकि पुनः यह परिवार समाज में देश में एक प्रेरित करने वाला संदेश छोड़ कर जाए।
मौत होने पर बुलाया नहीं जाता है शादी समारोह में बुलाया जाता है दुश्मन की भी मौत हो जाए तो आदमी अपने आप जाता है यह बड़े राज परिवार से होकर भी इन्होंने मूर्खता करी है
लक्ष्यराज सिंह जी के द्वारा कही गई बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। उदयपुर में उनको किस से अपनीजान का खतरा था ??? लक्ष्यराज सरासर झूठ बोल रहे हैं।
भाई का धर्म भाई को अपनी प्रॉपर्टी में हिस्सा देना धर्म है वसीयतनामा क्या होता है राजपूत समाज में अगर एक भाई मां के पेट मेंहोता है और बाद में जन्म लेता है उसको भी हिस्सा देना पड़ता है यह राजपूतधर्म है यह छतरी धर्म है अगर आप भाई कोई ऐसा नहीं देते हो तो समझ में क्या संदेश जाएगा आपनेराजधर्म को दिया समाज धर्म को दिया सामाजिक रीति रिवाज को दिया साड़ी राज रजवाड़ी आपकी निंदा कर रहे हैं
सब नाटक है....इतने दिन कहां थे आप अगर आपका इतना बड़ा दिल है तो क्यों ना आप बड़ा मन रखते हुए आपस में बैठकर यह मामला सुलझा लेते हैं सब सम्पत्ति वैसे भी यही छोड़कर जाना है... आपको अगर सम्पत्ति से मोह नहीं है तो दिखाएं बड़ा दिल....अगर यह मामला बैठकर आप सुलझा लेते हैं तो यकीन मानिए सर्व समाज आपकी वाहवाही करेगा जय मेवाड़
Inko Bada Dil Dikhate hue Adhi Property or Sambhu Mehal Maharana Prithvi Singh Ji KO lautana Chahiye.....ESA Punya karya karne se hi sachi Shrdhanjali hogi....Jai Ekling Ji.
चाहे कितनी भी दुश्मनी हो दास संस्कार एक मानव धर्म है और राजपूत का तोधर्म है लक्ष्यराज सिंह जी और अरविंद सिंह जी ने कौन सा धर्मनिभाया इसका जवाब आज दिन तकनहीं मिला है
लक्ष्मण सिंह जी जो भारत के राजनेता संपत्ति विवाद खत्म करें भारत में रहने वाले किसी भी किसी भी आदमी का कोई भी संपत्ति विवाद हो पारिवारिक या कोई दूसरा मगर सरकार को ऐसे विवादों का तुरंत निकाल लाना चाहिए कितने साल से संपत्ति विवाद चल रहा है सरकारी क्या हराम हजम पट्टी कर रही है क्या जय माता दी
सवाल: आप अपने बड़े पिताजी के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं पहुंचे.. जवाब: मेरी दादी का जब देवलोक गमन हुआ तब मेरे बड़े पिताजी ने मेरे पिताजी को आदर भाव से सूचना दी। Ps: मुझे जीमन का न्योता नही मिला इसलिए में जीमन में नही जाऊंगा।
Jab kisi bhi insaan ki aatma aahat hoti hai to bhi apne parivaar ki maryada ke liye apne aapko door kr leta hai,lekin apne dukh ko samne nahi Lata, bhgwan se us aatma ke liye sadgati ki dua krta hai, jai mewar....
सच्चाई है लक्ष्यराज जी अपना सम्मान खो चुके हैं, उसको पुनः पाना बड़ा मुश्किल है
Bhagwant ji ki galati hai ye sab, Agar vo apne bade bete ko bedakhal na karte to ye naubat aati hi nahi 😊
घास की रोटी खाकर मुगलो के छक्के छुड़ाने वाले महाराणा प्रताप जी के परिजनो को संपत्ति के लिए झगड़ते हुए देखकर हर सनातनी का मन उदास हो गया है !
Satta sangharsh sadev raha tha hai or rahega
विश्वराज सिंह एक सभ्य ओर धैर्यवान इंसान है ।।
Maharana vishvraj ka to pata nahi lekin Maharana Mahendra singh ji bahut dhir ,Maharana the .Sat sat naman , Paramatma hamesa unke dhirshilta ta par unke parivar par kripa rakhe,
@@SurendraSingh389-c5m thanks
2-3 mhine phle rashtrapati murmu ji aayi thi ,city palace gumaya lakshraj ne ,to case kar diya vishraj ne unpar vivadit property par kaise gumaya, koi acha nhi hai kalyug hai brahm me mat raho
Lakshyaraj singh bhi sabhya hai
अंतिम समय में जाते तो मान सम्मान और बढ़ जाता आपका ऐसे समय में तो दुश्मन भी चल जाता है लेकिन आपके पिताजी के संग जिनका बचपन बीता बडा भाई पिता के समान होता है आप नहीं आये आपकी मर्जी लेकिन आपने हद तब कर दी जब आप बाप बेटे ने एकलिंग जी के दर्शन नहीं करने दिया ये आपकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है
Yes
100%√
I agree with you 100%
इस मामले मे लक्ष्यराज जी का बहुत नुकसान कर दिया सामाजिक स्तर पर । जब मंदिर मे विदेशी विधर्मी पर्यटक जा सकते है तो परिवार के सदस्य को रोक कर गलत किया । विश्वराज जी को मेवाड के बाहर बहुत कम लोग जानते थे अब उनको पुरे देश में एक्सपोजर मिल गया । साथ हीं उनके शालीन व्यवहार ने सामाजिक स्तर पर भी बहुत लाभ मिला ।
कारण कितना भी बड़ा हो खून के रिश्तों में एक भाई दूसरे भाई की मौत पर नहीं आए पहले कभी ऐसा मेवाड़ में नहीं हुआ मेवाड़ में तो दुश्मन के घर भी जाते हैं आखिरी समय में
महाराणा साहब महेंद्र सिंह जी के अंतिम संस्कार में नहीं गए चलो ठीक है लेकिन 12वे तक जो परंपरा है उसको तो पालन कर लेते, यह जगमाल रूपी लक्ष्यराज सादिया अटेंड कर रहा था इन 12 दिनों में हम ना ही कोई शुभ काम करते हैं और ना ही किसी शुभकाम में जाते हैं लेकिन इस जगमाल ने परंपरा तोड़ी है.
आप अपने बड़े पिताजी की अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हुए..........आप बताइए क्या कारण है........अंतिम यात्रा का निमंत्रण नहीं दिया जाता है...........
🙏✅
जल और कुल कभी ना कभी अवश्य मिलते है ये प्राकृत है ।
इसलिए फर्ज से कभी ना भागे
Nahi esa nahi hai ye bataya ja chuka tha ki agar aap antim yatra me aye to aap apni jimmedari khud le ye dhamki hi kahi jayegi vaha ka mahol kharab na ho is liye nahi gaye they
महाराणा महेन्द्र सिंह जी को ताउम्र आर्थिक कमजोर रखने का अक्षम्य अपराध अरविंद सिंह जी ने किया और ईश्वर इसकी सजा अवश्य देता है!
मेवाड़ की जनता धर्म-कर्म का अनुसरण करेगी ! धन बल को स्वीकार नहीं करेगी !
कोई ना कोई डर भाव कारण वहाँ जीवन के अंतिम 16 वे संस्कार के लिए नहीं गये
जबकि जाना तो श्री अरविंद सिंह मेवाड व लक्षराज जी को भी खाली हाथ ही हे
ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें
जी हुकम bilkul सही बात फरमाइ।
@@lokendrasinghrathore7341 किस युग में जी रहा है भाई
@@AmaniWat सत युग,त्रेता, द्वापर या कल युग हो सनातन धर्म में नैतिक जीवन मूल्यों को हि श्रेष्ठ माना है! पर इस युग में कुछ लोग पैसों की खनक देख, कोठे पर मुजरा भी कर लेंगे और भी बहुत कुछ कर लेंगे!
आज संपूर्ण मेवाड़ का नाम खराब हो चुका है पूरे भारत में विश्व के अंदर मेवाड़ का नाम मिट्टी मेंमिला दिया, कितना ही दुश्मनी हो झगड़ा हो पारिवारिक झगड़ा हो सामाजिक झगड़ा हो कुछ भी हो लेकिन अंतिम अंत्येष्टि में जाना जरूरी था
कलयुग में भी सगे भाई की अंतिम यात्रा में सगे भाई जाते है यह अच्छा नहीं किया कितने भी मत भेद हों भाई भाई एक दूसरे का सहारा होता है चाहे दुख हों या सुख हों विश्व राज सिंह मेवाड के राज तिलक पर समस्त मेवाड राजपूत समाज ने एकता दिखा कर सत्य का साथ दीया वो वंदनीय है जय श्री राम 🙏
कितना ही बड़ा दुश्मन हो लेकिन अंतिम संस्कार के अंदर तो जाता ही जाता है सगे बड़े पापा के अंतिम संस्कार में न जाने पर आपने बहुत बड़ी गलती कर दी हैंश्रीमान, आपसी बटवारा झगड़ा दुनिया में सबके होता है कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसके नहीं होता है लेकिन अंतिम संस्कार में जाना आपका फर्ज दायित्व था, मेवाड़ के महाराणा ही अगर इस प्रकार कार्य करेंगे तो फिर देश और दुनिया के अंदर क्या मैसेज जाएगा,
यह जमीन यह प्रॉपर्टी यह गाड़ी घोड़े यह सानू शौकत यहीं पर रह जाएगी अभी आपको बहुतपछतावा होगा लेकिन क्याकरे अब पछताने के सिवाय और कुछ भी नहीं है यह प्रॉपर्टी और जमीन सभी है कि यही रह जाएगी
अरे सर, निजी कारण कुछ भी हो सकते है, परन्तु वह इस रक्त का हिस्सा है उन्हें मंदिरों और अपने कुल के देवताओं के दर्शन में रोकने का आपको क्या अधिकार है।
जो आपने अपनी समझदारी अपने बड़े पापा और सम्पूर्ण मेवाड़ नाथ महेन्द्र सिंह जी के अन्तिम संस्कार मे नही पहुंचने पर मेवाड़ की जनता आपको गाली गलोच नही देवे तो क्या आपकी तारीफ करे जय मेवाड़
मैं बिहार से हूं। लेकिन मेरा मानना है की सम्पूर्ण राजपूत समाज को अरविंद सिंह जी के पूरे परिवार का सामाजिक बहिस्कार करना चाहिए तब तक जब तक वो विश्वराज सिंह जी को बराबर का अधिकार नहीं दे देते हैं।
गलत बात है विश्वराज अपने बाप का सगा नहीं हो सका तो जो बेटा अपने बाप पर case कर सकता है वो औलाद को तो भगवान् भी माफ़ नहीं करते, जरा सोचो
@gyandarshanspringboardclip6755 धर्म कहता है बाप भी अगर अधर्म करने लगे तो उसका भी साथ छोड़ देना चाहिए।
@@gyandarshanspringboardclip6755 केस किसने किया किस पर किया ये पता ही नहीं है आपको । दुसरा ये मामला केवल मंदिर दर्शन का है ना कि सम्पति विवाद का ।
तुम हमेशा गद्दारों के साथ ही रहे हो.... जो अपने बाप का नहीं वो किसी का नहीं
Apka tark bahut bakwaas h yh ek pariwarik BAAT h to AAP apna opinion band rkho
Wah nalayak lakhyraaj.....
हमारी माँ पन्ना धाय
ने केसे परिवार को बचाया अपने बेटे के बलिदान से.😢😢.. शर्म आती हे आप लोगो पर
दीपदान एंकाकी पढो पता चल जाएगा पन्ना धाय कोन थी
भाई से बड़ा कोई दौलत नहीं मेने खोया भाई पैसे से वो ख़रीदा नहीं जा सकता
अरविन्दसिहजी और उनके कूंवर को महेंद्रसिंह जी के अंतिम यात्रा मै तो जाना था कम से कम
आजकल संपत्ति विवाद हर दूसरे घर में चल रहा है घर घर में चल रहा है सगे भाई की जाने पर भी उसकी अंतिम यात्रा में नहीं जा रहे हैं संपत्ति के कारण
अरविंद सिंह जी की माँ थी और उसकी सूचना भाई ने भाई को दी.. जो देनी ही चाहिए थी..अभी इसमें सूचना कौन देता और क्यों ???? आप को पता चला तब आ जाते लेट आ जाते.. लक्ष्य राज कभी रोलमॉडल हुआ करते थे.. अब केवल एक मॉडल बन कर रह गये..
Sach bahar aa gya hai.
महेंद्र सिंह मेवाड बड़े भाई थे, सबसे पहला हक उनका बनता है, लेकिन अरविंद सिंह मेवाड गलत किया है, जय एकलिंग जी
अगर आप जाते तो आपका नाम अमर होता था राजस्थान की जनता आपको सर आंखों पर बिठा देते लेकिनआपसे यह उम्मीद नहीं थी अब पछताने से क्या होता है
👍🏻
लक्ष्यराज फ़र्ज़ी हैं गिरी हुई सोच। मेवाड़ राजपरिवार दब्बा हैं
आप इस लायक हो इसलिए लोगों ने कहा कि बड़े पापा की अंत्येष्टि में नहीं गए तो आप उनके खून नहीं हो सकते
राज कुंवर आप राणा के कुंवर हे मुझे धिक्कार हे कि मुझे ये शब्द सुनने पड़े
हिंदू संस्कृति में किसी व्यक्ति से बैर भाव है, तो भी उसके अंतिम संस्कार में जाया जाता है ,चाहे आपस में बोलचाल नहीं हो, आना जाना नहीं हो। अब यह नये महाराणाओं कि संस्कृति है। जनता इससे क्या सीख ले भगवान ही जानता है । बाकी नहीं जाना सर्वथा अनुचित है। हर स्थिति में अंतिम संस्कार में उपस्थित होना चाहिए था। नहीं आना शर्मकी बात है।
इतनी घटिया सोच लक्ष्यराज जी को हम अपना हीरो मानते थे 😢😢
😢😮 बड़ा कष्ट होता है। ऐसी घटिया मानसिकता देखकर 🌺🌹🧖🙏🤲🚩।माफ करना मेवाड़ राजकुमार।। हमें पता नहीं है कि राजवंश में किस बात को लेकर मनमुटाव है? लेकिन आपको महाराणा महेंद्र सिंह जी के अंतिम संस्कार में अवश्य शामिल होना चाहिए था।।
लक्ष्यराज सिंह जी को अपने नाम के आगे मेवाड़ शब्द लगाना छोड़ देना चाहिए
100% sahi bat hai
सुख में बिना बुलावे के नहीं जाना चाहिए, चाहे हो कितना ही खास, परंतु दुख मे पहले पहुंचिये चाहे दुश्मन भी क्यों ना हो,?
महाराणा विश्वराज सिंह जी बहुत ही सरल धैर्यवान बहुत ही नेक इंसान है💛
राज घराने की महता को देखते हुए, अंतिम संस्कार में तो शामिल होना ही था l ये बात
आपके पिता श्री को सोचनी चाहिए थी.!!!
श्री मन्ना युवराजजी की स्थिति तो कुरु क्षेत्र में
जो अर्जुन की थी, वैसे हों गईं थी l अर्थात
" किं कर्तव्यम विमूढ़ " क्या करें, क्या न करें l
जनता सब जान चुकी है बातों से सच नहीं दब सकता
अपनी बेइज़्ज़ती कराने के बाद फ़ालतू की एक्टिंग । इन बाप बेटे ने राजपरिवार का नाम ख़राब कर दिये। in हरकतों की वजह राजपूत समाज माफ नहीं करेगा
सुख के समय तो हर कोई नाचने आ जाते हैं asali Insan to vah Hote Hain Jo Dukh Mein Sath Dete Hain
जिस तरह ये चैनल वाला बोल रहा है.... जिस तरीके से ये fixed news बनाई गई हैं..... इस चैनल को अच्छे पैसे मिल गए लगता है
बिल्कुल सत्य बात है मेवाड़ का महाराणा जैसे प्रताप जंगलों में भटक रहा था वैसे ही महाराणा महेंद्र सिंह जी लाइव जंगलों में भटक रहे थे
Bhai sahab pahle to aap apni language ko sambhale Maharana Pratap ke Prati tuchchh shabdon Ka prayog Na Karen
पचास बाते करी पर आखिरी तक ये नही बताया की क्यो नही गए.....धन्य है ये महाशय 🚩
अंहकार का अंत निश्चित है लक्ष्यराज जी सत्य परेशान हो सकता है पर परास्त नहीं मेवाड़ की परम्परा को धूमिल कीया आपने हम सब विश्व राज जी के साथ है जय मेवाड़ जय राजपुताना
चलो कोई बात नहीं आपने आपकी गलती को स्वीकार किया आपको राजस्थान कीजनता माफ भी कर देगी लेकिन वह बात नहींरही जय महाराणा प्रतापजी की
इनके पास कोई जवाब नहीं गोलमाल जवाब दे रहे है यहां तक कि दाह संस्कार में नहीं गए और दशकर्म में सेविंग घर पर भी बना सकते थे, और दर्शन करने जाने पर पत्थर फेंके देश दोहरे चरित्र को समझ गया है
कुछ भी सफाई दो वो समय तो वापस नहीं आयेगा।
मरया खप्या में ही नहीं जावे जना के आदर्श प्रस्तुत करो कायरो लक्ष्य ह रही बात सम्पत्ति की तो बा अठे री अठें ही रेनी ह कोई मरया जिका ही छाती पर लेर कोणी गया थे भगवान रामजी रा सूर्यवंशी कहिजो हो चुण्डावत जिस्यो त्याग कठे ह
❤
आप लोग महेंद्र सिंह जी मेवाड़ के अंतिम यात्रा में क्यों नहीं आए सवाल ये है?
इनके चारों खाने चित हो गए हैं इस लिए ये सब स्क्रिप्ट है। बाकी इनकी सोच जग जाहिर हो गई संपूर्ण मेवाड़ का नाम खराब किया
अंतिम क्रिया में तो दुश्मन के भी घर जाते हैं वह तो आपके बड़े पिताजी थे इससे शर्म की क्या बात है आपको जाना चाहिए था
धन ही बडा है जमाने मे सभी राजा महाराजा आपस मे लड रहे है शर्मनाक है कैसे महाराणाप्रताप ओर अन्य ने राज्य स्थापना की पुरे देश के राजाओ के यही हाल है
अगर रिश्तेदार के यहां जीमने जाना है, तो बुलावा या निमंत्रण जरूरी है। ऐसे मौत मरण के मौके पर तो बिना बुलाए जाना चाहिए।
ढौगी अछी एक्टिंग कर लेता है
कॉंग्रेसी विचार धारा के है इस लिए ढ़ोंग ओर एक्टिंग में तो नम्बर वन होंगे ही
क्यों बार बार अपनी बुद्धि का परिचय देते हो मृत्यु का कोई निमंत्रण नहीं देता
कारण ये कि आप महाराणा बनना चाहते हैं, जो गलत है,
आज अगर स्वर्ग में पन्नाधाय यह दृश्य देख रही होगी तो उनको कितना दुखहुआ होगा
अच्छे समय की शुरुआत हो चुकीहै ओम नमः शिवाय , हे प्रभु सभी को सद्बुद्धि दे
आपकी माता बड़े पिता के साथ रही, स्पष्ट है आपने सेवा नहीं की, आपकी माता जी की मृत्यु की सूचना आपको देकर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, लोग और मेवाड़ विश्वराज सिंह के साथ खड़ा है, आपके साथ नहीं, क्यों
आप से तो गांव के लोग भी अच्छे है
सुमति कुमति सबके उर रहहिं, नाथ पुराण निगम अस कहहिं।
जहां सुमति तहां संपत्ति नाना, जहां कुमति तहां विपत्ति निदाना।।
सुमति का वरण कर अंतिम संस्कार में जाना चाहिए था 🙏
और धूणी दर्शन के समय आपको व्यवस्था में खड़े होकर सम्मिलित होना चाहिए था क्योंकि कि परिसर पर आपका अधिकार बता रहे हैं तो यह जिम्मेदारी और अधिक हो जाती है आपके लिए 🙏
अंतिम यात्रा मैं शामिल क्यों नहीं हुऐ
अंत्येष्टि में जाना था
दुश्मन के भी जाते पड़ोसी के भी जाते
इतनी ईर्ष्या किस काम की
ईर्ष्या साफ झलक रही है साधारण इंसान मंद बुद्धि से गया गुजरा आचरण
ye kis court ki baate kr rha h
अपने स्वविवेक से आधी सम्पत्ति भाई को देनी चाहिए.घर के मामले को कोर्ट में ले जाना ही मूर्खता ह.नैतिकता तो यही ह
मेवाड़ के महाराणा महैन्द सिंह जी मेवाड़ अंतिम दर्शन में भी नहीं आये अरविंद सिंह मेवाड़ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ओर नहीं हुए भदर
आपका मान सम्मान आपके हाथ मेंथा आपने जो भी किया वहसरासर गलत किया है मेवाड़ की आन बानशान को आप रोड पर लाकर रखदिया आपसे यह उम्मीद नहीं थी पूरे राजस्थान की जनता को
तुमने लाखों खर्च करके जो अपनी झूठी इमेज़ बनाईं थी वो बर्बाद हो चुकी है। शर्म करो
पुरे देश को पता चल गया पर आप को निमन्त्रण देना पड़ेगा क्या
आपके अब कितने ही कारण रहे है लेकिन अन्तिम यात्रा मे आपके पिताजी व आप सम्मिलित नही हुए जिसके कारण जो कलंक लगा है वह मिट नही सकेगा ।
झगडा हर परिवार मे होता है वाद विवाद होते है परन्तु परिवार के दुखद समय मे जाकर खडे होते जो बडा सम्मान मिलता ।
फिर देव दर्शन पर इतना हो हल्ला जो हुआ है वह मेवाड का अपमान है आप लक्ष्यराज जी को हाथ पकड कर आगे होकर देव दर्शन कराते तो आपकी महानता और बढ जाती ।लेकिन ऐसा आपने नही किया प्रशासन को बीच मे आना पडा तब यह संभव हुआ ।
कानून अपना काम करेगा यह तो आप दोनो को देखना है लेकिन समाज वरिष्ठ नागरिक की भी आपने नही सुनी । जो आप अपने महल मै सब कैमरे से देख भी रहे होगें
अगर देव दर्शन सोमवार को हो जाते तो आपका कुछ नही जाता न वो संपत्ति हथिया लेते न आपका महल ।
बहुत कुछ एक मेवाड का नागरिक होने के कारण जो कुछ हुआ है उसका मुझे ही नही सम्पूर्ण मेवाड समाज दुर दुर तक सभी को दुःख हुआ है ।
अब समाज ने मेवाड के महाराणा की गद्दी पर दिवान स्वरूप श्री मान लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड को बैठाया है वही असली सत्य है जिसे सभी ने स्वीकार किया है ।
आप से आग्रह है कि आप मन से चिन्तन करें सोचे क्या जो घटना हुई है वह समय रहते आप सभी परिवार के प्रमुख आपस मे बैठकर समझोता कर लेते तो शायद आपका सम्मान कद और बढ जाता था लेकिन अब ऐसा नही है समाज कहेगा जरूर इतिहास यह भूलेगा नही
जय मेवाड
जय एकलिंग नाथ
जय महाराणा प्रताप
(*आप इसे अन्यथा नही लेवे मन के दुख को प्रकट किया है*)
आप लक्ष्यराज सिंह जी के नाम स्थान पर विश्वराज सिंह जी पढे
मैने गलती से लक्ष्यराज सिंह जी लिख दिया है आप इसे मेवाड के महाराणा श्री मान विश्वराज सिंह जी पढे यही सत्य है
लक्ष्यराज सिंह जी को मैने अपना संदेश भेजा है
भाई मेवाड़ की राजगद्दी पर विश्वराज बैठा है ना की लक्ष्यराज
Manyawer Mewad ki Prabudh Janta or 36 komo ya Biradariyon ne Mewad ka Diwan Maharana Prithvi Singh Mewad KO banaya Hai Jo Purav Divangat Maharana Shri Mahinder Singh Ji Meavad ke Putra Hain....laksya Raj Mewad Kumvar Hain... Inhone Bahut ghatiya Mansikta ka Parichya Diya or Nate Maharana Prithvi Ji KO Duni Mata ke Darshan nahi karne diye....Mewad ki Akshun Sanskriti KO kalankit kiya....inko Ye Bhram Hai ki unke Pita Arvind Ji Maharana Hai per Ye satya nahi Hai, Ye kumbar hi Hain....kumvar bhi Bada Audha Hai.
@@bhagchandrajingir5711 select kar k edit wale option par jaiye...aur sahi kar dijiye 🙏
सारे राजपरिवार के लोग वह इकट्ठे हुए है सारे ठिकाने के ऐसे दुखद घड़ी में कोई कैसे निमंत्रण भेज सकता है साहब ओर शामिल होते तो आपका नाम भी ऊपर होता
लक्ष्यराज सिंह जी का यह आचरण शर्मनाक और निन्दनीय है
तो फिर क्या मतलब रह जाता है इसी रॉयल फैमिली से यह मेवाड़ के बारे में पूरा देश पूछता है
मान सिंह जी पर कविता कांड के समय तुझे समझ गया था तू बहुत चालू चीज है।
में मांडल भीलवाड़ा से हु पर में भी लक्ष्य राज सिंह जी को बहुत मानता हु मैने सोचा कि ये जिनसे लोग सीखते हे हमारे मेरे आदर्श हे मुझे लगा कि वो तो जायेंगे ही वहां
मेवाड़ के इतने लोग शामिल हुवे किसी को इस का निमंत्रण नही होता सभी जाते है और बाकी घर वालो को तो थोड़ी कहते है 12 दिन का दुसरो को कहते है घर वालो को नही कहते
परिवार में इतना कट्टरवाद नहीं होना चाहिए
अब झूठे बहाने से क्या फायदा ये मेवाड़ के सामने नंगे हो चुके हैं ।
लक्ष्यराज सिंह जी और विश्वराज सिंह जी, आप दोनों ही भारतवर्ष के एक बहुत समृद्ध परिवार का वंश है और हमारे लिए पूजनीय हैं। आप दोनों के बीच ये सब देख कर बहुत दुःख होता है। आप केवल एक परिवार नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए उस विरासत को आगे ले जा रहे हैं जो इस राष्ट्र को प्रेरित करने के लिए बहुत आवश्यक है।
आप दोनों के वंश में महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा हुए हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। क्या आप उनके बताए मार्ग से भटकना चाहते हैं? आप दोनों ही मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा के वाहक हैं। आप दोनों के मन में देशभक्ति और परिवार के प्रति समर्पण की भावना समान रूप से है।
आप दोनों से समाज को बहुत उम्मीदें हैं। आप दोनों मिलकर देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। आप दोनों भाई हैं। भाईयों के बीच झगड़े तो होते रहते हैं, लेकिन परिवार का बंधन सबसे मजबूत होता है।
कृपया आप दोनों भाई एक हो जाइए। जो पहले गलतियां हुईं उसे भुला दीजिए और ऐसा निर्णय लीजिए जिससे यह परिवार युगों युगों तक भारतवासियों के लिए प्रेरणा सूत्र बना रहे। बहुत सौभाग्य की बात है कि आपने ऐसे परिवार में जन्म लिया, पर कृपया आप दोनों भाई एक हो जाइए। हर किसी ने यह संसार छोड़ कर जाना है, कुछ साथ नहीं ले जाना, पर आप उस किरदार को और ज्यादा अच्छे से निभाइए ताकि पुनः यह परिवार समाज में देश में एक प्रेरित करने वाला संदेश छोड़ कर जाए।
लक्ष्य राज जी, जो दुरियां भाईयों के बीच थी, आप से उनको हर हाल में समाप्त करने की अपेक्षा की जाती हैं।
मौत होने पर बुलाया नहीं जाता है शादी समारोह में बुलाया जाता है दुश्मन की भी मौत हो जाए तो आदमी अपने आप जाता है यह बड़े राज परिवार से होकर भी इन्होंने मूर्खता करी है
यह सब नाटक कर रहा है तेरे संस्कार कैसे हैं सब पता चल गया है सच्चाई क्या है सब को पता है
मेवाड़ के विर बहादुर थें उन्होंने धर्म के लिए लड़ा तो एक बाप के दो पुत्र हैं तो आधा आधा बांट लो जय मेवाड़ नाथ
Laxrajsingh aap bahut samjhdar hote hue aap bade papa ke antim।yatra me samil nahi huye kai aap ki majburi hogi
Ye galt kiya laksyaraj ji ne jana chahiye tha antim sanskar me...
लक्ष्यराज सिंह जी के द्वारा कही गई बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। उदयपुर में उनको किस से अपनीजान का खतरा था ??? लक्ष्यराज सरासर झूठ बोल रहे हैं।
Rana partap or shaktising ji se bhi badi dusmame nibhai aap koo dhanywad........
Dil se too Royal hoo jaaoooo
Lakshyaraj Singh Ji mewad mein Jo bhi Kiya vah galat Kiya
भाई का धर्म भाई को अपनी प्रॉपर्टी में हिस्सा देना धर्म है वसीयतनामा क्या होता है राजपूत समाज में अगर एक भाई मां के पेट मेंहोता है और बाद में जन्म लेता है उसको भी हिस्सा देना पड़ता है यह राजपूतधर्म है यह छतरी धर्म है अगर आप भाई कोई ऐसा नहीं देते हो तो समझ में क्या संदेश जाएगा आपनेराजधर्म को दिया समाज धर्म को दिया सामाजिक रीति रिवाज को दिया साड़ी राज रजवाड़ी आपकी निंदा कर रहे हैं
Man dukhi h aj hindu hindustan ki saan sabse mahan vansh k pariwar ki is ladayi ko dekh ke 😑😑😑😖😖😖😖😖😖😖😖
आपने यह महसूस किया उसके लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद
जाना चाहिए भाई भाई होते हैं
बड़े पापा नहीं होते बाबोसा होते हैं
सब नाटक है....इतने दिन कहां थे आप
अगर आपका इतना बड़ा दिल है तो क्यों ना आप बड़ा मन रखते हुए आपस में बैठकर यह मामला सुलझा लेते हैं
सब सम्पत्ति वैसे भी यही छोड़कर जाना है... आपको अगर सम्पत्ति से मोह नहीं है तो दिखाएं बड़ा दिल....अगर यह मामला बैठकर आप सुलझा लेते हैं तो यकीन मानिए सर्व समाज आपकी वाहवाही करेगा
जय मेवाड़
Inko Bada Dil Dikhate hue Adhi Property or Sambhu Mehal Maharana Prithvi Singh Ji KO lautana Chahiye.....ESA Punya karya karne se hi sachi Shrdhanjali hogi....Jai Ekling Ji.
बचकाना
@@gauravsharm5242bhai prithvi singh nh vishwaraj singh ji naam hai...do jagah comment mei aap galat naam likh rhe hai.
Inaka kahna h ki inhe suchna nhi di gyi lekin Bina suchna kr v enhe jana chahiye tha
Laxyraaj Singh ji bahut samjdar , sulje hue vyktitv ke vykti h
चाहे आपस मे कितनी भी दुश्मनी हो लेकिन सार्वजानिक तौर पर इन्हे बङा दिल दिखाना चाहिए था और अन्तिम संस्कार मे शामिल होना चाहिए था ।
चाहे कितनी भी दुश्मनी हो दास संस्कार एक मानव धर्म है और राजपूत का तोधर्म है लक्ष्यराज सिंह जी और अरविंद सिंह जी ने कौन सा धर्मनिभाया इसका जवाब आज दिन तकनहीं मिला है
भाई का न्यू हॉट मेवाड़ का कहां से होगा यह भाई का नहीं हुआ तो मेवाड़ का मेवाड़ का कहां से होता है
लक्ष्मण सिंह जी जो भारत के राजनेता संपत्ति विवाद खत्म करें भारत में रहने वाले किसी भी किसी भी आदमी का कोई भी संपत्ति विवाद हो पारिवारिक या कोई दूसरा मगर सरकार को ऐसे विवादों का तुरंत निकाल लाना चाहिए कितने साल से संपत्ति विवाद चल रहा है सरकारी क्या हराम हजम पट्टी कर रही है क्या जय माता दी
Maharana Pratap ko naman
दुःख की घडी मे जाना चाहिए था.
सवाल: आप अपने बड़े पिताजी के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं पहुंचे..
जवाब: मेरी दादी का जब देवलोक गमन हुआ तब मेरे बड़े पिताजी ने मेरे पिताजी को आदर भाव से सूचना दी।
Ps: मुझे जीमन का न्योता नही मिला इसलिए में जीमन में नही जाऊंगा।
Jab kisi bhi insaan ki aatma aahat hoti hai to bhi apne parivaar ki maryada ke liye apne aapko door kr leta hai,lekin apne dukh ko samne nahi Lata, bhgwan se us aatma ke liye sadgati ki dua krta hai, jai mewar....
उनके परिवारी मामले मे आप लोग अंगुली नही करेंगे तो वह आपने आप ठीक हो जाएगा वह लक्ष्ज राज सिंह सुधार दे गा आप लोग अंगुली ना करो
Lakhsyraaj ko ungli nahi pure haath ki jarurt he...nikkme maharani Pratap ke name kalank he ye.....ladka lakshyraj
"ठा करे जो ठाकर" ---- बुजुर्गों से यही सुना है