सर जी, आपको हमेशा में अपने सघायन में सुनतीं हूँ ,जो पाली भाषा का प्रचार प्रसार डॉ प्रफुल गड़पाल सर जी और टीम अटोजित करते है .हमे बहुत अच्छा लगता है ,आप की वाणी में बहुत मिठास है,हम ज़ल्दीही आपसे लखनों में मिलेंगे.
बहुत बहुत धन्यवाद, राजेश चंद्रा सर जी आपने बुद्ध धम्म अपनानेका पुरे देश विदेश में प्रचार प्रसार करने का बहुत बडा अच्छा प्रेरणादायी संकल्प किया है इस लिये आपको फिर से बहुत बहुत धन्यवाद. जय भीम नमो बुद्धाय. 🌷🌷🌷🙏🌷🌷🌷
आचार्य जी आप को पहली बार सुना है। जो सबद यात्रा आपने कराईं है। उसे मैं बुद्ध साहित्य पढ़ कर महसूस कर रहा हूं। और यह जान समझ गया हूं कि बुद्ध इस धरती पर चारों ओर फैले हुए हैं। भारत विश्व का लाइट हाउस था। जहां ज्ञान पिपासु पतंगें चारों ओर से आते रहे हैं। आपने उदाहरण पेश किए हैं वह अकाट्य है।
आचार्य श्री राजेन्द्र चंद्रा जी आपने भाषा विज्ञान की चर्चा की पाली भाषा ही सभी भाषाओं की जननी है । हिन्दु पंडित कहते हैं संस्कृत सब भाषाओं की जननी है । संस्कृत यानी संस्कारित जो पाली भाषा से संस्कारित है । धन्यवाद आचार्य श्री राजेंद्र चंद्रा जी पाली भाषा और त्रिपिटक पर विस्तृत जानकारी दि ।सही कहा थाईलैण्ड के भंते जी ने भारत में बुद्ध धम्म आज फिर से ज़िंदा जागृत है वह बोधिसत्व डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर जी के कारण ही है । श्री राजेंद्र चंद्रा जी कोबहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छी जानकारी । नमोबुद्धाय जयभीम । बहुत साधुवाद
सरजी.. आपने सही कहा है, की हर घर मे पाली भाषा का ज्ञात होना जरुरी है.. आपने बहुत ही सुंदर तरीके से विश्लेषण किया है.. आपको मेरा सप्रेम जय भीम 🙏 नमो बुद्धाय, जय भारत जय संविधान.. 🙏🙏🌼🙏🙏🌼🙏🙏🌼
JAYBHIM. JAYBHIM. .! JAYBHIM= JUSTICE. FOR ALL. ! JUSTICE = TRUTH IN ACTION. ! TRUTH IS ALWAYS STRANGER THAN FICTION. ! BUT JAYBHIM'S JUSTICE IS WITHIN CONSTITUTIONAL FRAMEWORK OF THIS NATION. ! THAT'S REAL ACTION. ! THAT'S REAL JUSTICE. !
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
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@@vk-vd6te Videshi. Tere Dharm ka naam tak Mughals ne aa ke diya. Abhi Tak tere kalpanik Bhagawan ko sabit nahi kar paya. 😂😂 Abe Gobar putra Jati Linddu dharm me hoti hai. Buddhism me nahi. Gaumutra kam pee. 😂😂😂🤣
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण -- मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी। और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे। जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप । जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे । जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है। बौद्ध ग्रंथो मे अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है । इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो । मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है। अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है। नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है। विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है। दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है। बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है। सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है। सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है। बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है। बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है। जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे । अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे । मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है। बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है। बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है। वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है। तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है। जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है। कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है। बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है। आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे। नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है। शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है। धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की। बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है। बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई। भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण -- मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी। और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे। जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप । जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे । जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है। बौद्ध ग्रंथो मे अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है । इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो । मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है। अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है। नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है। विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है। दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है। बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है। सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है। सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है। बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है। बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है। जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे । अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे । मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है। बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है। बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है। वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है। तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है। जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है। कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है। बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है। आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे। नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है। शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है। धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की। बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है। बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई। भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बहुत.अच्ये.बाते.सूधार.हौनी.चाहिये.जय.भुम.नमो.बुद्धाय.
चौथी संगिती सम्राट कनिष्कके कालमे इस७८ मे हुई थी।वहाँसे महायान जगभर फैला।आपने श्रीलंकाका संदर्भ दिया!
गौरवशाली इतिहास जानकर आप लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।जय भारत नमो बुद्धाय जय भीम जय विज्ञान जय संविधान जय मूलनिवासी।
आपको कोटि कोटि साधुवाद सर,,!
जयभीम नमोबुद्धाय जयसंविधान जयविज्ञान जयभीमशेर जयभारत जयसंविधान 🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
जय भीम जय भारत जय संविधान जय मुलनिवासी जय बौद्ध जय सतनाम
भारत भूमि ही बौद्ध भूमि है । जय भीम नमो बुद्धाय ढेरों शुभकामनाएं जी
सर जी, आपको हमेशा में अपने सघायन में सुनतीं हूँ ,जो पाली भाषा का प्रचार प्रसार डॉ प्रफुल गड़पाल सर जी और टीम अटोजित करते है .हमे बहुत अच्छा लगता है ,आप की वाणी में बहुत मिठास है,हम ज़ल्दीही आपसे लखनों में मिलेंगे.
बहुत शानदार ज्ञानवर्धन जानकारी और उद्बोधन दिया है सरजी आपने हमें यह एकदम नई जानकारी दी है आपने, आपको सलाम करता हूँ, जय भीम, नमो बुद्धाय❤❤❤👌👌👌💐💐💐
भारत के सभी मूलनिवासीयो को मिलकर बौद्ध दर्शन पढ़ना चाहिए और बौद्ध धर्म स्वीकार कर लेना चाहिए नमो बुधाय
Jay.Bhim.Namo.Buddhay
Jai Buddha Jai Bhim
हम सब समन हैं, नमो बुध्दाय , जय भीम
Namo bodhay.
आचार्य राजेंद्र चंद्रा जी को हृदय से सलाम, साधुवाद। आप महान ज्ञानी हैं। Jai Bhim jay Bharat Jai Samvidhan.
बहुत बहुत धन्यवाद, राजेश चंद्रा सर जी
आपने बुद्ध धम्म अपनानेका पुरे देश विदेश में प्रचार प्रसार करने का बहुत बडा अच्छा प्रेरणादायी संकल्प किया है इस लिये आपको फिर से बहुत बहुत धन्यवाद.
जय भीम नमो बुद्धाय.
🌷🌷🌷🙏🌷🌷🌷
Jaibhim Namo Buddhay Jay Samvidhan Jay Bharat
Sirji Anek Aashirwad
Jay bhim namo Buddha
I am proud to you and follow
संघ नायक आचार्य राजेश चन्द्रा सर जी नमो बुद्धाय
आचार्य जी आप को पहली बार सुना है। जो सबद यात्रा आपने कराईं है। उसे मैं बुद्ध साहित्य पढ़ कर महसूस कर रहा हूं। और यह जान समझ गया हूं कि बुद्ध इस धरती पर चारों ओर फैले हुए हैं। भारत विश्व का लाइट हाउस था। जहां ज्ञान पिपासु पतंगें चारों ओर से आते रहे हैं।
आपने उदाहरण पेश किए हैं वह अकाट्य है।
पालि भाषा की यात्रा की सर्व श्रेष्ठ बिचार प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत साधुवाद ज्ञापित करता हूँ।
बूधम शरनम गक्षामि
जय भीम जय किसान
Jai. Bharat. Namo. Budhay.
Thank you sir ,for giving Buddhist knowledge to us
Aapko koti koti Sadhu Waba sar aapka Sapna jarur pura hoga Buddha Dhamma Sangh ka sath aapko sada milte rahe aap hamesha swasth rahen sukhi rahe
Mera bharat. Mahan. India. Is great.
सर पाली भाषा का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए युद्ध स्तर पर पूरे देश में ये वुद्ध की धरती है सिर्फ वुद्ध धम्म की है ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Pali, Prakrit aam jan ki bhasha thi.
Sanskrit Bamano ki. Jise shudra mahilaye nhi sun sakte the.
बहुत ही सुंदर वक्तव्य व्यक्त कीमा है आपने सर जेब तक ज्ञान ओर इतिहास पता नहीं तब तक इंसान गुंगा ओर अंधा है
❤❤❤❤❤❤❤🎉
बुद्धं धम्मं संघं नमामि
आचार्य श्री राजेन्द्र चंद्रा जी आपने भाषा विज्ञान
की चर्चा की पाली भाषा ही सभी भाषाओं की जननी है । हिन्दु पंडित कहते हैं संस्कृत सब भाषाओं की जननी है । संस्कृत यानी संस्कारित जो पाली भाषा से संस्कारित है । धन्यवाद आचार्य श्री राजेंद्र चंद्रा जी पाली भाषा और त्रिपिटक पर विस्तृत जानकारी दि ।सही कहा थाईलैण्ड के भंते जी ने भारत में बुद्ध धम्म आज फिर से ज़िंदा जागृत है वह बोधिसत्व डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर जी के कारण ही है । श्री राजेंद्र चंद्रा जी कोबहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छी जानकारी । नमोबुद्धाय जयभीम । बहुत साधुवाद
🙏 जयभीम नमो बुद्धाय जय संविधान ✍️
जय मानवता जय विज्ञान जय प्रबुद्ध भारत
💙💙💙💙💙🔥🔥🔥🔥🇮🇳🇮🇳🇮🇳
पहली बार आपको सुना. आपका ज्ञान और प्रस्तुतीकरण अद्भुत है सर❤❤❤❤
Aachhary. Rajesh chandrajit ko dil se Jai. Bhim namo budhay Jai savidhan
सरजी.. आपने सही कहा है, की हर घर मे पाली भाषा का ज्ञात होना जरुरी है.. आपने बहुत ही सुंदर तरीके से विश्लेषण किया है.. आपको मेरा सप्रेम जय भीम 🙏 नमो बुद्धाय, जय भारत जय संविधान.. 🙏🙏🌼🙏🙏🌼🙏🙏🌼
In these uncertain times, the Teachings of Buddha are more relevant and more important than ever before.
बहुत बहुत अभिनंदन
You are great person sir
आप एक महान कार्य कर रहे हो , आप जैसे विद्वान समाजिक चिंतकों को दिल से सम्मान
Jay Bheem Jay Bharat
Jay moolnivasi
Jay saman sangh
Namo budhhay
Jai Bhim💐Jai Bharat🌹
Is video se bahot sara knowledge mila .....jay bhim nmo budhay👍👏
Very nice
वाह क्या बात है बहुत खूब
बहुत ही ज्ञान वर्धक और इंटएलएक्चउअल जानकारी आप द्वारा दी ग ई धन्यवाद नमो बुदधाय जयभीम जय संविधान
❤🎉 जय हिंद जय
Jay Bhim Jay saveedhan
बहुत सुंदर प्रस्तुती🎉🎉❤🎉🎉
🙏जयभीम🌹💙🌹नमोबुद्धाय🌹🧡🌹जयसंविधान📚
Namo Buddhay Jai bhim jai bharat
नमो बुद्धाय 🙏
जय भीम 🙏🙏🙏
नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी जय भारत जय संविधान जय जवान जय किसान जय विज्ञान
Jay Bhim Namo Buddhism
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय विज्ञान जय संविधान बहुत अच्छी जानकारी है सर जी हम आप के साथ है अशोक कुशवाहा कन्नौज उत्तर प्रदेश
Thanks you sir
बहुत सुन्दर लेक्चर सर जय भीम
Unbelievable Science journey, Rational world, Hamara Ateet, Realist azad, Bodhi satva like channels on utube
Jay Bhim namo buddhaya thanks sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
साधु साधु साधु
Jay bhim namo buddhay jay samvidhan ❤❤❤❤❤❤
Aapko sadhuwad
Jay Bhim NamoBudhhay
Namo Buddhay
Jay Bheem namo buddhay
साधु साधु साधु 🙏☸️🙏🌷
👍 good
बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया है ❤
Excellent explanation Sir ji❤❤❤
Sir excellent knowledge from you Jay Bheem namo buddhay.
Bahut sundar 🌹🌹👏👏
We must proud of you sir, Namo Buddhay Jay Bhim Jay Savidhan.
Right
Excellent narration of Baudh Dhamma.Namo Budhai.🎉🎉🎉🎉🎉
Jai bhim. namo budhay 🙏
Jay bheem
🙏Jay Bhim 🙏Namo Budthay 🙏
Namo budhay
Jai Bhim Namo Bhudhay.
Nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh
Aacharya chendra ji god bless you jai bhim namo bhudhay pali bhash ka pchar hona chahiye❤❤❤❤❤❤
पाली भाषा मिशन एवं बुध्द संगीनी के लिये हैं कुछ सहभाग दैना चाहता ,मुझे सहभाग राशी कसा दैवी होगी इसका नाम,पता दिजीए
JAYBHIM. JAYBHIM. .!
JAYBHIM= JUSTICE. FOR ALL. !
JUSTICE = TRUTH IN ACTION. !
TRUTH IS ALWAYS STRANGER THAN FICTION. !
BUT JAYBHIM'S JUSTICE IS WITHIN CONSTITUTIONAL FRAMEWORK OF THIS NATION. !
THAT'S REAL ACTION. !
THAT'S REAL JUSTICE. !
Jay bhim
Jay bhim namo budday
Jay bhim nmoh bhudhay Jay mulnivasi Jay mulnivasi jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
Thanks jaybhim bhut achc khbar
जय भीम 🙏🙏🙏🙏🙏 नमोः बुद्धाय
Namo budhay Jai bhim Jai sanvidhan
Jay Bhim, salute sir
जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6teफफपफपपंपळष,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
@@vk-vd6te Us samay jati nhi thi. Tribes, dalits and Bahujans are already Shraman and Dhamma Margi.
@@vk-vd6te tum baman ho kya. Janeudhari
JAY BHIM NAMO BUDDHAY❤❤❤
Jay bhim jay bharat namo budhay
Great knowledge namaste
Namo buddhay Jay Bheem Jay sanvidhan 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹❤
सादर नमो बुद्धय जय भीम
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6te Videshi. Tere Dharm ka naam tak Mughals ne aa ke diya. Abhi Tak tere kalpanik Bhagawan ko sabit nahi kar paya. 😂😂
Abe Gobar putra Jati Linddu dharm me hoti hai. Buddhism me nahi.
Gaumutra kam pee.
😂😂😂🤣
@@vk-vd6teतो आज सारे ब्राह्मण और क्षत्रिय बुद्धिस्ट होने चाहिए थे कितने ब्राह्मण और क्षत्रिय बुद्धिस्ट है यही भी बताओ
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण --
मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी।
और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे।
जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप ।
जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे ।
जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है।
बौद्ध ग्रंथो मे
अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है ।
इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो ।
मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है।
अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है।
नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है।
विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है।
दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है।
बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है।
सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है।
सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है।
बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है।
बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है।
जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे ।
अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे ।
मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है।
बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है।
बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है।
वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है।
तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है।
जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है।
कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है।
बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है।
आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे।
नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है।
शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है।
धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की।
बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है।
बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई।
भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण --
मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी।
और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे।
जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप ।
जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे ।
जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है।
बौद्ध ग्रंथो मे
अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है ।
इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो ।
मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है।
अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है।
नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है।
विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है।
दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है।
बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है।
सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है।
सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है।
बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है।
बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है।
जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे ।
अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे ।
मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है।
बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है।
बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है।
वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है।
तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है।
जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है।
कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है।
बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है।
आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे।
नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है।
शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है।
धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की।
बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है।
बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई।
भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
Jaybheemnmobudhay jaibhart
🌼🌼🌼🌼🌼🙏🙏🙏 साधू साधू साधू.🌼🌼🌼🌼🌼
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
🎉 Jay bhim evm band 🎉
Jai Bheem Namo budhay
Jay bhim adarniy sir ji great spicj S.j.sir ka bhi risarch bhi yahi kahate hay❤❤❤❤ mamo budday
.
SHADR ,NAMOH BUDHAY, JAY BHIM 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉.
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
Namoh Budhay ❤ Jai Bhim ❤ Jai Bharat ❤ Jai Samvidhan ❤
Very good information for jaybhim namobudhay nice pray for you true world of the proud of you are the most important thing is correct
Good namo budda
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vishvajeetyadav1428 Karuna Yadav ka balat kari Neela siyar bhimda Yadav ka najayaj put ban kar gumta hai gajab
@@vishvajeetyadav1428Karuna Yadav ka balat kari गय बीम आंडाबेचकर 😂
@@vishvajeetyadav1428 pahle yah bata Tohar Mai Yadav ka Ghar din mein gai thi ya raat mein
@@vishvajeetyadav1428 pahle yah bata Tohar mai Yadav ka Ghar din mein gai thi ya raat mein
Sangiti apne bhart me bhi honi chahiye sir ji dan ke liye mai bhi taiyar hun jai Bhim namo Buddhay 🎉🎉
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
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बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
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त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6teवराहके वंशज को क्या पता बुध्द के बारेमे।
@@milindmachale7645 yah 28 barahaman kshatriya buddh Tohar mai ka boyfriend hai tohra mai ka () yah 28 barahaman kshatriya buddh ko free
@@milindmachale7645 yah 28 barahaman kshatriya buddh Tohar mai ka boyfriend hai vampanthi tohar mai ka () yah 28 barahaman kshatriya buddh ko free