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- Опубликовано: 10 фев 2025
- क्रिया की परिभाषा:
क्रिया वह शब्द है, जो किसी कार्य के होने या करने का बोध कराता है। यह वाक्य में मुख्यतः कर्ता के कार्य, अवस्था या भाव को व्यक्त करती है।
उदाहरण:
राम खेल रहा है।
पक्षी उड़ रहे हैं।
बच्चे हँस रहे हैं।
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क्रिया के भेद:
क्रिया को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जाता है:
1. सakarmak क्रिया (Transitive Verb):
जिन क्रियाओं का प्रभाव कर्म पर पड़ता है, वे सकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इन क्रियाओं के साथ कर्म (object) का होना अनिवार्य है।
उदाहरण:
वह पुस्तक पढ़ रहा है।
सीता खाना खा रही है।
2. अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb):
जिन क्रियाओं का प्रभाव कर्म पर नहीं पड़ता और जिनके लिए कर्म का होना अनिवार्य नहीं है, वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं।
उदाहरण:
पक्षी उड़ रहे हैं।
बच्चा सो रहा है।
3. विशेष क्रियाएँ (Auxiliary Verbs):
ये क्रियाएँ मुख्य क्रिया के साथ जुड़कर उसके अर्थ को पूरा करती हैं।
सहायक क्रिया: जैसे "है", "था", "होगा"।
उदाहरण: वह स्कूल जा रहा है।
भाववाचक क्रिया: किसी भाव को व्यक्त करती हैं।
उदाहरण: वह डरता है।
नकारात्मक क्रिया: जैसे "नहीं", "मत"।
उदाहरण: वह नहीं गया।
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अन्य वर्गीकरण:
1. काल के अनुसार:
वर्तमान काल: मैं पढ़ रहा हूँ।
भूतकाल: मैंने पढ़ा।
भविष्यकाल: मैं पढ़ूँगा।
2. स्वरूप के अनुसार:
सधारण क्रिया: खाना, पीना, चलना।
संयुक्त क्रिया: बैठ गया, देख लिया।
प्रयोगवाचक क्रिया: लिखने देना, पढ़ने देना।
निष्कर्ष:
क्रिया वाक्य का महत्वपूर्ण अंग है, जो वाक्य के भाव को स्पष्ट करती है।