@@karansinghmkdolia7331 दादा मानसिंह जी का स्वर्गवास पं लखमीचंद से पहले हो चुका था।.....1940-42 के आसपास तो पंडित लखमीचंद जी का ही स्वर्गवास हुआ था। इसका आशय यह कि मानसिंह और पहले देवलोकगमन हो गये।। और यह रागनी 1952 के आसपास लिखी गई है।। विचारणीय
जी बिल्कुल आपने सही विचार किया है लेकिन सुनने में आया है की दादा लख्मीचंद की बहुत सी रागनीयां दादा मानसिंह की छाप से हैं जो दादा मानसिंह की रागनी बोली जाती है न की लख्मीचंद की ऐसा सुनने में आया है बाकी जी आप हमसे बड़े हो इस बारे में आप ज्यादा जानते होंगे
ये रागनी कर्मपाल शर्मा ने बहुत ही अच्छी गा रखी हैं
Gajb h bhai ❤❤
❤ भाई कर्ण सिंह जी मकड़ोली
बचपन की यादें 🎉
तहे दिल से शुक्रिया जी
बहुत ही सुंदर रचना और बहुत ही शानदार गाया है। कमाल कर दिया गाने में। आपका हार्दिक धन्यवाद जी 🙏
आपका भी जी तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद
श्री करण सिंह मकड़ोली जी बहुत बहुत धन्यवाद
आपका भी जी तहे दिल से धन्यवाद वीडियो देखने के लिए मैं चैनल ओनर प्रदीप कुमार धन्यवाद जी
बहुत बढ़िया गायकी करणसिंह मकडोली
बहुत-बहुत धन्यवाद जी आपका
Kati tod pad, , Respected Karan ji sadar Parnaam 🙏🙏
Thank you ji
Bahut acchi baat sunai .Very good....
Desh bhakti ki baat sunai.
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी आपका
Bahut Sundar prastuti Mahashay Ji... Sardar pranam ❤❤
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी
बहुत बढ़िया रागनी वेरी गुड S K B
श्याम भाई आपका तहे दिल से धन्यवाद
Very nice 👍👍👍👍
singer Sanjay Kumar Bohar(Rohtak)
बिल्कुल सही फरमाया जी आपने बहुत बहुत धन्यवाद
Bhot he acha bhijan bhai
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति भाई जी 🙏🙏
Thank you ji
बहुत अच्छी गायकी धन्यवाद
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी
BHUT BADIYA GAYAK
जी बिल्कुल सही कहा आपने
Savrag yaha Narak yaha ❤❤❤
आप का बहुत बहुत धन्यवाद जी
गजब वाह
धन्यवाद जी
Gjb, ktti tod kr diya
बहुत बहुत धन्यवाद जी
मास्टर सुरेन्द्र सिंह पंवार, विलेज poothar
बहुत बहुत धन्यवाद जी चैनल से जुड़ने के लिए
धन्यवाद जी
Bhai Sanjay nandal bohar aala
❤❤❤ very good ji 🙏🏿
Thank you ji
Excellent singer
Very very thanks ji
Gajab
Very Very nice.
Thank you sir ji
Very good
Thank you sir ji
Karan. Singh
धन्यवाद जी
गायक का नाम क्या है ? और यह रागनी किसी और गायक कलाकारो ने भी गाई हैं या नहीं ? बताने का कष्ट करे।
संजय बोहरिया है जी कलाकार का नाम और यह रागनी राजकिशन जी ने भी गाई है जी चैनल से जुड़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Sanjay Kumar Bohariya
सही पहचाना जी आपने बहुत-बहुत धन्यवाद
Sanjay nandal❤❤❤❤
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी आप ने बिल्कुल सही कहा है जी
मानसिंह की छाप से गाए गए इस भजन में मानसिंह लख्मीचंद के गुरु ही हैं या कोई और 🙏
Lath gad diya jma ❤
बहुत बहुत धन्यवाद जी
Sanjay nandal
जी बिल्कुल सही पहचाना आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Very Nice Singer
Thank you sir
❤❤❤❤❤❤ संजय बोरिया🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बिल्कुल सही जी
Sunil Dujaniya
धन्यवाद जी लेकिन यह संजय बोहरिया है जी
इस रागनी के लेखक कौन हैं
दादा मानसिंह है जी
@@karansinghmkdolia7331 मानसिंह,जो दादा लक्ष्मीचंद जी के गुरु थे। क्या वहीं हैं? कृपया उत्तर देना जी।
जी हां वही दादा मानसिंह की है जी
@@karansinghmkdolia7331 दादा मानसिंह जी का स्वर्गवास पं लखमीचंद से पहले हो चुका था।.....1940-42 के आसपास तो पंडित लखमीचंद जी का ही स्वर्गवास हुआ था। इसका आशय यह कि मानसिंह और पहले देवलोकगमन हो गये।। और यह रागनी 1952 के आसपास लिखी गई है।। विचारणीय
जी बिल्कुल आपने सही विचार किया है लेकिन सुनने में आया है की दादा लख्मीचंद की बहुत सी रागनीयां दादा मानसिंह की छाप से हैं जो दादा मानसिंह की रागनी बोली जाती है न की लख्मीचंद की ऐसा सुनने में आया है बाकी जी आप हमसे बड़े हो इस बारे में आप ज्यादा जानते होंगे
गजब का दौर था ये।
बिल्कुल सही कहा जी आप ने
कलाकार का नाम बताओ प्लीज
सिंगर का नाम है जी संजय बोरिया
Ye hoti hai kalakari
बिल्कुल सही कहा सर आपने आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Singer ka kya name h sir ji
सिंगर का नाम है जी संजय बोरिया
Sanjay Nandal
Villege bohar
Rohtak haryanvi
Sanjay bor
Thank you sir ji
ब्रह्म पाल छूर
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी
Ranbir badwasniya
संजय बोहरिया है जी आप का बहुत बहुत धन्यवाद जी