परमात्मा का संदेश | Pradip Mukherji | Falguni Pathak
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- Опубликовано: 7 фев 2025
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In this unique episode, we feature Pradip Mukherji, the author of Message from God, and Falguni Pathak, a visionary and inspiring individual.
About the Podcast:
Pradip Mukherji: An author whose work Message from God explores spirituality, divine messages, and profound life insights. His writings inspire individuals to connect with their inner selves and embrace a higher purpose.
Falguni Pathak: A thought leader whose journey exemplifies determination and impactful contributions. Her perspective adds depth to this enlightening conversation.
This podcast delves into topics of spirituality, self-discovery, and the essence of living a meaningful life.
Don’t miss it on ABP News-an episode filled with wisdom, thought-provoking discussions, and life-changing insights.
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मां भगवती और परम पिता परमात्मा के श्री चरणों में कोटि- कोटि प्रणाम!
Thanks
Satguru Rampal Ji sristi rachna me bi bilkul yehi bat karte hain 🎉
May I have your Grace God ❤
may I have your grace God.
Humans feel challenged and quick to judge when something presented to them which doesn't align with their set understanding and belief. This video is an attempt to experimence something which hasn't been tried. So greatful for clarity delivered in this video
❤ The Grace of God ❤
Thank you so much ✨💫
Maa Bhagbati aur parampita ko pranam
Grace of God🙏
परमात्मा के साथ जुड़ने से पहले, मैं भी-जो बचपन से मुझे दिया गया था, जितने संस्कार, धर्म, रीति-रिवाज, सब कुछ पूरी लगन और निष्ठा से करता रहा। विपश्यना ध्यान 7 सालों से अधिक किया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। बुद्ध ने कहा 'Desire is the root cause of human suffering', अर्थात 'हमारे विकार (राग, द्वेष, मोह, लोभ, सारी वासनाएँ), इनकी वजह से इंसान दुखी है, लेकिन कोई ये नहीं पूछता है, या समझता है, कि विकार हमारे अंदर आता कहाँ से है। सही में, अगर हमारे हाथ में है, तो हम बुरे कर्म क्यों करते हैं? हम जो बुरे विकार हैं, उन्हें जड़ से क्यों नहीं उखाड़ पाते और मुक्त क्यों नहीं हो पाते?' मेरे और मेरे चारों तरफ़ दुख-दर्द में कभी कोई कमी नहीं आई, तब भी कोई विकल्प नहीं था, जो था, वो पकड़ के रखा था, तोते की तरह जो दिया गया था, वो दोहराता था। परमात्मा के आने के बाद समझ में आया कि ये सब छल है, भ्रम है।
जो बचपन से देवी-देवता, धर्म ग्रंथ, हमें दिए गए हैं, उनके बाहर एक नया विकल्प है-भगवती और परमात्मा के साथ 30 दिनों तक अपनी सारी पीड़ा, दुख, दर्द साझा करके देखो, अगर कुछ फर्क पड़ता है, तो फिर तय करो, सच्चे परमात्मा के साथ रहना है या नहीं। नहीं तो, जिसे आप जुड़े हो, जो हमारा डिफ़ॉल्ट मोड (default mode) है, उसी के साथ जुड़े रहो।
वैसे भी, एक बार इंसान भगवती और परमात्मा की छवि देख ले, तो वैसे भी यह उनका आखिरी जीवन है। हमारी आत्मा अपने घर, परमात्मा के घर वापस जाएगी। स्वर्ग और नरक की भी सिर्फ व्याख्या दी गई है, अच्छा समय (सतयुग) और बुरा समय (कलीयुग) भी हमें बहकाने और उलझाने के लिए दिया गया है।
प्रदीप जी के अनुसार परमात्मा को छोड कर आत्नेमाओ ने काल को चुना मतलब वहाँ भी वो खुश नहीं थे, १२ यूनिवर्स दिए काल पुरुष को चलाने के लिए तो परमात्मा के पास भी बहूत यूनिवर्स होंगे 1 यूनिवर्स मे हमारी पृथ्वी राइ बराबर है तो परमात्मा को यहाँ का ध्यान कैसे आया ? और परमात्मा को अपने बेटे काल से बोलना चाहिए की वो आत्मा को उनके पास जाने दे , हम कैसे जांयेंगे सब कुछ तो काल ही करा रहा है,,अपने बेटे काल को नहीं समझा प् रहे है हम आत्माओ को क्या खुस रखेंगे ,,,
GRACE of GODDESS ❤️ & GOD❤️
Brahmakumaris+ new age spiritual theorist+ matrix movie+ psychological explanation is Pradeep ji ...can't believe in this
धन्यवाद 🎉
🙏🙏🙏
❤🎉
मानव के लिए संदेश
परमात्मा ने मनुष्य को यह ज्ञान दिया है की सबसे नीचे स्तर पर सब देवता है, उनके ऊपर आत्मा, उनके ऊपर भगवान और सबसे ऊपर परमात्मा।
दुर्गा, शिवा, रामा, कृष्णा, विष्णु, ब्रह्मा, हनुमान और बाकी सब देवता हैं। भगवान को हम महादेव, अल्लाह, फादर, जीहोवा, वाहेगुरु, आहूरा माजदा इत्यादि नामों से जानते हैं।
परमात्मा स्वयं इस वक्त, परमात्मा और भगवती के रूप में मनुष्यों के बीच काम कर रहे हैं, एक मानव के जरिए। अगर आप परमात्मा को, या उनके चुने हुए मानव का अनादर करेंगे, इसके बावजूद कि परमात्मा भगवान के खिलाफ सब कुछ बोल रहे हैं, तो भगवती को गुस्सा आता है। भगवती, परमात्मा का अनादर सहते नहीं है।
और जब भगवती को गुस्सा आता है, उसे वक्त आपका भगवान नाराज हो जाते हैं और आपको क्षति पहुंचा सकते हैं।
भगवान परमात्मा को पसंद नहीं करते हैं, लेकिन भगवती कि नाराजगी भी उनको पसंद नहीं है। आपका भगवान और परमात्मा दोनों चाहते हैं कि अगर आपको, परमात्मा और उनके दिए हुए वचन स्वीकार नहीं है, तो आप परमात्मा और जीस मानव के जरिए वह बात कर रहे हैं, उनका अनादर न करें।
परमात्मा चाहते हैं कि आप एक महीने के लिए उनको परख कर देख लें। भगवान चाहते हैं कि आप ऐसा ना करें। लेकिन भगवान यह नहीं चाहते हैं कि आप उनका अपमान करें। आगे आपकी मर्जी।
परमात्मा का संदेशवाहक 🙏
Yehi bat satguru Rampal Ji Maharaj ji ne kahi par is samaj ne un ko jell karva di ye log vakiye kall ke pujari he kab Mane ge sat Sahib ji
स्वर्ग और नर्क के बारे में मनुष्य नहीं बता सकता है क्योंकि इस समय को ही नर्क कहते हैं और आनेवाले समय को स्वर्ग कहते हैं। स्वर्ग में देवी-देवताओं का राज्य था। उसको ही रामराज्य, वैकुंठ पैरडाईज वा स्वर्ग कहते हैं।इसी समय को नर्क वा रामराज्य कहते हैं। स्वर्ग में अपार सुख और नर्क में अपार दुख होता है।अभी इस नर्क का समय भी खत्म हुआ है तो इसका भी बहुत जल्द विनाश होना है। फिर उसके बाद सभी आत्मायें परमात्मा के साथ उपर ब्रह्मलोक में जायेगी। वहीं सभी आत्माओं का और परमात्मा का घर है। वहां सिर्फ शान्ति है कोई आवाज नहीं है।शरीर केवल यहा ही मिलता है क्योंकि पांच तत्वों का शरीर यहां ही मिलता है। हमारी दुनिया एक ही है। यहां ही स्वर्ग और नर्क का खेल चलता रहता है। परमात्मा कलियुग अंत में आकर यह ज्ञान देता है। देवताओं की पूजा तब तक होती है जब तक परमात्मा को लोग जानते नहीं।जब परमात्मा धरती पर आते हैं तब अपनी पहचान देते हैं।चार युगों का ज्ञान देते हैं। स्वर्ग नर्क के बारे में जानकारी देते हैं। तब तक भक्ति पूजा लोग करते रहते हैं। परंतु वह परमात्मा से न मिलने के कारण सुख प्राप्त नहीं कर सकते।वह सुख कर्ता दुख हर्ता है। देवताओं से परमात्मा अल्प काल की प्राप्ति कराते हैं। केवल एक दो इच्छाएं पूर्ण होती हैं। परंतु दुःख दूर नहीं होता क्योंकि अपवित्र कार्य करते रहते हैं। देवताओं के अन्दर पांच विकार होते नहीं इसलिए उनको दुःख होता नहीं। विकारी मनुष्य दुःख भोगते रहते हैं। यही खेल दुनिया में चलता रहता है।ढाई हजार साल सुख और ढाई हजार साल दुःख का यह खेल है। सतयुग त्रेता युग में सुख और द्वापर कलियुग में दुःख होता है। देवताओं का जन्म सतयुग त्रेता में होता है। मनुष्यों का जन्म द्वापरयुग और कलियुग में होता है। ऐसा वंडरफुल खेल दुनिया में चलता है। भगवान शिव परमात्मा कभी शरीर धारण नहीं करता है। इसलिए कभी अपवित्र नहीं बनता।वह एवर प्योर होता है। मनुष्य देवता क्षत्रिय वैश्य शूद्र बनता है। विकारी मनुष्य को शुद्र अथवा रावण कहते हैं। मुख्य दुःख देने वाला काम विकार है।यह करने वाले हमेशा दुःख भोगते हैं। परमात्मा को याद करने से और पवित्र रहने से हमें स्वर्ग का सुख मिलता है।विकार आत्मा में होते हैं। आत्मा में मन, बुद्धि और हमारे बने हुए संस्कार होते हैं। हमारे सभी कर्मों का रिकार्ड हमारे संस्कारों में होता है।वैसी हमारी वृत्ति और दृष्टि बन जाती है। जैसे वृत्ति होती है वैसा ही वायुमंडल बन जाता है। जैसे मन्दिर में जाने से लोगों का प्रसन्नता का, खुशी का अनुभव होता है केवल देवताओं की मूर्ति देखने से ऐसा अनुभव होता है। मनुष्यों की वृत्तियों का प्रभाव स्थान पर भी पड़ता है।शरीर पर भी पड़ता है। इसलिए कहते हैं मन तंदुरुस्त हो तो तन तंदुरुस्त। धन्यवाद।
@prakashsubhedar1149 जी, परमात्मा के साथ जुड़ने से पहले मैं भी इसी तरह से, जो बचपन से मुझे दिया गया था, जितने संस्कार, धर्म, रीति-रिवाज, सब कुछ लगन और निष्ठा से करता रहा। विपश्यना ध्यान 7 सालों से अधिक किया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। मेरे और मेरे चारों तरफ़ दुख-दर्द में कभी कोई कमी नहीं आई, तब भी कोई विकल्प नहीं था, जो था, वो पकड़ के रखा था, तोते की तरह जो दिया गया था, वो दोहराता था। परमात्मा के आने के बाद समझ में आया कि ये सब छल है, भ्रम है।
जो बचपन से देवी-देवता, धर्म ग्रंथ, हमें दिए गए हैं, उनके बाहर एक नया विकल्प है-भगवती और परमात्मा के साथ 30 दिनों तक अपनी सारी पीड़ा, दुख, दर्द साझा करके देखो, अगर कुछ फर्क पड़ता है, तो फिर तय करो, सच्चे परमात्मा के साथ रहना है या नहीं। नहीं तो, जिसे आप जुड़े हो, जो हमारा डिफ़ॉल्ट मोड है, उसी के साथ जुड़े रहो।
वैसे भी, एक बार इंसान भगवती और परमात्मा की छवि देख ले, तो वैसे भी यह उनका आखिरी जीवन है। हमारी आत्मा अपने घर, परमात्मा के घर वापस जाएगी। स्वर्ग और नरक की भी सिर्फ व्याख्या दी गई है, अच्छा समय (सतयुग) और बुरा समय (कलीयुग) भी हमें बहकाने और उलझाने के लिए दिया गया है।
@prakashsubhedar1149 जी, परमात्मा के साथ जुड़ने से पहले मैं भी इसी तरह से, जो बचपन से मुझे दिया गया था, जितने संस्कार, धर्म, रीति-रिवाज, सब कुछ लगन और निष्ठा से करता रहा। विपश्यना ध्यान 7 सालों से अधिक किया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। मेरे और मेरे चारों तरफ़ दुख-दर्द में कभी कोई कमी नहीं आई, तब भी कोई विकल्प नहीं था, जो था, वो पकड़ के रखा था, तोते की तरह जो दिया गया था, वो दोहराता था। परमात्मा के आने के बाद समझ में आया कि ये सब छल है, भ्रम है।
जो बचपन से देवी-देवता, धर्म ग्रंथ, हमें दिए गए हैं, उनके बाहर एक नया विकल्प है-भगवती और परमात्मा के साथ 30 दिनों तक अपनी सारी पीड़ा, दुख, दर्द साझा करके देखो, अगर कुछ फर्क पड़ता है, तो फिर तय करो, सच्चे परमात्मा के साथ रहना है या नहीं। नहीं तो, जिसे आप जुड़े हो, जो हमारा डिफ़ॉल्ट मोड है, उसी के साथ जुड़े रहो।
वैसे भी, एक बार इंसान भगवती और परमात्मा की छवि देख ले, तो वैसे भी यह उनका आखिरी जीवन है। हमारी आत्मा अपने घर, परमात्मा के घर वापस जाएगी। स्वर्ग और नरक की भी सिर्फ व्याख्या दी गई है, अच्छा समय (सतयुग) और बुरा समय (कलीयुग) भी हमें बहकाने और उलझाने के लिए दिया गया है।
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Aap King bol Rahe Hai uska Nam kya hai?
Parmatma ka Nam kya hai?
@@avinashmalatpure9999 Alag alag dharmo me King ko alag alag naam se jaana jata hai
@@avinashmalatpure9999 Parmatma ke bhi kayi naam hai par abhi ke liye aap unko Parmatma naam se bula sakte hai
Real creator Consciousness is empty.Ram Narayan Ram,
सभी लोगो को vipassana करनी चाहिए।
नहीं तो ऐसे लोग समाज का बेवकूफ बनाते रहेंगे जिससे लोग अंधकार में रहेंगे
एक नए रामपाल बाबा आ गए भैया
Pradeep mukherjee ek interview me kehte hai ki unhone Parmatma ko nahi dekha, keval unse baat ki hai, aur yahan ye kehte hai ki vo vo Parmatma ko mil chuke hai. Kaun si baat sahi mane?
@knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।
@@neepadhakan जी, बिलकुल सही कहा आपने, अगर प्रयोग सफल हो, तो परमात्मा से जुड़े रहो, और अगर न हो, तो प्रयोग को साइड पर रख दो। इसमें कोई निवेश नहीं है, और नुकसान तो बिल्कुल भी नहीं है।
@knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।
@knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।
@knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।
Uncle ji manokamna purn hone ke phele uske karm bhi hote katne chaiye na jis din pashoue ke prati dusre insaan ke prati matrutva bahv jageag bagwaan ko ana padta hai
Paramatma ki ghar ka address toh bata dijiye aur beta ki mummy kaun h guruji .ye answer de sakte ho aap
Kaafi Gyaanii lgte ho.....
Bajhu wali falguni aunty bhi uncle ke baaaton se bor ho chuki hai...
Just look at her face... lagata hai ki jabarjasti baithi hai...
Parmatama ne yeh uncle se English me baat kiya.....😂😂😅
Nonsense and SenseLess... sab topics ko ulta pulta mix karke apana theory banaya hai.... budha pagal hogaya....
Satiaya budha...
Jo puja nehi karte hai unka dukh ka karan keya hai ?
Madam mai bhi paramatma se Mila hu.aur jitana pradeep ji bta rahe h mai unse se thoda adhik hi bta duga.aur bharat me es prakar bakwas karane wale bahut h.
Nana Patekar says "Bhagwan ne muh diya to lage muh marne😂😂😂😂
Pair qabar mein latke hue hain vah Dharm ki sthapna karne chale Hain
Jab media khud naya dharam janam deta hai
इलाज कराओ इसका ,हर वीडियो में अलग अलग बातें ।। 😅😅
Ye apne ko parmatma kehta hai jab ki parmatma Kabir Sahib hai isliye inko adhyatam ka koi gyan nahi hai
Agra ke pagalkhane mein ek vacancy khali hai😂
Sidhi baat no bakwaas God has not made human so able that he described definition of God, what the karma has been assigned to human, do that with purity of heart, the spirit inside you will automatically answer of your doubts no explanation is needed from anyone to understand the existence of God ,
koi ise kisi achchhe psychiatric ko dikhao. nahi to age ye bahut badi problem bn ke samne aayega society ke lie. same on ABP news , aisi bakbas or behad khatarnak vichron ko pramote krne ke lie
Yeh aadmi main koi sachai nai hai
इसके अन्दर कुछ नहीं है फिर इनकी wife ने सिंदूर क्यूँ डाला है
@Heal00 आप बिना जानकारी के निष्कर्ष पर पहुँच गए, यही तो मन की प्रवृत्ति है। वीडियो में फाल्गुनी पाठक जी हैं, जिनसे भगवती की ऊर्जा बहती है, वह प्रदीप सर जी की पत्नी नहीं हैं।
pagal Baba aaya hai😂😂😂😂😂
Madam jeevan may badalav लाने के लिए उपनिषद padhe गीता padhe और bahut se ग्रंथ padhe tab pata chalega jeevan kya hai
Jo sach me para he... oh janta hey mey Brhmh hu, jo ultimately Param Brahm se milta hu..
But Pradip ji is talking about the God above the KalBrahm
😂😂😂😂 anchor को भी कुछ नहीं आया समझ
Kya insaan ki apne karmo ka phal kucch nahin hota
This guy is crazy, i doubt he smoke weed!!!
Kamdaham nahi hai
🤦🤦🤦🤦🤦 wrong info.....aatma bagair sharir nai chalega ....inko importance mat do
@zarnap350 - कौन कह रहा है, importance दो? भगवती और परमात्मा, तो सिर्फ एक विकल्प दे रहे हैं, वो भी प्रयोग के तौर पर। डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, जैसे किसी मित्र से हम करते हैं, चिकित्सक से करते हैं। प्रयोग सफल हुआ तो कंटीन्यू करो, वरना आप जो कर रहे हो, उसे जारी रखो।
प्रयोग सफल हुआ तो ये भी जान लो कि - सच्चे परमात्मा कौन हैं और परमात्मा होने का कौन छलावा कर रहा है?
Card bhi to nahi mil raha hai
Google par aa hi nahi Raha
May I have your grace god🙏