How to Change Your Destiny in Hindi | Paramahansa Yogananda Motivational Speech | Wise Lessons Hindi
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- Опубликовано: 12 ноя 2024
- How to Change Your Destiny in Hindi
Paramahansa Yogananda Motivational Speech
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👏👏👏
🙏🙏
Jai Gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thank you
You are welcome 😊🙏
धर्मो रक्षति रक्षितः। 🕉️🚩 Jay Shree Ram 🛕🕉️🚩✌️
🙏🙏🙏❤️👍
अपने दुर्भाग्य को हर कोई बदलना चाहेगा,तकदीर भाग्य
अच्छा सुखी हो तो बदलने की
कोई मूर्ख ही चाहेगा।
Tnq sir tnq universe 🙏
🙏🙏🌹PRAMHANS YOGANDA GURU KI JAI🙏🌹
Very nice Video 👏
Yes I appreciate ❤ you and Thanks
👣🌼🌺🌸🙏
100% correct❤🍁🌹🚩🚩🚩👌👌👌😅
from where u found this philosophy ....Is it actually said by Yogananda or from any book he wrote or just putting ir randomly on your own?
कोई भगवान कही नहीं भाई!
खुदके अस्तित्वके अतिरिक्त भी कोई तीसरी सत्ता (जिसे इस जगतके बहूभाग जीवों भगवान क़हेतें )है ऐसा मानने जैसी बड़ी भ्रांति इस जगत में नहीं! किसी तरह भगवान नामकी बलासे इस जगतको रिहा किया जाये तो इस जगत में बड़ी शांति हो सकती है! सारे जगतके बहुभाग समस्या धर्मके नाम पर खड़ी हुई है जहां जीवको मनुष्य रूपमें भी स्वीकार नहीं किया जा या है तो जीव मात्र सत्तास्वरूपसे परमात्मा है वो बात स्वप्न भी बनने योग्य नहीं है!
जीवमात्र अतींद्रिय अजन्मा होनेसे शाश्वत और परमानंद स्वरूप है लेकिन उस से यह जीव अनादिसे अनभिज्ञ है! जिसने जितेजी ऐसी देहातित दशा प्रकट कि हो ऐसे एक ज्ञानी महात्मा को खोजकर उसके पादपद्म में “मैं कुछ भी नहीं जानता” ऐसा परमलघु और परमविनयान्वित जोकर बैठना पड़ता है तब जाके कुछ परमार्थ प्रयोजनके विचार उग सकने की संभावना है! जो जीव अनादिके चतुर्गतिके अनंत जन्म मरण के अनंत दुःखोंसे सहिमे उब चुका हो और उससे निवर्तने कटिबद्ध हो वे जीव उस दशा पाने योग्य जीव है!
वास्तविकता ये भी है जिसे कोई इनकार नहीं करेगा कि इस जगतके बहूभाग जीवों पंचेन्द्रिय विषयपूर्तिके लिए संसारकी साधन सुविधामें सुख और उसके अभावमें दुःखकी कल्पना लिए अनादिसे बैठे है (विवेक विचार शून्य हुआ है दुन्यवी नाशवंत पदार्थोंके प्रति गाढ़ मोहासक्तिके कारण )और उसे बरकरार रखने भ्रांतिसे कोई मंत्रतंत्रयंत्र देवीदेवता और भ्रांतिसे माने गये आकाशी काल्पनिक तत्वसे पाँच कटोरा लिए भीखमंगा बना है जो कभी नहीं मिल सकता क्योंकि जीवमात्र अपने पूर्वकालके शुभाशुभ कर्मफल भुगततें है ऐसी अनादि अनंत स्वयंसंचालित अति अति गहन और अचूक कर्म व्यवस्था है उस बीच कोई बाहरीसत्ता हस्तक्षेप करने समर्थ नहीं!
विडिओ बनाकर 😂😢😮😅😊
मित्र यह कोन्सा पुस्तक पढ़ रहे हो? क्या auto biography of Yogi पुस्तक से लिया गया है?
Nahi.. Book name - "The Divine Romance"
@@WiseLessonsHindi धन्यवाद।