विश्वामित्र की कथा भाग 11 - मुकेश खन्ना, अरुण गोविल - Vishwamitra Katha
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- Опубликовано: 2 авг 2024
- प्रजापति के पुत्र कुश, कुश के पुत्र कुशनाभ और कुशनाभ के पुत्र राजा गाधि थे। विश्वामित्र जी उन्हीं गाधि के पुत्र थे। विश्वामित्र शब्द विश्व और मित्र से बना है जिसका अर्थ है- सबके साथ मैत्री अथवा प्रेम। एक दिन राजा विश्वामित्र अपनी सेना को लेकर वशिष्ठ ऋषि के आश्रम में गये। विश्वामित्र जी उन्हें प्रणाम करके वहीं बैठ गये। वशिष्ठ जी ने विश्वामित्र जी का यथोचित आदर सत्कार किया और उनसे कुछ दिन आश्रम में ही रह कर आतिथ्य ग्रहण करने का अनुरोध किया। इस पर यह विचार करके कि मेरे साथ विशाल सेना है और सेना सहित मेरा आतिथ्य करने में वशिष्ठ जी को कष्ट होगा, विश्वामित्र जी ने नम्रतापूर्वक अपने जाने की अनुमति माँगी किन्तु वशिष्ठ जी के अत्यधिक अनुरोध करने पर थोड़े दिनों के लिये उनका आतिथ्य स्वीकार कर लिया।
वशिष्ठ जी ने नंदिनी गौ का आह्वान करके विश्वामित्र तथा उनकी सेना के लिये छः प्रकार के व्यंजन तथा समस्त प्रकार के सुख सुविधा की व्यवस्था कर दिया। वशिष्ठ जी के आतिथ्य से विश्वामित्र और उनके साथ आये सभी लोग बहुत प्रसन्न हुये।
नंदिनी गौ का चमत्कार देखकर विश्वामित्र ने उस गौ को वशिष्ठ जी से माँगा पर वशिष्ठ जी बोले राजन! यह गौ मेरा जीवन है और इसे मैं किसी भी कीमत पर किसी को नहीं दे सकता।
वशिष्ठ जी के इस प्रकार कहने पर विश्वामित्र ने बलात् उस गौ को पकड़ लेने का आदेश दे दिया और उसके सैनिक उस गौ को डण्डे से मार मार कर हाँकने लगे। नंदिनी गौ ने क्रोधित होकर उन सैनिकों से अपना बन्धन छुड़ा लिया और वशिष्ठ जी के पास आकर विलाप करने लगी। वशिष्ठ जी बोले कि हे नंदिनी! यह राजा मेरा अतिथि है इसलिये मैं इसको शाप भी नहीं दे सकता और इसके पास विशाल सेना होने के कारण इससे युद्ध में भी विजय प्राप्त नहीं कर सकता। मैं स्वयं को विवश अनुभव कर रहा हूँ। उनके इन वचनों को सुन कर नंदिनी ने कहा कि हे ब्रह्मर्षि! आप मुझे आज्ञा दीजिये, मैं एक क्षण में इस क्षत्रिय राजा को उसकी विशाल सेनासहित नष्ट कर दूँगी। और कोई उपाय न देख कर वशिष्ठ जी ने नंदिनी को अनुमति दे दी।
आज्ञा पाते ही नंदिनी ने योगबल से अत्यंत पराक्रमी मारक शस्त्रास्त्रों से युक्त पराक्रमी योद्धाओं को उत्पन्न किया जिन्होंने शीघ्र ही शत्रु सेना को गाजर मूली की भाँति काटना आरम्भ कर दिया। अपनी सेना का नाश होते देख विश्वामित्र के सौ पुत्र अत्यन्त कुपित हो वशिष्ठ जी को मारने दौड़े। वशिष्ठ जी ने उनमें से एक पुत्र को छोड़ कर शेष सभी को भस्म कर दिया।
अपनी सेना तथा पुत्रों के नष्ट हो जाने से विश्वामित्र बड़े दुःखी हुये। अपने बचे हुये पुत्र को राज सिंहासन सौंप कर वे तपस्या करने के लिये हिमालय की कन्दराओं में चले गये। कठोर तपस्या करके विश्वामित्र जी ने महादेव जी को प्रसन्न कर लिया ओर उनसे दिव्य शक्तियों के साथ सम्पूर्ण धनुर्विद्या के ज्ञान का वरदान प्राप्त कर लिया।
महर्षि वशिष्ठ से प्रतिशोध
इस प्रकार सम्पूर्ण धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त करके विश्वामित्र बदला लेने के लिये वशिष्ठ जी के आश्रम में पहुँचे। उन्हें ललकार कर विश्वामित्र ने अग्निबाण चला दिया। वशिष्ठ जी ने भी अपना धनुष संभाल लिया और बोले कि मैं तेरे सामने खड़ा हूँ, तू मुझ पर वार कर। क्रुद्ध होकर विश्वामित्र ने एक के बाद एक आग्नेयास्त्र, वरुणास्त्र, रुद्रास्त्र, इन्द्रास्त्र तथा पाशुपतास्त्र एक साथ छोड़ दिया जिन्हें वशिष्ठ जी ने अपने मारक अस्त्रों से मार्ग में ही नष्ट कर दिया। इस पर विश्वामित्र ने और भी अधिक क्रोधित होकर मानवास्त्र, मोहनास्त्र, गान्धर्वास्त्र, जूंभणास्त्र, दारणास्त्र, वज्र, ब्रह्मपाश, कालपाश, वरुणपाश, पिनाक धनुष , दण्डास्त्र, पैशाचास्त्र , क्रौंचास्त्र, धर्मचक्र, कालचक्र, विष्णुचक्र, वायव्यास्त्र, मंथनास्त्र , कंकाल, मूसल, विद्याधर, कालास्त्र आदि सभी अस्त्रों का प्रयोग कर डाला। वशिष्ठ जी ने उन सबको नष्ट करके उन पर ब्रह्माण्ड अस्त्र छोड़ दिया। ब्रह्माण्ड अस्त्र के भयंकर ज्योति और गगनभेदी नाद से सारा संसार पीड़ा से तड़पने लगा। सब ऋषि-मुनि उनसे प्रार्थना करने लगे कि आपने विश्वामित्र को परास्त कर दिया है। अब आप ब्रह्माण्ड अस्त्र से उत्पन्न हुई ज्वाला को शान्त करें। इस प्रार्थाना से द्रवित होकर उन्होंने ब्रह्माण्ड अस्त्र को वापस बुलाया और मन्त्रों से उसे शान्त किया।
इस प्रकार विचार करके वे अपनी पत्नीसहित दक्षिण दिशा की और चल दिये। उन्होंने तपस्या करते हुये अन्न का त्याग कर केवल फलों पर जीवनयापन करना आरम्भ कर दिया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें राजर्षि का पद प्रदान किया। इस पद को प्राप्त करके भी, यह सोचकर कि ब्रह्मा जी ने मुझे केवल राजर्षि का ही पद दिया महर्षि-देवर्षि आदि का नहीँ, वे दुःखी ही हुये। वे विचार करने लगे कि मेरी तपस्या अब भी अपूर्ण है। मुझे एक बार फिर से घोर तपस्या करना चाहिये।" Развлечения
😊 हमारे पौराणिक धर्म ग्रंथ को काल्पनिक बताने वाले ऐसे ही हैं जैसे सूर्य के सामने आंख बंद करके वो सोचते है की अंधेराहो गया!
सतप्रतिशत सत्य
जितनी भी फिल्में बनी हुई थी सबसे मनमोहक प्रस्तुति पेश किया था उस समय की अभिनेत्री ने ❤ से काम किया था उस वक्त में
जय श्री राम
Jay shree Ram
Bhanupriya most beautiful woman sachmuch ki apsra h
Greatest mahapurush Vishwamitra 🏋️🙏
Menka sachmuch ki hi apsra lg rhi
Mukesh khanna is very popular best and great actor his ecting is very good and nice voice i like to mukesh khanna thanks
Menka looks very beautiful...... 💗💗💗💗💗
Yes
Our history has great women like Draupadi, Kunti, Gandhari, Menka, MAndodri, Rani Lakshmi Bai, Ahilya BAi. But importance was always given to male characters. Time has ome we start celebrating thse women also.
Menka was a great woman of mythology. Sadly, she did not get the credit she deserved. In the war between Menka and Vishwamitra it was Menka who won by successfully doing the task (seducing and tempting sage Vishwamitra and destroying his penance.) given to her by Indra. It must have been a proud moment for Menka Afterall she defeated vishwamitra who even Gods could not defeat. But instead of feeling proud she married the man she defeated. At no point she made him feel that she is superior. AFter all jo jeeta wohi sikandar and Menka is sikandar.
Sure bigfan
I have watched your hindi methology siryal vishwa mitra off many episod this hindi methology siryal is very fine interesting and fentastic i like your hindi methology siryal vishwa mitra very much who this artest made menika she is very great artest thanks madhu tivi you upload full episod off this siryal
Jay shree Ram ❤❤❤
Nice episode...
Hai
rambha bhagwaan vishnu ji ke anga hai phir vishwamitra kaise patthar bana diya hai 🙏🏿🙏🏿🙏🏿
Indra ke shabd jo menaja ke liye jo shrap shabd se pahale uch as re gaye kya sahi hai ?kyu seva kr rahe aur baki devata bhi indra se sahamat kaise?
🙏
Bhanu Priya to sach me Agsara thi is sin ke liye
O Bhai menka to real mein khubsurat hai
Nice
vishwa mein sabse pehle hindu dharm utpann hua hai aur hindu dharm se saare duplicate dharm utpann hua hai hindu dharm chhodkar baki dogle aur dikhawe ke hai is srishti mein iklauti hindu dharm hai sabse puraana hindu dharm hai🙏🙏🙏
🎉
Apsra apsra hi hai
Indra tumne hamesha rishi ko dhoka diya😢
H,,z❤❤
कुछ भी हो गप्पें मनोरंजन बैहतर करतीं हैं
काल्पनिक कहानी
Kalpnik to tum bhi ho ki tumhara baap kon hai
अगर यह कहानी काल्पनिक है तो ब्रह्मांड भी काल्पनिक है तू भी काल्पनिक है
Pata nahi tum bhi cal panick ho
Indra ko bhagwan ka darja kyu Diya gya hai samjh nahi aata sabse bada dhurtbaj Indra hi tha aur apne gaddi ki lalach dhurtbaj 😅😅😅