बदार घाटी के गाँव शिवा में मनाये जाने वाले मण पर्व २०२३ की सुन्दर पहाड़ी नाटी।।

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  • Опубликовано: 9 ноя 2024

Комментарии • 18

  • @rjthakur1824
    @rjthakur1824 Год назад

    Jai ho maa🙏🙇♥️

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    सीता की खोज करने रात में रावण के रंगमंहल में मदिरा मद नग्न, अर्ध नग्न सुन्दर सुन्दर युवतियों के सोते देख वृह्म चारी हनुमान हैरान हो गया
    सुन्दरकाण्ड सर्ग -9
    वाल्मीकि रामायण

  • @MukeshThakur-vg6ou
    @MukeshThakur-vg6ou Год назад

    Jai Ho

  • @harrythakur8200
    @harrythakur8200 Год назад

    जय माँ घटाशनी😊

  • @Sanjana-l9p
    @Sanjana-l9p Год назад

    💕💕💕💕💕

  • @rajenderpal927
    @rajenderpal927 Год назад

  • @hemantkatwal3785
    @hemantkatwal3785 Год назад

    ❤❤

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    एक बार जरूर पढ़ो
    राम लक्ष्मण नहीं-अम्बेडकर चाहिए
    मनुस्मृति नहीं-संबिधान चाहिए
    धर्म नहीं- अधिकार चाहिए
    मन्दिर नहीं -स्कूल चाहिए
    भगवान नहीं -विज्ञान चाहिए
    भाषण नहीं -रोजगार चाहिए
    पूंजीवाद नहीं -समाजवाद चाहिए
    धर्मतंत्र नहीं -लोकतंत्र चाहिए
    असमानता नहीं -समानता चाहिए
    अनेकता नहीं -एकता चाहिए
    अन्याय नहीं -न्याय चाहिए
    भीख नहीं -हक़ चाहिए
    गुलामी नहीं -आजादी चाहिए
    जय भारत, जय संविधान

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    शिव पुराण
    शिवादि के पूजने वाले टट्टी ( विष्ठा का कीड़े बनेंगे
    वैष्णव: पुरषो येस्तु शिव वृह्मादी देवतान् प्रणम्यधेचार्य द्वावी विष्ठयां जायते कृमि!!261!!(वृद्ध हारित स्मृति )
    अर्थ -यदि विष्णु का उपासक भूलकर भी शिव, ब्रह्मा आदि को प्रणाम या उनकी पूजा अर्चना करता है तो वह मरकर पखाने का कीड़ा बनता है!

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    देवदासी बनाकर नारी का बलात्कार बड़े बड़े मंदिरों मे पंडे पुजारियों द्वारा सदियों से भगवान के सामने ही होता रहा है, और भगवान मोन हो कर देखता रहा है और उसने कभी बालात्कारियों को दण्डित नहीं किया इसका सीधा अर्थ है मन्दिर मे भगवान नहीं केवल पत्थर ही है
    GKGS UPDATE

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    सच्चाई हमेशा लोगों को कड़वी लगती है!
    भगवान है या नहीं ये उस महिला से पूछो जिसने अपना वलात्कार होने से पहले लाखों बार अल्लाह, गॉड,ईश्वर से मदद मांगी थी,

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    Kअपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
    भोग लगाते पंडित जी,
    हमें बोलते काबड़ ढोना
    दिल्ली पढ़ते पंडित जी,
    हमें बोलते मन्दिर जाना
    संसद जाते पंडित जी,
    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
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    दान की पेटी हम भरते
    लूट मचाते पंडित जी,
    राम रहीम मे हमें फसाकार
    धंधा करते पंडित जी,
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    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........अपना आटा अपना घी
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    हमें बोलते कुछ नहीं तेरा
    भूमाफिया बनते पंडित जी,
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    लूट मचाते पंडित जी,
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    धंधा करते पंडित जी,
    हमें फसाते धर्म कर्म मे
    जज बन बैठे पंडित जी,
    जो पंडित से दूर रहेगा
    फिर न होगा दण्डित जी,
    ...........*******.........

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    शंकर का 100 वर्ष तक पार्वती से रति (मैथुन ) करना
    दृष्टवा च भगवान्देवी मैथुनायोप चक्रमे तस्य संक्रिड मानस्ये महादेवस्य धीमत:(5)
    शिति कंठस्य देवस्य दिवस्य वर्षस्त (6)
    (बाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग (36)
    अर्थ -विवाह के उपरांत पार्वती देवी को देखकर शंकर उनके साथ मैथुन करने लगे उस मैथुन को करते हुए सौ वर्ष बीत गए!
    गीता प्रेस गोरखपुर
    बाल्मीकि रामायण
    (धर्मग्रंथो मे ऐसी अश्लील बाते लिखना क्या उचित है )

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    अंधविश्वास और पाखंड
    संसार मे कोई ईश्वर नहीं इसको ढूंढ़ने मे अपना धन और समय बर्बाद न करें
    गौतम बुद्ध

  • @kishorilalgautam8474
    @kishorilalgautam8474 Год назад

    (दयानन्द कृत यजुर्वेद भाष्य, (भाष्य -7)
    वांच ते सुधामि, प्राण ते सुधामि, चुक्स ते सुधामि, श्रोत्र ते सुधामि, नाभि ते सुधामि, भेद ते सुधामि, पायु ते सुधामि,! यजुर्वेद (6/14)
    स्वामी जी अपने यजुर्वेद भाष्य में इसका अर्थ यह लिखते हैं कि हे शिष्य में तेरी वाणी, नेत्र, नाभि, जिसमे मुत्रो तसगार्ति किये जाते है उस लिंग को तेरे गुदेंन्द्रये को शुद्ध करता हूं
    क्या ऐसे अश्लील शव्द धर्म ग्रंथों मे लिखना उचित है

  • @abhi_manhas96
    @abhi_manhas96 Год назад