मंदिर निर्माण के लिए या आयतन निर्माण के लिए दिल खोलकर हाथों को खोलकर और अपनी तिजोरी को खोलकर मंदिर निर्माण मैं लगाना ही असली इन्वेस्टमेंट है धनका दक्ष जैन मुंगावली
जब मल्लप्पा जी चंदन की और सागौन की लकड़ी लेकर आए थे तो उन्होंने सागौन की लकड़ी मंदिर के लिए अथवा चंदन की लकड़ी आचार्य श्री शांति सागर महाराज जी की समाधि के लिए लगाई थी एवं मंदिर निर्माण के लिए या आयतन निर्माण के लिए दिल खोलकर हाथों को खोलकर और अपनी तिजोरी को खोलकर मंदिर निर्माण मैं लगाना ही असली इन्वेस्टमेंट है धन का। भूमि जैन Mungaoli
जब मल्लप्पा जी चंदन की और सागौन की लकड़ी लेकर आए थे तो उन्होंने सागौन की लकड़ी मंदिर के लिए अथवा चंदन की लकड़ी आचार्य श्री शांति सागर महाराज जी की समाधि के लिए लगाई थी यही असली इन्वेस्टमेंट है धन का रिमी जैन जतारा
एनजीओ के ऑफिस का निर्माण जो मानवता की सेवा के लिए किया गया एक उपक्रम है ऐसे एनजीओ के निर्माण में लगाया गया धन सही इन्वेस्टमेंट ऑफ मनी है जहां से परमार्थ के कार्य करनेकी सीख मिलती है ऐसे जिनालय और तीर्थ के निर्माण में लगाया गया धन सही इन्वेस्टमेंट ऑफमनी है इसका उदाहरण महाराज श्री जी ने कुंडलपुर रामटेक सर्वोदय तीर्थ अमरकंटक शांति धारा दुग्ध योजना भाग्योदय तीर्थ आदि दिए हैं जिसके माध्यम से गुरुदेव का परमार्थ का संदेश लोगों तक पहुंचा। मैं अनन्या जैन
अनंत बार नमोस्तुगुरुदेव ❤❤❤❤❤
नमोस्तु महाराज जी 🙏
मंदिर निर्माण के लिए या आयतन निर्माण के लिए दिल खोलकर हाथों को खोलकर और अपनी तिजोरी को खोलकर मंदिर निर्माण मैं लगाना ही असली इन्वेस्टमेंट है धनका दक्ष जैन मुंगावली
जब मल्लप्पा जी चंदन की और सागौन की लकड़ी लेकर आए थे तो उन्होंने सागौन की लकड़ी मंदिर के लिए अथवा चंदन की लकड़ी आचार्य श्री शांति सागर महाराज जी की समाधि के लिए लगाई थी एवं मंदिर निर्माण के लिए या आयतन निर्माण के लिए दिल खोलकर हाथों को खोलकर और अपनी तिजोरी को खोलकर मंदिर निर्माण मैं लगाना ही असली इन्वेस्टमेंट है धन का।
भूमि जैन Mungaoli
जब मल्लप्पा जी चंदन की और सागौन की लकड़ी लेकर आए थे तो उन्होंने सागौन की लकड़ी मंदिर के लिए अथवा चंदन की लकड़ी आचार्य श्री शांति सागर महाराज जी की समाधि के लिए लगाई थी यही असली इन्वेस्टमेंट है धन का
रिमी जैन जतारा
एनजीओ के ऑफिस का निर्माण जो मानवता की सेवा के लिए किया गया एक उपक्रम है ऐसे एनजीओ के निर्माण में लगाया गया धन सही इन्वेस्टमेंट ऑफ मनी है जहां से परमार्थ के कार्य करनेकी सीख मिलती है ऐसे जिनालय और तीर्थ के निर्माण में लगाया गया धन सही इन्वेस्टमेंट ऑफमनी है इसका उदाहरण महाराज श्री जी ने कुंडलपुर रामटेक सर्वोदय तीर्थ अमरकंटक शांति धारा दुग्ध योजना भाग्योदय तीर्थ आदि दिए हैं जिसके माध्यम से गुरुदेव का परमार्थ का संदेश लोगों तक पहुंचा। मैं अनन्या जैन