पौराणिक हिन्दु एक तरफ चटकारे लगा लगा कर अंबिका और अंबालिका द्वारा उनके पति के जीते जी वेद बयास से संतान प्राप्ति और कुन्ती द्वारा अपने पति पांडु की अनुमति से देवताओं से पुत्र प्राप्ति की कथा को जायज ठहराते है, दूसरी तरफ महर्षि दयानंद सरस्वती की आलोचना करते है।
Tum kaha ka Gyan pel rahe ho amba ambalika ke pati mar chuke the aur unki koi Santan nahi thi aur rajya ko utradhikari chahiye tha isliye ved vyas ji ne apni shakti ki tej se Bina mahila ko chuye Bina touch kiye hi unhe apna Shakti punj de diya jisse santan prapt hua aur jo pandav ki baat kar rahe ho tumhe pata hai ek risi ne pandav ko shrap Diya tha ki agar tum apni patni se sambandh banaoge to tumhari mirtyu ho jayegi isliye mata kunti ko ek risi ne vardan Diya tha ki devtao se tum jo vardan magogi wo tumhe dedege aur dev Tao ne hi apni shakti se 5 putro ko prakat kar ke kunti ko de diya
niyog Aaj Bhi band Nahin Hua Hai hinduon Mein Aaj Bhi Hota Hai lekin Isko Koi batata Nahin Kyunki Agar vah Bata dega Mere bacche niyog se Paida hue hain to uski mardangi per Sawal Khade Honge yah Baat sirf uski Patni pati aur Pandit ko pata hoti hai
कोई स्वामी दयानंद जी को गलत नहीं कहता है क्योंकि वेद या मनुस्मृति में होगा इसलिए स्वामी जी ने लिखा है सत्यार्थ प्रकाश में इसमें स्वामी दयानंद सरस्वती जी का क्या गलती है हां अब उसे ग्रंथो से निकाल देना चाहिए
Phle apne demag se Hindu drm ka andh bhgkti Wala chasma utaar kr ache se islam ko pad hlala planing krke krna sidhe hram hai tu jisko hlala samj rha hai wo hlala nhi hrama hota hai jaise neyog palaning ke taht krte hai waisa bilkul nhi hai hlala me kissi ko bche ki jarut nhi hoti gadhe phle sahi jankaari Lo aur bache god lena islam ne hi suru kiya tere ambedkr NE baad me
समाज किस चीज को गलत मानता है और किस चीज को सही मानता है ये मैटर नही करता गुरु जी बल्कि मैटर ये करता है की ईश्वर किस कार्य को सही मानता है और किस को गलत मानता है। अगर किसी भी कार्य या प्रथा को सही या गलत का सर्टिफिकेट समाज ही देगा तो दुनिया मे घर्म और ईश्वर का तो concept ही खतम हो जाएगा ।
क्यों की अब नए विकल्प आ गए जैसे पहले के लोग बैल गाड़ी से सफर करते थे और अब नहीं पर इतिहास के पन्नो में बैलगाड़ी है इसलिए पहले जो व्यस्था थी उसी से संसार के लोग चलते थे , इति
Niyog k alawa bhi test tube baby ka chalan bhabharat yug me jaise dhritrastra k 100 Putra or ak purti thi jisme 100 Putra test tube k dwara hue the bs satyavati ne niyog k dwara putro ko apni se janm dilwaya pr gandi mansikta Wale logo ne ise galat tarike se prayog kiya hindu dhram likhi hr baat bohot soch samjh kr vaiyanik roop se likhi hai pr dushit mansikta k logo ne ise bura bnane ki puri koshish ki SB apna bura time bhul jate hain jb wo sochte Hain ki kisi bhi tarah is bura time se hm nikal Jaye pr dusre k bure time me unka mazak udate hai or ak dusre ko nicha dikhane k liye kisi k sath bhi kisi ka bhi naam jod dete hain isliye niyog vayavasttha ki utpatti pr vichar kre na ki burai ab jisko Jo suitable lge kr le ya test tube baby bhi vyavstha thi or styaviti to shuru se hi kunthit mansikta ki thi wo chahti thi SB sampatti uski rhe isiliye to bhishm pitameh ko brhamcharya ki bhishm prtigya Leni pdi or vah jaldi bachha chahti isliye usne niyog ka Shara liya wah chahti to gandhari ki tarah test tube baby bhi ho jata pr usme time adhik lgta tha isliye usne shortcut apnaya isiliye kaha jata hai jaldi kaam shaitan ka niyog or test tube baby smaj ki ak vayavtha thi jisme niyog ko logo ne galat najriye se dekhna shuru kr Diya Jo ki galat isliye najar najriya badliye SB samjh aane lagega.
🙏सादर नमस्ते आचार्य श्री,आपने पूर्ण बुद्धिमता पूर्वक उचित व्याख्या की। सभ्य व बुद्धिमान व्यक्तियों को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, हां जो मूर्ख समाज में गन्दगी, व्यभिचार
आचार्य जी जो विधि हमारे हिन्दू धर्म के श्रृषियों मुनियों ने गृहस्थ जीवन को सफल बनाने के लिए की गई हैं वह सही है। नियोग विधि श्रृगवेद के अनुसार ही की जानी उचित है। आजकल कलियुग का समय है कोई भी मानमर्यादा ही नहीं है कोई पता ही नहीं की कौन किसका पुत्र है ज्यादातर लोग ऐसा ही पसंद करते हैं। पांडव पुत्र नियोग विधि से उत्पन्न होने का प्रमाण विश्व के सामने। एक नहीं बल्कि सैंकड़ों उदाहरण हमारे सामने हैं। इसलिए नियोग विधि कोईगलत नहीं है। । बावा इंसा बावू इंसा अमीलाल इंसा पोला इंसा भंगीदास बिकर इंसा मिठु इंसा और पई वाला भाई चांदपुरा वाले हरियाणा से। ।।।
Kul milake bat ghuma rahe ho ,sidha Kyo nhi bolte ye ghatiya pratha tha ,jab us samay science nhi tha to kaise malum chala ki istri me kami thi ya purush me ,jyada gyani na bano bhai , mai bhi dalit hu challenge hai karta hu tark ke liye aao fir tumhe pata chalega dalit aaj kaha hai ,kon nhi janta ki us samay samaj me iske liye jo purush chuna jata hai hoga o brahman hi hota hoga ,kyoki samaj unhe bara manta tha,kul milake bewkuf ho dusre ko bewkuf mat banao
Tumhare us time to log khir kha k bhi bachha paida karte the to kisi air k sath sone ki kya jaroorat thi mahoday..Gandgi ka khajana hai tumhare har ek granth
बहुत सुंदर पुरानी व्यवस्था का अपने वर्णन किया पहले जनसंख्या कम थी युद्ध में , बीमारी से मारे जाते थे आज समाज में अज्ञानताअधिक होने के कारण पारिवारिक युद्ध धर्म का ज्ञान न होनेके कारण धार्मिक युद्ध चल रहाहै
मनु स्मृति को वैसे ही बताओ जैसा लिखा हुवा हैं,पूरे तरीके से ,और बड़े परदे पे , TV पे दिखाओ अगर इतनी ही अच्छी हैं तो! खामखां गलत को सही ठहराने पे अड़े रहोगे तो वापस वहीं जाना पड़ेगा जहां से आए हो!
नियोग पति के वंश/गोत्र के पुरुष द्वारा होना ही ठीक है. मैं भरतवंशी चोलवंश से हूँ ( 75% देवताचंद्रवंशीजाति के पौरव रक्त और 25% दैत्यसूर्यवंशी जात के रक्त के कश्यप ब्राह्मणवंशी अप्सरा मेनका का रक्त है भरतवंश) केरलचोलपांडय से लेकर अजमीढ कुरु कुस्वां दुसांझ जनमेजयकावंश जनमेड़ा/जनवार तक सभी में 75% पौरव रक्त 25 % कश्यप रक्त है पुराणनास्तिकबौद्धजैनमुस्लिम कालीन मिलावटखोरों ने वेदव्यास जी से नियोग की झूठी कथा लिख डाली महाभारत में वो बिल्कुल मिलावटी है. स्वामी जगदीशवरानंद महाभारत देखना उन्होंने कर्ण को अंगवंशी, ऐक्लव्य को वृष्णिवंशी लिखा ये सब बातें सत्य हैं. भरतवंश देवताओं का पुत्र है इसका अर्थ ये है कि मनु , दैत्यराजबलि ( बालियान गहलोत वंश) , देवराज इंद्र ( ऋषिकतुषार गठवाला मलिक वंश) , महादेववंश, यमराज और यमराज वंश आदि देवता महापुरुष भरतवंशियों और चंद्रवंशी जाति के लिए गुरु समान हैं और चंद्रवंशी जात उनकी विद्यापुत्र ( शिष्य) है , इन देवता महापुरुषों के वंश भरतवंश से सीनीयर वंश हैं . वर्ण व्यवस्था कर्म से होती है जन्म से नहीं ❌ दैत्यसूर्यवंशी देवताचंद्रवंशी नाग शिवगण चार आर्य जातियों ने उत्तर भारत में वर्ण व्यवस्था की थी. दैत्यसूर्यवंशी जाति से सूर्यवंशी क्षत्रिय और सूर्यवंशी ब्राह्मण वर्ण का विकास हुआ. चंद्रवंश नागवंश शिवगण बलवीर्य की अधिकता से क्षत्रिय वर्ण मिला . अगर वर्ण अनुसार ब्राह्मण वंश कर्म ना करे तो वे कर्म से ब्राह्मण नहीं बल्कि जैसा कर्म करेंगे उसी वर्ण के होंगे लेकिन जाति दैत्यसूर्यवंशी ही रहेगी. जाट जाति में चार उपजातियाँ हैं सूर्य उपजात चांद उपजाति नाग उपजाति और शिवगण उपजाति. गुजर = स्काईथियन शिवगण द्वारा मलेच्छयूरोपीय औरतों के वंश, राजपूत संप्रदाय ( 747 ई से लेकर 1947 तक 60-70 जाट + 100+ गुजर वंश ) . जातिवाद बौद्ध काल में अलौकिक आर्य जातियों में तरह तरह की मिक्सिंग से बना है अलैक्जैंडर से गजनवी तक. जिन जातियों की जनसंख्या 20-25 लाख से कम है बेशक अंतर्जातीय विवाह करें, ऐसा जातिवाद शास्त्रोक्त नहीं लेकिन संसकार विधि का ध्यान रखे
Pehle Sat vachan dilaye jate hain patni ko sati ke rup me dekhna pasand krte dusri or Niyog kya ek pativrta ise swikar kregi bina apni icha ke or kya ek stri ki bina ichha ke krna bhagwan jayaz dehrayege Jo humesa hi bhaw ke bhukhe hote hain
niyog Aaj Bhi band Nahin Hua Hai hinduon Mein Aaj Bhi Hota Hai lekin Isko Koi batata Nahin Kyunki Agar vah Bata dega Mere bacche niyog se Paida hue hain to uski mardangi per Sawal Khade Honge yah Baat sirf uski Patni pati aur Pandit ko pata hoti hai
हमारे जनजातीय समाज में बुवा या मामा के पुत्र पुत्री के साथ विवाह कर सकते है । लेकिन चाचा ताऊ के पुत्र पुत्री या एक ही कुल या वंश के लड़के लड़की को सगे भाई बहन माना जाता है बाकी को नही
Jo bhi aaj tak sadiyon sadiyon se anaitik karya hua vah sab Pavitra karya upper caste ke liye ban ke bad Puja per Dharam karam laaj sharm sab chhote log ke liye hai
Kya 'Niyog' ek 'Shudra' woman ke saath nahin ho sakta? Aapne 'Shoodra' kaa to varnrnan tak nahin kiya? Aap keval ek 'Vaeshyaa' the woman or wife of a Vaeshyau tak hee seemit rahe, aakhir aesa kyun? Kya aapke Aaryau Samaaj mein bhee bhedbhaav vriti hai? Yaa 'Shoodra' ko aap out of Hindu Society maante hain kya???
इस्लाम वाले नियोग व्यवस्था का विरोध करते हैं परंतु जो उनकी व्यवस्था हलाला होती है उनकी तरफ यह उंगली भी नहीं उठाने देते| महर्षि दयानंद अपनी तरफ कुछ नहीं बताते वह तो जो वेदों और शास्त्रों में लिखा है उसी के अनुसार बताते हैं| कोई हमें समझाता है तो हम समझते नहीं है यह हमारा दुर्भाग्य है| महर्षि दयानंद की जय
niyog Aaj Bhi band Nahin Hua Hai hinduon Mein Aaj Bhi Hota Hai lekin Isko Koi batata Nahin Kyunki Agar vah Bata dega Mere bacche niyog se Paida hue hain to uski mardangi per Sawal Khade Honge yah Baat sirf uski Patni pati aur Pandit ko pata hoti hai
आज नियोग होता है हिंदू लोगों me और यह धार्मिक ग्रंथऋग्वेद में लिखा हुआ जबकि हलाल इस्लाम के बुक में नहीं है हलाला एक vidit है जो इंसानों द्वारा बनाया हुआ है और उसमें कोई सेक्स नहीं करना पड़ता है गलत तरीके से दिखाया जाता है
है ये टेस्टटूब बैबी , सेरोगेसी आदि आधुनिक तोर पर नियोग ही तो है उद्देश्य सन्तान उत्पत्ति होता है बस तरिका बदल गया और ये नियोग कोई अयासी के लिए नहीं है ये मजबूरी के साधन है सबकी सहमति से पवित्र भाव से सन्तान उत्पत्ति के उद्देश्य से हो
Halala is bannded in india or ha niyog kon kehta hai band ho chuki jakar crime petrol dekho episode bana hua hai or ha halala ek option hai na ki manadatory
@@kaifisiddique1594 आओ टिवी दर्शक टिवी मे तो इच्छाधारी नागिन भी होती है तो कया सच होती है किसी भी सिरियल के आगे लिखा होता है सभी पात्र काल्पनिक है और रही बात हलाला की तो कोई भी कानून जब तक काम नहीं करता जब तक समाज उसे स्विकार नहीं कर लेता तुम्हारी सोसाइटी में आज भी ये होता है और ये सच है और कानून बन जानै से वो इस्लाम से खत्म नहीं हुआ हलाला खत्म करने के लिए तुम्हें इस्लाम खत्म करना होगा
@@kaifisiddique1594 हे टिवी दर्शक टिवी कि दुनिया से बाहर निकल और देखा कर की टिवी के पात्र काल्पनिक होते है ये सिरीयल के शुरू मे लिख दिया जाता है और भारत मे कानून बनने से वो इस्लाम से नहीं हटता इस्लाम मे तो वो आज भी है और कोई भी कानून जब तक कार्य मे नही आता जब तक समाज उसे स्विकार नहीं कर लेता पर मुस्लिम ने यै स्विकार नहीं किया है इसलिए आज भी होता है और यही सच है और रही बात नियोग की तो नियोग भी विकल्प है ना की अनिवार्य और इसका उद्देश्य हलाला की तरह अय्याशी नहीं सन्तान उत्पत्ति है वो भी मजबूरी मे ,सबकी सहमति से
फिर तो आदमी ने नियोग करना है तो समाज उस को ऊँचे कुल की स्त्री की व्यवस्था करवाए गा ????????? आचार्य ने ये clear नहीं किया ???? क्यों एक ऊँचे कुल का और एक नीचे कुल का ?! तो औलाद अच्छी पैदा होगी !
Pabitr BIBLE me pati ke marne ke bad hi ,aur unhi ka apna bhai uske lia santan utpan karte the. Lekin PARMESWAR ne jo SWARGDUT ko manusya ke gading ke lia dia the usi ne manab putriyo se sambhand banaya aur us se surbir paida hua. Samlengta ko satan utpatti se hi lana chahta hi jo ki SARBSHAKTIMAN PARMESWAR ke birudh hi aur ye naya bat nahi hi.
हिंदू धर्म (सही नाम-ब्राह्मणवाद ) में प्रोपेगंडा तो बहुत ही सुन्दर आकर्षक और लावण्यपूर्ण होता है लेकिन जमीनी हकीकत सिर्फ उल्टी ही नहीं होती, बहुत वीभत्स भी होती है। मिसाल के लिए नारी के सम्मान में कसीदे तो बहुत पढ़ें जाते हैं, उसे देवी भी कहा जाता है,लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत में नारी हत्या, दहेज-हत्या, बालात्कार सामुहिक बालात्कार दहेज प्रताड़ना, कन्या -भ्रूण हत्या, कन्याओं की खरीद -फरोख्त,देह व्यापार में ढकेला जने के आंकड़े बहुत बहुत अधिक है।
आपने पुरुष को सन्तान उत्पत्ति में विफल रहने पर तो महिला को दूसरे पुरुष से सन्तान उत्पन्न करने की स्वतंत्रता बता दी परन्तु यदि महिला सन्तान उत्पन्न करने में असफल रहती है तो इसमें पुरुष कैसे अपने वंश का संचालन कर सकता है।
दूसरी सदी कर सकता है 2 पत्नी रख सकते है पहली पत्नी को छोड़े बिना । लेकिन महिला 2 पति के साथ नही रह सकती या तो पहले पति को छोड़ देगी या मृत्यु होने पर दूसरे को पति बना लेगी
niyog vavstha apradh hai...tum apne gharo me niyog karo....yah ved me hai to ved mat fallow karo....tumhari mati mari gayi.....isi ko brahmanvad kahte hai....vedo ki tark budhi se use karna chahiye....namo budhay...
बन्धु! नियोग तो संतान पाने के लिये आपत्कालीन व्यवस्था है जिसमें पुरुष और स्त्री दोनों की सहमति आवश्यक है। परन्तु आपकी इच्छा में आपकी अनियन्त्रित वासना झलक रही है, ऐसे में अच्छा तो यह है कि मन को किसी कार्य में लगायें। पर कभी कभी कभी परिवार में माता पिता से मिले गन्दे भद्दे संस्कारों के कारण यह वासना मर्यादा भूल जाती है। जब घर के संस्कारों में ही मर्यादा नहीं तो घर में ही किसी अपने से बात करके देखिये, पूरी संभावना है कि अधिकतर इसी खोज में होंगे, बात बन सकती है।
आपने कहा की मुस्लिम लोग अपने ताऊ चाचा की लड़की से ही शादी कर लेते है लेकिन हिन्दू धर्म मे ऐसा नही तो आपकी जानकारी के लिए बता दु की आज भी दक्षिण भारत मे ताऊ चाचा की लड़की से हिन्दू धर्म मे शादी होती है चेक कर सकते है आप इंटरनेट से भी। और जहां तक मुझे लगता है महाभारत काल मे भी कज़न से शादी होती थी जिसके उदाहरण, अर्जुन का विवाह शुभद्रा से हुआ जो उसके मामा की लड़की थी, श्री कृष्ण का विवाहा मित्रविनदा से हुआ जो उनकी बुआ राज्याधिदेवी की लड़की थी।
Chacha jee,iam साउथ इंडियन kerlait, ये बात साउथ में की कोई ताऊ, या चाचा की लड़की से शादी करते है गलत है केरला में सिर्फ मामा, बुआ की बेटी या बेटे से शादी हो सकती है ना की ताऊ और चाचा के बेटे से,क्योंकि ताऊ का भाई आपके पिता हुए ना तो दो भाइयों के बच्चो में विवाह नही होता दोनो का ब्लड एक है,मगर मामा और बुआ के बच्चो में होता है क्योंकि बुआ किसी और पुरुष से संतान उत्पन कर रही है,तब मामा और बुआ का ब्लड अलग होगा फिर वे भाई,बहन नही कहलाएंगे,मगर ताऊ,और चाचा तो सगे भाई हुए ना तो उनके बच्चो का विवाह कमसेकम केरला में नही होता,गलत जानकारी न दे
Ye devi devta the bhagwan nahi in logo NE to niyog ko thik mana tha agar ye parath thik thi to ye devi devta apni patniyo ko yesa hi karne ke liye kah dete.
समय प्रवाह के साथ आजतक जो बदलाव आया समाज में उसके बारे में भी सोचना चाहिए। उस नियोगवाला जमाने में जरूर कोई कमी होती होगी लेकिन आज बहुत तरक्की हुई है इसलिए हमें नियोग को फिर से वापस लाने की बात दिमाग से हटा देना चाहिए।
App ne to patnii ke liye to bata diya ki uchh baran ka uchh guno Bala bacha utpan karne ke liye bata diya agerpa kishi ke pati ko bacha ke liye ucha baran ki lady ke sath bacha utpan kre
@@goodmornig3777 abe Rndiputra , periyar bhi to teri tarah halala ki paidaish tha 🤣 uski baat pe kaun believe karega jisne apni khud ki beti ke saath shadi ki ho .🤣 jaisa guru waise hi uske lawday chele.😌 koi proof nahi hai jo tu bol raha hain .
शुद्र अशुद्र छुत अछुत य कयु है एक हरिजन लडकि से (ब्रहममन मरहठा राजपुत ठाकु वगैरा शादि कयु नहि करते)नियोम बाद मे करो पहले छुत अछुत खतम करो और ये हो नहि सकता (ऐससा है हिदुं धम॔)
पौराणिक हिन्दु एक तरफ चटकारे लगा लगा कर अंबिका और अंबालिका द्वारा उनके पति के जीते जी वेद बयास से संतान प्राप्ति और कुन्ती द्वारा अपने पति पांडु की अनुमति से देवताओं से पुत्र प्राप्ति की कथा को जायज ठहराते है, दूसरी तरफ महर्षि दयानंद सरस्वती की आलोचना करते है।
इसलिए हमारे पौराणिक भाई मूर्ख है
Tum kaha ka Gyan pel rahe ho amba ambalika ke pati mar chuke the aur unki koi Santan nahi thi aur rajya ko utradhikari chahiye tha isliye ved vyas ji ne apni shakti ki tej se Bina mahila ko chuye Bina touch kiye hi unhe apna Shakti punj de diya jisse santan prapt hua aur jo pandav ki baat kar rahe ho tumhe pata hai ek risi ne pandav ko shrap Diya tha ki agar tum apni patni se sambandh banaoge to tumhari mirtyu ho jayegi isliye mata kunti ko ek risi ne vardan Diya tha ki devtao se tum jo vardan magogi wo tumhe dedege aur dev Tao ne hi apni shakti se 5 putro ko prakat kar ke kunti ko de diya
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कोई स्वामी दयानंद जी को गलत नहीं कहता है क्योंकि वेद या मनुस्मृति में होगा इसलिए स्वामी जी ने लिखा है सत्यार्थ प्रकाश में इसमें स्वामी दयानंद सरस्वती जी का क्या गलती है हां अब उसे ग्रंथो से निकाल देना चाहिए
नियोग और हलाला एक ही सिक्के के दो पहलू है। धन्य हो संविधान का जिसने गोद लेने की व्यवस्था कराई।
Phle apne demag se Hindu drm ka andh bhgkti Wala chasma utaar kr ache se islam ko pad hlala planing krke krna sidhe hram hai tu jisko hlala samj rha hai wo hlala nhi hrama hota hai jaise neyog palaning ke taht krte hai waisa bilkul nhi hai hlala me kissi ko bche ki jarut nhi hoti gadhe phle sahi jankaari Lo aur bache god lena islam ne hi suru kiya tere ambedkr NE baad me
Acharya jiki yah bewastha apne hi ghar tak simit rakhen
यह कैसे सिद्ध होता है कि उच्च वर्ण का शुक्राणु ही उत्तम होता है। किसी भी स्वस्थ पुरुष का शुक्राणु उत्तम हो सकता है।
समाज किस चीज को गलत मानता है और किस चीज को सही मानता है ये मैटर नही करता गुरु जी बल्कि मैटर ये करता है की ईश्वर किस कार्य को सही मानता है और किस को गलत मानता है। अगर किसी भी कार्य या प्रथा को सही या गलत का सर्टिफिकेट समाज ही देगा तो दुनिया मे घर्म और ईश्वर का तो concept ही खतम हो जाएगा ।
Meri Nazar mein aap duniya ke sabse samajhdar hindu bhai ho
नियोग व्यवस्था अगर सही है तो अब तक समाज में क्यों नहीं प्रचलित है।
अब विज्ञान की प्रगति ने अब नए रास्ते खोल दिये हैं। कार्य वही है, बस तरीके बदल गए हैं
IVF सेंटर पर जाकर देख पता चल जायेगा ।
क्यों की अब नए विकल्प आ गए जैसे पहले के लोग बैल गाड़ी से सफर करते थे और अब नहीं पर इतिहास के पन्नो में बैलगाड़ी है इसलिए पहले जो व्यस्था थी उसी से संसार के लोग चलते थे , इति
@@VedPrakash-ku7yoबिल्कुल सही
Niyog k alawa bhi test tube baby ka chalan bhabharat yug me jaise dhritrastra k 100 Putra or ak purti thi jisme 100 Putra test tube k dwara hue the bs satyavati ne niyog k dwara putro ko apni se janm dilwaya pr gandi mansikta Wale logo ne ise galat tarike se prayog kiya hindu dhram likhi hr baat bohot soch samjh kr vaiyanik roop se likhi hai pr dushit mansikta k logo ne ise bura bnane ki puri koshish ki SB apna bura time bhul jate hain jb wo sochte Hain ki kisi bhi tarah is bura time se hm nikal Jaye pr dusre k bure time me unka mazak udate hai or ak dusre ko nicha dikhane k liye kisi k sath bhi kisi ka bhi naam jod dete hain isliye niyog vayavasttha ki utpatti pr vichar kre na ki burai ab jisko Jo suitable lge kr le ya test tube baby bhi vyavstha thi or styaviti to shuru se hi kunthit mansikta ki thi wo chahti thi SB sampatti uski rhe isiliye to bhishm pitameh ko brhamcharya ki bhishm prtigya Leni pdi or vah jaldi bachha chahti isliye usne niyog ka Shara liya wah chahti to gandhari ki tarah test tube baby bhi ho jata pr usme time adhik lgta tha isliye usne shortcut apnaya isiliye kaha jata hai jaldi kaam shaitan ka niyog or test tube baby smaj ki ak vayavtha thi jisme niyog ko logo ne galat najriye se dekhna shuru kr Diya Jo ki galat isliye najar najriya badliye SB samjh aane lagega.
🙏सादर नमस्ते आचार्य श्री,आपने पूर्ण बुद्धिमता पूर्वक उचित व्याख्या की। सभ्य व बुद्धिमान व्यक्तियों को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, हां जो मूर्ख समाज में गन्दगी, व्यभिचार
को पसंद करते हैं,क्योंकि मूर्ख के लिए कोई औषधि नहीं बनी।
सडीयल व्यवस्था का प्रचार
आचार्य जी जो विधि हमारे हिन्दू धर्म के श्रृषियों मुनियों ने गृहस्थ जीवन को सफल बनाने के लिए की गई हैं वह सही है।
नियोग विधि श्रृगवेद के अनुसार ही की जानी उचित है। आजकल कलियुग का समय है कोई भी मानमर्यादा ही नहीं है कोई पता ही नहीं की कौन किसका पुत्र है ज्यादातर लोग ऐसा ही पसंद करते हैं।
पांडव पुत्र नियोग विधि से उत्पन्न होने का प्रमाण विश्व के सामने। एक नहीं बल्कि सैंकड़ों उदाहरण हमारे सामने हैं। इसलिए नियोग विधि कोईगलत नहीं है। ।
बावा इंसा बावू इंसा अमीलाल इंसा पोला इंसा भंगीदास बिकर इंसा मिठु इंसा और पई वाला भाई चांदपुरा वाले हरियाणा से। ।।।
Shastron me agar Dewar shabd pati k bhai k lie nahi hai to pati ke bhai ko kya kehte hain..
Aap ek baar firse video dekhiye.... Dhyan se ....uttar mil jayega
@@user-dw3nl1dn5v aacharya ji ne nhi bataya he video me
सच्चाई बयां करने वाली सिर्फ इस्लाम धर्म haii
Parade ke pichhe sab sahi hai.
Agar niyog se koi khud yaachana kare to wah aparaadh hai. Kiraya ka kokh, Sorogate mother aaj niyog hi to jaisa hai.
आपकी बातो का मैं समर्थन करता हु , दयानंद जी ही सही है ।
Surya jad he kese kunti ka putra jaman hua . answer dijiye prabhakar ji
Kul milake bat ghuma rahe ho ,sidha Kyo nhi bolte ye ghatiya pratha tha ,jab us samay science nhi tha to kaise malum chala ki istri me kami thi ya purush me ,jyada gyani na bano bhai , mai bhi dalit hu challenge hai karta hu tark ke liye aao fir tumhe pata chalega dalit aaj kaha hai ,kon nhi janta ki us samay samaj me iske liye jo purush chuna jata hai hoga o brahman hi hota hoga ,kyoki samaj unhe bara manta tha,kul milake bewkuf ho dusre ko bewkuf mat banao
बहुत अच्छे
Doctor 2 -3 sal tak ilaj ke nam per paisa khate hai aur badme Doctor injections dwara yehi to karte hai
Tumhare us time to log khir kha k bhi bachha paida karte the to kisi air k sath sone ki kya jaroorat thi mahoday..Gandgi ka khajana hai tumhare har ek granth
बकवास बाते.. कोनसा समाज इसे मंजूरी देगा. क्या आप देते.
Aaj tak har samaj ne di hai
बहुत सुंदर पुरानी व्यवस्था का अपने वर्णन किया पहले जनसंख्या कम थी युद्ध में , बीमारी से मारे जाते थे आज समाज में अज्ञानताअधिक होने के कारण पारिवारिक युद्ध धर्म का ज्ञान न होनेके कारण धार्मिक युद्ध चल रहाहै
🙏🙏🙏🙏🙏
Niyog vyavastha anuchit hai
मनु स्मृति को वैसे ही बताओ जैसा लिखा हुवा हैं,पूरे तरीके से ,और बड़े परदे पे , TV पे दिखाओ अगर इतनी ही अच्छी हैं तो! खामखां गलत को सही ठहराने पे अड़े रहोगे तो वापस वहीं जाना पड़ेगा जहां से आए हो!
समाज क्यों चयन करेगा पति का परिवार चयन करेगा उसका कुल वंश आगे बढ़ाना है तो पुरुष भी उसी कुल वंश का होगा
नियोग पति के वंश/गोत्र के पुरुष द्वारा होना ही ठीक है. मैं भरतवंशी चोलवंश से हूँ ( 75% देवताचंद्रवंशीजाति के पौरव रक्त और 25% दैत्यसूर्यवंशी जात के रक्त के कश्यप ब्राह्मणवंशी अप्सरा मेनका का रक्त है भरतवंश)
केरलचोलपांडय से लेकर अजमीढ कुरु कुस्वां दुसांझ जनमेजयकावंश जनमेड़ा/जनवार तक सभी में 75% पौरव रक्त 25 % कश्यप रक्त है पुराणनास्तिकबौद्धजैनमुस्लिम कालीन मिलावटखोरों ने वेदव्यास जी से नियोग की झूठी कथा लिख डाली महाभारत में वो बिल्कुल मिलावटी है. स्वामी जगदीशवरानंद महाभारत देखना उन्होंने कर्ण को अंगवंशी, ऐक्लव्य को वृष्णिवंशी लिखा ये सब बातें सत्य हैं.
भरतवंश देवताओं का पुत्र है इसका अर्थ ये है कि मनु , दैत्यराजबलि ( बालियान गहलोत वंश) , देवराज इंद्र ( ऋषिकतुषार गठवाला मलिक वंश) , महादेववंश, यमराज और यमराज वंश आदि देवता महापुरुष भरतवंशियों और चंद्रवंशी जाति के लिए गुरु समान हैं और चंद्रवंशी जात उनकी विद्यापुत्र ( शिष्य) है , इन देवता महापुरुषों के वंश भरतवंश से सीनीयर वंश हैं .
वर्ण व्यवस्था कर्म से होती है जन्म से नहीं ❌
दैत्यसूर्यवंशी देवताचंद्रवंशी नाग शिवगण चार आर्य जातियों ने उत्तर भारत में वर्ण व्यवस्था की थी. दैत्यसूर्यवंशी जाति से सूर्यवंशी क्षत्रिय और सूर्यवंशी ब्राह्मण वर्ण का विकास हुआ. चंद्रवंश नागवंश शिवगण बलवीर्य की अधिकता से क्षत्रिय वर्ण मिला . अगर वर्ण अनुसार ब्राह्मण वंश कर्म ना करे तो वे कर्म से ब्राह्मण नहीं बल्कि जैसा कर्म करेंगे उसी वर्ण के होंगे लेकिन जाति दैत्यसूर्यवंशी ही रहेगी. जाट जाति में चार उपजातियाँ हैं सूर्य उपजात चांद उपजाति नाग उपजाति और शिवगण उपजाति. गुजर = स्काईथियन शिवगण द्वारा मलेच्छयूरोपीय औरतों के वंश, राजपूत संप्रदाय ( 747 ई से लेकर 1947 तक 60-70 जाट + 100+ गुजर वंश ) . जातिवाद बौद्ध काल में अलौकिक आर्य जातियों में तरह तरह की मिक्सिंग से बना है अलैक्जैंडर से गजनवी तक.
जिन जातियों की जनसंख्या 20-25 लाख से कम है बेशक अंतर्जातीय विवाह करें, ऐसा जातिवाद शास्त्रोक्त नहीं लेकिन संसकार विधि का ध्यान रखे
No niyog is not fake it was happens at the time of mahabharat
नियोगप्रथा काप्रचार है आदिवासी भारत में समाप्तहो जाएगा इस प्रथासे
Pehle Sat vachan dilaye jate hain patni ko sati ke rup me dekhna pasand krte dusri or Niyog kya ek pativrta ise swikar kregi bina apni icha ke or kya ek stri ki bina ichha ke krna bhagwan jayaz dehrayege Jo humesa hi bhaw ke bhukhe hote hain
Dimag ka ilaj pehle hona chahea.😊😊
niyog Aaj Bhi band Nahin Hua Hai hinduon Mein Aaj Bhi Hota Hai lekin Isko Koi batata Nahin Kyunki Agar vah Bata dega Mere bacche niyog se Paida hue hain to uski mardangi per Sawal Khade Honge yah Baat sirf uski Patni pati aur Pandit ko pata hoti hai
हमारे जनजातीय समाज में बुवा या मामा के पुत्र पुत्री के साथ विवाह कर सकते है । लेकिन चाचा ताऊ के पुत्र पुत्री या एक ही कुल या वंश के लड़के लड़की को सगे भाई बहन माना जाता है बाकी को नही
🙏🙏
नमस्ते जी🙏
बहुत सुंदर आचार्य जी
Jo bhi aaj tak sadiyon sadiyon se anaitik karya hua vah sab Pavitra karya upper caste ke liye ban ke bad Puja per Dharam karam laaj sharm sab chhote log ke liye hai
आपके विचार नियोग विवाह पर बहुत सुंदर है ऐसे और आगे बढ़ाने में सफलता मिल सकती है
आचार्य श्री नमस्ते आयुष्मान भव: ओ३म् ।
ब्राह्मण की पत्नी जो कि अपने पति की ओर से पुत्र प्राप्त करने मे असमर्थ हो तो नियोग कैसे होगा???
Kya 'Niyog' ek 'Shudra' woman ke saath nahin ho sakta? Aapne 'Shoodra' kaa to varnrnan tak nahin kiya? Aap keval ek 'Vaeshyaa' the woman or wife of a Vaeshyau tak hee seemit rahe, aakhir aesa kyun? Kya aapke Aaryau Samaaj mein bhee bhedbhaav vriti hai? Yaa 'Shoodra' ko aap out of Hindu Society maante hain kya???
bhai aachha hai Isme hamlogo ko samil nhi kiya ye gadha
niyog nahi ise istri bhog kehte he
आचार्य जी बहुत सुंदर शास्त्रीय विधि द्वारा नियोग व्यवस्था ।हार्दिक आभार व धन्यवाद
इस्लाम वाले नियोग व्यवस्था का विरोध करते हैं परंतु जो उनकी व्यवस्था हलाला होती है उनकी तरफ यह उंगली भी नहीं उठाने देते|
महर्षि दयानंद अपनी तरफ कुछ नहीं बताते वह तो जो वेदों और शास्त्रों में लिखा है उसी के अनुसार बताते हैं| कोई हमें समझाता है तो हम समझते नहीं है यह हमारा दुर्भाग्य है|
महर्षि दयानंद की जय
niyog Aaj Bhi band Nahin Hua Hai hinduon Mein Aaj Bhi Hota Hai lekin Isko Koi batata Nahin Kyunki Agar vah Bata dega Mere bacche niyog se Paida hue hain to uski mardangi per Sawal Khade Honge yah Baat sirf uski Patni pati aur Pandit ko pata hoti hai
🙏
Very longest video
It is very bad sistym
बहुत बढिया व्याख्या आर्य जी !
Niyog practice mein hi nahi hai to is key liye bahas kya karna halala to practice mein hai😂
आज नियोग होता है हिंदू लोगों me और यह धार्मिक ग्रंथऋग्वेद में लिखा हुआ जबकि हलाल इस्लाम के बुक में नहीं है हलाला एक vidit है जो इंसानों द्वारा बनाया हुआ है और उसमें कोई सेक्स नहीं करना पड़ता है गलत तरीके से दिखाया जाता है
है ये टेस्टटूब बैबी , सेरोगेसी आदि आधुनिक तोर पर नियोग ही तो है उद्देश्य सन्तान उत्पत्ति होता है बस तरिका बदल गया
और ये नियोग कोई अयासी के लिए नहीं है ये मजबूरी के साधन है सबकी सहमति से पवित्र भाव से सन्तान उत्पत्ति के उद्देश्य से हो
Halala is bannded in india or ha niyog kon kehta hai band ho chuki jakar crime petrol dekho episode bana hua hai or ha halala ek option hai na ki manadatory
@@kaifisiddique1594 आओ टिवी दर्शक टिवी मे तो इच्छाधारी नागिन भी होती है तो कया सच होती है किसी भी सिरियल के आगे लिखा होता है सभी पात्र काल्पनिक है और रही बात हलाला की तो कोई भी कानून जब तक काम नहीं करता जब तक समाज उसे स्विकार नहीं कर लेता तुम्हारी सोसाइटी में आज भी ये होता है और ये सच है और कानून बन जानै से वो इस्लाम से खत्म नहीं हुआ हलाला खत्म करने के लिए तुम्हें इस्लाम खत्म करना होगा
@@kaifisiddique1594 हे टिवी दर्शक टिवी कि दुनिया से बाहर निकल और देखा कर की टिवी के पात्र काल्पनिक होते है ये सिरीयल के शुरू मे लिख दिया जाता है और भारत मे कानून बनने से वो इस्लाम से नहीं हटता इस्लाम मे तो वो आज भी है और कोई भी कानून जब तक कार्य मे नही आता जब तक समाज उसे स्विकार नहीं कर लेता पर मुस्लिम ने यै स्विकार नहीं किया है इसलिए आज भी होता है और यही सच है और रही बात नियोग की तो नियोग भी विकल्प है ना की अनिवार्य और इसका उद्देश्य हलाला की तरह अय्याशी नहीं सन्तान उत्पत्ति है वो भी मजबूरी मे ,सबकी सहमति से
Aprakratik.....Balatkaar ka pariyaybaachi......Anuchit
Niyog pratha ko aaj tak channel par batana chahiye
Dusri jati ke rivaj bhi sabko malum he..1900 ke
Bhai kha na kay chata hu
राम का जन्म भी नियोग से हुआ है।
Niyog me varn vyavastha bataye
सन्तान उसी की होगी जिससे नियोग कराया गया है है.
Ucha kul ka kyo bhai
फिर तो आदमी ने नियोग करना है तो समाज उस को ऊँचे कुल की स्त्री की व्यवस्था करवाए गा ?????????
आचार्य ने ये clear नहीं किया ????
क्यों एक ऊँचे कुल का और एक नीचे कुल का ?! तो औलाद अच्छी पैदा होगी !
Pabitr BIBLE me pati ke marne ke bad hi ,aur unhi ka apna bhai uske lia santan utpan karte the. Lekin PARMESWAR ne jo SWARGDUT ko manusya ke gading ke lia dia the usi ne manab putriyo se sambhand banaya aur us se surbir paida hua. Samlengta ko satan utpatti se hi lana chahta hi jo ki SARBSHAKTIMAN PARMESWAR ke birudh hi aur ye naya bat nahi hi.
Aaj kl enjection bahut lgwati hai
Aaj ke parivesh me NIYOG pratha kahin bhi prachalit nahin hai.
Yah tatyugin samaaj ki kuch vishesh
paristhitiyon mein hua karta tha.
ओम।
हिंदू धर्म (सही नाम-ब्राह्मणवाद ) में प्रोपेगंडा तो बहुत ही सुन्दर आकर्षक और लावण्यपूर्ण होता है लेकिन जमीनी हकीकत सिर्फ उल्टी ही नहीं होती, बहुत वीभत्स भी होती है। मिसाल के लिए नारी के सम्मान में कसीदे तो बहुत पढ़ें जाते हैं, उसे देवी भी कहा जाता है,लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत में नारी हत्या, दहेज-हत्या, बालात्कार सामुहिक बालात्कार दहेज प्रताड़ना, कन्या -भ्रूण हत्या, कन्याओं की खरीद -फरोख्त,देह व्यापार में ढकेला जने के आंकड़े बहुत बहुत अधिक है।
Pls dono ka hiv testing karallee agar kisi ko bhi AIDS ho Gaya to uska zimmedar kon hoga
आपने पुरुष को सन्तान उत्पत्ति में विफल रहने पर तो महिला को दूसरे पुरुष से सन्तान उत्पन्न करने की स्वतंत्रता बता दी परन्तु यदि महिला सन्तान उत्पन्न करने में असफल रहती है तो इसमें पुरुष कैसे अपने वंश का संचालन कर सकता है।
यह नियम दोनों के लिये समान है
दूसरी सदी कर सकता है 2 पत्नी रख सकते है पहली पत्नी को छोड़े बिना । लेकिन महिला 2 पति के साथ नही रह सकती या तो पहले पति को छोड़ देगी या मृत्यु होने पर दूसरे को पति बना लेगी
niyog vavstha apradh hai...tum apne gharo me niyog karo....yah ved me hai to ved mat fallow karo....tumhari mati mari gayi.....isi ko brahmanvad kahte hai....vedo ki tark budhi se use karna chahiye....namo budhay...
Niyog is not correct
भैया आप गलत हे ऐडोपशन हि श्रेष्ठ विकल्प हे और था और हमनें देखा हे और उचित भी हे
Pahale ke jamane me satti pratha thi to vidhva ke sath niyog Kai se hoga jawab do
क्या नियोग प्रथा स्वामी दयानंद सरस्वती ने बनाई है ?
महाभारत काल में भी था
Ivf technology bhi to niyog hi hai. Shahrukh khan aur gauri khan ne bhi niyog ka sahara liya.
After this vedio I always become ATHIEST
Pahle Niyog janie, uski taqut ko samjhoe fir usper bolie, kisi ki sadhna itni hai khan ki o Niyog ker ske! khamkhwah mt dikhaie knowledge,
Badhiya,kintu pauranik Gyan me triti he !
Pehla putraa dhritrashtra,doosra pandu !
Bkwas vichar
महाराज जी क्या आप अपनी बहन का नियोग मुझसे करोगे मैं ब्राह्मण हूं ,मुझे करने की बड़ी इच्छा हो रही है
बन्धु! नियोग तो संतान पाने के लिये आपत्कालीन व्यवस्था है जिसमें पुरुष और स्त्री दोनों की सहमति आवश्यक है।
परन्तु आपकी इच्छा में आपकी अनियन्त्रित वासना झलक रही है, ऐसे में अच्छा तो यह है कि मन को किसी कार्य में लगायें। पर कभी कभी कभी परिवार में माता पिता से मिले गन्दे भद्दे संस्कारों के कारण यह वासना मर्यादा भूल जाती है। जब घर के संस्कारों में ही मर्यादा नहीं तो घर में ही किसी अपने से बात करके देखिये, पूरी संभावना है कि अधिकतर इसी खोज में होंगे, बात बन सकती है।
😂🤣🤣😆😂🤣
@@Prahariper ye galat prtha hai kishi bhi drishtikon se ise sahi nahi kaha ja sakta is to nisantan rahna behtar hai
Besar mi ki vivastha
Dhritarashtra was older to pandu.
Sati pratha hamare yaha nahi thi yah jaohar ke bad aayi dashrath ki raniya sati nahi huyi bali ki estree sati nahi hui sati pratha sanatan ka sng nahi
आपने कहा की मुस्लिम लोग अपने ताऊ चाचा की लड़की से ही शादी कर लेते है लेकिन हिन्दू धर्म मे ऐसा नही तो आपकी जानकारी के लिए बता दु की आज भी दक्षिण भारत मे ताऊ चाचा की लड़की से हिन्दू धर्म मे शादी होती है चेक कर सकते है आप इंटरनेट से भी। और जहां तक मुझे लगता है महाभारत काल मे भी कज़न से शादी होती थी जिसके उदाहरण, अर्जुन का विवाह शुभद्रा से हुआ जो उसके मामा की लड़की थी, श्री कृष्ण का विवाहा मित्रविनदा से हुआ जो उनकी बुआ राज्याधिदेवी की लड़की थी।
Bhai ye aadmi apne dharam se bhaag Raha hai
Chacha jee,iam साउथ इंडियन kerlait, ये बात साउथ में की कोई ताऊ, या चाचा की लड़की से शादी करते है गलत है केरला में सिर्फ मामा, बुआ की बेटी या बेटे से शादी हो सकती है ना की ताऊ और चाचा के बेटे से,क्योंकि ताऊ का भाई आपके पिता हुए ना तो दो भाइयों के बच्चो में विवाह नही होता दोनो का ब्लड एक है,मगर मामा और बुआ के बच्चो में होता है क्योंकि बुआ किसी और पुरुष से संतान उत्पन कर रही है,तब मामा और बुआ का ब्लड अलग होगा फिर वे भाई,बहन नही कहलाएंगे,मगर ताऊ,और चाचा तो सगे भाई हुए ना तो उनके बच्चो का विवाह कमसेकम केरला में नही होता,गलत जानकारी न दे
Andhra Pradesh aur Telangana me bhi cousin marriage allowed hai
Andhra Pradesh aur Telangana me bhi cousin marriage allowed hai
Ye devi devta the bhagwan nahi in logo NE to niyog ko thik mana tha agar ye parath thik thi to ye devi devta apni patniyo ko yesa hi karne ke liye kah dete.
भाई साहब अर्जुन ने अपनी सगी ममेरी बहिन (सुभद्रा) से विवाह किया था।
😂😂😂😂
समय प्रवाह के साथ आजतक जो बदलाव आया समाज में उसके बारे में भी सोचना चाहिए। उस नियोगवाला जमाने में जरूर कोई कमी होती होगी लेकिन आज बहुत तरक्की हुई है इसलिए हमें नियोग को फिर से वापस लाने की बात दिमाग से हटा देना चाहिए।
Bhai samsaya to ishi me hai ki aap samjhte hai dalit nasamjh hai aap jyada samjhdar ho kya
Acharya ji sudh Hanuman charit me to Hanuman ji k bare me bataya h ki pawandev se Mata anjni ka Vivah hua tha
App ne to patnii ke liye to bata diya ki uchh baran ka uchh guno Bala bacha utpan karne ke liye bata diya agerpa kishi ke pati ko bacha ke liye ucha baran ki lady ke sath bacha utpan kre
Aao jara yaha sage hindu bhai bahen vivah kar liye h banavti bate kar batao😂😂😂😂
तनातनी 🥁
Ab niyog nahi hota hai kyo ki vidhava vivah hone lage
dalit ko kyu samajh nahi he ....niyog putar btana jara
Itna ghuma phira kyun rahe ho saaf saaf batao na lo chali main apne devar ki baraat leke
Ye pirtha shi nhi he isame nimn varn ko Samaja metuchachh Manti he
Aap jse guru ki hmare desh ko jrurrt hai. 🙏🕉
wah maze hi maze brahmmano ke
chi chi chi chi
sare niyogi hi hai raam ji niyog hi se huwe
tum khud halala ki paidaish ho aur Ram ko galat bata rahe ho , pehle sahi se padh le jahil.🤣🤣
@@HSCBM. sachi ramayan ks rama swami periyar ki pad le laude
Niyog ki paidaish ka bhag wan
@@goodmornig3777 abe Rndiputra , periyar bhi to teri tarah halala ki paidaish tha 🤣
uski baat pe kaun believe karega jisne apni khud ki beti ke saath shadi ki ho .🤣
jaisa guru waise hi uske lawday chele.😌
koi proof nahi hai jo tu bol raha hain .
To bhai MUHMMD bhi to 4 saal baad huye
Unko bhi halala ka bolega ??
लेकिन तुम पक्के हलाला के होगे
Bahut hi ghatiya parampara dhi
Sirf Brahman aur Devataa hi Mahaan niyogkartaa kyo hai. Niyog se achchhaa Punarvivaah hai.
शुद्र अशुद्र छुत अछुत य कयु है एक हरिजन लडकि से (ब्रहममन मरहठा राजपुत ठाकु वगैरा शादि कयु नहि करते)नियोम बाद मे करो पहले छुत अछुत खतम करो और ये हो नहि सकता (ऐससा है हिदुं धम॔)
Jitne sanataniyo ko niyog ki jarurat ho please mujhse contact kare