ज़ेवर | Telefilm | Part-1

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  • Опубликовано: 8 сен 2024
  • लघुकथा- ज़ेवर
    कहानी- शरतचन्द्र चटर्जी
    पटकथा एवं संवाद- गुलज़ार
    निर्माता एवं निर्देशक- बासु चटर्जी
    कहते हैं पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत धागों से बंधा होता है, अगर धागों में गाँठ पड़ जाए तो रिश्ता कमज़ोर हो जाता है | एक खुद्दार और स्वाभिमानी नरेन्द्र जो एक अखबार चलाता है लेकिन उसकी पत्नी इन्दु हमेशा उसकी गरीबी और पैसों के लिए खरी- खोटी सुनाती है फिर भी नरेन्द्र अपने अखबार को बचाने के लिए जी-तोड़ लगा रहता है | इससे नाराज़ इन्दु उसे छोड़कर अपने मायके चली जाती है लेकिन अपनी गलती का एहसास होने पर वह वापस लौटती है और अपने सारे ज़ेवर बेचकर ना सिर्फ सारे कर्ज़ चुकाती है बल्कि प्रेस को भी दोबारा शुरू करती है | शरतचन्द्र चटर्जी की कहानी जीवन-मूल्यों के साथ-साथ एक पति-पत्नी के खूबसूरत रिश्तों को भी दिखाती है |
    #family #relationship #emotional #jewellery #society #hearttouching #drama #entertainment
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