मन प्रसन्न हो गया ...बहुत बहुत अच्छा लगा बहुत सालों पहले दुरदर्शनपर ऐसी कहानीयाँ आती थी...ओर सारा घर अडोस पडोसवाले भी देखते थे. .पहले हर घर टी वी नही होती थी ...ओर ब्लैक एंड वाईट ... कहानी बडी अच्छी थी वर्ना बहुत कहानीयाँ संजिदा ही होती थी पर ये कहानी एकदम सरल सीधे सादे कैपेक्टर वाली थी अंत भी भला थी शिक्षक बच्चें गांववाले .पोष्टमेन ...बहु,गाँव ,खेत सब बिलकुल सही ...वाकई दिल खुश हो गया ...अब वे बात कहाँ ....
बहुत बहुत आभार इस फिल्म के लिए। लगभग तीन दशक पहले टी वी पर देखी थी।बहुत ही सरल सहज हास्य बोध के साथ जबरदस्त संदेश देती फिल्म।यही बात ख़ास बनाती है साईं परांजपे के काम को। बहुत समय से ढूंढ रही थी यह फिल्म। बहुत अच्छा लगा देख कर फिर से।इसी तरह बच्चों की सिंकदर फिल्म भी है। उसमें विनी परांजपे भी हैं। यदि संभव हो तो उसे भी दिखाएं। बहुत बहुत धन्यवाद।
गांव के छोटे प्रसंग मुझे बहुत अच्छे लगते हैं गांवों का परिवेश भी मनमोहक है मैं मराठी सिनेमा का भी धन्यवाद करता हूं क्यों कि वह हमेश गांव व मानव मुल्यो को आगे रख कर सिनेमा बनाता है बाकी इंडस्ट्री के जैसे बाहरी चमक पर ज्यादा ध्यान नहीं देते l
हेतुपूर्बण बहुत अच्छी मूवी. साहजिकता और सादगी ध्यानाकर्षक. कहानी, संवाद, पटकथा, दिग्दर्शन, अभिनय, सम्पादन- सभी पक्ष के लिए साधुवाद. कुछ भी अतिरंजित, फ़िल्मी, मुखर नहीं. कमाल का दिग्दर्शन- खासकर गीत का चित्रण व सीढी और इंक-पेन का विनियोग बहुत अच्छा लगा. सई के चित्रपटों की नामावली तो वैसे भी उपयुक्त और बढ़िया होती है... मज़ा आ गया बरसों बाद यह फिल्म देखकर. आभार...
Bilkul sahi kaha aapne. Ek daur tha jb cinema ka use ese gyaanprad chizo k lie hota tha. ❤ Aaj aise movies bht km bnti hain. Apko nil battey sannata bhi dekhni chahiye.
सई परांजपे की इस टेली फ़िल्म ने मेरे मन पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला था, कुछ भी सीखने के लिए हमें अगर अपने नाती पोतों से भी सीखना पड़े तो सीखना चाहिए । यह कहनी मैंने अपने नाती को सुनाई जब मैं उससे MacBook Pro use करना सीख रहा था । यू ट्यूब का धन्यवाद जिसने इस मूवी को हमें दुबारा उपलब्ध कराया -एक रिटायर्ड वैज्ञानिक
This telefilm brought sweet some memories associated with it 😊. My younger brother was in 4th or 5th English medium school when this film was telecasted. First time we all came across new word "angotha chhaap". He was sent to get ration from govt. ration shop instead of me. The shopkeeper asked him to sign in the ration book. He didn't know what to do, got scared and put a thumb impression. That was seen by his class fellow girl who was in queue. She called him "angutha chaap" loudly. He felt so embarrassed. Came home and told. We laughed and remembered it even today 😅😅😅
बचपन मै दूरदर्शन हर वीडियो कुछ न कुछ सिखने जानने मिलता पर वक्त के चकाचौध मोबाइल और अनेको टीवी चैनल आने से दुरदर्शन भुली बिसरी यादे बनकर रह गई थी अब इस कहानी को देखकर बचपन के वो दिन याद आ गये जब टीवी हर घर पर नही होती तब हम परोशी के घर जाकर टीवी देखते थे पर अब रोज दुरदर्शन का एक कहानी जरूर देखेगे क्योकि अब चैनलो पर सिर्फ चकाचौध बड़ी गाड़ीया मंहगे कपड़े यही सब दिखाया जाता है शुभ प्रभात❤
दूरदर्शन सह्याद्रीशी संपर्क साधल्याबद्दल धन्यवाद. दूरदर्शन सह्याद्रीच्या खजिन्यातील अशा दुर्मिळ कार्यक्रमांचे डिजीटलाझेशन चालू आहे. ते झाल्यानंतर आम्ही युट्युब चॅनेल वर नेहमीच टाकत असतो. कृपया आमच्या Doordarshan Sahyadri चॅनल ला subscribe करा आणि Alert मिळवण्यासाठी बेल आय़कॉन वर Click करा. ruclips.net/user/ddsahyadri ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद. आपले अभिप्राय आम्हाला कामाची प्रेरणा देतात. आपले प्रेम असेच कायम राहू द्या. आमच्या नवीन कार्यक्रमांविषयी जाणून घेण्यासाठी आमच्या सोशिअल मीडिया हॅन्डल्सला जरूर भेट द्या.. FACEBOOK @ddsahyadri bit.ly/2Jerpis INSTA @ddsahyadri bit.ly/3nIjgBJ & @ddsahyadrinews bit.ly/34BzDZs TWITTER @DDSahyadri bit.ly/2M0JmSH & @ddsahyadrinews bit.ly/38uPHxh RUclips @Doordarshan Sahyadri bit.ly/36Jd2vg & @DD Sahyadri News bit.ly/36SU0mk
सई परांजपे जी की फिल्में और दूरदर्शन पर कोई भी सिरीयल, कार्यक्रम, फिल्म देखने का मजा कुछ और ही है, दोनों में एक समानता है और वो है "सादगी"...ये बहोत अच्छी लगती है। ❤ सई परांजपे जी की "कथा" मुवी इसका सुंदर उदाहरण है। (नसीरुद्दीन शाह, फारुक शेख, दीप्ति नवल और लिला मिश्रा अभिनीत) 👌👌👌👌
I was searching this film since long. I saw this film in my school days. This film depicts the finest way how a person can learn if he/she wants to with full determination. I am great fan of Sai Paranjpye.
Wo Chune ki chalk Wo kali bord ...wo bachpaan ka din School ki ghanti ho ya dosto ki payari yaade .. Bujurgo ki kahaniya Yaaden kabi nhi jate ...baar-vaar yaad aati he ..ki Kash bachpan jata hi nahi
Sach mi oo 90ka dasak Kay khub surat thaa 😢aaj to jaisi logo ki eak dusro ki liiye time he nhi hai ,,, hamary daur mi tarakki to dahut hui hai ,aur ye sarahani v hai lakin usi saath saath samaj mi jo duriya budhi hi oo v eak chinta ka visey hai 😢,,aaj kai daur mi loog eak dushrey sey bhautik roop sey milni ki bahjey apni mi he eak virtual duniya mi khoi rahi hai aur ye v eak chintaatmak visey hai ,aur iss par hum sab ko soochni ki avashyakta hai Jai hind 🇮🇳
Honest, Simple, Natural, Mellifluous. It is really most natural feelings of our Indian Traditional imagery of reality. We must proud of our village nature and its culture. Doordarshan is the cult makers. Those halcyon days.
Bahut hi shaandar episode hai....bahut hi sunder dhang se banaya gya... prerna dayak hai...ab ese naa gaanv rahe na Ghar na ese drishya dekhne ko milenge kahi....aadhunikta me hum sadagi ki sunderta ko khote ja rhe hai aur esi films dekh man ko sukoon pahucha sakte hai
It is nice to see sach a telefilm which is nicely giving a message to the indian society to promote adult education. In today's world education is most powerful tool for every one specially rural people have to more educated. Thanks doordarshan for this telefilm and thanks for promoting adults education system 👏🏻👏🏻😇
पहले का समय सही था . लोग अपने परिवार के साथ समय गुजारते थे. पैसा कम था लेकिन खुश था . अब पैसा है लेकिन समय और ख़ुशी नही है. तकनीक के आने से लोग हमेशा इसी में उलझा रहता है.
I literally cried a lot after finishing this short film as I used to be an "ANGOTHA CHAAP". However, I started learning at the old age of 4 years and now working in England as a freelance data administrator cum chef
kitna sundar hoga vo jeewan aadmi garib na hota bss na tv na bijli jaldi sona rat puri kar uthna .....sada khana ...thoda sa tough jeewan ... or sabse badi bat subha hote hi office bhagne ki jhanjhat ka na hona ...or insan ka sabse bada dushman mobile na hona ...na higher office ko data feed karne ki jimmedari hona na kuch bss jindagi or jinda insaan ..chote ghar bade dilll..kash duniya vaisi hi ho jaye ,,,,
what a legend story from doordarshan sahyadri . love doordarshan represents which provide pure and lust free recreation compared to so called modern shows and series.
शब्द नहीं है कहने के लिए क्या अपनापन था सच में वो बुजुर्ग आज दिखते नहीं है सच में कितनी मासूमियत् से दिखाया है बड़ा है अच्छा लगा
बचपन और दूरदर्शन दोनों की याद ताज़ा हो गई...🙏🙂
मन प्रसन्न हो गया ...बहुत बहुत अच्छा लगा बहुत सालों पहले दुरदर्शनपर ऐसी कहानीयाँ आती थी...ओर सारा घर अडोस पडोसवाले भी देखते थे. .पहले हर घर टी वी नही होती थी ...ओर ब्लैक एंड वाईट ...
कहानी बडी अच्छी थी वर्ना बहुत कहानीयाँ संजिदा ही होती थी पर ये कहानी एकदम सरल सीधे सादे कैपेक्टर वाली थी अंत भी भला थी शिक्षक बच्चें गांववाले .पोष्टमेन ...बहु,गाँव ,खेत सब बिलकुल सही ...वाकई दिल खुश हो गया ...अब वे बात कहाँ ....
बहुत बहुत आभार इस फिल्म के लिए। लगभग तीन दशक पहले टी वी पर देखी थी।बहुत ही सरल सहज हास्य बोध के साथ जबरदस्त संदेश देती फिल्म।यही बात ख़ास बनाती है साईं परांजपे के काम को। बहुत समय से ढूंढ रही थी यह फिल्म। बहुत अच्छा लगा देख कर फिर से।इसी तरह बच्चों की सिंकदर फिल्म भी है। उसमें विनी परांजपे भी हैं। यदि संभव हो तो उसे भी दिखाएं।
बहुत बहुत धन्यवाद।
गांव के छोटे प्रसंग मुझे बहुत अच्छे लगते हैं गांवों का परिवेश भी मनमोहक है मैं मराठी सिनेमा का भी धन्यवाद करता हूं क्यों कि वह हमेश गांव व मानव मुल्यो को आगे रख कर सिनेमा बनाता है बाकी इंडस्ट्री के जैसे बाहरी चमक पर ज्यादा ध्यान नहीं देते l
अदभुत जबरदस्त...खूबसूरत कहानी ........आज भी जरूरी है ..एक के पढ़ने से पूरा घर पढ़ सकता है ..
Bahut achchi story hai.poorane din kitne achche hote the.
वीडियो पोस्ट करने वाले का दिल से आभार मजा आ गया पुरानी यादें ताजा हो गई 🙏
बहुत ही शिक्षाप्रद फिल्म है सांई परांजपे जी की फिल्म तीन दशक पहले दूरदर्शन से देखते थे ।
मन प्रसन्न भी हुआ और बहुत आसू आहे आंख से❤❤❤❤❤❤❤❤❤😊
हेतुपूर्बण बहुत अच्छी मूवी. साहजिकता और सादगी ध्यानाकर्षक. कहानी, संवाद, पटकथा, दिग्दर्शन, अभिनय, सम्पादन- सभी पक्ष के लिए साधुवाद. कुछ भी अतिरंजित, फ़िल्मी, मुखर नहीं. कमाल का दिग्दर्शन- खासकर गीत का चित्रण व सीढी और इंक-पेन का विनियोग बहुत अच्छा लगा. सई के चित्रपटों की नामावली तो वैसे भी उपयुक्त और बढ़िया होती है... मज़ा आ गया बरसों बाद यह फिल्म देखकर. आभार...
सिनेमा ऐसा भी हो सकता है जो समाज में परिवर्तन लाए। एक आज के समय का सत्यानाशी सिनेमा है जिसका बॉयकॉट हो रहा है।
Bilkul sahi kaha aapne. Ek daur tha jb cinema ka use ese gyaanprad chizo k lie hota tha. ❤ Aaj aise movies bht km bnti hain. Apko nil battey sannata bhi dekhni chahiye.
Bahut hi badhiya chitrapat. Kitani bar dekha fir bhi man nahi bharta. sahaj sundar kalakari. Sai ji aap mahan ho.
मुझे तो अपने बचपन के दिन याद आ गए मां मुझे सुबह जल्दी उठातीं हम गाय को छोड़ने जाते अब तो गांव में शहर के गुण आगए यह सीरियल बचपन में देखते थे धन्यवाद
सई परांजपे की इस टेली फ़िल्म ने मेरे मन पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला था, कुछ भी सीखने के लिए हमें अगर अपने नाती पोतों से भी सीखना पड़े तो सीखना चाहिए । यह कहनी मैंने अपने नाती को सुनाई जब मैं उससे MacBook Pro use करना सीख रहा था । यू ट्यूब का धन्यवाद जिसने इस मूवी को हमें दुबारा उपलब्ध कराया -एक रिटायर्ड वैज्ञानिक
Bahot achhi prerna..sikhne ki padhne ki koi umra nahi hoti...nice film..👌👌
यह वह वक्त था जब दूरदर्शन को बड़े दिल लगाकर देखते थे 🙏🙏
हमारे इंदौर उज्जैन,धार, मालवा मध्य प्रदेश में भी 20 25 साल पहले बिल्कुल ऐसा ही परिवेश, गांवों का था,,और आज पुराने कुछ कुछ घर मील जाते हैं ....😊😊😊🎉🎉🎉
Ajj bhi ainsa hai bahut hadd tak
अपने बचपन के दिन याद आ गए।सुंदर ग्रामीण परिवेश।
Ha mein bhi jhabhua mein raha hu
हां,हरसोला,कोदरिया,बेटमा, पीथमपुर और राऊ ❤❤❤❤
Bharat er sab gram er e chitra ek.❤
This telefilm brought sweet some memories associated with it 😊.
My younger brother was in 4th or 5th English medium school when this film was telecasted.
First time we all came across new word "angotha chhaap".
He was sent to get ration from govt. ration shop instead of me. The shopkeeper asked him to sign in the ration book. He didn't know what to do, got scared and put a thumb impression. That was seen by his class fellow girl who was in queue. She called him "angutha chaap" loudly. He felt so embarrassed. Came home and told. We laughed and remembered it even today 😅😅😅
बचपन मै दूरदर्शन हर वीडियो कुछ न कुछ सिखने जानने मिलता पर वक्त के चकाचौध मोबाइल और अनेको टीवी चैनल आने से दुरदर्शन भुली बिसरी यादे बनकर रह गई थी
अब इस कहानी को देखकर बचपन के वो दिन याद आ गये जब टीवी हर घर पर नही होती तब हम परोशी के घर जाकर टीवी देखते थे
पर अब रोज दुरदर्शन का एक कहानी जरूर देखेगे क्योकि अब चैनलो पर सिर्फ चकाचौध बड़ी गाड़ीया मंहगे कपड़े यही सब दिखाया जाता है
शुभ प्रभात❤
दूरदर्शन सह्याद्रीशी संपर्क साधल्याबद्दल धन्यवाद.
दूरदर्शन सह्याद्रीच्या खजिन्यातील अशा दुर्मिळ कार्यक्रमांचे डिजीटलाझेशन चालू आहे. ते झाल्यानंतर आम्ही युट्युब चॅनेल वर नेहमीच टाकत असतो.
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आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद.
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👌🏻👌🏻👍🏻👍🏻बहुत सुंदर कहानी है। देख कर मन प्रसन्न होग्या🙏
Bilkul ❤
Bhut hi sundar kahani hai ati sundar, Kiya din thi kach fir lot ayi yeh din❤❤❤❤❤
वाह! मज़ा आ गया। दिल खुश हो गया। धन्यवाद
Y dekh kr mn khus ho gya...or purani yaden taza ho gai....
सई परांजपे जी की फिल्में और दूरदर्शन पर कोई भी सिरीयल, कार्यक्रम, फिल्म देखने का मजा कुछ और ही है, दोनों में एक समानता है और वो है "सादगी"...ये बहोत अच्छी लगती है। ❤
सई परांजपे जी की "कथा" मुवी इसका सुंदर उदाहरण है। (नसीरुद्दीन शाह, फारुक शेख, दीप्ति नवल और लिला मिश्रा अभिनीत) 👌👌👌👌
Bachpan k din yad aa gae.... Such mano apne dada ki yad aa gai jo ab nhi rahe par yad Aate h... I love ❤ dada....
Seedhi ,sunder ,mehanti ,khush haal jindagi purn roop se shanti ,🎉🎉🎉🎉aaj dekho sabkhuch hote hue bhi Ashanti. Karan insaan sirf sukh ke piche bhag raha
Kitni sadgi se kahani Ko prastut Kiya hai...bahut achha feel hua dekhkar thank you😄😄
Afeter 30years saw ds beautifull film.
Thank you -सई परांजपे🙏
Doordarshan pe 1987 me ye telefilm dikhai thi... Muje kuch kuch yaad aa gaya
Bahut bahut sundar 👏👏👏👏👏👏
Anand Anand a gya 👌👌👌👌👌👌👌👌
पुरानी यादे ताजा हुई l बहुत अच्छा लगा l
Sai Paranjape a versatile and an amazing caliber!!❤
सीधी सच्ची सरल कहानी
धन्यवाद साई परांजपे जी। आपकी एक फ़िल्म स्पर्श भी बहुत मार्मिक और शानदार है
बचपन में दूरदर्शन के प्रोग्राम देखा करते थे सब याद आ गया इस फिल्म को देखकर
खूपच सुंदर लघूपट आहे, कथा छोटी पण आशय मोठा
मजा आगया.....जिस भी director ने निर्देशन दिया है गज़ब का है.....
Pahle sach me paraspar sambandhon me kitni mithas hua karti thi.... 😊❤
❤ Har Har Mahadev Ji 🌹🌿🌷💐❤️😌🙏🙏🙏
Aaj kal sab astrology and depression main padehai
Sach kitna natural hai❤❤
Gold hain yeh telefilm aur hamesha se hi badlao gaon se hi huaa hain. ..
I was searching this film since long. I saw this film in my school days. This film depicts the finest way how a person can learn if he/she wants to with full determination. I am great fan of Sai Paranjpye.
I too was searching for this film which i had seen in 1980s n it had got imprinted on my mind !!
सही कहा आपने बहुत समय से मैं ढूंढ रही थी। आखिर मिल ही गई।
मैं जब छोटा था, 8 वर्ष का, तब ये फिल्म दूर दर्शन पर देखी थी,, बचपन की याद ताजा हो गई,,
Bahut achi motivation story hai sikhne ki koi umar nahi hoti
Wo Chune ki chalk
Wo kali bord
...wo bachpaan ka din
School ki ghanti ho ya dosto ki payari yaade ..
Bujurgo ki kahaniya
Yaaden kabi nhi jate ...baar-vaar yaad aati he ..ki Kash bachpan jata hi nahi
Bahut bahut achha laga dekh kar ye telefilm. Mujhe dada dadi aur Nana Nani ki yaad aa gyi😢 dhanyawad 🙏🏽❤️
Bahut hi sunder ❤
Kitna khubsurat tha hindustani vo atmosphere vo logo ki sadgi vali jindgi pure food ❤❤ ab to bs faltu life h 😢
Bahut khoobsurat 😊.. purana Zamana to Aur hi tha.. kash wo din fir se wapis Aa jayein.. ❤
Beautiful telefilm with very good social msg.
जय जय श्रीराम जय जय बजरंग बली 🚩🇮🇳💪🙏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Sach mi oo 90ka dasak Kay khub surat thaa 😢aaj to jaisi logo ki eak dusro ki liiye time he nhi hai ,,, hamary daur mi tarakki to dahut hui hai ,aur ye sarahani v hai lakin usi saath saath samaj mi jo duriya budhi hi oo v eak chinta ka visey hai 😢,,aaj kai daur mi loog eak dushrey sey bhautik roop sey milni ki bahjey apni mi he eak virtual duniya mi khoi rahi hai aur ye v eak chintaatmak visey hai ,aur iss par hum sab ko soochni ki avashyakta hai
Jai hind 🇮🇳
अद्भुत.. अतुलनीय...
बहुत अच्छी कहानी लगी...❤❤
गजब, कहानी बहुत अच्छी लगी
Very good video siksha hr koi kisi bhi umar me seekh sakta hai
Excellent Prasutti❤
Mann krta h kaash vo samay vapas aa jaye. Dil chu liya dada-pote ke rishte ne
अद्भुत..अविस्मरणीय..
सुंदर कथा, सुंदर वातावरण निर्मिती.....
Sach jitni tarif karo utna kam❤❤❤❤❤
प्रेरणादायक कथा।
दादाजी. बहोत बढिया 👌🏻😃
Kyun itna sukun milta hai purane serial dekh k
जब जागे तब सवेरा 💐
Such a beautiful movie. It's a masterpiece. Old days are gold days. Dil khush ho gaya
Thank you so much for uploading…. Have been searching for this film since ages…. Bachpan ki yaad taza ho gayi
Doordarshan ki baat hi nahi hai aur bachpan ki purani yaadein sab taja ho gai🎉
Purani yadein ताजा हो गई
आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद.
आपले प्रेम असेच कायम राहू द्या.
आमच्या नवीन कार्यक्रमांविषयी जाणून घेण्यासाठी आमच्या सोशिअल मीडिया हॅन्डल्सला
जरूर भेट द्या..
FACEBOOK
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INSTA
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Bachpan ki yaaden taaza hogayi.
Papa i miss u ❤
Bahot sundar ❤
Old is🏆🏆🏆🏆🏆 love you show
Dil ko chhu gayi ye kahani
Lovely movie. Muje purani movies bahot pasand hai. Also want to add forward msgs aaj hi nahi, pehli bhi hua karti thi ,😂😂
Honest, Simple, Natural, Mellifluous. It is really most natural feelings of our Indian Traditional imagery of reality. We must proud of our village nature and its culture. Doordarshan is the cult makers. Those halcyon days.
Bht achi story bht acha lga dekhke
This movie is the best example of "padhne ki koi Umar nahi hoti".
Golden days for every indian
Bahot Sundar Kahani thi❤❤❤❤
Bahut hi shaandar episode hai....bahut hi sunder dhang se banaya gya... prerna dayak hai...ab ese naa gaanv rahe na Ghar na ese drishya dekhne ko milenge kahi....aadhunikta me hum sadagi ki sunderta ko khote ja rhe hai aur esi films dekh man ko sukoon pahucha sakte hai
It is nice to see sach a telefilm which is nicely giving a message to the indian society to promote adult education. In today's world education is most powerful tool for every one specially rural people have to more educated. Thanks doordarshan for this telefilm and thanks for promoting adults education system 👏🏻👏🏻😇
Dil khus ho gaya..
Shabad nhi h mere pas tarif krne ke,bahut hi badiya bahut hi pyari kahani or iske characters 🎉🎉🎉🎉
पहले का समय सही था . लोग अपने परिवार के साथ समय गुजारते थे. पैसा कम था लेकिन खुश था . अब पैसा है लेकिन समय और ख़ुशी नही है. तकनीक के आने से लोग हमेशा इसी में उलझा रहता है.
I literally cried a lot after finishing this short film as I used to be an "ANGOTHA CHAAP".
However, I started learning at the old age of 4 years and now working in England as a freelance data administrator cum chef
kya direction hai meri bachpan ki yaade taaje hogayi yaar🙂
Bahut achchi avam shiksha prad kahani maja aagaya dekh ke
Maza aa gaya
Bahut achhi film
Bachpan me dekha tha 🎉🎉🎉
How pure...how natural...how moralistic ❤❤❤
kitna sundar hoga vo jeewan aadmi garib na hota bss na tv na bijli jaldi sona rat puri kar uthna .....sada khana ...thoda sa tough jeewan ... or sabse badi bat subha hote hi office bhagne ki jhanjhat ka na hona ...or insan ka sabse bada dushman mobile na hona ...na higher office ko data feed karne ki jimmedari hona na kuch bss jindagi or jinda insaan ..chote ghar bade dilll..kash duniya vaisi hi ho jaye ,,,,
Bahut khoobsurat kahani hai,
Great film. Love you Sai ji.
What a film👌👌I guess every state govt should take an initiative like this...
Hamara khubsurat Bharat ❤❤🙏🙏🤗🤗
what a legend story from doordarshan sahyadri . love doordarshan represents which provide pure and lust free recreation compared to so called modern shows and series.
Sach m bahut hi acchi khani h
आपल्या मौल्यवान अभिप्रायाबद्दल धन्यवाद.
आपले अभिप्राय आम्हाला कामाची प्रेरणा देतात. आपले प्रेम असेच कायम राहू द्या.
आमच्या नवीन कार्यक्रमांविषयी जाणून घेण्यासाठी आमच्या सोशिअल मीडिया हॅन्डल्सला जरूर भेट द्या..
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@ddsahyadri bit.ly/2Jerpis
INSTA
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A simple but very appropriate message for the whole country.my salute to the director of the film.
व्वा मजा आली. प्रौढ शिक्षण अभियान.
Ye hai congress initiative