श्री महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत Mahisasur mardini strotam Vaishnodevi

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  • Опубликовано: 21 окт 2024
  • महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत
    अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदी न्नुते
    गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।
    भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१॥
    सुरवर वर्षिणि दुर्धर धर्षिणि दुर्मुख मर्षिणि हर्षरते
    त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिष मोषिणि घोषरते।
    दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२॥
    अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रिय वासिनि हासरते
    शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमालय शृङ्गनिजालय मध्यगते।
    मधुमधुरे मधुकैटभ गञ्जिनि कैटभ भञ्जिनि रासरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥३॥
    अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड वितुण्डित शुंड गजाधिपते
    रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते।
    निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥४॥
    अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
    चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते।
    रितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥५॥
    अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
    त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे।
    दुमिदुमितामर धुन्दुभिनाद महोमुखरीकृत दिङ्मकरे
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥६॥
    अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
    समरविशोषित शोणितबीज समुद्भव शोणित बीजलते।
    शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥७॥
    धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
    कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके।
    कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥८॥
    सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
    कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते।
    धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥९॥
    जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
    झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुर शिञ्जितमोहित भूतपते।
    नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१०॥
    अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
    श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते।
    सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥११॥
    सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
    विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते।
    शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१२॥
    अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
    त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते।
    अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१३॥
    कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
    सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले।
    अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१४॥
    करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
    मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते।
    निजगुणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१५॥
    कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
    प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे।
    जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१६॥
    विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
    कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते।
    सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१७॥
    पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
    अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत्।
    तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१८॥
    कनकलसत्कल सिन्धुजलैरनु षिञ्चतितेगुण रङ्गभुवम्
    भजति स किं न शचीकुचकुम्भ तटीपरिरम्भ सुखानुभवम्।
    तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१९॥
    तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
    किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते।
    मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२०॥
    अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
    अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते।
    यदुचितमत्र भवत्युररी कुरुतादुरुता पमपाकुरुते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२१॥
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Комментарии • 109

  • @kuladipbaruah6253
    @kuladipbaruah6253 2 года назад +2

    Jai Mata Di

  • @ankitmahawar8310
    @ankitmahawar8310 2 года назад +1

    जय श्री माँ वैष्णो देवी

  • @govindgupta5622
    @govindgupta5622 Год назад +1

    JAY maa

  • @up93saurabh25
    @up93saurabh25 2 года назад +1

    जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।
    जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥1॥
    जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
    जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥
    जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे।
    जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥
    जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते।
    जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥
    जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।
    जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥
    एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
    गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥

  • @bipinsinghrajpoot654
    @bipinsinghrajpoot654 2 года назад +2

    Har har mahadev

  • @swetamarskole6195
    @swetamarskole6195 Год назад +1

    Jai maa vaishno devi🌹🌹🙏🙏

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mahisasur Mardani Vaishnodevi mata Ki Jai

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mahisasur Merdini Mata Ki Jai Ho 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Ho Maa Vaishno Devi Mata Ki

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Ho Maa Vaishno Devi Ki Jai Mahisasur Merdini Mata Ki 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi Ki Jai Mata Di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mahisasur Mardini Mata Ki Jai

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi Mata Ki Jai 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @inderaharridass2809
    @inderaharridass2809 2 года назад +1

    inderaharridass jai mata blessing

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai 🙏Mahisasur Merdini Mata Ki Jai

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Ho Maa Vaishno Devi Ki

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mahishasur Merdini Devi Ki Jai

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai 🙏Ho Maa Vaishno Devi 🙏🙏🙏🙏

  • @kulwinderkumar8997
    @kulwinderkumar8997 3 месяца назад

    Jai maa

  • @bipinsinghrajpoot654
    @bipinsinghrajpoot654 2 года назад +2

    Jay mata Rani

  • @shyamdevkumar4097
    @shyamdevkumar4097 2 года назад +1

    Om jay mata di❤❤❤👏👏

  • @kingofking2525
    @kingofking2525 2 года назад +1

    Jai Shri Ram Jai Shri Krishna har har Mahadev

  • @swetamarskole6195
    @swetamarskole6195 Год назад

    Jai maa vaishno devi🌹🌹🌹🌹

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi Ki 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi Ko Koti Koti Naman Jai Mata Di🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sonugamer4164
    @sonugamer4164 2 года назад +2

    Jai Mata Vaishno Devi 🥺🙏 Mata rani meri raksha kro

  • @bipinsinghrajpoot654
    @bipinsinghrajpoot654 2 года назад +1

    Jay maa bhavani Jay shree Krishna ji maharaj

  • @buddhashrestha8410
    @buddhashrestha8410 2 года назад

    जय माँ दुर्गा

  • @manojpandeypandey8004
    @manojpandeypandey8004 2 года назад

    Jay maa durga 🙏

  • @RakeshKumar-hi1yk
    @RakeshKumar-hi1yk 2 года назад +1

    Jai mata vaishno devi 🚩🚩🚩

  • @ayushisharma5529
    @ayushisharma5529 2 года назад +1

    अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
    गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
    भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
    गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
    भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥
    सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते
    त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते
    दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥
    अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते
    शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते ।
    मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ३ ॥
    अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्द गजाधिपते
    रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते ।
    निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ४ ॥
    अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
    चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते ।
    दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ५ ॥
    अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
    त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे ।
    दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ६ ॥
    अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
    समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते ।
    शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ७ ॥
    धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
    कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके ।
    कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ८ ॥
    सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
    कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते ।
    धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ९ ॥
    जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
    झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते ।
    नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १० ॥
    अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
    श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते ।
    सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११ ॥
    सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
    विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते ।
    शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १२ ॥
    अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
    त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते ।
    अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १३ ॥
    कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
    सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले ।
    अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १४ ॥
    करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
    मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते ।
    निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १५ ॥
    कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
    प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे
    जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
    जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १६ ॥

    • @ayushisharma5529
      @ayushisharma5529 2 года назад +1

      विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
      कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते ।
      सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते ।
      जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १७ ॥
      पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
      अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् ।
      तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
      जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १८ ॥
      कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्
      भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम् ।
      तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
      जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १९ ॥
      तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
      किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते ।
      मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
      जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २० ॥
      अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
      अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते ।
      यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते
      जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २१ ॥

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mata Di 🙏🙏❤

  • @renumittal5428
    @renumittal5428 Год назад

    Jai mata di 🙏🙏🙏

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mata Di 🙏❤

  • @anilvarma1800
    @anilvarma1800 2 года назад +1

    jai Mata mahisasur mardini

  • @gopalvermaelementaryside3931
    @gopalvermaelementaryside3931 2 года назад

    JAI MATA DI

  • @n.pmechanicalengineering9062
    @n.pmechanicalengineering9062 2 года назад +1

    Jai mahishasur mardani mata ki jay

  • @dharmendrarajak4997
    @dharmendrarajak4997 Год назад

    🙏Anand aa gaya mateshwari Jagdambe ,Adbhut strot hai ,tan man sab Pulkit aalokit ho gaya ,Aisa lag raha hai sunte hi rahen Koti Koti Naman Mata ke Charnon me 🙏🙏

  • @sunitatiwary2324
    @sunitatiwary2324 2 года назад

    जय माता दी

  • @jtulasirao6059
    @jtulasirao6059 2 года назад

    🕉 jai Mata di namo namah 🌹 💐 🏵 🥀 🌹 💐 🏵 🥀 🌹 💐 🏵 🥀 🌹

  • @swetamarskole6195
    @swetamarskole6195 Год назад

    🙏🌹🌹jai matarani 🌹🌹🙏🙏

  • @vivekkeshri8625
    @vivekkeshri8625 2 года назад +2

    Jai maa vaishno devi mata di ji ki jai baba ji 🙏

  • @unknowngaming9674
    @unknowngaming9674 2 года назад

    Jay mata di

  • @ankitmahawar8310
    @ankitmahawar8310 2 года назад +2

    जय श्री माँ वैष्णो देवी जी की जय

  • @ManishSingh-xg4hd
    @ManishSingh-xg4hd 2 года назад +3

    🙏🙏🙏jai mata di 🙏🙏🙏

  • @sudhakarsingh8557
    @sudhakarsingh8557 Год назад

    जय माता दी।

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jal Mata Di

  • @vijendersaini9718
    @vijendersaini9718 2 года назад +1

    🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏

  • @shubhamsoni7962
    @shubhamsoni7962 Год назад

    Jai mata Diiii❤️❤️

  • @ashishduvedi4803
    @ashishduvedi4803 2 года назад +1

    my GOVERNMENT MAA VAISHNAVI JI 👏👏

  • @aacharyaaasutoshjiaasu
    @aacharyaaasutoshjiaasu 2 года назад +2

    याचना गीत(दो रूप जय यश और बैभव)
    "" """"""" "" "" """" "" " " """"
    दो रूप जय यश और बैभव शत्रुओं पर भी विजय।
    जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
    दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ते।।
    दैवि चामुंडे विजय हो आर्तजन दुखहारिणी।
    व्याप्त सबही देवि जय जय कालरात्रि नमो नमो।।
    नमन बिधि को भी वरद मधु कैटभादि बिनासिनी।
    दो रूप जय यश और बैभव शत्रुओं पर भी विजय।।
    नमन सुख निज भक्तजन जग असुर महिष निकंदिनी।
    दो रूप जय यश और बैभव शत्रुओं पर भी विजय।।
    रक्तबीज प्रवृत्ति बध जय चण्ड मुण्ड बिनासिनी।
    दो रूप जय यश और बैभव शत्रुओं पर भी विजय।।
    धूम्रलोचन दनुज शुम्भ निशुम्भ बल मद मर्दिनी। दो 0।।
    वन्दिता युग पद विमल सौभाग्य संतत दायिनी। दो0।।
    अचिन्त्य रूप चरित्र निरमल शत्रुजन संहारिणी। दो0।।
    सर्वदा नतभक्ति हिय हे चण्डिके अघ हारिणी। दो0।।
    भक्ति श्रद्धा युक्त अस्तुति ब्याधिनासिनि चण्डिके। दो0।।
    पूजते हैं चण्डिके हम भक्ति श्रद्धा भाव से। दो रुप 0।।
    सौभाग्य दो आरोग्य दो हे मां परम सुख दो हमें। दो0।।
    द्वेषियों का नास कर मम बुद्धि बल को बुद्धि दो। दो0।।
    कल्याण कर उपकार कर सम्पत्ति उत्तम दे मुझे। दो0।।
    सुर असुर निज सिर मुकुटमणि नित है रगड़ते पद कमल। दो0।।
    विद्वान लक्ष्मीयुत यशस्वी मां करो निज भक्तजन। दो0।।
    प्रचण्ड दानव दर्प दलिनी शरण आये को मुझे। दो0।।
    बिधि बदन चारों सों प्रशंसित हे चतुर्भुज धारिणी। दो0।।
    अम्बिके हरि नित निरन्तर कर रहे अस्तुति अभय। दो0।।
    हिमवन्त कन्या पति प्रशंसित देवि हे परमेश्वरी। दो0।।
    सद्भाव श्रद्धा भक्ति पूजित जो शचीपति इन्द्र से। दो0।।
    प्रचण्ड भुज दनुजादि दर्पं सहज करतीं दूर सो वह। दो0।
    हे देवि आनंद निज जनन नि:सीम देतीं सर्वदा। दो0।।
    मनोरमा इच्छित वृत्तिचरिता आर्या सुपत्नी सुखदा सदैव। संसार सागर उद्धार धर्मी हे देवि दो देवि समतुल्य लक्ष्मी।।

  • @ShivamGupta-nx6yf
    @ShivamGupta-nx6yf 2 года назад +1

    🙏🙏 Jay Mata Di 🌺🌺🙇🚩

  • @powerofpositivethought1336
    @powerofpositivethought1336 2 года назад +1

    Jai mataji

  • @rishabhkushwaha314
    @rishabhkushwaha314 2 года назад +1

    जय माता दी🙏

  • @sarveshverma6950
    @sarveshverma6950 2 года назад +1

    Jai mata Laxmi

  • @ashishduvedi4803
    @ashishduvedi4803 2 года назад +1

    Jai MATA VAISHNO DEVI JI 👏👏

  • @RakeshKumar-hi1yk
    @RakeshKumar-hi1yk 2 года назад

    ,🕉️🌹🚩🌹जय माता दी ️🔱🕉️🚩🌹🚩🕉️

  • @mithudutta9313
    @mithudutta9313 2 года назад +1

    Joy Maa ki jai ho 🙏🌹🙏🙏🙏🌹🌺🌸

  • @ambikaprasadjajodia1832
    @ambikaprasadjajodia1832 2 года назад +1

    🙏

  • @bhagwatprasadbhagat5197
    @bhagwatprasadbhagat5197 2 года назад +1

    Jai ma vasanavi ki jai

  • @shantikaam3795
    @shantikaam3795 2 года назад +2

    नवरात्र की कथा
    प्राचीन समय में राजा सुरथ नाम के राजा थे,राजा प्रजा की रक्षा में उदासीन रहने लगे थे,परिणाम स्वरूप पडौसी राजा ने उस पर चढाई कर दी,सुरथ की सेना भी शत्रु से मिल गयी थी,परिणामस्वरूप राजा सुरथ की हार हुयी,और वह जान बचाकर जंगल की तरफ़ भागा।
    उसी वन में समाधि नामका एक बनिया अपनी स्त्री एवं संतान के दुर्व्यवहार के कारण निवास करता था,उसी वन में बनिया समाधि और राजा सुरथ की भेंट हुई,दोनो का परस्पर परिचय हुआ,वे दोनो घूमते हुये,महर्षि मेघा के आश्रम में पहुंचे,महर्षि मेघा ने उन दोनो के आने का कारण पूंछा,तो वे दोनो बोले के हम अपने सगे सम्बन्धियों द्वारा अपमानित एवं तिरस्कृत होने पर भी हमारे ह्रदय में उनका मोह बना हुआ है,इसका कारण क्या है?
    महर्षि मेघा ने उन्हे समझाया कि मन शक्ति के आधीन होता है,और आदि शक्ति के अविद्या और विद्या दो रूप है,विद्या ज्ञान स्वरूप है,और अविद्या अज्ञान स्वरूप,जो व्यक्ति अविद्या (अज्ञान) के आदिकरण रूप में उपासना करते है,उन्हे वे विद्या स्वरूपा प्राप्त होकर मोक्ष प्रदान करती हैं।
    इतना सुन राजा सुरथ ने प्रश्न किया- हे महर्षि ! देवी कौन है? उसका जन्म कैसे हुआ? महर्षि बोले- आप जिस देवी के विषय में पूंछ रहे है,वह नित्य स्वरूपा और विश्वव्यापिनी है,उसके बारे में ध्यानपूर्वक सुनो,कल्पांत के समय विष्णु भगवान क्षीर सागर में अनन्त शैया पर शयन कर रहे थे,तब उनके दोनो कानों से मधु और कैटभ नामक दो दैत्य उत्पन्न हुये,वे दोनों विष्णु की नाभि कमल से उत्पन्न ब्रह्माजी को मारने दौडे, ब्रह्माजी ने उन दोनो राक्षसों को देखकर विष्णुजी की शरण में जाने की सोची,परन्तु विष्णु भगवान उस समय सो रहे थे,तब उन्होने भगवान विष्णु को जगाने हेतु उनके नयनों में निवास करने वाली योगनिद्रा की स्तुति की।
    परिणामस्वरूप तमोगुण अधिष्ठात्री देवी विष्णु भगवान के नेत्र नासिका मुख तथा ह्रदय से निकलकर ब्रह्माजी के सामने उपस्थित हो गयी,योगनिद्रा के निकलते ही विष्णु भगवान उठकर बैठ गये,भगवान विष्णु और उन राक्षसों में पांच हजार साल तक युद्ध चलता रहा,अन्त में मधु और कैटभ दोनो राक्षस मारे गये।
    ऋषि बोले- अब ब्रह्माजी की स्तुति से उत्पन्न महामाया देवी की वीरता तथा प्रभाव का वर्णन करता हूँ,उसे ध्यानपूर्वक सुनो।
    एक समय देवताओं के स्वामी इन्द्र तथा दैत्यों के स्वामी महिषासुर में सैकडों वर्षों तक घनघोर संग्राम हुआ,इस युद्ध में देवराज इन्द्र की पराजय हुई,और महिषासुर इन्द्रलोक का स्वामी बन बैठा।
    अब देवतागण ब्रहमा के नेतृत्व में भगवान विष्णु और भगवान शंकर की शरण में गये।
    देवताओं की बातें सुनकर भगवान विष्णु तथा भगवान शंकर क्रोधित हुये,भगवान विष्णु के मुख तथा ब्रह्माजी और शिवजी तथा इन्द्र आदि के शरीर से एक तेज पुंज निकला,जिससे समस्त दिशायें जलने लगीं,और अन्त में यही तेजपुंज एक देवी के रूप में परिवर्तित हो गया।
    देवी ने सभी देवताओं से आयुध एवं शक्ति प्राप्त करके उच्च स्वर में अट्टहास किया जिससे तीनों लोकों में हलचल मच गयी।
    महिषासुर अपनी सेना लेकर इस सिंहनाद की ओर दौडा,उसने देखा कि देवी के प्रभाव से तीनों लोक आलोकित हो रहे है।
    महिषासुर की देवी के सामने एक भी चाल सफ़ल नही हुयी,और वह देवी के हाथों मारा गया,आगे चलकर यही देवी शुम्भ और निशुम्भ राक्षसों का बध करने के लिये गौरी देवी के रूप में अवतरित हुयी।
    इन उपरोक्त व्याख्यानों को सुनाकर मेघा ऋषि ने राजा सुरथ तथा बनिया से देवी स्तवन की विधिवत व्याख्या की।
    राजा और वणिक नदी पर जाकर देवी की तपस्या करने लगे,तीन वर्ष तक घोर तपस्या करने के बाद देवी ने प्रकट होकर उन्हे आशीर्वाद दिया,इससे वणिक संसार के मोह से मुक्त होकर आत्मचिंतन में लग गया,और राजा सुरथ ने शत्रुओं पर आक्रमण करके विजय प्राप्त करके अपना वैभव प्राप्त कर लिया।🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @vivekkeshri8625
    @vivekkeshri8625 2 года назад +2

    Vigna harta ganesh bhagwan ji ki jai baba ji 🙏

  • @KD_MEENA
    @KD_MEENA 2 года назад +3

    Excellent voice 🙏🙏🙏🙏

  • @nidhidubey5945
    @nidhidubey5945 2 года назад +1

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @balswaroopkhatana2407IB
    @balswaroopkhatana2407IB 2 года назад

    Jay mata di..

  • @Sundramshukla-wb6en
    @Sundramshukla-wb6en 3 месяца назад

    huom

  • @shubhamsoni7962
    @shubhamsoni7962 2 года назад

    Maa mera bhi dhayaan rakhooo

  • @renumittal5428
    @renumittal5428 2 года назад +3

    Jai mata di🙏happy navratri🙏 😊

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Excellent Voice

  • @tinkalthakur6889
    @tinkalthakur6889 2 года назад +1

    jai mata ji

  • @jibanhazra2839
    @jibanhazra2839 2 года назад +1

    🙏🕉️🕯️🐁💐🛕🪔🐁🦴🪱🌺🌹✝️⛪💀🎅🦭🐄🇨🇮Maa

  • @ayushisharma5529
    @ayushisharma5529 2 года назад +2

    Now it's easy to sing 😌😌🌟

  • @pihusethi282
    @pihusethi282 2 года назад

    Hey maa balance budhi vidya Pradaan krein

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mahisasur Merdini Mata Ki Jai 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @harshbalatandon4034
    @harshbalatandon4034 2 года назад +1

    Jai Mata Di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi Ki Jai Mata Di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi Ki 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vaishno Devi 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @bipinsinghrajpoot654
    @bipinsinghrajpoot654 2 года назад +1

    Jay maa bhavani Jay shree Mahakaal ji maharaj

  • @labhurabari3613
    @labhurabari3613 2 года назад +1

    Jay ma Bhawani jogani Har Har mahadev

  • @shyamdevkumar4097
    @shyamdevkumar4097 2 года назад +1

    Om jay mata di❤❤❤👏👏👏

  • @sudhakarsingh8557
    @sudhakarsingh8557 Год назад

    जय माता दी।

  • @ManishSingh-xg4hd
    @ManishSingh-xg4hd 2 года назад +1

    🙏🙏🙏jai mata di 🙏🙏🙏

  • @n.pmechanicalengineering9062
    @n.pmechanicalengineering9062 2 года назад

    Jai mata ki🙏🙏

  • @swetamarskole6195
    @swetamarskole6195 Год назад

    🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹

  • @swetamarskole6195
    @swetamarskole6195 Год назад

    🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹

  • @bhagwatprasadbhagat5197
    @bhagwatprasadbhagat5197 2 года назад +4

    Jai mahishasur mardani mata ki jay

  • @ravindrayadav4890
    @ravindrayadav4890 2 года назад +1

    जय माता दी

  • @sarabjitsingh7520
    @sarabjitsingh7520 Год назад

    🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🕯🥥🥥🥥🍊🍊🍊🥥🥥🌿🥀🌹🥥🥥🌿🌹🌹🌿🥥🌿🌹🥀🥀🙏🙏🙏🙏

  • @tilakkhare
    @tilakkhare 2 года назад +1

    Jai Mata Di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Vashno Devi ki Jai Mata Di

  • @mahipandit749
    @mahipandit749 2 года назад +1

    Jai mata di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Maa Veshno Devi Jai Mata Di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mata Di

  • @seemajohari2874
    @seemajohari2874 Год назад

    Jai Mata Di

  • @ankitsharma-by5ic
    @ankitsharma-by5ic 2 года назад +1

    Jai Mata Di

  • @shyamdevkumar4097
    @shyamdevkumar4097 2 года назад +2

    Om jay mata di❤❤❤👏👏

  • @sarveshverma6950
    @sarveshverma6950 2 года назад +1

    Jai mata di

  • @rishabhkushwaha314
    @rishabhkushwaha314 2 года назад

    Jai mata di

  • @swetamarskole6195
    @swetamarskole6195 Год назад

    🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🙏