थोड़ा समय निकालकर अवश्य पढ़ें। इस दुनिया में इस्लाम धर्म इतना कम समय में इतनी तेजी से क्यों और कैसे फैल रहा है?। क्योंकि इस्लाम धर्म आदर और समानता का पाठ सीखता है। इस धरती पर प्रारंभ से ही अल्लाह ईश्वर ने हर काल में कई नबी, दूत भेजें। इन सभी नबियों दुतों के द्वारा मनुष्य को शुद्ध जीवन जीने का और मृत्यु के बाद सफल होने का मार्ग दिखाया है। उन सभी दुतों ने एक ईश्वर की प्रार्थना करने का आदेश दिया था और मूर्ति पूजा से मना किया था। जैसे मुस्लिम इस धरती पर ईश्वर के भेजे गए आखिरी दूत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के वचन का पालन करते हैं। इस धरती पर जितने भी मनुष्य हैं उन सब के पूर्वज किसी न किसी दूत के अनुयायी होंगे। परंतु जैसे जैसे समय बितता गया मनुष्य ईश्वर के मार्ग से हटते गए और अनेक देवी देवताओं और अनेक आत्माओं यहां तक कि अपने राजाओं अपने पूर्वजों और धर्म गुरुओं की मूर्ति बनाकर उनका पूजा पाठ प्रारंभ कर दिए। और उनमें कुछ नास्तिक भी हो गए। उदाहरण के लिए हमारा महान भारत जिसका क्षेत्रफल बहुत बड़ा है और यहां कई समाज कई समुदाय के लोग रहते हैं। जिनमें उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम, और मध्य भारत के समाज के लोग अपने क्षेत्र के अनुसार अलग अलग देवी देवताओं की पूजा करते हैं जैसा कि उनके माता पिता करते थे। और यह सिर्फ हमारे भारत में ही नहीं बल्कि अफ्रीका यूरोप और अन्य महादेशों में भी ऐसा देखने और सुनने को मिलता है। वहां के लोग भी अपने अपने क्षेत्र के अनुसार देवी देवताओं आत्माओं और अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं पर वह अपने आप को हिंदू नहीं कहते। परंतु इस काल में सत्य का पालन वही मनुष्य कर रहा है जो अल्लाह ईश्वर के भेजे हुए दूत के बताए मार्ग पर चल रहा है। अल्लाह ने इस दुनिया को अपने दुत पैगम्बरों के द्वारा ही विकसित किया है। इसीलिए अल्लाह ईश्वर ने हर युग में पैगम्बरों के द्वारा अपनी पवित्र पुस्तकें भेजीं। जैसे कोई भी मशीन या कार कंपनी अपनी मशीन के साथ मैनुअल बुक देती है ताकि मशीन का सही देखभाल किया जा सके। और फिर वह कंपनी हर साल अपनी मशीन या अपनी कार का मॉडल भी बदलती है ताकि वह लोगों को अच्छी सुविधा दे सके, फिर वह उस कार का मॉडल बदलने के साथ-साथ मैन्युअल बुक भी बदल देती है। ठीक वैसे ही अल्लाह ईश्वर ने हमारी सुविधाओं के लिए हर काल में अपने नबियों दूतों को भेजा है अपनी पवित्र किताब देकर के। और इस तरह ईश्वर ने इस धरती पर अपने आखिरी दूत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को भेजे। ईश्वर ने हमें इस धरती पर बहुत कम समय का जीवन दिया है। इसलिए हमें सीधा और सत्य मार्ग पाने के लिए इस्लाम धर्म के लोगों की कमी गलती को ना देखें बल्कि उनके धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें। और ईश्वर से सत्य मार्ग पाने की प्रार्थना करें। ताकि इस धरती पर शुद्ध जीवन जी सकें और मृत्यु के बाद सदा सदा रहने वाला जीवन सफल हो। क्योंकि अल्लाह ईश्वर हमें दोबारा समय नहीं देगा इस धरती पर आने का 😢।
अल्लामा साहब कृपया यहां स्पष्ट करें कि क्या मुहम्मद सल्लल्लाहुअलेही वसल्लम को पैगम्बर स्वीकार किये बिना कोई व्यक्ति स्वर्ग का हकदार हो सकता है। अल्लामा साहब अल्लाह की पकड़ से बचें।
Allah ki tarah ho hi nahi sakta kyunka Allah hamesha sa hai magaar banda ko Allah na paidha kya paidha hona ka baad hamesha zinda rehana Allah ka hargiz barabar nahi ho sakta so simple galat explanation derae
Aap theek kahrahe ho ke insaan paida huwa hai to allaah ke barabar nahi hosakhta to phir hamesha rehne ki sifat bhi to sirf Allah ki hai to iss may barabar kyaise ho sakhta hai. Yehhi to allama sahab batarahe hai thoda samajne ki zarurat hai ek bar aur aap isspe ghour kijiyeh please
Mashallah..
Jazakallah ❤❤❤
Well versed. I am happy to learn lessons.
Shaheena
Pakistan
🙌🙌
This man is very intellectual🙌🙌
Bhot hi achi trha samjhya aapne
❤❤❤
May Almighty bless you in abundance
Jazakallah khair an kasira
Nice explanation mashallah ❤
Very nice Explanation
❤
😥😢😢
27:00
Assalamualykum
थोड़ा समय निकालकर अवश्य पढ़ें।
इस दुनिया में इस्लाम धर्म इतना कम समय में इतनी तेजी से क्यों और कैसे फैल रहा है?।
क्योंकि इस्लाम धर्म आदर और समानता का पाठ सीखता है।
इस धरती पर प्रारंभ से ही अल्लाह ईश्वर ने हर काल में कई नबी, दूत भेजें।
इन सभी नबियों दुतों के द्वारा मनुष्य को शुद्ध जीवन जीने का और मृत्यु के बाद सफल होने का मार्ग दिखाया है।
उन सभी दुतों ने एक ईश्वर की प्रार्थना करने का आदेश दिया था और मूर्ति पूजा से मना किया था।
जैसे मुस्लिम इस धरती पर ईश्वर के भेजे गए आखिरी दूत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के वचन का पालन करते हैं।
इस धरती पर जितने भी मनुष्य हैं उन सब के पूर्वज किसी न किसी दूत के अनुयायी होंगे।
परंतु जैसे जैसे समय बितता गया मनुष्य ईश्वर के मार्ग से हटते गए और अनेक देवी देवताओं और अनेक आत्माओं यहां तक कि अपने राजाओं अपने पूर्वजों और धर्म गुरुओं की मूर्ति बनाकर उनका पूजा पाठ प्रारंभ कर दिए।
और उनमें कुछ नास्तिक भी हो गए।
उदाहरण के लिए हमारा महान भारत जिसका क्षेत्रफल बहुत बड़ा है और यहां कई समाज कई समुदाय के लोग रहते हैं।
जिनमें उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम, और मध्य भारत के समाज के लोग अपने क्षेत्र के अनुसार अलग अलग देवी देवताओं की पूजा करते हैं जैसा कि उनके माता पिता करते थे।
और यह सिर्फ हमारे भारत में ही नहीं बल्कि अफ्रीका यूरोप और अन्य महादेशों में भी ऐसा देखने और सुनने को मिलता है। वहां के लोग भी अपने अपने क्षेत्र के अनुसार देवी देवताओं आत्माओं और अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं पर वह अपने आप को हिंदू नहीं कहते।
परंतु इस काल में सत्य का पालन वही मनुष्य कर रहा है जो अल्लाह ईश्वर के भेजे हुए दूत के बताए मार्ग पर चल रहा है।
अल्लाह ने इस दुनिया को अपने दुत पैगम्बरों के द्वारा ही विकसित किया है। इसीलिए अल्लाह ईश्वर ने हर युग में पैगम्बरों के द्वारा अपनी पवित्र पुस्तकें भेजीं।
जैसे कोई भी मशीन या कार कंपनी अपनी मशीन के साथ मैनुअल बुक देती है ताकि मशीन का सही देखभाल किया जा सके। और फिर वह कंपनी हर साल अपनी मशीन या अपनी कार का मॉडल भी बदलती है ताकि वह लोगों को अच्छी सुविधा दे सके, फिर वह उस कार का मॉडल बदलने के साथ-साथ मैन्युअल बुक भी बदल देती है।
ठीक वैसे ही अल्लाह ईश्वर ने हमारी सुविधाओं के लिए हर काल में अपने नबियों दूतों को भेजा है अपनी पवित्र किताब देकर के।
और इस तरह ईश्वर ने इस धरती पर अपने आखिरी दूत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को भेजे।
ईश्वर ने हमें इस धरती पर बहुत कम समय का जीवन दिया है।
इसलिए हमें सीधा और सत्य मार्ग पाने के लिए इस्लाम धर्म के लोगों की कमी गलती को ना देखें बल्कि उनके धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें।
और ईश्वर से सत्य मार्ग पाने की प्रार्थना करें।
ताकि इस धरती पर शुद्ध जीवन जी सकें और मृत्यु के बाद सदा सदा रहने वाला जीवन सफल हो।
क्योंकि अल्लाह ईश्वर हमें दोबारा समय नहीं देगा इस धरती पर आने का 😢।
Pune
अल्लामा साहब कृपया यहां स्पष्ट करें कि क्या मुहम्मद सल्लल्लाहुअलेही वसल्लम को पैगम्बर स्वीकार किये बिना कोई व्यक्ति स्वर्ग का हकदार हो सकता है।
अल्लामा साहब अल्लाह की पकड़ से बचें।
ईश्वर सनातन काल से ही अपना संदेश भेजने के लिए इशदूत भेजता रहा है। उन सभी इशदूतो को स्वीकार किए बिना स्वर्ग प्राप्ति नही होगी।
Brother woh shakhs sawarg mein nahi ja sakta jo Muhammed PBUH ko nabi nahi maanta
@@compassionforall7949 मेरे प्रिय भाई सभी दूतों पर विश्वास करना पड़ेगा।
परंतु आज्ञा का पालन तो आखरी दूत का ही करना होगा।
Deepak yadav ji quran ki study karae usse jo baat hadees ki takraya thu quran ki baat lelo
Allah ki tarah ho hi nahi sakta kyunka Allah hamesha sa hai magaar banda ko Allah na paidha kya paidha hona ka baad hamesha zinda rehana Allah ka hargiz barabar nahi ho sakta so simple galat explanation derae
Aap theek kahrahe ho ke insaan paida huwa hai to allaah ke barabar nahi hosakhta to phir hamesha rehne ki sifat bhi to sirf Allah ki hai to iss may barabar kyaise ho sakhta hai. Yehhi to allama sahab batarahe hai thoda samajne ki zarurat hai ek bar aur aap isspe ghour kijiyeh please