Urea: The Fertilizer That’s Killing Our Oceans!

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  • Опубликовано: 23 ноя 2024

Комментарии • 10

  • @CCL_IITGN
    @CCL_IITGN  День назад +9

    "Urea: The Fertilizer Killing Our Oceans! 🌱🌊
    Fritz Haber’s invention boosted crop production but harmed marine life. Excess urea causes algae blooms, depleting oxygen and killing 80% of fish in some areas. A miracle for plants, a disaster for oceans. 🌍💔

    • @AdarshGupta-th6zv
      @AdarshGupta-th6zv День назад +1

      Sir ka urea ke alava koi or prathisthapak nhi hai kya uska😢

  • @Sahil-yf3jt
    @Sahil-yf3jt День назад +1

    Sir, Kya aap is cheez ka Source-Link de sakte hain? Mujhe iske baare me thodi aur jankari leni hai 🙏
    Google pe search kiya toh koi article bhi nahi mile

    • @MukeshSuthar-v2d
      @MukeshSuthar-v2d День назад

      फ्रिट्ज हैबर (Fritz Haber) एक जर्मन रसायनशास्त्री और आविष्कारक थे, जिन्होंने आधुनिक रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म 9 दिसंबर 1868 को ब्रेस्लाउ (अब व्रोकला, पोलैंड) में हुआ था। वे अपने समय के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों में से एक थे, लेकिन उनके कार्यों को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों दृष्टिकोणों से देखा जाता है।
      ---
      मुख्य योगदान
      1. हैबर-बॉश प्रक्रिया (Haber-Bosch Process)
      फ्रिट्ज हैबर ने अमोनिया (NH₃) के संश्लेषण की एक प्रक्रिया विकसित की, जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N₂) और हाइड्रोजन (H₂) से किया जाता है।
      इस प्रक्रिया को कार्ल बॉश के साथ मिलकर औद्योगिक स्तर पर विकसित किया गया।
      यह कृषि के लिए अमोनियम नाइट्रेट आधारित उर्वरकों के निर्माण में उपयोगी साबित हुई।
      इसे एक ऐसी क्रांति माना जाता है जिसने वैश्विक खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दिया और भूखमरी को कम किया।
      हैबर को 1918 में इस खोज के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
      2. रासायनिक युद्ध का विकास
      प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, हैबर ने जर्मनी के लिए जहरीली गैसों का विकास किया, जैसे क्लोरीन गैस, जिसे युद्ध में घातक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
      1915 में बेल्जियम के यप्रेस (Ypres) में पहली बार क्लोरीन गैस का उपयोग हुआ।
      हैबर को "रासायनिक युद्ध का पिता" (Father of Chemical Warfare) भी कहा जाता है, जिसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई।
      3. अन्य वैज्ञानिक योगदान
      उन्होंने इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, थर्मोडायनेमिक्स, और प्लाज्मा भौतिकी के क्षेत्र में भी काम किया।
      उनके काम का प्रभाव औद्योगिक और सैन्य दोनों क्षेत्रों में महसूस किया गया।
      ---
      व्यक्तिगत जीवन
      हैबर यहूदी परिवार में पैदा हुए थे, लेकिन बाद में ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया।
      उनकी पत्नी क्लारा इमर्सवार ने उनके रासायनिक युद्ध के काम की आलोचना की और आत्महत्या कर ली।
      उनके यहूदियों के प्रति जर्मन नाजी शासन के व्यवहार के कारण, उन्हें जर्मनी छोड़ना पड़ा। वे स्विट्जरलैंड चले गए, जहां 1934 में उनका निधन हो गया।
      ---
      हैबर के योगदान का प्रभाव
      1. सकारात्मक पक्ष
      हैबर-बॉश प्रक्रिया ने कृषि में उर्वरकों के उपयोग को क्रांतिकारी बना दिया और वैश्विक स्तर पर खाद्य उत्पादन में भारी वृद्धि की।
      यह प्रक्रिया आज भी कृषि में प्रमुख भूमिका निभा रही है।
      2. नकारात्मक पक्ष
      उनके रासायनिक हथियारों ने लाखों लोगों की जान ली और उन्हें अमानवीय हथियारों के विकास का दोषी ठहराया गया।
      उनके वैज्ञानिक योगदानों का उपयोग युद्ध और विनाश के लिए किया गया, जिसके कारण उनकी छवि विवादास्पद बनी।
      ---
      विरासत
      फ्रिट्ज हैबर को एक ऐसा वैज्ञानिक माना जाता है, जिनकी खोजों ने मानवता को बचाने और विनाश दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी जिंदगी विज्ञान की नैतिकता पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनी हुई है।

  • @HarshJain-it2bg
    @HarshJain-it2bg 20 часов назад

    Sir darasal uriya Ek bahut bada scam hai.

  • @MukeshSuthar-v2d
    @MukeshSuthar-v2d День назад +2

    फ्रिट्ज हैबर (Fritz Haber) एक जर्मन रसायनशास्त्री और आविष्कारक थे, जिन्होंने आधुनिक रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म 9 दिसंबर 1868 को ब्रेस्लाउ (अब व्रोकला, पोलैंड) में हुआ था। वे अपने समय के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों में से एक थे, लेकिन उनके कार्यों को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों दृष्टिकोणों से देखा जाता है।
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    मुख्य योगदान
    1. हैबर-बॉश प्रक्रिया (Haber-Bosch Process)
    फ्रिट्ज हैबर ने अमोनिया (NH₃) के संश्लेषण की एक प्रक्रिया विकसित की, जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N₂) और हाइड्रोजन (H₂) से किया जाता है।
    इस प्रक्रिया को कार्ल बॉश के साथ मिलकर औद्योगिक स्तर पर विकसित किया गया।
    यह कृषि के लिए अमोनियम नाइट्रेट आधारित उर्वरकों के निर्माण में उपयोगी साबित हुई।
    इसे एक ऐसी क्रांति माना जाता है जिसने वैश्विक खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दिया और भूखमरी को कम किया।
    हैबर को 1918 में इस खोज के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
    2. रासायनिक युद्ध का विकास
    प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, हैबर ने जर्मनी के लिए जहरीली गैसों का विकास किया, जैसे क्लोरीन गैस, जिसे युद्ध में घातक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
    1915 में बेल्जियम के यप्रेस (Ypres) में पहली बार क्लोरीन गैस का उपयोग हुआ।
    हैबर को "रासायनिक युद्ध का पिता" (Father of Chemical Warfare) भी कहा जाता है, जिसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई।
    3. अन्य वैज्ञानिक योगदान
    उन्होंने इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, थर्मोडायनेमिक्स, और प्लाज्मा भौतिकी के क्षेत्र में भी काम किया।
    उनके काम का प्रभाव औद्योगिक और सैन्य दोनों क्षेत्रों में महसूस किया गया।
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    व्यक्तिगत जीवन
    हैबर यहूदी परिवार में पैदा हुए थे, लेकिन बाद में ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया।
    उनकी पत्नी क्लारा इमर्सवार ने उनके रासायनिक युद्ध के काम की आलोचना की और आत्महत्या कर ली।
    उनके यहूदियों के प्रति जर्मन नाजी शासन के व्यवहार के कारण, उन्हें जर्मनी छोड़ना पड़ा। वे स्विट्जरलैंड चले गए, जहां 1934 में उनका निधन हो गया।
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    हैबर के योगदान का प्रभाव
    1. सकारात्मक पक्ष
    हैबर-बॉश प्रक्रिया ने कृषि में उर्वरकों के उपयोग को क्रांतिकारी बना दिया और वैश्विक स्तर पर खाद्य उत्पादन में भारी वृद्धि की।
    यह प्रक्रिया आज भी कृषि में प्रमुख भूमिका निभा रही है।
    2. नकारात्मक पक्ष
    उनके रासायनिक हथियारों ने लाखों लोगों की जान ली और उन्हें अमानवीय हथियारों के विकास का दोषी ठहराया गया।
    उनके वैज्ञानिक योगदानों का उपयोग युद्ध और विनाश के लिए किया गया, जिसके कारण उनकी छवि विवादास्पद बनी।
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    विरासत
    फ्रिट्ज हैबर को एक ऐसा वैज्ञानिक माना जाता है, जिनकी खोजों ने मानवता को बचाने और विनाश दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी जिंदगी विज्ञान की नैतिकता पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनी हुई है।

  • @Shubham-bp6tx
    @Shubham-bp6tx День назад

    Urea na hota to itni population bhi nahi hota

    • @KrishnaAishwarya-f3g
      @KrishnaAishwarya-f3g День назад

      Type (veritasium fritz haber) u will get to know all about him.

    • @PrabhasPatil
      @PrabhasPatil 23 часа назад

      ​@@KrishnaAishwarya-f3gveritasium best explained it