और बेकसूर ग्रामीण मारे गये उनका क्या उनको सरकार मुवाजा देगा क्या , फोर्स् शाहिद होंगे तो सरकार शाहिद परिवार को मुवाजा तो देंगे ही और बेकसूर ग्रामीण को कौन देगा , @@deepakparmar8945
जवानों ने जान बुझकर ग्रामीणों को नहीं मारा। पर सरकार को ऐसी स्थिति में परिवार को कुछ मुआवजा देना चाहिए। छोटे बच्चों का भविष्य तो कम से कम खराब नही होगा।
@@uditraj8290 अपनी मूर्खता का अच्छा प्रमाण दिया है आपने, टैक्स इनके लिए भरते हो ?? शासन का बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है घर स्कूल शिक्षा अस्पताल सड़क पानी कुछ भी नहीं है, टैक्स जमा करने से पहले पता कीजिए की इसका उपयोग कन्हा हो रहा है।।
अनजान में ही सही लेकिन बहुत बड़ी दुःख की बात है कि चार ग्रामीणों की घर उजड़ गई, उनके लिए दर्दनाक एवं पीड़ा दायक घटना रही है। हम दर्शक के लिए तो एक न्यूज हैं। जिसके ऊपर बित्ती है वही समझ सकते हैं। आपके ग्राउंड रिपोर्ट को सलाम है।
बहुत सुंदर और रचनात्मक तरीके से अपने सत्यता को प्रकाशित करने का प्रयास किया तिवारी जी वास्तव में आप पत्रकारिता के मापदंड पर पूरे खरे उतरे हैं । वास्तव में गांव वाले उस घुन की तरह हैं जो गेहूं के साथ पीस रहे हैं।
विकास सर मेरा आपको प्रणम जो पूरी सच्चाई बाताने के लिए , सरकार से मेरा सवाल है कब तक आदिवासीयों को नक्सली बना कर मिरेगा , क्या आदिवासी होना पाप है या बस्तर में आदिवासियों का जन्म होना पाप है , जय सेवा जय जोहार
सार्वजनिक इसलिए नहीं करते क्युकी.... मानव अधिकार वाले नहीं छोड़ेंगे....!! ये बात भी सही है कि अगर कोई जवान देश सुरक्षा मे लगे हुए हैं, और अगर उनसे गलती से कोई सिविलियन या निर्दोष मारे जाते हैं, और गलती उजागर करते है तो मानव अधिकार वाले तंग करते हैं... जवानों को दोनों तरफ से नुकसान हैं....
@@abhinavkumar9802 आप क्या कहना चाहते है समझ नही आया। सरकार मुआवजा देगी, वास्तव में जो ग्रामीण मरे उनकी गिनती नक्ससलियों में नही करेगी तभी तो लगेगा कि सरकार ने गांव वालो के प्रति संवेदना व्यक्त की है, ऐसे ही तो लोगो को सरकार के प्रति विश्वास् होगा, और क्या उपाय बताएं
एक सच्चे पत्रकार हों आप sir.. नमन है आपके पत्रकारिता को मेरा... मेरा एक प्रश्न है.. Sir. की जो 2 लाख 5 लाख की इनाम होती है ... Kya पुलिस को उसका पइसा मिलता है... या शामिल जवानो को इनाम का पइसा मिलता है????? कृपया जवाब दे
आदीवासियों के घर देखकर छत्तीसगढ़ को शरम आ रही है क्या देखो छत्तीसगढ़ के आदीवासी के घर ऐसे हैं मनुवादियों की देन है की आदीवासी गरीब मजदूर दलित आदीवासी को सरकार चुन चुन चुन कर मार रहे है
ग्राउंड जीरो से वास्तविक रिपोर्टिंग करना ही एक पत्रकार की नैतिक जिम्मेदारी है जो आपके द्वारा की जा रही है जिसके लिए आपको बधाई हमारी तरह समाज आदिवासी भी एक अभिन्न अंग है जिन्हें मूलभूत अधिकार प्राप्त है जिसका हनन होना शासन की उदासीनता है फोर्स के द्वारा नक्सल ऑपरेशन में मारे गए ग्रामीणों के परिवारों के भरण पोषण की जिम्मेदारी शासन को लेनी चाहिए
बस्तर में नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीण पुलिस और नक्सली के बीच में गंभीर रूप से फंस चुके है, बहुत ही दुखद है। बस्तर जल रहा है इस संकट की स्थिति में, बस्तर की कला संस्कृति, त्योहार(पंडुम) घोर संकट में है। आप ने वीडियो में जो जो बात कही 100% सही है सर🙏
प्रणाम विकास भईया🙏 पहले तो ❤ से आपको सलाम, टेकामेटा की ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग के लिए।। और गांव के खत्म हुए लोगो के लिए संवेदना😢, और पुलिस की कामयाबी के लिए बधाईयां।। आज ग्राउंड जीरो की रिपोर्टिंग देख ऐसा लगा जैसे टेकामेटा कितना सुंदर गांव है जहा पे रहने वाले लोग, एक तरफ कुंआ और दूसरी तरफ खाई वाली स्थिती में रह रहे है।। इनका जीवन कितना संघर्ष भरा है।। इस रिपोर्टिंग के लिए दिल से धन्यवाद विकास भईया❤❤
मैं आपकी पत्रकारिता से बहोत प्रभावित हुआ....पुरी सच्चाई दिखाई ओर नक्सल पुलिस के दोनो पैलुओं को दिखाया ओर गरीब आदिवासी की इन मे क्या समस्या है वो भी अच्छी तरीके से समझाया..बहोत खूब धन्यवाद बहोत बढिया काम किया अपने जय हिंद
शानदार रिपोर्टिंग कभी नक्सली वित्तपोषण कहां से होता है इसके ऊपर भी रिपोटिन क रे बाकि गेहूं के साथ घुण भी पिसता है आशा करता हूँ जल्द ही इन इलाको में शांति स्थापित होगी ग्रामीण शांति से अपना जीवन व्यतीत करेंगे ग्रामीणो से ज्यादा सुरक्षावलो को परेशानी होती है अनजान इलाके ऊपर से जंगल गर्मी खाने पीने की कोई व्यवस्था नही
Jawano ko to hamesha salam Lekin unko galat karne ka adhikar kisi ne nahi Diya hai . Agar aam adivasi maare gaye hai to unko maoist kyu announce Kiya .
Aam aadmi ko maar kar 8 lakh ka inami bata Diya gaya Ab uska hisab kaun dega Nirbhya ko poora bharat mil kar awaz diya tab jake 10 saalo me insaf hua . In gareebo ka case to koi ldega nhi .
जवानों की हिम्मत और जज्बे को सलाम निर्दोष लोग मरे उनके लिए सात्वाना ही दे सकते है सभी गांव वाले भी निर्दोष नही हो सकते हैं कुछ लोग गांव में अलग नाम से और संगठन में अलग नाम से रहते होंगे
Bhai sahab aap kahna kya chah rahe h ,santvana se kya hoga , matlab ki kuchh gramin the yah nhi kahenge ,unhe naxal hi kahege ,yahan tak ki muvaje ki bhi bat nhi karenge
ऐसी स्थिति में जो गांव वाले होते है उनको खुले आम भागना नहीं चाहिए बल्कि कही आड़ में या गड्ढे में छिप जाना चाहिए। तथा फोर्स को आवाज दे हम ग्रामीण है ।पुलिस के सामने भागने पर वो भी नक्सली समझ लेते है
@@UpendraKumarBhuiyan-rv9qp Promotion policy kab ka band ho gya hai By mistake firing huwa hai kyoki Jangal me Jayda dikhta nhi hai ki gun hai or danda
Bina pahchan ke kaise uska rank likh diye our inam bhi likh diya . Ye clearly dikh raha hai encounter me mare gaye kuchh log naxali nahi hai . Salam hai apki patrakari par ❤
आपकी पत्रकारिता को सलाम है अगर गाँव वालों की बातें सही है तो पुलिस और प्रशासन को जवाब देना चाहिए गाँव वालों की सच्चाई को घने जगलों मे क्यों दफन कर दिया जाता है निर्दोषों की हत्या करना कहाँ तक सही है NATIONAL HUMAN RIGHTS COMMISSION को dheyan देना चाहिए
पांडे जी, जमीन ,जंगल ,पानी यह संपत्ति पर पूरा हमारा आदिवासियों का अधिकार है,, उपनिवेशक ब्राह्मण पारसी ठाकुर बिजनेसमैन हर जाति धर्म के लोग हमारी आदिवासियों की जमीन हड़प्पा रहे हैं तो हम क्या प्रतिकार ना करें, आदिवासियों का विकास के नाम पर जंगल का विनाश हम आंखों से नहीं देख सकते, नक्सलवादी बनना मनोरंजन की बात नहीं है, अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा होना चाहिए वही लड़ सकता है समाज के लिए पुलिस जवान तो पैसे के लिए हमारी जमीन हड़पने लोगों के रक्षा के लिए लाड रहा है यह भी बात सही है
नक्सलवाद धंधा नहीं है आदिवासियों के जल जंगल पानी यह संपत्ति ब्राह्मण पारसी ठाकुर और हर जाति धर्म के लोग हमारी जमीन हड़प रहे हैं तो हम प्रतिकार ना करें बता दें , ब्राह्मणवाद सिस्टम हमारे जमीन में ही हमको गुलाम कर रहा है तो हम क्या बर्दाश्त करेंगे, नक्सलवादी बना कोई मनोरंजन का खेल नहीं है, पुलिस जवान बिजनेसमैन लोगों के लिए लड़ रहे तो नक्सलवादी आदिवासीके हक अधिकार के लिए लड़ रहे तो इसमें न्याय किसके पक्ष में जाएगा बता दे
@@SaurabhMishra-rv4dk मिश्रा जी कोर्ट में एक आम इंसान को बिना पैसों के न्याय नहीं मिलता। कोर्ट के बारे में मुझे और आपको भी पता है। केस लड़ने के लिए पैसा चाहिए। हमे उल्लू मत समझो।
Pandum is a festival celebrated by tribes in the Dantewada district of Chhattisgarh on different occasions. The word "Pandum" translates to "Festival of the Gods" in the Gondi language. Here are some Pandum festivals: Vija Pandum: A festival that celebrates the arrival of spring and the start of the agricultural season Gaade Pandum: A spring festival where people ask for good fruits, flowers, and leaves in trees Pen Pandum: A festival that translates to "Festival of the Gods" in the Gondi language Pean Pandum: A festival that celebrates the Surname God Bिज्जा पंडूम: A festival that is celebrated before the rainy season and before sowing seeds मरका पंडुम: A festival that is celebrated by the common people using common items like the आदिवासी आम
नक्सली ग्रामीणों को पहले ही धमका चुके हैं की प्रेस वालों को क्या कहना है। और जो नक्सली होंगे वो किसी न किसी गांव का व्यक्ति तो होगा ही। और सोचने वाली बात ये है कि मुठभेड़ वाली जगह में जब मुठभेड़ हो रहा होता है तो ग्रामीण वहा क्या करने जाते हैं।
आपकी ग्राउंड रिपोर्टिंग की पत्रकारिता को सलाम है तिवारी जी।
In jaisa Tiwari Rajput Thakur banana te he aam insan ko naxsal
Naxsal ek aag he insaf he Dalit garib k liya jo kavi khatam nhi hoga
Hii tiwari baiya
विकास भाई, आपने इस मुठभेड़ के दूसरे पहलू को भी उजागर किया, आपको बहुत बहुत साधुवाद ।
आपकी पत्रकारिता को सलाम है।
इन्साफ दिलाये विकास सर।
सभी ग्रामीणों को इन्साफ मिलना चाहिए।
Aap jo kr rhe ho bahut acha kr rhe ho
ना जवान गलत है ना ग्रामीण मगर ग्रामीणों की मौत को माओवादी कहना गलत है इसकी गलती सरकार की है , आपके पत्रकारिता को धन्यवाद 🎉
और जब जवान शहीद होते हे तब क्या उनके बीवी बच्चे नही हे
जी।
Andalon kijiye jitna v jila gan bikash karne ke liye sarkar ka age
और बेकसूर ग्रामीण मारे गये उनका क्या उनको सरकार मुवाजा देगा क्या , फोर्स् शाहिद होंगे तो सरकार शाहिद परिवार को मुवाजा तो देंगे ही और बेकसूर ग्रामीण को कौन देगा , @@deepakparmar8945
@@deepakparmar8945 भाई मैने जवानों को गलत कहा कहा है मेरी राय में गलती से मारे गए ग्रामीणों की मौत को कम से कम माओवाद का नाम ना दिया जाए यह कहना है
जो चार लोगों के बच्चों की मदत करने चाहिए ग्रामीण की मुआज देना चाहिए नही तो गाँव वाले नाराज़ हो जाएँगे
जवानों ने जान बुझकर ग्रामीणों को नहीं मारा। पर सरकार को ऐसी स्थिति में परिवार को कुछ मुआवजा देना चाहिए। छोटे बच्चों का भविष्य तो कम से कम खराब नही होगा।
gav valo ko kayu mar rhe tum log itna Kam China se ladte achha hota
आपके परिवार के सदस्य की कीमत मुआवजा हो सकती है महोदय, निर्दोष लोगो से उनके जान की कीमत नहीं लगा सकते।।
Koi muabja nhi milna chahiye inlogo ko... desh ki janta inhi logo keliye tax Bharti hai kya??
@@uditraj8290 अपनी मूर्खता का अच्छा प्रमाण दिया है आपने, टैक्स इनके लिए भरते हो ?? शासन का बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है घर स्कूल शिक्षा अस्पताल सड़क पानी कुछ भी नहीं है, टैक्स जमा करने से पहले पता कीजिए की इसका उपयोग कन्हा हो रहा है।।
@uditraj8290 अगर तुम्हारे घर से होता तो क्या बोलते
पहली बार किसी पत्रकार को सलाम करने का मन कर रहा है,,,जय हिंद सर
जय हिन्द सर धन्यवाद
Sahi bat hai 🎉
निष्पक्ष और निडर पत्रकारिता..... आपको तहे दिल से सलाम है विकास सर.......
अनजान में ही सही लेकिन बहुत बड़ी दुःख की बात है कि चार ग्रामीणों की घर उजड़ गई, उनके लिए दर्दनाक एवं पीड़ा दायक घटना रही है। हम दर्शक के लिए तो एक न्यूज हैं। जिसके ऊपर बित्ती है वही समझ सकते हैं। आपके ग्राउंड रिपोर्ट को सलाम है।
जोहार रा मटावी
छोटे छोटे बच्चों को देखकर आंखें नम हो गई भैया जी
नक्सली और पुलिस फ़ोर्स के बीच बस्तर का आम आदमी पीस रहा अच्छी रिपोर्टिंग 👍
आपकी पत्रकारिता को सलाम है
जी शुक्रिया
बहुत सुंदर और रचनात्मक तरीके से अपने सत्यता को प्रकाशित करने का प्रयास किया तिवारी जी वास्तव में आप पत्रकारिता के मापदंड पर पूरे खरे उतरे हैं । वास्तव में गांव वाले उस घुन की तरह हैं जो गेहूं के साथ पीस रहे हैं।
विकास सर मेरा आपको प्रणम जो पूरी सच्चाई बाताने के लिए , सरकार से मेरा सवाल है कब तक आदिवासीयों को नक्सली बना कर मिरेगा , क्या आदिवासी होना पाप है या बस्तर में आदिवासियों का जन्म होना पाप है , जय सेवा जय जोहार
Jab tak naxali ko adivashi prashray denge tab tak
अगर क्रॉस फायरिंग मैं ग्रामीण मारे गए थे तो फोर्स ओर पुलिस को ये बात सार्वजनिक कर देना था ग्रामीण को माववादी क्यो घोषित किया ?
सार्वजनिक इसलिए नहीं करते क्युकी.... मानव अधिकार वाले नहीं छोड़ेंगे....!!
ये बात भी सही है कि अगर कोई जवान देश सुरक्षा मे लगे हुए हैं, और अगर उनसे गलती से कोई सिविलियन या निर्दोष मारे जाते हैं, और गलती उजागर करते है तो मानव अधिकार वाले तंग करते हैं... जवानों को दोनों तरफ से नुकसान हैं....
इनाम
Humesha bolte hai aisa fake claim. Apni naukri bachane k liye gareeb ko marenge par desh k jal jungle jameen ki bikri nahi rokegi
आपकी बात बिल्कुल सही है भाई
तिवारी जी प्रणाम आप बहुत सटीक और बहुत दूर तक रिपोर्टिंग करते है आपको बहुत बहुत धन्यवाद
सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह ग्रामीणों को नक्सलियों में न गिने बल्कि उन्हे मुआवाजा दें।
केवल सरकार की जिम्मेदारी मत बताईए भाई.......उसका उपाय भी बताईए ताकि आम लोंगो मे सरकार के प्रति विश्वास गहरा हो
@@abhinavkumar9802 आप क्या कहना चाहते है समझ नही आया।
सरकार मुआवजा देगी, वास्तव में जो ग्रामीण मरे उनकी गिनती नक्ससलियों में नही करेगी तभी तो लगेगा कि सरकार ने गांव वालो के प्रति संवेदना व्यक्त की है, ऐसे ही तो लोगो को सरकार के प्रति विश्वास् होगा, और क्या उपाय बताएं
एक सच्चे पत्रकार हों आप sir.. नमन है आपके पत्रकारिता को मेरा...
मेरा एक प्रश्न है.. Sir. की जो 2 लाख 5 लाख की इनाम होती है ... Kya पुलिस को उसका पइसा मिलता है... या शामिल जवानो को इनाम का पइसा मिलता है????? कृपया जवाब दे
ऑपरेशन में शामिल जवानों में रैंक के हिसाब से सारा बाँट दिया जाता है
जमीनी हकीकत आपको बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय तिवारी जी।
मेहनत और ईमानदारी
आप का खोज खबर का ताहे दिल से सालाम है बिकास ज्यु😮😮 रहि बात आपक । आप भि होसियार बरकरार रखना क्यु कि युद्धका कोई मापदण्ड नहि होता😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮धन्यवाद
आदिवासियों की दर्द को कोई समझने वाला नहीं , ग्रामीण लोगों के प्रति भी सहानुभूति दिखाना चाहिए , पर किसको क्या फर्क पड़ेगा 😢😢
आपको सलाम है सर जिन्होंने बस्तर में वास्तविकता और निडर पत्रकारिता की है। मैं jharkhand से हू यहां v नक्सलियों ने सबका जीवन तबाह कर रखा है
बहुत ही सराहनीय पत्रकारिता l
आपके वीडियो के माध्यम से आदिवाशियो की मजबूरी देख के बहुत दुख हो रहा पता नही इनको कब न्याय मिलेगा l
आदीवासियों के घर देखकर छत्तीसगढ़ को शरम आ रही है क्या देखो छत्तीसगढ़ के आदीवासी के घर ऐसे हैं मनुवादियों की देन है की आदीवासी गरीब मजदूर दलित आदीवासी को सरकार चुन चुन चुन कर मार रहे है
ग्राउंड जीरो से वास्तविक रिपोर्टिंग करना ही एक पत्रकार की नैतिक जिम्मेदारी है जो आपके द्वारा की जा रही है जिसके लिए आपको बधाई हमारी तरह समाज आदिवासी भी एक अभिन्न अंग है जिन्हें मूलभूत अधिकार प्राप्त है जिसका हनन होना शासन की उदासीनता है फोर्स के द्वारा नक्सल ऑपरेशन में मारे गए ग्रामीणों के परिवारों के भरण पोषण की जिम्मेदारी शासन को लेनी चाहिए
Sarkar aadivasi khatam karna chahti hai
आपके तथ्यपूर्ण, जोखिमभरा और साहसिक पत्रकारिता को सादर नमन।
बहुत शुभकामनाएं।
बहुत धन्यवाद आपका
बस्तर में नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीण पुलिस और नक्सली के बीच में गंभीर रूप से फंस चुके है, बहुत ही दुखद है।
बस्तर जल रहा है इस संकट की स्थिति में, बस्तर की कला संस्कृति, त्योहार(पंडुम) घोर संकट में है।
आप ने वीडियो में जो जो बात कही 100% सही है सर🙏
aap ki patrakarita ko salam hai sir
बस्तर में पत्रकारिता के वास्तविक जननायक तो आप जैसे पत्रकार है भैया।सलाम है आपको
स्वच्छ, पारदर्शी एवं निडर पत्रकारिता।
प्रणाम विकास भईया🙏 पहले तो ❤ से आपको सलाम, टेकामेटा की ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग के लिए।। और गांव के खत्म हुए लोगो के लिए संवेदना😢, और पुलिस की कामयाबी के लिए बधाईयां।। आज ग्राउंड जीरो की रिपोर्टिंग देख ऐसा लगा जैसे टेकामेटा कितना सुंदर गांव है जहा पे रहने वाले लोग, एक तरफ कुंआ और दूसरी तरफ खाई वाली स्थिती में रह रहे है।। इनका जीवन कितना संघर्ष भरा है।। इस रिपोर्टिंग के लिए दिल से धन्यवाद विकास भईया❤❤
कम संसाधन के बाबजूद तिवारी जी आप रिपोटिंग करते हैं
आप के उत्साह के लिए
कोटि कोटि प्रणाम
जी शुक्रिया
मैं आपकी पत्रकारिता से बहोत प्रभावित हुआ....पुरी सच्चाई दिखाई ओर नक्सल पुलिस के दोनो पैलुओं को दिखाया ओर गरीब आदिवासी की इन मे क्या समस्या है वो भी अच्छी तरीके से समझाया..बहोत खूब धन्यवाद बहोत बढिया काम किया अपने जय हिंद
Good reporting sir
जी शुक्रिया
शानदार रिपोर्टिंग
कभी नक्सली वित्तपोषण कहां से होता है इसके ऊपर भी रिपोटिन क
रे बाकि गेहूं के साथ घुण भी पिसता है आशा करता हूँ जल्द ही इन इलाको में शांति स्थापित होगी ग्रामीण शांति से अपना जीवन व्यतीत करेंगे ग्रामीणो से ज्यादा सुरक्षावलो को परेशानी होती है अनजान इलाके ऊपर से जंगल गर्मी खाने पीने की कोई व्यवस्था नही
Salute you Sir in your Brave Reporting .
जवानो के जज्बे को सलाम....🇮🇳
गरीब आदिवासियों की क्या गलती थी? दोषियों पर कारवाई कब होगा।
Jawano ko to hamesha salam
Lekin unko galat karne ka adhikar kisi ne nahi Diya hai .
Agar aam adivasi maare gaye hai to unko maoist kyu announce Kiya .
Aam aadmi ko maar kar 8 lakh ka inami bata Diya gaya
Ab uska hisab kaun dega
Nirbhya ko poora bharat mil kar awaz diya tab jake 10 saalo me insaf hua .
In gareebo ka case to koi ldega nhi .
कितनी शर्म की बात है आजादी के इतने वर्ष बाद भी नयाय भी हैसियत देख कर मिलता है गरीब अहसास का कोई नही है😢😢
पता है लेकिन कुछ नही पता ये बात सही है इस कहानी से मेरे नाना नैहाल गांव वाले गुजरे हैं धन्यवाद सर
जवानों की हिम्मत और जज्बे को सलाम
निर्दोष लोग मरे उनके लिए सात्वाना ही दे सकते है
सभी गांव वाले भी निर्दोष नही हो सकते हैं कुछ लोग गांव में अलग नाम से और संगठन में अलग नाम से रहते होंगे
Bhai sahab aap kahna kya chah rahe h ,santvana se kya hoga , matlab ki kuchh gramin the yah nhi kahenge ,unhe naxal hi kahege ,yahan tak ki muvaje ki bhi bat nhi karenge
@@ashokkujur1270 कोयले की खान में जाओगे तो काले तो होंगे ही
पंडुम पुजा वही जरूरी है क्या जहा नक्सली रहते हैं नक्सली लोगो से दूरी बनाए रखे
17:20
तेरा बेटा बेटी को पूज देते है फिर संतवाना देते लेते रहना
17:46
बेस्ट रिपोरेटिंग आपकी पत्रकारिता को नमन विकास भैया।
जी शुक्रिया आपका
ऐसी स्थिति में जो गांव वाले होते है उनको खुले आम भागना नहीं चाहिए बल्कि कही आड़ में या गड्ढे में छिप जाना चाहिए। तथा फोर्स को आवाज दे हम ग्रामीण है ।पुलिस के सामने भागने पर वो भी नक्सली समझ लेते है
Bina hathiyaar ke bad bhi police goli chala di or kya kregi gramin
Tumhi जाके बताना वो gramin hai और आधार card लेके ghumna
Jabardast bhut bdhiya reporting sir ❤❤️❤️
जांच कर के ग्रामीण परिवार को सरकार को सहयो राशि देना चाहिए ताकि अपने परिवार को सर्ववैभ कर सके।
Hard working Journalist like you without any biased media....keep going
गरीब आदिवासियों की मदद कोई नही करता 💚
Convert karna hai kya Adhivashiyo ka?
Kvi nhi aur krenge vi nhi
Y@@theamit2192
@@theamit2192tera janm abujmad ke gao me hona chahiye tha bhai fir samajh ata waha ke log kaise ji rahe hai
सच्चाई की खोज में आपका प्रयास सराहनीय है उत्तम कार्य तिवारी जी
हो गया सो हो गया अब क्या करे उन लोगों को वापस तो नही ला सकते उन पीड़ित परिवार वालो को मुवाजमा तो मिलना चाहिए ❤❤
🙏 बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं सर अच्छा रिपोर्टिंग सलाम करता हूं सर 🙏 अनजाने में ही सही लेकिन सरकार को सहायता देने चाहिए सर 🙏 धन्यवाद।
जान बुझ कर मारा है प्रमोशन के लिए
भागवन दो अंख दीया है कम से कम एक बार देख तो लेते )(उनके पास हथियार था कि नहीं 100, में 100✔️ प्रतिशत सही बोले सर
Encounter pr promotion band hai.
Sabse Gunda police hai
Apna parmosan ke liye police marte hai
@@UpendraKumarBhuiyan-rv9qp
Promotion policy kab ka band ho gya hai
By mistake firing huwa hai kyoki Jangal me Jayda dikhta nhi hai ki gun hai or danda
सीखना चाहिए उन बड़े पत्रकारों को इन महोदय से के पत्रकारिता कैसे की जाती है।सर बहुत सम्मान है आपकी पत्रकारिता को।
बहुत धन्यवाद आपका
अगर पुलिस ने गलती किया है तो उसे स्वीकार कर लेना चाहिए,की गलती हुई है ..पीडित परिवार को कुछ मुआवजा देना चाहिए ताकि उसके बच्चे का देखभाल हो सके 😥😥😥
Police sabse alag hai Bhai
Sir bahut Bada scam hai koi maobadi ka mamla nhi hai
बहुत ही अच्छा कार्य है। सर आप का
Bina pahchan ke kaise uska rank likh diye our inam bhi likh diya . Ye clearly dikh raha hai encounter me mare gaye kuchh log naxali nahi hai .
Salam hai apki patrakari par ❤
इन बच्चों का क्या कसूर है जिन्होंने ने अपना पिता को खो दिया.....उन बेचारों को एहसास भी नहीं है की उनके पिता नहीं रहे.....आंखो से आंसु टपक रहे हैं मेरे
App ke jese sache imandar reporter ko salam he...
गांव वालों को नक्सलियों से कोई खतरा नहीं है खतरा तो जवानों से है
😂😂 Tu bhi maoist lgta hai
अच्छा तू जानता है कितने गांव वालो को नक्सली मुखबिर की आरोप लगा कर मारे है
Right
सही बात
Right
Great job by you sir, the real reporting
सीधे साधे आदिवासी पोलिस नक्सली के बीच पिस रहे है रिपोर्टर को धन्य वाद
Salam hai apki ground reporting ko🙏
जी शुक्रिया
इनाम तो रख दिया लेकिन पहचान नही हुई तो ये कैसा इनाम . जब पहचान ही नही तो इनाम कैसे रखा दिया ?
ये पुलिस प्रशासन की आदीवासियों को मारने की साजिश करते है आदीवासियों को खत्म करना ही भारत देश की साजिश है मनुवादियों की आढ़ लेकर
बहुत बढ़िया रिपोर्टिंग, सच सामने लाने बहुत रिस्क, परिश्रम और बहादुरी का काम
इनको न्याय दिलाने वाले भी बहुत कम मिलेंगे कर्मों कि सरकार आंख बंद कर लेगी आओर ये गरीब ग़ामीण आदीवासी है।
आपकी पत्रकारिता को सलाम है
अगर गाँव वालों की बातें सही है तो पुलिस और प्रशासन को जवाब देना चाहिए
गाँव वालों की सच्चाई को घने जगलों मे क्यों दफन कर दिया जाता है निर्दोषों की हत्या करना कहाँ तक सही है NATIONAL HUMAN RIGHTS COMMISSION को dheyan देना चाहिए
National human right commission.. bhut hi gahri nind me hai...
Har jagah aadivasi ka sosan ho rha hai..
Bhut dukh ki baat hai
नक्सलवाद का धंधा बन्द होना चाहिए। मुख्य धारा में जुड़कर सभी आदिवासी भाइयों बहनों का जीवन बचाना चाहिए।
bilkul sahi bole bhaiya leki aadivasi Gaddar Hain baster ke
पांडे जी, जमीन ,जंगल ,पानी यह संपत्ति पर पूरा हमारा आदिवासियों का अधिकार है,, उपनिवेशक ब्राह्मण पारसी ठाकुर बिजनेसमैन हर जाति धर्म के लोग हमारी आदिवासियों की जमीन हड़प्पा रहे हैं तो हम क्या प्रतिकार ना करें, आदिवासियों का विकास के नाम पर जंगल का विनाश हम आंखों से नहीं देख सकते, नक्सलवादी बनना मनोरंजन की बात नहीं है, अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा होना चाहिए वही लड़ सकता है समाज के लिए पुलिस जवान तो पैसे के लिए हमारी जमीन हड़पने लोगों के रक्षा के लिए लाड रहा है यह भी बात सही है
सभी का क्या मतलब है भैया आपका आपको क्या लगता हैं केवल आप समझदार हो आदिवासी नही ?
नक्सलवाद धंधा नहीं है आदिवासियों के जल जंगल पानी यह संपत्ति ब्राह्मण पारसी ठाकुर और हर जाति धर्म के लोग हमारी जमीन हड़प रहे हैं तो हम प्रतिकार ना करें बता दें , ब्राह्मणवाद सिस्टम हमारे जमीन में ही हमको गुलाम कर रहा है तो हम क्या बर्दाश्त करेंगे, नक्सलवादी बना कोई मनोरंजन का खेल नहीं है, पुलिस जवान बिजनेसमैन लोगों के लिए लड़ रहे तो नक्सलवादी आदिवासीके हक अधिकार के लिए लड़ रहे तो इसमें न्याय किसके पक्ष में जाएगा बता दे
कुल मीला के हमरे आदिवासी भाई ही मर रहे है
बेहतरीन ग्राउंड रिपोर्ट भैया जी🙏🏻
धन्यवाद
ये है मेरा भारत देश, जहां न्याय मिलना मुश्किल है गरीबों को। आदिवासियों की कोई नही सुनता।
सब सुनते हैं, इस देश की राष्ट्रपति भी आदिवासी है।
@@SaurabhMishra-rv4dk मिश्रा जी कोर्ट में एक आम इंसान को बिना पैसों के न्याय नहीं मिलता। कोर्ट के बारे में मुझे और आपको भी पता है। केस लड़ने के लिए पैसा चाहिए। हमे उल्लू मत समझो।
बहुत सुंदर पत्रकारिता रानू भैय्या
जी भैया शुक्रिया आपका
बेचारे गेहूं के साथ घुन भी पीस गये। पुलिस को इस ग्रामीणों का ध्यान रखना चाहिए।
Aese aur patrkaar bhaiyo ki jarurat hai hamare desh me ❤❤❤selut hai bhaiya aaoke kam koo
बिना पहचान के कैसे ईनामी नक्सली बता देते हैं ये पुलिस समझ नही आता।।😢😢
Scam
Apka reporting nice
तिवारी जी इंसानियत खत्म है बस्तर में
जी बिलकुल।
Haa
ये सभी ग्रामीण लोगों को सरकारी आवास आवंटित कर देना चाहिए।
जो नक्सली थे वो वर्दी में थे और जो ग्रामीण थे वो normal ग्रामीण वेशभूषा मे थे।
Great reporting
जी शुक्रिया
सराहनीय रिपोर्टिंग भईया जी 🎉🎉🎉🎉
Osm video sir
Salute sir
Jai jind
आपको बहुत बहुत धन्यवाद विकाश दादा सचाई उजागर करने के लिए
रामलु नक्सली नहीं है,में मानता हूं, रामलु के घर वाले को मुआवजा दिया जाना चाहिए
अगर नक्सली नही था तो वहाँ नक्सलियों के साथ क्या कर रहा था
@@AmitPawar-cw2nd बीजा पडुम मनाने गया था,वो जंगल में
Pura kahani bataya ja rha tha to tum ghas khane gye the kya aor wo gaon walo ke sath tha..naxaloyon ke sath nahi..@@AmitPawar-cw2nd
आदिवासियों का परमपरा को नहीं जनते हो, कमेंट मत करो vai , नकसली नहीं है!
Ek baar jach honi chahiye....ramlu ko insaaf mile
Good reporting 👍👍👍👍
आप के जज्बात को सलाम🙏🙏
Bahut hi sundar reporting bhaiyya aap ne sach dikhaya pura
सर पुलिस से पुछिए इन मुठभेड़ में मारे गए वाले लोगों के बारे में भी उनकी परिवार को मुआवजा कि मांग करने की कोशिश करे
Nice and perfect reporting.
Need some compensation
मुआवजा तो मिलना चाहिए ..
आप को बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
ग्रामीण लोगो को मुख्यधारा में रहना चाहिए और आतंकवादियों की सूचना तुरंत पुलिस को देना चाहिए ।
वहां तुरंत सिर्फ मौत हो सकती है, सूचना नहीं। बीहड़ इलाका है
aapse behtar koi ripotar nai bhaiya aap me bahut himmat hai junun hai
प्रणाम आपकी पत्रिका को 🙏🙏🙏🙏
Really salute sir ji Government ki sachi khabar
जी शुक्रिया
Pandum is a festival celebrated by tribes in the Dantewada district of Chhattisgarh on different occasions. The word "Pandum" translates to "Festival of the Gods" in the Gondi language. Here are some Pandum festivals:
Vija Pandum: A festival that celebrates the arrival of spring and the start of the agricultural season
Gaade Pandum: A spring festival where people ask for good fruits, flowers, and leaves in trees
Pen Pandum: A festival that translates to "Festival of the Gods" in the Gondi language
Pean Pandum: A festival that celebrates the Surname God
Bिज्जा पंडूम: A festival that is celebrated before the rainy season and before sowing seeds
मरका पंडुम: A festival that is celebrated by the common people using common items like the आदिवासी आम
Dhanyavaad itni jankari k liye sir
आपकी मेहनत को❤ से सलाम सर जी 🙏🙏🙏
इन गरीब को मुआवजा मिलना चाहिए।
नक्सली ग्रामीणों को पहले ही धमका चुके हैं की प्रेस वालों को क्या कहना है। और जो नक्सली होंगे वो किसी न किसी गांव का व्यक्ति तो होगा ही। और सोचने वाली बात ये है कि मुठभेड़ वाली जगह में जब मुठभेड़ हो रहा होता है तो ग्रामीण वहा क्या करने जाते हैं।
Daring Journalist, Salute to You🙏
Thanks you
क्रॉस फायरिंग में कुछ भी हो सकता है सर लेकिन फिर भी जिस किसी ग्रामीण को नुकसान पहुंचा उसका मुआवजा सरकार देगी इस विषय पर वीडियो बनाइएगा
दर्दनाक सर ।मुआवजा मिलना हि चाहिए
अब इसमें इनके छोटे छोटे बच्चों का जिम्मेदारी कौन लेगा इनका इसमें क्या दोष था
आपका रिपोर्टिंग सबसे खास होता है भैया और आपकी वीडियो का हमेशा इंतजार रहता है सच उजागर करने के लिए धन्यवाद
आज फिर मुठभेड़ में 5 नक्सली मारे गए हैं बीजापुर के गंगालूर इलाके में इसका भी रिपोर्टिंग कीजिए सर