वाच्य के दो भेद ही होते है Ma'am Karti or akarti Akarti के दो भेद होते है कर्म और भाव क्रिया के आधार पर वाक्य के तीन भेद में ये तीनो वाच्य पढ़े जाते है Ma'am
वाच्य के दो भेद कर्तृवाच्य और अकर्तृवाच्य अकर्तृवाच्य के दो भेद होते हैं -कर्मवाच्य और भाववाच्य l इसलिए वाच्य के 3 भेद-कर्तृ वाच्य, कर्म वाच्य और भाव वाच्य बताएं जाते हैं l
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Thank you so much ma'am.
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Butiful mam
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Thanku कन्फ्यूजन clear kar diya aapne
Nice mam
Bahut Sundar mame
Bahut achha mam
वाच्य के दो भेद ही होते है Ma'am
Karti or akarti
Akarti के दो भेद होते है कर्म और भाव
क्रिया के आधार पर वाक्य के तीन भेद में ये तीनो वाच्य पढ़े जाते है Ma'am
वाच्य के दो भेद कर्तृवाच्य और अकर्तृवाच्य
अकर्तृवाच्य के दो भेद होते हैं -कर्मवाच्य और भाववाच्य l
इसलिए वाच्य के 3 भेद-कर्तृ वाच्य, कर्म वाच्य और भाव वाच्य बताएं जाते हैं l
सीता ने वेद पढ़ा। ये वाक्य सही है या गलत। गलत है तो क्यों और सही है तो क्यों?
वाक्य गलत है
क्योकी यहाँ उद्देष्य सीता है। वेद के बिना भी पढ़ने का काम हो सकता है .यहाँ ved vidhey hai
उदेश्य मुख होता है और विधे गौड़ होता है, बिना वेद के पढ़ने की क्रिया हो सकती है लेकिन बिना करता और क्रिया के कोई मतलब होता है
सही वाक्य होगा-सीता ने वेद को पढ़ा
बिना कृत्य और क्रिया के वेद का कोई मतलब नहीं है