@@devdattapatil663 यदि अग्नि कोण में बैठकर पूर्वाभिमुख होकर अथवा उत्तराभिमुख होकर आहुति प्रदान की जाती हैं तो अग्नि कोण में अग्नि तत्व का पूर्ण प्रभाव होने के कारण उग्र दैवीय शक्तियां जैसे माता काली, माता दुर्गा ,श्री हनुमान ,काल भैरव इत्यादि देवताओं की साधना शीघ्र फलित होती है किंतु सौम्य दैवीय शक्तियों से संबंधित हवन के प्रभावी परिणाम प्राप्त होने में विलंब होता है।
Khub khub aabhar pandit ji aap ne bahot achi jankari di hame🙏jai mayi Maharaj ji ki 🙏🌹
जय गुरुदेव 🙏
Jai Mata di 🙏
Jai guru dev
🙏
Jay gurudev
🙏🙏
जय माता की महाराज जी क्या श्री दुर्गा हवन पुष्पक उपलब्ध हो जायेगी कृपा बतायें
🕉️, आदरणीय श्री जी अग्नि कोन में ही हवन फलरुप
@@devdattapatil663 यदि अग्नि कोण में बैठकर पूर्वाभिमुख होकर अथवा उत्तराभिमुख होकर आहुति प्रदान की जाती हैं तो अग्नि कोण में अग्नि तत्व का पूर्ण प्रभाव होने के कारण उग्र दैवीय शक्तियां जैसे माता काली, माता दुर्गा ,श्री हनुमान ,काल भैरव इत्यादि देवताओं की साधना शीघ्र फलित होती है किंतु सौम्य दैवीय शक्तियों से संबंधित हवन के प्रभावी परिणाम प्राप्त होने में विलंब होता है।
Santramyadav