कई देवी भक्तों के प्रश्न लगातार आ रहें कि पाठ किस क्रम में करना है और तीन चरित्र क्या है उनके लिए उत्तर - श्रीदुर्गासप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं, जिसमें 700 श्लोकों में देवी-चरित्र का वर्णन है। यह मुख्य रूप से तीन चरित्र में विभाजित हैं, प्रथम चरित्र (प्रथम अध्याय), मध्यम चरित्र (2-4 अध्याय) और उत्तम चरित्र (5-13 अध्याय) पाठ का क्रम क्रमशः सभी अध्यायों को एक - एक करके एक साथ किसी एक दिन में (जैसे सप्तमी, अष्टमी, नवमी ) पढ़ना हो सकता हैं, नवरात्र में नित्य ही 13 अध्याय पढ़ना तो नौ दिन में नौ परायण अथवा एक दिन एक चरित्र को , अगले दिन दूसरे चरित्र को, तीसरे दिन तीसरा चरित्र पढ़ना हो सकता है इसे फिर दोहरा सकते हैं तो पूरे नवरात्र में दशमी तक आपके तीन परायण हो जाएंगे। इतना पढ़ना भी सम्भव नहीं है तो आप पूरे नवरात्र में अपनी सुविधा अनुसार जब जितना पढ़ सके 13 अध्यायों को एक बार पढ़ लीजिए तो एक परायण हो जाएगा, बस ध्यान रखिये की किसी भी अध्याय को पूरा करने पर ही पाठ रोके और अध्याय के बीच में कुछ ना बोले। प्रथम चरित्र की देवी महाकालीजी, मध्यम चरित्र की देवी महालक्ष्मीजी और उत्तम चरित्र की देवी महासरस्वतीजी मानी गई है। यहां दृष्टव्य है कि महाकालीजी की स्तुति मात्र एक अध्याय में, महालक्ष्मीजी की स्तुति तीन अध्यायों में और महासरस्वतीजी की स्तुति नौ अध्यायों में वर्णित है। यह बात एक विचित्र सत्य को दर्शाती हैं की मनुष्य के लिए बल और धन की अपेक्षा ज्ञान की प्राप्ति अधिक कठिन हैं और इसके लिए ज्यादा साधना व परिश्रम करने की आवश्यकता हैं। ज्ञान जीवन के इन तीन आधारों में सबसे अधिक मजबूत व महत्वपूर्ण होना चाहिये।
बहन मैने आपकी वाणी से दुर्गा सप्तशती पाठ के बारे में सुना मैं धन्य हो गई । इतनी प्यारे प्रसंग में मां से मिलन का पूर्ण सार बता दिया। उसके लिए आपको आत्मीय प्रणाम
बहन बुहत ही उत्तम व सरल तरह से समझा दिया, अपितु बहुत ही confusion था सप्तशती के नियम के विषय में। बहुत आभार आपका 🙏 माता रानी का खूब आशीर्वाद बना रहे आप पर।
जय माता रानी की। माता जी, आपने बहुत सुंदर तरीके से विधि को समझाया।मेरी दुविधा समाप्त हो गई ।पर माताजी, मैं ने सुना है जब तक कुंजिका स्तोत्र नहीं करते पाठ अधूरएं माने जाते हैं । जय माता दी।❤❤❤
आप को नमन एवं कोटि कोटि धन्यावाद आप नें बहोत अच्छे से और बहोत सरलता से माता के पाठ को बतलाया हैं आप के द्वारा बताये गए पाठ विद्या से सभों को माता जी की पूजा भगति करने मे सही मार्ग दर्शन मिला हैं आप को कोटि कोटि पुनः धन्यवाद नमन 🙏🙏🙏🙏🙏
Aap ne meri duvidha har li.jai Mata di. Mujhe bachpan se yahi lagta tha ki main Mata ki puja k liye guru banu par mujhe dar tha ki sabhi mujhe pagal kahenge Kyon ki main jab bhi durga saptshati padi aap ki kahi baat hi mahsoos ki.jai Mata di.
मै आपकी किस तरह से किस शब्द से धन्यवाद करूँ वो शब्द मेरे पास नहीं है आपको कोटी कोटी नमस्कार है प्रणाम है जय श्री राधे कृष्ण की जय हो एक बार आप अपनी पैर छूकर चरण स्पर्श करने के लिए मौका दिया जाए हम मंत्रमुग्ध हो गये कितना शब्द से धन्यवाद करूँ वो शब्द मेरे पास नहीं है
मै आपकी किस तरह से किस शद्बो से धन्यवाद करूँ वो शद्ब मेरे पास नही है आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏾🙏🏾ये बहुत बहुत अच्छा, समझा ने का सर्वश्रेष्ठ कदम है 👍 इससे लोगो को समझने मैं सहलियत मिले परामर्श देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏💕🙏 🌹🌹🚩🚩👏👏
Didiji apko pranam. Excellent & very useful information given to devi bhaktas. Matajiki apke upar krupa barse. In maharastra we use marathi language for durga shapath sathi path. The results are very miracle. Once again mataji bless you.
Namaste guruji me durga saptshati ka path hindi me nhi karsakta kya kyuki sanskrit nhi aati agar kuch galti hogi so mata naraj na hojaye plz batadijega
आपकी बातो में बहुत गहराई है और आपने बहुत ही अच्छी बहुमूल्य जानकारी दी है। बहुत कम ऐसे लोग है जो सही और ज्ञानवर्धक बाते बताते है। 🌺माँ भगवती🌺🙏🏻🌸 सबको सही मार्ग दिखाए। आपका धन्यवाद🙏🏻💐
@@shrividyaforestschool8887 दीदी कृपया समाप्ति के बाद 9वे दिन हवन कैसे करे। किन श्लोक से हवन करना है। जैसे 9 दिन तक प्रतिदिन 13 अध्याय का पाठ किया तो कुल कितने और किस अध्याय का हवन होगा
@@shrividyaforestschool8887 ये वीडियो अभी देखा मैने। लेकिन दीदी मैं ये जानना चाहता हूं कि जिसने सप्तशती की 13 अध्याय प्रति दिन किये हो वह नवे दिन दुर्गा सप्तशटी का कैसे व किन श्लोक का हवन करें दँशांश पाठ के इत्यादि
@@Gurudevtelang यह लघु होम विधि है, इसमें हर अध्याय से अपने प्रिय मंत्रो को भी जोड़ना चाहिए पहले अपनी नियमित पूजा कर लें फिर हवन की तैयारी करें. हवनकुंड वेदी को साफ करें. कुण्ड का लेपन गोबर जल आदि से करें. फिर आम की चौकोर लकड़ी हवन के लिए लगा लें. नीचे में कपूर रखकर जला दें. अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो चारों ओर समिधाएं लगाएं. हवनकुंड की अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो पहले घी की आहुतियां दी जाती हैं. इन मंत्रों से शुद्ध घी की आहुति दें- ॐ प्रजापतये स्वाहा। इदं प्रजापतये न मम्। ॐ इन्द्राय स्वाहा। इदं इन्द्राय न मम्। ॐ अग्नये स्वाहा। इदं अग्नये न मम। ॐ सोमाय स्वाहा। इदं सोमाय न मम। ॐ भूः स्वाहा। उसके बाद हवन सामग्री से हवन शुरू कर सकते हैं. इन मंत्रों से हवन शुरू करें- ऊँ सूर्याय नमः स्वाहा ऊँ चंद्रयसे स्वाहा ऊं भौमाय नमः स्वाहा ऊँ बुधाय नमः स्वाहा ऊँ गुरवे नमः स्वाहा ऊँ शुक्राय नमः स्वाहा ऊँ शनये नमः स्वाहा ऊँ राहवे नमः स्वाहा ऊँ केतवे नमः स्वाहा इसके बाद गायत्री मंत्र से आहुति देनी चाहिए. गायत्री मंत्र इस प्रकार से हैः- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। फिर आप इन मंत्रों से हवन कर सकते हैं- ऊं गणेशाय नम: स्वाहा, ऊं गौरये नम: स्वाहा, ऊं वरुणाय नम: स्वाहा, ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा, ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा, ऊं हनुमते नम: स्वाहा, ऊं भैरवाय नम: स्वाहा, ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा, ऊं स्थान देवताय नम: स्वाहा, ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा, ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा, ऊं शिवाय नम: स्वाहाऊं जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुते स्वाहा, माता के नर्वाण बीज मंत्र से 108 बार आहुतियां देनी चाहिए. नर्वाण बीज मंत्रः ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय में इंद्रादि देवताओं द्वारा देवी स्तुति में 25 सुंदर मंत्र कहे गए हैं. उनसे हवन करना चाहिए. ये मंत्र आपको पुस्तक में मिल जाएंगे. इऩ मंत्रों में देवी की प्रशंसा है. इसलिए ये मंत्र उत्तम कहे गए हैं. हर मंत्र के अंत में स्वाहा जोड़ लें. या देवी सर्वभुतेषु विष्णुमायेति संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः इस मंत्र से आरंभ करके आप या देवी सर्वभूतेषु भ्रांतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। तक के मंत्रों से आहुति दें तो अच्छा रहेगा. हवन के बाद नारियल के गोले में कलावा बांध लें. चाकू से उसके ऊपर के भाग को काट लें. उसके मुंह में घी, पान, सुपारी, लौंग, जायफल और जो भी प्रसाद उपलब्ध है, उसे रख दें. बची हुई हवन सामग्री फिर उसमें डाल दें. यह पूर्ण आहुति की तैयारी है. फिर पूर्ण आहुति मंत्र पढ़ते हुए उसे हवनकुंड की अग्नि में रख दें. पूर्णाहुति मंत्र- ऊँ पूर्णमद: पूर्णम् इदम् पूर्णात पूर्णादिमं उच्यते, पुणस्य पूर्णम् उदच्यते। पूर्णस्य पूर्णभादाय पूर्णमेवावाशिष्यते।। इस मंत्र को कहते हुए पूर्ण आहुति दे देनी चाहिए. उसके बाद यथाशक्ति दक्षिणा माता के पास रख दें, फिर आरती करें. क्षमा प्रार्थना करें.
Sashtang-Dandvat Pranaam Swikar kare...Har Navaratri me daily 13 Paath 13 din karata hu..kuchh samay se vyavadhan-Baadha aa rahi hai..Kuldevi ki Akhand Jyot ke saath Kuldevi ke hi Mantra Jaap karte hue karata hu...4 ghante ka samay hota hai..Putra Vadhu-Pautri hone Maasik period ki vajah se baadha aati hai...Aashram me baiithke karne ki chaah hai,agar koi suvidha mile to....!!!....
कई देवी भक्तों के प्रश्न लगातार आ रहें कि पाठ किस क्रम में करना है और तीन चरित्र क्या है उनके लिए उत्तर -
श्रीदुर्गासप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं, जिसमें 700 श्लोकों में देवी-चरित्र का वर्णन है।
यह मुख्य रूप से तीन चरित्र में विभाजित हैं, प्रथम चरित्र (प्रथम अध्याय), मध्यम चरित्र (2-4 अध्याय) और उत्तम चरित्र (5-13 अध्याय)
पाठ का क्रम क्रमशः सभी अध्यायों को एक - एक करके एक साथ किसी एक दिन में (जैसे सप्तमी, अष्टमी, नवमी ) पढ़ना हो सकता हैं, नवरात्र में नित्य ही 13 अध्याय पढ़ना तो नौ दिन में नौ परायण अथवा एक दिन एक चरित्र को , अगले दिन दूसरे चरित्र को, तीसरे दिन तीसरा चरित्र पढ़ना हो सकता है इसे फिर दोहरा सकते हैं तो पूरे नवरात्र में दशमी तक आपके तीन परायण हो जाएंगे।
इतना पढ़ना भी सम्भव नहीं है तो आप पूरे नवरात्र में अपनी सुविधा अनुसार जब जितना पढ़ सके 13 अध्यायों को एक बार पढ़ लीजिए तो एक परायण हो जाएगा, बस ध्यान रखिये की किसी भी अध्याय को पूरा करने पर ही पाठ रोके और अध्याय के बीच में कुछ ना बोले।
प्रथम चरित्र की देवी महाकालीजी, मध्यम चरित्र की देवी महालक्ष्मीजी और उत्तम चरित्र की देवी महासरस्वतीजी मानी गई है। यहां दृष्टव्य है कि महाकालीजी की स्तुति मात्र एक अध्याय में, महालक्ष्मीजी की स्तुति तीन अध्यायों में और महासरस्वतीजी की स्तुति नौ अध्यायों में वर्णित है।
यह बात एक विचित्र सत्य को दर्शाती हैं की मनुष्य के लिए बल और धन की अपेक्षा ज्ञान की प्राप्ति अधिक कठिन हैं और इसके लिए ज्यादा साधना व परिश्रम करने की आवश्यकता हैं। ज्ञान जीवन के इन तीन आधारों में सबसे अधिक मजबूत व महत्वपूर्ण होना चाहिये।
जय हो माता। आप ने बहुत ही अच्छे से समझाया है। 🙏
Po l
O
Ni
🙏🙏🙏
बहन मैने आपकी वाणी से दुर्गा सप्तशती पाठ के बारे में सुना मैं धन्य हो गई । इतनी प्यारे प्रसंग में मां से मिलन का पूर्ण सार बता दिया। उसके लिए आपको आत्मीय प्रणाम
स्नेह सहित आभार
बहन बुहत ही उत्तम व सरल तरह से समझा दिया, अपितु बहुत ही confusion था सप्तशती के नियम के विषय में।
बहुत आभार आपका 🙏
माता रानी का खूब आशीर्वाद बना रहे आप पर।
Thank you so much Di ... Apne bohot ache se samjhaya😊
आपके द्वार दिया गया उपदेश अति उपयोगी है आपका हृदय से धन्यवाद, जय माँ दुर्गा
मै आपका बहुत बहुत आभारी हूं आपने मेरे कई सारे प्रश्नों का उत्तर सीधा सरल और समझाकर दे दिया जय माता दी ❤
बहुत ज्ञानवर्धक 👌💐😊❤जय माता आदिशक्ति।
पाठ के बारे में बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
🙏🙏🙏🙏🙏
जय माता रानी की। माता जी, आपने बहुत सुंदर तरीके से विधि को समझाया।मेरी दुविधा समाप्त हो गई ।पर माताजी, मैं ने सुना है जब तक कुंजिका स्तोत्र नहीं करते पाठ अधूरएं माने जाते हैं । जय माता दी।❤❤❤
I am looking for such videos for quite a long time, thanks a lot for your details explanations.
कर्पूगौरं करुणावतरां, संसार सारं भुजगेन्द्र हारं ।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि।।
माया कुण्डलनी क्रिया मधुमती, काली कलामालीनी।
मातंगी विजया जया भगवती, देवी शिवा शाम्भवी ||
शक्ति शंकर बल्लभां त्रिनयनां वाग्वाहिनी माँ भैरवी ।
हीं काली, त्रिपुरा, पुरा, भगवती, माता कुमारीश्वरी ।।
आप को नमन एवं कोटि कोटि धन्यावाद
आप नें बहोत अच्छे से और बहोत सरलता से माता के पाठ को बतलाया हैं
आप के द्वारा बताये गए पाठ विद्या से सभों को माता जी की पूजा भगति करने मे सही मार्ग दर्शन मिला हैं
आप को कोटि कोटि पुनः धन्यवाद
नमन
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🌺Jai Mata Di
Thank you very much 🌺 🙏🙏
Bohot hi acche se samjhaya aapne.
बहुत ही सरलता से इस जटिल विधि को समझाने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद... प्रणाम।
बहुत बहुत धन्यवाद आपको, सरलता से समजाने के लिए 🙏🙏
परम पूज्यनीय माता जी के चरणों में सादर चरणस्पर्श
Aapne ye correct bola hai har navrathri pe paath karti hoon . Har baar mujhe sakti milti hai har baar kuch naya sikhti hoon.
Kitne din
आपको बहुत बहुत आभार इतनी अच्छी जानकारी दी प्रणाम
प्रणाम दीदीबहुत ही सुंदर और सरल सटीक तरीके से आपने दुर्गा सप्तशती के विषय में समझाया बहुत ही अच्छा लगा जोशंका थी उसका समाधान हुआ
Jai Mata Di!! Bahut Acchi tarah se aapne bataya Di..Mata Ji Ki Kripa Aap Per Hamesha Bani Rahein!!
Jai mata ji.
Apne sbhi ki duvidha ka nivaran kar diya apka bhut bahut dhanywad.
Jai ma durga ji ki.
बहुत बहुत धन्यवाद आप पर माताजी की कृपा बनी रहे
Bahut bahut sunder jankari aapse prapt hui bahut bahut dhanyawad 🙏🙏🙏
Jay ho mata ji ki 🙏🙏 bhut hi acha tarika h smjhane ka 🙏🙏
Aap ne meri duvidha har li.jai Mata di. Mujhe bachpan se yahi lagta tha ki main Mata ki puja k liye guru banu par mujhe dar tha ki sabhi mujhe pagal kahenge
Kyon ki main jab bhi durga saptshati padi aap ki kahi baat hi mahsoos ki.jai Mata di.
बहुत सुंदर तरीके से समझाया आपका बहुत बहुत आभार और धन्यवाद दीदी 🙏🌹🙏
धन्यवाद आपका जय माता दी आपने मुझे सही मार्गदर्शन कर कर मुझे खुशी प्रदान की है
aapne bahut achhe se samajhana uske liye aapko dhanyawad.prnaam 🙏
Bahut achhi tarah aapne bataya aur sath hi bhakti ki mahatta ko bhi bataya. Is baat ko leke bahut chinta rehti thi.
मै आपकी किस तरह से किस शब्द से धन्यवाद करूँ वो शब्द मेरे पास नहीं है आपको कोटी कोटी नमस्कार है प्रणाम है जय श्री राधे कृष्ण की जय हो एक बार आप अपनी पैर छूकर चरण स्पर्श करने के लिए मौका दिया जाए हम मंत्रमुग्ध हो गये कितना शब्द से धन्यवाद करूँ वो शब्द मेरे पास नहीं है
मै आपकी किस तरह से किस शद्बो से धन्यवाद करूँ वो शद्ब मेरे पास नही है आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏾🙏🏾ये बहुत बहुत अच्छा, समझा ने का सर्वश्रेष्ठ कदम है 👍 इससे लोगो को समझने मैं सहलियत मिले परामर्श देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏💕🙏 🌹🌹🚩🚩👏👏
बहुत अच्छा समझाया है बेटा आपका बहुत बहुत धन्यवाद
जय हो आप की अति सुंदर ढंग से समझाया सभी का कल्याण करें माताजी 🌹🙏
Bhan.ji.ap.ne.bhut.sunder.vidhi.samjhi.hai.maa.ke.path.ki.mein.ap.ko.sat.sat.parnam.karta.huion.jai.mata.
Rani.ki.
Very informative. BE BLESSED BY DIVINE MOTHER🙏🌺🌺🌺
जय माता दी
अति सुन्दर आपने बताया।धन्यवाद माँ की कृपा बनी रहे।डा0पूर्ण चन्द उपाध्याय
दीदी, आपने बड़ी सरलता और सहजता से दुर्गासप्तशती पाठ का परायण कैसे करना चाहिए बताया है। माता की आपपर विशेष कृपा हो!
बहुत अच्छे तरीके से बताया गया very very nice to have
Bahot acche se samjhaya apne!! 🙏🌺
बहुत सुन्दर सरल भाषा में आप ने बताया बहुत बहुत धन्यवाद जय माता दी
बहुत ही सुंदर 🙏🌿 जय माता दी बहन 🙏👍🎉❤
Didiji apko pranam. Excellent & very useful information given to devi bhaktas. Matajiki apke upar krupa barse. In maharastra we use marathi language for durga shapath sathi path. The results are very miracle. Once again mataji bless you.
Jay Mata ji bahut Sundar varnan
Aapne bahut acha samjhaya.... Badi khushi hui
Thankyou so much. Mai bohot confused thi . 🙏🙏 Apki video se bht zada help hui or bohot zada clarification mili ❤️ jai mata di
Apne meri bot sari shankayan dur kr di, jisko me yha pr khoj rhi thi, dhanyabad didi 🙏🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
आप को कोटि कोटि प्रणाम ❤
आपने अति सुंदर तरीके से समझाया धन्यवाद।
Jai Maa Durga ❤️🙏
Jai Suprnaa Maa ❤️🙏
Thank you 😊❤️❤️
Thanks
Jai Shri Durga Bhawani..Jai Mata Di
दीदी नमस्ते कोई ऐसा अध्याय जो हम रोज पढ़ सके माता का🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद बहेनजी देवीजी🙏
प्रणाम माँ
धन्यवाद, आपने दुविधा दूर कर दी, पाठ की सही विधि बतला कर।
।जय अम्बे।
Bhaut Sundar bataya guru ma apne
Jai mata di
बहुत सुंदर एक एक बिंदु पर चर्चा करने के लिए साधुवाद ❤
Very clear , in-depth information that I got in my life about Durga saptsati ...
Thanks... Ur a true teacher....🙏🙏🙏
धन्यवाद !
Namaste guruji me durga saptshati ka path hindi me nhi karsakta kya kyuki sanskrit nhi aati agar kuch galti hogi so mata naraj na hojaye plz batadijega
@@shivadhawai514 यह तो कहा ही है, की हिंदी में पाठ किया जा सकता है। अर्थ को समझ कर , भाव पूर्वक पाठ करना है यह अधिक महत्वपूर्ण हैं
Jai mata di
what is recited every day
Jai mata ki aapne bahut achchhe se durgasappdi ka path karna batay dhanyavaad
जय मां जगदम्बा ॐ नमः शिवाय
Jai maa jagdamba
Bahut ache se samjhaya
Bilkul daraya nhi
Beautifully explained.... thanks mam
🙏🙏🙏बहुत सुंदर तरह से बताया आपने ।
Very nicely described Didi. जय माता दी 🙏
जय माता जी की 💐🌷🙏
जय माता जी की दीदी 🙏 आप ने बहुत ही अच्छे तरीक़े से बताया आप का बहुत बहुत धन्यवाद🙏
Thank you very much. You really clarified my doubts and confusions.
Dhanywaad!
Beautifully explains..koti koti pranam
श्री चरणों में प्रणाम 🙏🙏
आपने बहुत अच्छा से समझाया मैडम जी बहुत अच्छा लगा जय माता दी
JAY HO MAA PAWAGAD WALI KALKA MAA MAA LAXMI MAA MAA SARASWATI MAA KI JAY HO MAA
दीदी आपने बहुत अच्छी तरह समझाया
धन्यवाद🙏🙏
🙏 Mata Di . 🚩🚩🚩🚩🚩 Thanks 💐
Thank you Didi. Achi jankari hai. Dhanyawad. Jai Maa Durga.🙏🪔🌷🙏
Bahut sundar didi
बहुत ही ज्ञान वर्धक वीडियो बनाया है आपने धन्यवाद 🙏🏻
आपकी बातो में बहुत गहराई है और आपने बहुत ही अच्छी बहुमूल्य जानकारी दी है। बहुत कम ऐसे लोग है जो सही और ज्ञानवर्धक बाते बताते है। 🌺माँ भगवती🌺🙏🏻🌸 सबको सही मार्ग दिखाए। आपका धन्यवाद🙏🏻💐
आपको भी धन्यवाद , इस बहुमूल्य प्रशंसा के लिए।
@@shrividyaforestschool8887 दीदी कृपया समाप्ति के बाद 9वे दिन हवन कैसे करे। किन श्लोक से हवन करना है। जैसे 9 दिन तक प्रतिदिन 13 अध्याय का पाठ किया तो कुल कितने और किस अध्याय का हवन होगा
@@Gurudevtelang ruclips.net/video/pV4Ti995vlo/видео.html
@@shrividyaforestschool8887 ये वीडियो अभी देखा मैने। लेकिन दीदी मैं ये जानना चाहता हूं कि जिसने सप्तशती की 13 अध्याय प्रति दिन किये हो वह नवे दिन दुर्गा सप्तशटी का कैसे व किन श्लोक का हवन करें दँशांश पाठ के इत्यादि
@@Gurudevtelang
यह लघु होम विधि है, इसमें हर अध्याय से अपने प्रिय मंत्रो को भी जोड़ना चाहिए
पहले अपनी नियमित पूजा कर लें फिर हवन की तैयारी करें.
हवनकुंड वेदी को साफ करें. कुण्ड का लेपन गोबर जल आदि से करें.
फिर आम की चौकोर लकड़ी हवन के लिए लगा लें.
नीचे में कपूर रखकर जला दें.
अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो चारों ओर समिधाएं लगाएं.
हवनकुंड की अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो पहले घी की आहुतियां दी जाती हैं.
इन मंत्रों से शुद्ध घी की आहुति दें-
ॐ प्रजापतये स्वाहा। इदं प्रजापतये न मम्।
ॐ इन्द्राय स्वाहा। इदं इन्द्राय न मम्।
ॐ अग्नये स्वाहा। इदं अग्नये न मम।
ॐ सोमाय स्वाहा। इदं सोमाय न मम।
ॐ भूः स्वाहा।
उसके बाद हवन सामग्री से हवन शुरू कर सकते हैं.
इन मंत्रों से हवन शुरू करें-
ऊँ सूर्याय नमः स्वाहा
ऊँ चंद्रयसे स्वाहा
ऊं भौमाय नमः स्वाहा
ऊँ बुधाय नमः स्वाहा
ऊँ गुरवे नमः स्वाहा
ऊँ शुक्राय नमः स्वाहा
ऊँ शनये नमः स्वाहा
ऊँ राहवे नमः स्वाहा
ऊँ केतवे नमः स्वाहा
इसके बाद गायत्री मंत्र से आहुति देनी चाहिए. गायत्री मंत्र इस प्रकार से हैः-
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
फिर आप इन मंत्रों से हवन कर सकते हैं-
ऊं गणेशाय नम: स्वाहा,
ऊं गौरये नम: स्वाहा,
ऊं वरुणाय नम: स्वाहा,
ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा,
ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा,
ऊं हनुमते नम: स्वाहा,
ऊं भैरवाय नम: स्वाहा,
ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा,
ऊं स्थान देवताय नम: स्वाहा,
ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा,
ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा,
ऊं शिवाय नम: स्वाहाऊं जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुते स्वाहा,
माता के नर्वाण बीज मंत्र से 108 बार आहुतियां देनी चाहिए.
नर्वाण बीज मंत्रः
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय में इंद्रादि देवताओं द्वारा देवी स्तुति में 25 सुंदर मंत्र कहे गए हैं. उनसे हवन करना चाहिए.
ये मंत्र आपको पुस्तक में मिल जाएंगे. इऩ मंत्रों में देवी की प्रशंसा है. इसलिए ये मंत्र उत्तम कहे गए हैं. हर मंत्र के अंत में स्वाहा जोड़ लें.
या देवी सर्वभुतेषु विष्णुमायेति संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
इस मंत्र से आरंभ करके आप
या देवी सर्वभूतेषु भ्रांतिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
तक के मंत्रों से आहुति दें तो अच्छा रहेगा.
हवन के बाद नारियल के गोले में कलावा बांध लें. चाकू से उसके ऊपर के भाग को काट लें. उसके मुंह में घी, पान, सुपारी, लौंग, जायफल और जो भी प्रसाद उपलब्ध है, उसे रख दें.
बची हुई हवन सामग्री फिर उसमें डाल दें. यह पूर्ण आहुति की तैयारी है. फिर पूर्ण आहुति मंत्र पढ़ते हुए उसे हवनकुंड की अग्नि में रख दें.
पूर्णाहुति मंत्र-
ऊँ पूर्णमद: पूर्णम् इदम् पूर्णात पूर्णादिमं उच्यते, पुणस्य पूर्णम् उदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णभादाय पूर्णमेवावाशिष्यते।।
इस मंत्र को कहते हुए पूर्ण आहुति दे देनी चाहिए. उसके बाद यथाशक्ति दक्षिणा माता के पास रख दें, फिर आरती करें. क्षमा प्रार्थना करें.
Wah bahot sunder bataya aapne...jai mata di🙏🙏🙏🙏
Excellent narration.
बहुत अच्छी तरह से समझाया है आपने धन्यवाद
Nice video. This applies on all prayers.
Of any religion.
Nice video🙏🙏🙏🌷🌷♥💐💐
Jai mata di
Very nice 🙏🙏🙏
Thankyou Didi for your guidance. Very well explained
Jay Guru Dev ki 🙏🙏
Bahut badhiya jankari di hai aapne.. thank you so much 🙏🌹👌👍😍👏
Beautiful explain 😇
Thanku ,🎉🎉🎉❤❤❤🙏🙏🙏💯💯💯💯Jaiaa durgaji
Very useful information 😊
Esi Mata ka gyan parmatma oon ko hee deta hai jo pichlai janam mai bhut bhut punyai kar kai aai ho
Thank you so much Didi ❤️ 🙏
बहुत सुंदर जानकारी जय माता दी
🙏🙏🌹🌹 जय जय मां भवानी कि जय हो 🌹🙏🌹🙏🌹
Aapne bahut achhi bat batayi hain mata ji aapko shakti pradan karen jai mata ki
Jai mata shakumbari devi 🙏🙏🌹🌹❤️❤️
बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई , आपको कोटी कोटी प्रणाम 🌺🌺👏👏
कम से कम नवरात्रि में तो पाठ पूरा प्रतिदिन ही होना जय माई की
अति सुंदर , जय माता जी 🙏
🙏🌹ॐ जगदम्बिके दुर्गायै नमः 🌹🙏
बहुत बहुत धन्यवाद देवी जी आपका
Hamara gotr kayasp hi hai❤🙏🏻🙏🏻❤
बहुत सुन्दर धन्यवाद आपका जय माता दी 🌷🌷🌷🙏🙏
Sashtang-Dandvat Pranaam Swikar kare...Har Navaratri me daily 13 Paath 13 din karata hu..kuchh samay se vyavadhan-Baadha aa rahi hai..Kuldevi ki Akhand Jyot ke saath Kuldevi ke hi Mantra Jaap karte hue karata hu...4 ghante ka samay hota hai..Putra Vadhu-Pautri hone Maasik period ki vajah se baadha aati hai...Aashram me baiithke karne ki chaah hai,agar koi suvidha mile to....!!!....
Jai mata di 🙏🙏🙏apni kripa banaye rakhna ma🙏🙏🙏
Thanks for spreding knowledge. Keep making such videos.
राधै राधै ❤ गुरू मा❤❤
🙏Jai Mata Di 🙏
Bahut bahut dhanyawad apka, maa ke pass tak jane ka rasta apne achcha bataya🙏🙏🙏🙏🙏🥹
Jai guru dev 🙏🙏🙏