ये धूर्त पाखंडी मूर्ख अपने दुराग्रह को सांख्य दर्शन पर थोप रहा है। देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय, भगवत शरण उपाध्याय, राहुल सांकृत्यायन, डी डी बंदिष्टे, आनंद कुमार स्वामी, आदि विश्वविख्यात विद्वान् सांख्य दर्शन को अनीश्वर वादी बताते हैं। दर्शन के रेफरेंस में हरेंद्र प्रसाद सिन्हा से लेकर लगभग सभी बुक्स में भी यही लिखा है और यह सांख्य कारिका में स्पष्ट लिखा है। महर्षि कपिल नास्तिक थे। मनु से पूर्व के थे अतः मनु ने नास्तिक की परिभाषा ही बदल कर लिखा कि वेद की निन्दा करने वाला नास्तिक होता है। ईश्वर को मानने न मानने से कोई संबंध नहीं रखा। क्यों किया मनुस्मृति कार ने ऐसा? क्योंकि छहों शास्त्रों में ईश्वर एक गैर जरूरी विषय भर है जिसका मानवीय जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ईश्वर उनका वर्ण्य विषय नहीं है। देखें राहुल सांकृत्यायन की दर्शन दिग्दर्शन, देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय की भारतीय दर्शन में क्या जीवंत है और क्या मृत, भगवत शरण उपाध्याय की सांस्कृतिक दार्शनिक निबंध, डी डी bandishte की समकालीन दार्शनिक निबंध, सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात की बुक्स, आनन्द कुमार स्वामी की दि डांस ऑफ शिवा आदि। इस धूर्त पाखंडी ब्राह्मण की बकचोदी पर ध्यान मत दो।
Bahut achi se samghya h ap ne😊
Itne ache se apne smjhaya really thnku Mera ye topic an clear hua h very well explain sir
Thank u so much sir mene pure ek saal bad aap ki video dekh rhi hu...yh purani h but paper ke liye bhut mhtvpud h....mera net ka exam h May m...🙏🙏🙏🙏
Very nice explanation 👌👌👌thank you
Very nice Tope
दर्शन की महत्वपूर्ण विषयवस्तु ... बहुत ही उम्दा सर जी
धन्यवाद सर जी
👍👍👍👍
Nic video sir.....thanku
Thanks
Super sir G 🙏
Thank you so much sir..bahut achhe se pdate hai aap..kya aapne. Philosophy ki complete classes ki h..
सुख दुःख की अनुभूति प्राकृति को होती है
Thanks sir
Sir sankhya दर्शन का पूरा वीडियो send kr dijiye
Becz, they accept purush and prakritik
Very nice sir
Very nice sir.
Bhut hi badhiya
Gyan vigyan ka darshnik ewam adhyatmik shaikshnik prayas anivarchania hai. Sir !
Aatma aprivartniya hain kya?
Sir aur details me btayen PGT crack krna h mujhe
Good evening sir can u please start online classes in this situation all teachers start online classes
Samkhya ishwarwadi कैसे?
Sankhya darshan Anishwarwadi darshan hai
Ap sankhy ko ishwar wadi bata rhe ha jo galat ha
मुझे समझ नहीं आया इसमें आस्तिकता का क्या अस्तित्व है
jo ved me vishvash karte hai unko aastik darshan kaha jata hai aur ji ved me vishvash nhi karte unko nashtik darshan
गलत जानकारी मत दीजिए।
संख्या दर्शन अनीश्वरवादी दर्शन है।
Sir, SAMKHYA DARSHAN ISHSWARBADI (GOD) NAHI HAY. NIRAISHSWARBADI HY.
ये धूर्त पाखंडी मूर्ख अपने दुराग्रह को सांख्य दर्शन पर थोप रहा है। देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय, भगवत शरण उपाध्याय, राहुल सांकृत्यायन, डी डी बंदिष्टे, आनंद कुमार स्वामी, आदि विश्वविख्यात विद्वान् सांख्य दर्शन को अनीश्वर वादी बताते हैं। दर्शन के रेफरेंस में हरेंद्र प्रसाद सिन्हा से लेकर लगभग सभी बुक्स में भी यही लिखा है और यह सांख्य कारिका में स्पष्ट लिखा है। महर्षि कपिल नास्तिक थे। मनु से पूर्व के थे अतः मनु ने नास्तिक की परिभाषा ही बदल कर लिखा कि वेद की निन्दा करने वाला नास्तिक होता है। ईश्वर को मानने न मानने से कोई संबंध नहीं रखा। क्यों किया मनुस्मृति कार ने ऐसा? क्योंकि छहों शास्त्रों में ईश्वर एक गैर जरूरी विषय भर है जिसका मानवीय जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ईश्वर उनका वर्ण्य विषय नहीं है। देखें राहुल सांकृत्यायन की दर्शन दिग्दर्शन, देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय की भारतीय दर्शन में क्या जीवंत है और क्या मृत, भगवत शरण उपाध्याय की सांस्कृतिक दार्शनिक निबंध, डी डी bandishte की समकालीन दार्शनिक निबंध, सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात की बुक्स, आनन्द कुमार स्वामी की दि डांस ऑफ शिवा आदि। इस धूर्त पाखंडी ब्राह्मण की बकचोदी पर ध्यान मत दो।
@ suman paul sankhya darsan ko aastik grp me hi rakha gya h
Thanks sir